CBSE Class 12 Hindi Core Question Paper 2024 PDF (Set 1- 2/1/1) is available for download here. CBSE conducted the Hindi Core exam on February 19, 2024 from 10:30 AM to 1:30 PM. The total marks for the theory paper are 80. The question paper contains 20% MCQ-based questions, 40% competency-based questions, and 40% short and long answer type questions.
CBSE Class 12 Hindi Core Question Paper 2024 (Set 1- 2/1/1) with Answer Key
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CBSE Class 12 Hindi Core Question Paper With Answer Key |
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CBSE Class 12 Hindi Question Paper with Solution
खण्ड अ
(बहुविकल्पी/वस्तुपरक प्रश्न)
प्रश्न 1:
गद्यांश पढ़िए और दिए गए प्रश्नों के उत्तर चुनिए:
अक्सर हम अपनी बातों में अपने परिवार, समाज और देश की बात करते हैं कि यह मेरा परिवार है, यह मेरा शहर है और यह मेरा देश है परंतु एक विचारधारा ऐसी भी है जिसके अंतर्गत पूरी दुनिया एक ही परिवार है, सब एक दूसरे से जुड़े रहते हैं, जिसे 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की संज्ञा से अभिहित किया गया। 'वसुधैव कुटुम्बकम्' सदियों से भारतीय दर्शन और अध्यात्म का हिस्सा है। यह सार्वभौमिक भाई-चारे और समस्त प्राणियों के अंतर्संबंध के विचार को पोषित करता है। समय के साथ-साथ 'वसुधैव कुटुम्बकम्' को भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में देखा जाने लगा जो करुणा के मूल्यों, विविधता के प्रति सम्मान और दुनिया में एकता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वर्तमान में इसको अधिक मान्यता और लोकप्रियता प्राप्त हुई है। देखा जाए तो यह सूत्र वैश्विक सहयोग और समझ को बढ़ावा देने का सशक्त माध्यम है। इस दर्शन को व्यवहार में लाने से वैश्विक स्तर पर शांति और सहयोग को बढ़ाया जा सकता है जो स्वयं के साथ-साथ दूसरों को भी लाभान्वित कर सके, आपसी सम्मान और समझ के माध्यम से संघर्षों को कम करके सद्भाव को बढ़ावा देने में सहायक हो सके । इस पावन धरा पर रहने वाले लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं, इस अवधारणा का पल्लवन ही युद्ध और वैमनस्य की विभीषिका को दूर करने में सहायक हो सकता है। साहित्य, संगीत और कला की त्रिवेणी में इस अवधारणा के उपयोग के कारण यह वाक्यांश आधुनिक युग में अधिक व्यापक रूप से लोकप्रिय हुआ है। आज 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की बढ़ती प्रासंगिकता और आवश्यकता ने भारतीय संस्कृति और साहित्य की ओर भी विश्व का ध्यान आकृष्ट करने का काम किया है क्योंकि यह विचार भारतीय दर्शन को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाने के साथ विश्व को भी बंधुत्व की भावना से ओतप्रोत कर रहा है और यही नूतन रूप में वैश्वीकरण है। जिस दिन पृथ्वी के सभी लोग समस्त भेदभाव भुलाकर एक परिवार की तरह आचरण करने लगेंगे उसी दिन सच्ची मानवता का उदय होगा ।
i. केवल अपने परिवार, समाज और देश की बातें करना किस विचारधारा का द्योतक है?
उत्तर
प्रश्न के अनुसार, केवल अपने परिवार, समाज और देश तक सीमित रहने का तात्पर्य एक संकुचित दृष्टिकोण से है। यह दृष्टिकोण "वसुधैव कुटुम्बकम्" की व्यापक और वैश्विक सोच के विपरीत है।
ii. संदर्भ के अनुसार गद्यांश में 'सार्वभौमिक' शब्द का सटीक अर्थ क्या हो सकता है?
उत्तर
गद्यांश में दिया गया है: "'वसुधैव कुटुम्बकम्' सार्वभौमिक भाई-चारे और समस्त प्राणियों के अंतर्संबंध के विचार को पोषित करता है।" यह स्पष्ट रूप से व्यापक दृष्टिकोण (Universal Perspective) को दर्शाता है।
iii. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
उत्तर
गद्यांश में 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के अनुसार पूरा विश्व एक परिवार के समान है। साथ ही, यह मानव-मूल्यों को बढ़ावा देने की बात करता है, इसलिए कथन 1 और IV सही हैं।
iv. गद्यांश के अनुसार भारतीय दर्शन और अध्यात्म का हिस्सा है:
उत्तर
गद्यांश में दिया गया है: "'वसुधैव कुटुम्बकम्' सदियों से भारतीय दर्शन और अध्यात्म का हिस्सा है।" यह स्पष्ट रूप से बताता है कि 'वसुधैव कुटुम्बकम्' भारतीय दर्शन का अभिन्न हिस्सा है।
v. वर्तमान समय में 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की प्रासंगिकता क्यों बढ़ रही है?
उत्तर
गद्यांश में बताया गया है कि 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का उद्देश्य आपसी भेदभाव और संघर्षों को कम करना है, जिससे समाज में समरसता बनी रहे।
vi. गद्यांश में 'विविधता के प्रति सम्मान' कथन किस बात की ओर संकेत करता है?
उत्तर
गद्यांश में कहा गया है: "'वसुधैव कुटुम्बकम्' करुणा के मूल्यों, विविधता के प्रति सम्मान और दुनिया में एकता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।" यह वैश्विक समझ और सद्भाव की भावना को दर्शाता है।
vii. इस पावन धरा पर रहने वाले लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं, इस अवधारणा का पल्लवन ही:
उत्तर
गद्यांश में दिया गया है: "इस अवधारणा का पल्लवन ही युद्ध और वैमनस्य की विभीषिका को दूर करने में सहायक हो सकता है।"
यह स्पष्ट रूप से कहता है कि 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के विचार को अपनाने से युद्ध और संघर्ष के आतंक को समाप्त किया जा सकता है।
viii. साहित्य, संगीत और कला की त्रिवेणी 'वसुधैव कुटुम्बकम्' को किस प्रकार चरितार्थ करती है?
उत्तर
गद्यांश में दिया गया है: "साहित्य, संगीत और कला की त्रिवेणी में इस अवधारणा के उपयोग के कारण यह वाक्यांश आधुनिक युग में अधिक व्यापक रूप से लोकप्रिय हुआ है।"
यह स्पष्ट रूप से बताता है कि ये माध्यम 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के विचार को विश्व स्तर पर फैलाते हैं।
ix. वैश्वीकरण किस प्रकार संभव है?
उत्तर
गद्यांश में दिया गया है: "'वसुधैव कुटुम्बकम्' के विचार भारतीय दर्शन को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाने के साथ विश्व को भी बंधुत्व की भावना से ओतप्रोत कर रहा है।"
यह स्पष्ट है कि वैश्वीकरण 'विश्व बंधुत्व की भावना' से संभव है।
x. सच्ची मानवता का उदय कब होगा?
उत्तर
गद्यांश में दिया गया है: "जिस दिन पृथ्वी के सभी लोग समस्त भेदभाव भुलाकर एक परिवार की तरह आचरण करने लगेंगे, उसी दिन सच्ची मानवता का उदय होगा।"
यह स्पष्ट रूप से बंधुत्व और विश्व-कल्याण की भावना को इंगित करता है।
प्रश्न 2:
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
सामने कुहरा घना है और मैं सूरज नहीं हूँ क्या इसी अहसास में जिऊँ या जैसा भी हूँ नन्हा-सा एक दिया तो हूँ क्यों न उसी की उजास में जिऊ हर आने वाला क्षण मुझे यही कहता है-अरे भई, सूरज तो नहीं हो तुम और मैं कहता है -न सही सुरज एक नन्हा दिया तो हूँ जितनी भी है ली मुझमें उसे लेकर जिया तो हूँ। कम-से-कम में उनमें तो नहीं जो चाँद दिल के बुझाए बैठे हैं रात को अमावस बनाए बैठे हैं उड़ते फिर रहे थे जो जुगनू आँगन में उन्हें भी मुट्ठियों में दबाए बैठे हैं।
i. "सामने कुहरा घना है"—पंक्ति में 'कुहरा' किस ओर संकेत करता है?
उत्तर
गद्यांश में दिया गया है: "सामने कुहरा घना है और मैं सूरज नहीं हूँ।"
'कुहरा' यहाँ जीवन की कठिनाइयों, समस्याओं और अनिश्चितताओं का प्रतीक है। इसका संकेत हताशा और निराशा की ओर है, क्योंकि कवि इन चुनौतियों के बावजूद आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना चाहता है।
ii. 'जैसा भी हूँ नन्हा-सा एक दिया तो हूँ' कथन में निहित भाव है:
उत्तर
पद्यांश में दिया गया है: "जैसा भी हूँ नन्हा-सा एक दिया तो हूँ। क्यों न उसी की उजास में जिऊ।"
यह पंक्ति कवि के आत्मविश्वास और अपनी सीमाओं को स्वीकार कर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ जीने के भाव को प्रकट करती है। वह सूरज न होने के बावजूद खुद को एक छोटे दिए के रूप में स्वीकार करता है और उसकी रोशनी को महत्व देता है।
iii. 'जो चाँद दिल के बुझाए बैठे हैं' पंक्ति द्वारा कवि ने किन्हें संबोधित किया है?
उत्तर
पद्यांश में 'जो चाँद दिल के बुझाए बैठे हैं' पंक्ति उन लोगों की ओर संकेत करती है, जो जीवन में निराश होकर प्रयास करना छोड़ चुके हैं और अमावस्या जैसी स्थिति बना चुके हैं।
iv. स्तंभ-1 में दिए गए पदों को स्तंभ-2 में दिए गए प्रतीकार्यों से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए:
स्तंभ-1:
स्तंभ-2:
विकल्प:
उत्तर
सूरज: सर्वशक्ति संपन्नता का प्रतीक।
अमावस: घनघोर निराशा का प्रतीक।
जुगनू दबाना: शक्तियों को नियंत्रण में करना।
v. यह कविता क्या संदेश देती है?
उत्तर
यह कविता व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास जगाने और जीवन की कठिनाइयों के बावजूद दूसरों के लिए प्रकाश फैलाने की प्रेरणा देती है।
(अभिव्यक्ति और माध्यम पुस्तक पर आधारित प्रश्न)
प्रश्न 3:
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
i. किसी घटना के दृश्य एवं प्रत्यक्षदर्शियों या संबंधित व्यक्तियों का कथन दिखा और सुनाकर खबर को प्रमाणिकता प्रदान करना क्या कहलाता है?
उत्तर
एंकर-बाइट के माध्यम से घटना के दृश्य और प्रत्यक्षदर्शियों के कथन प्रस्तुत कर खबर को प्रमाणिकता प्रदान की जाती है।
ii. कौन-सा समाचार-पत्र प्रिंट रूप में उपलब्ध न होकर केवल इंटरनेट पर ही उपलब्ध है?
उत्तर
प्रभासाक्षी केवल इंटरनेट पर ही उपलब्ध है और इसे प्रिंट में प्रकाशित नहीं किया जाता।
iii. समाचार और फीचर पत्रकारीय लेखन के दो प्रमुख रूप हैं, परंतु दोनों में पर्याप्त अंतर है। अतः निम्नलिखित में से समाचार के लिए अनिवार्य नहीं है:
उत्तर
समाचार के लिए फोटो या ग्राफिक्स होना अनिवार्य नहीं है, जबकि सूचना देना और ताजी घटनाओं की जानकारी देना इसकी प्राथमिक विशेषताएँ हैं।
iv. कुछ लेखक अपने वैचारिक स्वाभाव और लेखन शैली के लिए पहचाने जाते हैं। ऐसी लोकप्रियता देखकर उन्हें नियमित लेखन का जिम्मा दिया जाता है। उस लेखन को कहा जाता है:
उत्तर
ऐसे लेखन को स्तंभ लेखन कहते हैं, जिसमें लेखक अपनी वैचारिक शैली और लेखन कौशल के लिए नियमित रूप से समाचार पत्रों या पत्रिकाओं में योगदान देता है।
v. पार्थ एक पत्रकार हैं। वे सामान्य समाचारों से आगे बढ़कर विज्ञान-प्रौद्योगिकी विषय से जुड़ी घटनाओं, मुद्दों और समस्याओं का बारीकी से विश्लेषण करते हैं। उनकी रिपोर्टिंग को क्या कहा जा सकता है?
उत्तर
जब कोई पत्रकार किसी विशेष क्षेत्र, जैसे विज्ञान-प्रौद्योगिकी, पर गहन अध्ययन और विश्लेषण करता है, तो इसे विशेषीकृत रिपोर्टिंग कहा जाता है।
(पाठ्यपुस्तक पर आधारित प्रश्न)
प्रश्न 4:
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
i. कवि ने कविता के विषय में क्या बताया?
उत्तर
कवि ने कविता को एक उड़ान, अर्थात एक यात्रा के रूप में प्रस्तुत किया है।
ii. कविता और चिड़िया में समानता है:
उत्तर
कविता और चिड़िया दोनों की समानता उनके उड़ान भरने की क्षमता में है।
iii. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए पद्यांश के अनुसार सही कथन का चयन करें:
उत्तर
कविता का दायरा असीमित है, जबकि चिड़िया भौतिक सीमाओं तक सीमित रहती है।
iv. 'कविता के पंख लगा उड़ने के माने' में 'कविता के पंख' से तात्पर्य है:
उत्तर
'कविता के पंख' का मतलब कल्पनाशीलता और रचनात्मकता से है, जो कविता को ऊंची उड़ान भरने में मदद करती है।
v. कविता की उड़ान को कौन नहीं समझ सकता?
उत्तर
चिड़िया कविता की उड़ान को नहीं समझ सकती, क्योंकि उसकी समझ भौतिक और सीमित है।
प्रश्न 5:
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं, पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अर्थ आज एकमात्र साधन रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं, पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर, अपने दायरे में, हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघों के दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी की फूटी रह जाती है, बैल प्याले के प्यासे रह जाते हैं। आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?
i. गद्यांश में प्रयुक्त "त्याग" शब्द का समानार्थी शब्द हो सकता है:
उत्तर
"त्याग" का समानार्थी शब्द "त्याजन" है, जिसका अर्थ किसी वस्तु, विचार या स्वार्थ का परित्याग करना होता है।
ii. गद्यांश का केंद्रीय भाव है:
उत्तर
गद्यांश में भ्रष्टाचार और समाज पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभावों का वर्णन किया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि इसका केंद्रीय भाव समाज में भ्रष्टाचार के नकारात्मक प्रभावों को उजागर करना है।
iii. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन का चयन करें:
उत्तर
गद्यांश में भ्रष्टाचार की व्यापकता को उजागर करते हुए यह बताया गया है कि जब पूरा समाज भ्रष्टाचार से ग्रसित होता है, तो कोई भी व्यक्ति पूरी तरह निर्दोष नहीं रह सकता।
iv. स्तंभ-I में दिए गए कथनों के आशय को स्तंभ-II से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए:
स्तंभ-I:
स्तंभ-II:
विकल्प:
उत्तर
1. पानी झमाझम बरसता है → अपार धन-राशि व्यर्थ की जाती है।
2. काले मेघों के दल उमड़ते हैं → जन-समाज की आवश्यकताओं/स्थिति स्थिर-सी रह जाती है।
3. गगरी फूटी रह जाती है, बैल प्याले के प्यासे रह जाते हैं → भ्रष्टाचार हेतु अनेक योजनाएँ बनती हैं।
v. "आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?" गद्यांश से उद्धृत इस कथन के संदर्भ में लिखिए कि देश की स्थिति कैसे बदलेगी।
उत्तर
गद्यांश के अनुसार, देश की स्थिति तब बदलेगी जब लोग भ्रष्टाचार से दूरी बनाएंगे और त्याग की भावना अपनाएंगे।
(पूरक पाठ्यपुस्तक पर आधारित प्रश्न)
प्रश्न 6:
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए :
i. लेखक ने यशोधर बाबू को किशनदा का कौन-सा पुत्र कहा है?
उत्तर
गद्यांश के अनुसार, लेखक ने यशोधर बाबू को किशनदा का "मानस पुत्र" कहा है। इसका अर्थ यह है कि वे उनके विचारों, आदर्शों और सोच को अपनाने वाले पुत्र की तरह थे, भले ही वे जन्म से उनके पुत्र न हों। यह पुत्रत्व मानसिक और आत्मिक संबंधों पर आधारित होता है।
ii. मुअनजोदड़ो के सबसे ऊँचे चबूतरे पर क्या विद्यमान है?
उत्तर
मुअनजोदड़ो, जो सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण नगर था, उसके सबसे ऊँचे चबूतरे पर बौद्ध स्तूप स्थित है। यह स्तूप बाद के काल में वहाँ निर्मित किया गया था, जो इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म के प्रभाव को दर्शाता है। यह एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है जो इतिहासकारों और पुरातत्वविदों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है।
iii. मुअनजोदड़ो की मुख्य सड़क की चौड़ाई कितनी है?
उत्तर
मुअनजोदड़ो की मुख्य सड़क की चौड़ाई लगभग 33 फीट थी। यह सड़कें सुव्यवस्थित और समकोण पर निर्मित थीं, जिससे प्राचीन नगर नियोजन की उत्कृष्टता झलकती है। नगर की यह विशेषता इसे विश्व की सबसे योजनाबद्ध सभ्यताओं में से एक बनाती है।
iv. 'सिल्वर वैडिंग' पाठ के संदर्भ में निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए:
कथन: सिल्वर वैडिंग की भव्य पार्टी भी यशोधर बाबू को 'समहाउ इंप्रॉपर' लगी।
कारण: यशोधर बाबू को केक काटना विलायती परंपरा और बचकानी बात मालूम होती थी।
उत्तर
यशोधर बाबू को 'सिल्वर वैडिंग' की भव्यता अप्राकृतिक और अनावश्यक लगी, क्योंकि वे परंपरागत भारतीय मूल्यों के व्यक्ति थे। उन्हें केक काटना एक पश्चिमी और बचकानी परंपरा लगी, जो भारतीय संस्कृति से मेल नहीं खाती थी। इसलिए, कथन और कारण दोनों सही हैं, और कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
v. 'जूझ' पाठ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
कथन I: लेखक अपने अध्यापक से सुनी कविताएँ पढ़ाई करते हुए गाता था।
कथन II: मंत्री मास्टर गणित पढ़ाते थे।
कथन III: मास्टर सौंदलगेकर के प्रयास से लेखक की हिंदी भाषा सुधरने लगी।
कथन IV: लेखक के पिता उसे पढ़ने के लिए प्रेरित करते थे।
उत्तर
गद्यांश के अनुसार—
- मंत्री मास्टर गणित पढ़ाते थे।
- मास्टर सौंदलगेकर के प्रयास से लेखक की हिंदी भाषा सुधरने लगी।
- लेखक अपने अध्यापक से सुनी कविताएँ पढ़ाई करते हुए नहीं गाता था।
- लेखक के पिता उसे पढ़ने के लिए प्रेरित करते थे—इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
इसलिए, केवल कथन II और III सही हैं।
खण्ड व (वर्णनात्मक प्रश्न)
(जनसंचार और सृजनात्मक लेखन पर आधारित प्रश्न)
प्रश्न 7:
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए:
(क) प्रातःकाल योग करते लोग
(ख) मौसम की पहली बारिश
(ग) मेरी पसंदीदा कहानी
उत्तर
प्रातःकालीन समय मानव शरीर और मन के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इस समय जब सूरज की पहली किरणें धरती पर पड़ती हैं, तो कई लोग योग और व्यायाम करते दिखाई देते हैं। किसी को पार्क में ध्यान लगाते, तो किसी को विभिन्न आसनों का अभ्यास करते देखा जा सकता है।
योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। नियमित योग करने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, तनाव कम होता है और शरीर लचीला बनता है। इस आधुनिक युग में, जब भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग स्वास्थ्य की अनदेखी करते हैं, योग अपनाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
(ख) मौसम की पहली बारिश
गर्मियों की तपती धूप और चिलचिलाती लू के बाद जब आसमान में काले बादल छा जाते हैं और ठंडी हवा बहने लगती है, तो मन एक अनोखी उमंग से भर जाता है। मौसम की पहली बारिश न केवल प्रकृति बल्कि मानव मन को भी प्रफुल्लित कर देती है।
पहली बारिश की बूंदें जब सूखी धरती पर गिरती हैं, तो मिट्टी से एक अनोखी सुगंध उठती है, जिसे "सौंधी खुशबू" कहा जाता है। यह सुगंध हर किसी के मन में आनंद और ताजगी का संचार कर देती है। बच्चे बारिश में भीगने के लिए दौड़ पड़ते हैं, किसान अपनी फसल के लिए खुश होते हैं, और कवियों व लेखकों को नई प्रेरणा मिलती है। पेड़-पौधे भी धूल से मुक्त होकर हरे-भरे दिखाई देने लगते हैं।
बारिश सिर्फ मौसम परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह नई शुरुआत का प्रतीक भी होती है। यह न केवल गर्मी की थकान को मिटाती है, बल्कि मनुष्य के हृदय में प्रेम, उमंग और ऊर्जा का संचार भी करती है। पहली बारिश की बूंदें जैसे ही धरती पर गिरती हैं, वैसे ही मन में नई उम्मीदें और नई संभावनाएँ जन्म लेने लगती हैं।
(ग) मेरी पसंदीदा कहानी
कहानियाँ हमेशा से मनुष्य को प्रेरित करती रही हैं। हर व्यक्ति की कोई न कोई पसंदीदा कहानी होती है, जो उसे विशेष रूप से प्रभावित करती है। मेरी पसंदीदा कहानी "पंचतंत्र की एकता में बल" है। यह कहानी हमें साथ मिलकर रहने और एकता की शक्ति का महत्व सिखाती है।
इस कहानी में चार कबूतरों का एक झुंड होता है, जो भोजन की तलाश में इधर-उधर उड़ता रहता है। एक दिन वे एक खेत में कुछ अनाज देखते हैं और उसे खाने के लिए नीचे उतरते हैं। लेकिन वह अनाज शिकारी द्वारा बिछाया गया जाल होता है और वे उसमें फँस जाते हैं। सभी कबूतर डर जाते हैं, लेकिन उनका नेता कबूतर उन्हें एकता बनाए रखने की सलाह देता है। वह कहता है कि यदि वे सभी एक साथ मिलकर उड़ेंगे, तो वे जाल को भी साथ लेकर उड़ सकते हैं। सभी कबूतर मिलकर जोर लगाते हैं और शिकारी के आने से पहले ही जाल सहित उड़ जाते हैं। बाद में वे अपने मित्र चूहे के पास जाते हैं, जो अपने तेज दाँतों से जाल को काटकर सभी को आज़ाद कर देता है।
यह कहानी हमें सिखाती है कि एकता में शक्ति होती है। यदि हम एक-दूसरे का साथ दें और मिलकर कार्य करें, तो किसी भी कठिनाई से बाहर निकल सकते हैं। यही कारण है कि यह मेरी पसंदीदा कहानी है, क्योंकि यह न केवल रोचक है बल्कि हमें एक महत्वपूर्ण जीवन मूल्य भी सिखाती है।
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर लगभग 40 शब्दों में निर्देशानुसार उत्तर दीजिए: (2×2=4 अंक)
(i) (क) नाट्य रूपांतरण करते समय कहानी की कथावस्तु के दृश्यों का निर्धारण करने में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर
- कथानक की तारतम्यता बनाए रखना।
- संवादों को अधिक प्रभावशाली और नाटकीय बनाना।
- पात्रों के मनोवैज्ञानिक पक्ष को स्पष्ट करना।
- दृश्य, प्रकाश और ध्वनि प्रभावों का उचित समावेश करना।
अथवा
(i) (ख) सामान्यतः रेडियो नाटकों की अवधि कितनी होती है और क्यों?
उत्तर
- सामान्यतः रेडियो नाटकों की अवधि 20 से 30 मिनट होती है क्योंकि—
- श्रोताओं की रुचि लंबे समय तक बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है।
- रेडियो कार्यक्रमों के समय-निर्धारण को संतुलित रखना आवश्यक होता है।
- सीमित समय में प्रभावी और रोचक प्रस्तुति देना प्राथमिकता होती है।
(ii) (क) अप्रत्याशित लेखन किसे कहते हैं?
उत्तर
अप्रत्याशित लेखन वह लेखन होता है जिसे बिना पूर्व योजना या तैयारी के लिखा जाता है। यह तात्कालिक परिस्थितियों, अनुभवों और विचारों पर आधारित होता है, जैसे—रिपोर्टिंग, भाषण लेखन, आपातकालीन घोषणाएँ और लाइव प्रसारण।
अथवा
(ii) (ख) मुद्रित माध्यम की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
- स्थायित्व: मुद्रित सामग्री को बार-बार पढ़ा जा सकता है और संदर्भ के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
- विस्तार और गहराई: मुद्रित माध्यम में समाचार, विचार और शोध को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत किया जा सकता है।
निम्नलिखित तीन प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए:
(क) 'इंटरनेट पत्रकारिता' की लोकप्रियता के तीन कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
- तत्काल जानकारी: इंटरनेट पत्रकारिता में समाचार वास्तविक समय (Real-time) में अपडेट होते हैं।
- विस्तृत पहुंच: इसे दुनिया के किसी भी कोने में इंटरनेट के माध्यम से पढ़ा जा सकता है।
- मल्टीमीडिया समावेश: इसमें वीडियो, ऑडियो, इन्फोग्राफिक्स और चित्रों का उपयोग किया जाता है, जिससे समाचार अधिक प्रभावी बनते हैं।
अथवा
(ख) पत्रकारीय विशेषज्ञता से क्या आशय है? यह व्यावसायिक विशेषज्ञता से किस रूप में भिन्न है?
उत्तर
- पत्रकारीय विशेषज्ञता: इसका अर्थ किसी विशेष क्षेत्र में पत्रकारिता का गहन ज्ञान और विश्लेषणात्मक क्षमता विकसित करना है, जैसे—अर्थशास्त्र, विज्ञान, खेल, राजनीति आदि।
- व्यावसायिक विशेषज्ञता: यह किसी विशिष्ट व्यवसाय में कुशलता और दक्षता से जुड़ी होती है।
- पत्रकारीय विशेषज्ञता सूचना संप्रेषण से संबंधित होती है, जबकि व्यावसायिक विशेषज्ञता उत्पादकता और व्यापार से संबंधित होती है।
(ग) साहित्यिक लेखन से समाचार लेखन की कला किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर
- साहित्यिक लेखन: इसमें लेखक अपनी कल्पनाशक्ति, भावनाओं और व्यक्तिगत दृष्टिकोण को व्यक्त करता है, जैसे—कहानी, उपन्यास, कविता आदि।
- समाचार लेखन: यह तथ्यपरक और निष्पक्ष होता है, जिसमें सूचना को सीधे, स्पष्ट और तटस्थ रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
- समाचार लेखन में सटीकता और वस्तुनिष्ठता आवश्यक होती है, जबकि साहित्यिक लेखन में रचनात्मकता और भावनात्मकता प्रमुख होती है।
काव्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए:
(क) 'जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास' 'पतंग' कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि कवि ने ऐसा किसके लिए और क्यों कहा है?
उत्तर
कवि ने इस पंक्ति में पतंग के धागे बनाने वाले मजदूरों और बुनकरों के संदर्भ में कहा है। वे लोग जन्म से ही सूत और कपास से जुड़े होते हैं। उनका जीवन धागा कातने, कपड़ा बुनने और पतंगों के लिए मांझा तैयार करने में बीत जाता है। यह उनकी परंपरागत आजीविका को दर्शाता है, जिससे वे जीवनभर जुड़े रहते हैं।
अथवा
(ख) 'बात सीधी थी पर' कविता के आधार पर लिखिए कि कवि ने 'भाषा को सहूलियत' से बरतने की सलाह क्यों दी है?
उत्तर
कवि ने 'बात सीधी थी पर' कविता में भाषा को सहज और सुगम बनाने की बात कही है। उनका मत है कि भाषा व्यक्ति की अभिव्यक्ति का माध्यम है और इसे जटिल बनाने की बजाय सहजता से प्रयोग करना चाहिए। अत्यधिक कठिन या कृत्रिम भाषा संचार में बाधा बन सकती है। कवि का उद्देश्य सरल और प्रभावी संप्रेषण को बढ़ावा देना है।
(ग) फिराक की रुबाइयों में उभरे घरेलू जीवन के बिंबों का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
फिराक की रुबाइयों में घरेलू जीवन के सहज और आत्मीय बिंब दिखाई देते हैं। उनकी कविताओं में रसोई में चूल्हे की आंच, घर का आंगन, बच्चों की किलकारियां, और पारंपरिक भारतीय जीवन की झलक मिलती है। ये बिंब पाठकों को अपने परिचित घरेलू वातावरण का अनुभव कराते हैं। उनका सौंदर्य सादगी और आत्मीयता में निहित है, जो सामान्य जनजीवन को गहराई से प्रतिबिंबित करता है।
काव्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए: (2×2=4 अंक)
(क) 'दिन जल्दी-जल्दी ढलता है' कविता के आधार पर बताइए कि चिड़ियों के परों में चंचलता आने के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर
'दिन जल्दी-जल्दी ढलता है' कविता में चिड़ियों के परों में चंचलता संध्या होने और घर लौटने की व्यग्रता को दर्शाती है। दिन समाप्त होने से पहले वे अपने घोंसले में लौटने की जल्दी में होती हैं, इसलिए उनकी उड़ान और गतिविधियाँ तेज हो जाती हैं।
अथवा
(ख) 'उषा' कविता में 'राख से लीपा हुआ चौका (अभी गीला पड़ा है)' से क्या अभिप्राय है?
उत्तर
इस पंक्ति का अभिप्राय है कि रात के अंधकार के बाद उषा (प्रभात) का आगमन हो रहा है। यह दर्शाता है कि रात के समय जलते चूल्हे की राख से लीपा चौका अभी भी गीला है, यानी रात अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है और प्रभात की पहली किरणें धीरे-धीरे धरती को स्पर्श कर रही हैं।
(ग) तुलसी के अनुसार पेट की आग कैसी है और इसे किस प्रकार बुझाया जा सकता है?
उत्तर
तुलसीदास के अनुसार, पेट की आग अत्यंत भयानक होती है, जो मनुष्य को हर हाल में भोजन प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। इसे केवल अन्न और जल से ही शांत किया जा सकता है। यह पंक्ति जीविका की अनिवार्यता को दर्शाती है, जिससे कोई भी व्यक्ति अछूता नहीं रह सकता।
गद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए: (2×3=6 अंक)
(क) अनेक कमियों के होते हुए भी भक्तिन लेखिका के लिए अनमोल क्यों थी?
उत्तर
- भक्तिन की कई कमियों के बावजूद वह लेखिका के लिए अनमोल थी, क्योंकि—
- वह अपने कार्य में निपुण और निष्ठावान थी।
- उसकी सरलता और स्नेहभाव ने लेखिका के मन में विशेष स्थान बना लिया था।
- उसकी ईमानदारी और अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण ने उसे लेखिका के जीवन में अपरिहार्य बना दिया था।
अथवा
(ख) 'यही आवाज़ मृत गाँव में संजीवनी शक्ति भरती रहती थी।' 'पहलवान की ढोलक' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि गाँव को मृत क्यों कहा गया है और मृत गाँव को कौन-सी आवाज़ किस प्रकार संजीवनी देने का कार्य करती थी?
उत्तर
- गाँव को 'मृत' कहा गया है क्योंकि—
- वहाँ जीवन में उत्साह और हलचल नहीं थी।
- लोगों के मन में निराशा और निष्क्रियता का भाव था।
- वहाँ सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का अभाव था।
- पहलवान की ढोलक की आवाज़ इस गाँव में संजीवनी शक्ति का काम करती थी। यह गाँववासियों में नवीन ऊर्जा भरती थी, जिससे वे जीवन में नई आशा और प्रेरणा प्राप्त करते थे।
(ग) लेखक ने शिरीष को अवधूत-रूप किन कारणों से माना है?
उत्तर
- लेखक ने शिरीष को अवधूत रूप में इसलिए माना क्योंकि—
- यह अपने परिवेश से अलग एक स्वतंत्र और अद्वितीय वृक्ष है।
- शिरीष अपने नाजुक फूलों के बावजूद कठोर जलवायु सहन कर सकता है।
- यह किसी बाहरी सहायता के बिना भी पूर्ण रूप से विकसित होता है।
- यह अपनी प्रकृति में निस्वार्थ और संतोषी होता है, जो अवधूत के गुणों से मेल खाता है।
गद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए: (2×2=4 अंक)
(क) पर्चेज़िंग पावर से क्या तात्पर्य है, बाज़ार पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर
"पर्चेज़िंग पावर" का अर्थ खरीदने की शक्ति से है, अर्थात किसी व्यक्ति या समाज की वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने की क्षमता। इसका बाज़ार पर सीधा प्रभाव पड़ता है—
- यदि पर्चेज़िंग पावर अधिक होगी, तो उपभोग बढ़ेगा और बाज़ार में माँग अधिक होगी।
- यदि पर्चेज़िंग पावर कम होगी, तो उत्पादन घट सकता है, जिससे आर्थिक मंदी आ सकती है।
अथवा
(ख) आंबेडकर की कल्पना का समाज कैसा होगा? 'श्रम विभाजन और जाति-प्रथा' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
आंबेडकर ने जातिविहीन और समानता पर आधारित समाज की कल्पना की थी, जहाँ—
- व्यक्ति की पहचान उसकी योग्यता और श्रम से होगी, न कि उसकी जाति से।
- समाज में सभी को समान अवसर मिलेंगे और किसी को जन्म के आधार पर श्रेष्ठ या निम्न नहीं माना जाएगा।
- जाति-आधारित श्रम विभाजन समाप्त होगा, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार कार्य करने की स्वतंत्रता मिलेगी।
(ग) 'पानी दे, गुड़धानी दे' 'काले मेघा पानी दे' पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि गुड़धानी क्या है और इसकी माँग भी क्यों की जा रही है?
उत्तर
गुड़धानी एक पारंपरिक व्यंजन है, जिसमें भुने हुए चने और गुड़ का मिश्रण होता है। इसे सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
- वर्षा के अभाव में बच्चे और किसान वर्षा के लिए प्रार्थना करते हुए गुड़धानी माँगते हैं, क्योंकि वर्षा होने पर अच्छी फसल होती है और जीवन में समृद्धि आती है।
पूरक पाठ्यपुस्तक पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए:
(क) 'सिल्वर वैडिंग' कहानी के संदर्भ में वर्तमान समाज के परिवार की संरचना और स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
उत्तर
'सिल्वर वैडिंग' कहानी के आधार पर वर्तमान समाज की पारिवारिक संरचना—
- संयुक्त परिवारों की जगह एकल परिवार अधिक हो गए हैं।
- आर्थिक स्वतंत्रता और आधुनिक जीवनशैली ने परिवारों में दूरी बढ़ा दी है।
- यथार्थवादी सोच ने पारिवारिक भावनाओं को कमजोर कर दिया है, जिससे संबंधों में औपचारिकता बढ़ गई है।
अथवा
(ख) 'जूझ' शब्द का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसके शीर्षक का औचित्य सिद्ध कीजिए।
उत्तर
"जूझ" का अर्थ संघर्ष करना, कठिनाइयों से लड़ना और सफलता प्राप्त करना होता है।
- कहानी में लेखक का संघर्ष शिक्षा प्राप्त करने और अपने जीवन को सुधारने के लिए था।
- शीर्षक इस बात को दर्शाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी हार न मानकर संघर्ष करते रहना चाहिए।
(ग) उदाहरण सहित सिद्ध कीजिए कि मुअनजो-दड़ो की सभ्यता लघुता में भी महत्ता का अनुभव कराने वाली सभ्यता थी।
उत्तर
मुअनजो-दड़ो एक प्राचीन सभ्यता थी, जो आकार में भले ही बड़ी न थी, लेकिन—
- योजनाबद्ध नगर-निर्माण (चौड़ी सड़कें, नालियाँ, जल निकासी प्रणाली) दर्शाता है कि यह सभ्यता उन्नत थी।
- विशाल स्नानागार और व्यापारिक केंद्र इसे एक विकसित समाज का रूप देते हैं।
- संस्कृति, कला और सामाजिक व्यवस्था के विकास के कारण इसे लघुता में भी महत्त्वपूर्ण सभ्यता माना जाता है।



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