UP Board Class 12 Hindi Question Paper 2025 (Code 301 HE) Available- Download Here with Solution PDF

Shivam Yadav's profile photo

Shivam Yadav

Educational Content Expert | Updated on - Sep 18, 2025

UP Board Class 12 Hindi Question Paper 2025 PDF (Code 301 HE) is available for download here. The Mathematics exam was conducted on March 9, 2025 in the Evening Shift from 2:00 PM to 5:15 PM. The total marks for the theory paper are 100. Students reported the paper to be easy to moderate.

UP Board Class 12 Hindi Question Paper 2025 (Code 301 HE) with Solutions

UP Board Class Hindi Question Paper with Answer Key download iconDownload Check Solutions
UP Board Class 12 Hindi Question Paper with Solutions


Question 1:

Choose the correct option to answer the following questions:


(a) 'वैदिक हिंसा धर्म और भक्ति' के संबंध है:

  • (A) बालकृष्ण भट्ट
  • (B) रामकृष्ण त्रिपाठी
  • (C) भारतेंदु हरिश्चंद्र
  • (D) चंडी नारायण 'प्रेम'
Correct Answer: (C) भारतेंदु हरिश्चंद्र
View Solution

Step 1: Understanding 'वैदिक हिंसा धर्म और भक्ति'.

'वैदिक हिंसा धर्म और भक्ति' को भारतीय साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र ने लिखा था, जो भारतीय समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं को गहरे तरीके से समझते थे।

Step 2: Conclusion.

इसमें दिखाया गया है कि भारतीय समाज के वैदिक धर्म और भक्ति की प्रक्रियाओं में हिंसा का क्या स्थान था। इसलिए सही उत्तर (C) है भारतेंदु हरिश्चंद्र।


Final Answer: \[ \boxed{The correct answer is (C) भारतेंदु हरिश्चंद्र.} \] Quick Tip: To identify the correct author for a work, look for the specific themes or cultural context mentioned in the title.


Question 2:

(b) 'धर्म और भक्ति' के विषय में कौन सी रचना है:

  • (A) 'यात्रा'
  • (B) 'आत्मकथा'
  • (C) 'मुकम्मल'
  • (D) 'समाधान'
Correct Answer: (B) 'आत्मकथा'
View Solution

Step 1: Understanding 'आत्मकथा'.

'आत्मकथा' एक आत्मकथात्मक रचना है, जिसमें लेखक ने अपने जीवन और भक्ति के अनुभवों को प्रस्तुत किया है।

Step 2: Conclusion.

इसमें भक्ति और धर्म के बारे में लेखक ने अपनी व्यक्तिगत अनुभूतियों को साझा किया। इसलिए सही उत्तर (B) है 'आत्मकथा'।


Final Answer: \[ \boxed{The correct answer is (B) 'आत्मकथा'.} \] Quick Tip: Look for personal reflections and experiences in autobiographies and memoirs when identifying works related to 'आत्मकथा'.


Question 3:

(c) 'वृंदावन' नामक किस रचना की रचना है:

  • (A) महात्मा गांधी
  • (B) सुमित्रानंदन पंत
  • (C) प्रेमचंद
  • (D) हरिवंश राय बच्चन
Correct Answer: (B) सुमित्रानंदन पंत
View Solution

Step 1: Understanding 'वृंदावन'.

'वृंदावन' सुमित्रानंदन पंत की काव्य रचना है, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों के माध्यम से भारतीय समाज को प्रस्तुत किया गया है।

Step 2: Conclusion.

यह कविता संग्रह भारतीय समाज की मानसिकता और सांस्कृतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। इसलिए सही उत्तर (B) है सुमित्रानंदन पंत।


Final Answer: \[ \boxed{The correct answer is (B) सुमित्रानंदन पंत.} \] Quick Tip: In poetry collections, look for the author's signature themes and style to help identify their work.


Question 4:

(d) 'हिरण्यवर्ण' के लेखक कौन हैं:

  • (A) बाबू गुलाबो राम
  • (B) जयशंकर प्रसाद
  • (C) सुमित्रानंदन पंत
  • (D) बालकृष्ण भट्ट
Correct Answer: (A) बाबू गुलाबो राम
View Solution

Step 1: Understanding 'हिरण्यवर्ण'.

'हिरण्यवर्ण' एक प्राचीन साहित्यिक काव्य रचना है, जो धार्मिक दृष्टिकोण से समृद्ध है। इसका लेखक बाबू गुलाबो राम हैं।

Step 2: Conclusion.

इस काव्य में धार्मिक और सांस्कृतिक तत्वों का मिश्रण है। इसलिए सही उत्तर (A) है बाबू गुलाबो राम।


Final Answer: \[ \boxed{The correct answer is (A) बाबू गुलाबो राम.} \] Quick Tip: When identifying literary works, refer to the theme and historical context of the piece.


Question 5:

(e) महात्मा गांधी की रचना है:

  • (A) अविनाश कुमार त्रिवेदी
  • (B) काठ का सपना
  • (C) संयोगिता रॉयचौधरी
  • (D) मुक्ति एवं
Correct Answer: (B) काठ का सपना
View Solution

Step 1: Understanding 'काठ का सपना'.

'काठ का सपना' महात्मा गांधी पर आधारित एक काव्य रचना है, जिसमें गांधीजी के संघर्ष और उनके विचारों की गहराई से विवेचना की गई है।

Step 2: Conclusion.

इसलिए सही उत्तर (B) है 'काठ का सपना'।


Final Answer: \[ \boxed{The correct answer is (B) काठ का सपना.} \] Quick Tip: When identifying works based on historical figures, focus on their main ideas and the themes of their times.


Question 6:

'व्यक्तिवाद प्रवृत्तियों के प्रकार हैं'

  • (A) चंद्रदानी
  • (B) नरसी महल
  • (C) भद्र देशा
  • (D) बिश्वानी
Correct Answer: (B) नरसी महल
View Solution

The correct answer is (B) नरसी महल. नरसी महल was a prominent figure associated with a particular movement or school of thought that represents individualistic tendencies, fitting the question context. The other options are irrelevant to this context. Quick Tip: Focus on the prominent figures and their contribution to philosophical or ideological movements when solving questions of this nature.


Question 7:

:
'व्यक्तिवाद प्रवृत्तियों के प्रकार हैं'

  • (A) चंद्रदानी
  • (B) नरसी महल
  • (C) भद्र देशा
  • (D) बिश्वानी
Correct Answer: (B) नरसी महल
View Solution

The correct answer is (B) नरसी महल. नरसी महल was a prominent figure associated with a particular movement or school of thought that represents individualistic tendencies, fitting the question context. The other options are irrelevant to this context. Quick Tip: Focus on the prominent figures and their contribution to philosophical or ideological movements when solving questions of this nature.


Question 8:

:
'भारत का महाकाव्य है'

  • (A) 'ऋतुसंहार रचनाएँ'
  • (B) 'प्रस्तुत'
  • (C) 'साकेत'
  • (D) 'कामसूत्र'
Correct Answer: (C) 'साकेत'
View Solution

The correct answer is (C) 'साकेत'. 'साकेत' is an epic poem written by the renowned poet महादेवी वर्मा. This work is an integral part of Indian literature and reflects the classical Mahakavya tradition, which aligns with the question on "भारत का महाकाव्य". Quick Tip: When dealing with questions on Indian literature, focus on works associated with the classical tradition. Works like 'साकेत' are pivotal in understanding India's literary heritage.


Question 9:

प्रयागवाद की विशेषता नहीं है

  • (A) अति भावुकता
  • (B) उद्दमों और प्रक्रियाओं में नवीनता
  • (C) 'बदला' की प्रवृत्ति की कविता है
  • (D) व्यक्तित्व की प्रगति
Correct Answer: (C) 'बदला' की प्रवृत्ति की कविता है
View Solution

प्रयागवाद की विशेषता में 'बदला' की प्रवृत्ति नहीं आती, क्योंकि यह विशेष रूप से किसी विषय की निंदा या आलोचना करने का तरीका नहीं है। यह विशेष रूप से आत्मविश्वास, व्यक्तित्व की उन्नति और जीवन के प्रति एक नई दृष्टि पर केंद्रित होता है। Quick Tip: प्रयागवाद में एक सकारात्मक दृष्टिकोण है, जो जीवन के हर पहलू में नवीनता और आत्मविकास को बढ़ावा देता है।


Question 10:

'बदला' की प्रवृत्ति की कविता है

  • (A) महात्मा गांधी
  • (B) मैथिली शरण गुप्त
  • (C) सुमित्रानंदन पंत
  • (D) सुमन रोये !
Correct Answer: (B) मैथिली शरण गुप्त
View Solution

यह कविता 'बदला' की प्रवृत्ति की कविता नहीं है, बल्कि 'मैथिली शरण गुप्त' की रचनाएँ समाज में बुराई और असमानता के प्रति जागरूकता का प्रचार करती हैं, और उनका ध्यान समाज की दुखों को दूर करने के लिए होता है। Quick Tip: मैथिली शरण गुप्त की कविताएँ राष्ट्रवाद और समाज में बदलाव के लिए प्रेरणा देती हैं।


Question 11:

(a) उपयुक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए:

Correct Answer:
View Solution



गद्यांश में पृथ्वी के महत्व, इसके भौतिक स्वास्थ्य, और राष्ट्र के उत्थान में इसके योगदान पर विचार किया गया है। लेखक ने पृथ्वी के महत्व को समझाते हुए इसके भौतिक रूप और हमारी जिम्मेदारी के बारे में बताया है।
लेखक का नाम: 'राहुल सांकृत्यायन'


Final Answer: \[ \boxed{लेखक का नाम 'राहुल सांकृत्यायन' है।} \] Quick Tip: When asked to identify an author, focus on understanding the theme and style of writing in the passage to determine who the author might be.


Question 12:

(b) भूमि का निरीक्षण किसने किया है और वह कब से है ?

Correct Answer:
View Solution



भूमि का निरीक्षण राहुल सांकृत्यायन ने किया है। उन्होंने भूमि की उपादेयता और इसके भौतिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पर ध्यान आकर्षित किया है। यह निरीक्षण अनंत काल से चला आ रहा है।

Final Answer: \[ \boxed{भूमि का निरीक्षण राहुल सांकृत्यायन ने किया है और वह अनंत काल से है।} \] Quick Tip: To answer such questions, focus on key words in the passage that give insight into the context, such as "जागरूकता," "भौतिक स्वास्थ्य," and the author's name.


Question 13:

(c) पृथ्वी के संबंध में हमारा आवश्यक ध्यान क्या है ?

Correct Answer:
View Solution



पृथ्वी के संबंध में हमारा आवश्यक ध्यान इस पर हो रहे बदलावों, इसके भौतिक स्वास्थ्य, और इसके प्रभावों को समझने और पहचानने पर होना चाहिए। पृथ्वी की भौतिक संरचना और प्राकृतिक गुणों की जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ इसके महत्व को समझना हमारी जिम्मेदारी है।

Final Answer: \[ \boxed{पृथ्वी के संबंध में हमारा आवश्यक ध्यान इसके भौतिक स्वास्थ्य और प्राकृतिक गुणों को समझने और पहचानने पर होना चाहिए।} \] Quick Tip: When analyzing questions on the environment, always focus on its relationship with human responsibility, sustainability, and the role of nature in our daily lives.


Question 14:

(d) 'पार्थिव' और 'आध्यात्मिक' शब्दों के अर्थ लिखिए

Correct Answer:
View Solution



- (D)(D)पार्थिव(D)(D): यह शब्द भौतिक चीज़ों से संबंधित है, जैसे कि पृथ्वी, शरीर आदि।
- (D)(D)आध्यात्मिक(D)(D): यह शब्द आत्मा, धर्म, या अध्यात्मिकता से संबंधित है, जो कि आध्यात्मिक जागरूकता और मानसिक विकास से संबंधित होता है।

Final Answer: \[ \boxed{पार्थिव: भौतिक, आध्यात्मिक: आत्मा या धर्म से संबंधित।} \] Quick Tip: When answering questions about word meanings, always identify the contextual use of the word in the passage or sentence.


Question 15:

(A) \text{मनुष्य मनुष्य के साथ किस प्रकार के संबंध रखता है ?

Correct Answer:
View Solution

मनुष्य का समाज में अन्य मनुष्यों के साथ विभिन्न प्रकार का संबंध होता है। समाज के विभिन्न वर्गों के बीच आपसी सहयोग, आदान-प्रदान और समर्थन का संबंध होता है, जो समाज के सशक्तीकरण में योगदान करता है।
Quick Tip: अच्छे उत्तरों के लिए प्रत्येक पहलू को स्पष्ट रूप से समझाना महत्वपूर्ण है।


Question 16:

(B) \text{उच्चतम सद्गुण किसमें होता है ?

Correct Answer:
View Solution

उच्चतम सद्गुणों में ईमानदारी, आत्मनिर्भरता, दया, और साहस प्रमुख हैं। ये गुण व्यक्तित्व को परिष्कृत करते हैं और समाज में शांति और विकास की दिशा में योगदान करते हैं।
Quick Tip: अच्छे उत्तरों के लिए प्रत्येक पहलू को स्पष्ट रूप से समझाना महत्वपूर्ण है।


Question 17:

(C) \text{भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति किस कारण उत्पन्न होती है ?

Correct Answer:
View Solution

भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति आमतौर पर कमजोर प्रशासन, असमान अवसरों और जन जागरूकता की कमी से उत्पन्न होती है। जब लोग कानून और नैतिकता के बजाय निजी लाभ को प्राथमिकता देते हैं, तो भ्रष्टाचार बढ़ता है।
Quick Tip: अच्छे उत्तरों के लिए प्रत्येक पहलू को स्पष्ट रूप से समझाना महत्वपूर्ण है।


Question 18:

(D) \text{कोई ग़लती करने पर क्या करना चाहिए ?

Correct Answer:
View Solution

ग़लती करने पर सबसे पहले उसे स्वीकार करना चाहिए और सुधार की दिशा में कदम उठाने चाहिए। आत्मनिरीक्षण और सुधारात्मक कार्यवाही से ही व्यक्ति अपनी गलतियों से सिख सकता है।
Quick Tip: अच्छे उत्तरों के लिए प्रत्येक पहलू को स्पष्ट रूप से समझाना महत्वपूर्ण है।


Question 19:

(v) \text{राष्ट्रीय विकास की प्रक्रिया क्या है ?

Correct Answer:
View Solution

राष्ट्रीय विकास एक बहुआयामी प्रक्रिया है जिसमें सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति शामिल है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, और शासन की गुणवत्ता में सुधार के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।
Quick Tip: अच्छे उत्तरों के लिए प्रत्येक पहलू को स्पष्ट रूप से समझाना महत्वपूर्ण है।


Question 20:

निम्नलिखित पद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए–


नृप सम्राट हो अभिजात,

जग की न्यायाओं का मूल।

ईश्वर का वह सत्य विधान,

कभी मत उसको न भूल।

(A) प्रस्तुत पद्यांश के कविता का शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।

(B) कवि अभिजात किसे कहता है?

(C) न्यायाओं का मूल क्या है?

(D) ईश्वर का कैसा विधान है?

(v) कवि किसे न भूलने की बात करता है?

Correct Answer:
View Solution

(A) प्रस्तुत पद्यांश निराला की कविता से लिया गया है। इसमें समाज और शासन में न्याय की महत्ता बताई गई है। शीर्षक ‘‘न्याय’’ है और इसके कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ हैं। \

(B) कवि ने ‘‘नृप सम्राट’’ या राजा और शासकों को ‘‘अभिजात’’ कहा है, क्योंकि उनके हाथों में शासन की बागडोर होती है और समाज के न्याय का आधार वही होते हैं। \

(C) कवि के अनुसार ‘‘न्यायाओं का मूल सत्य’’ है। इसका अर्थ है कि बिना सत्य के न्याय संभव नहीं है। न्याय की नींव सच्चाई पर ही टिकी होती है। \

(D) ईश्वर का विधान ‘‘सत्य’’ है। यानी ईश्वर ने संसार की रचना सत्य के आधार पर की है और उसका नियम भी सत्य पर आधारित है। \

(v) कवि का स्पष्ट संदेश है कि ‘‘सत्य’’ को कभी नहीं भूलना चाहिए। वह चाहता है कि शासक या शासित सभी अपने आचरण में सत्य को सर्वोपरि रखें। \

\[ \boxed{न्याय और शासन का आधार ‘‘सत्य’’ है जिसे कभी नहीं भूलना चाहिए।} \] Quick Tip: कविता का मुख्य संदेश यह है कि शासन और समाज में न्याय तभी संभव है जब वह सत्य पर आधारित हो। ‘‘सत्य’’ को भूलना अन्याय और अव्यवस्था को जन्म देता है।


Question 21:

उठ के झाँक में कान मूसम

युग–युग का विषय – जीवन विचार,

गुंजन कर दिया गान नग का

भर गगन आत्मा का निर्माण।

गा–गा मधुर स्वर मूर्छना में

नवजीवन आ गया मुग्धभाव।



(A) प्रस्तुत पद्यांश के कविता का शीर्षक एवं कवि का नाम लिखिए।

(B) उठ के झाँक में कान क्या कानन को कहा गया है?

(C) ‘‘युग–युग का विषय जीवन विचार’’ को किस अर्थ में प्रयोग किया गया है?

(D) मधुर स्वर में क्या गुंजन कर दिया?

(v) मधुर स्वर के मूर्छना में क्या आ गया?

Correct Answer:
View Solution

(A) यह पद्यांश मैथिलीशरण गुप्त की कविता ‘‘नवजीवन’’ से लिया गया है। इसमें काव्य का मूल स्वर जीवन की चेतना और नवजीवन की प्रेरणा है। \

(B) ‘‘उठ के झाँक में कान’’ से अभिप्राय है प्रकृति के सुंदर वन–कानन। कवि ने कानन को जीवन चेतना का स्रोत माना है, जहाँ से नवीन प्रेरणा मिलती है। \

(C) ‘‘युग–युग का विषय जीवन विचार’’ का अर्थ यह है कि मानव जीवन का मूल्य, उसकी दिशा और आदर्श हर युग का शाश्वत विषय रहा है। प्रत्येक युग में जीवन के उद्देश्यों और उसकी महत्ता पर विचार होता आया है। \

(D) मधुर स्वर में ‘‘गान नग’’ का गुंजन कर दिया गया है। इसका आशय है कि संगीत और गीतों के माध्यम से वातावरण गुंजायमान हो उठा है। \

(v) मधुर स्वर की मूर्छना में ‘‘नवजीवन’’ का आगमन हुआ है। कवि का तात्पर्य है कि संगीत और गीत से मनुष्य के भीतर नवीन चेतना और नई प्रेरणा का संचार होता है। \

\[ \boxed{नवजीवन की प्रेरणा संगीत और जीवन–विचार से आती है।} \] Quick Tip: कविता का मुख्य संदेश यह है कि गीत और संगीत से मानव जीवन में नई चेतना, नई प्रेरणा और नवजीवन का संचार होता है। प्रकृति और संगीत मिलकर जीवन के आदर्श को जगाते हैं।


Question 22:

निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का जीवन–परिचय देते हुए, उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए।
(अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)

(A) बाबूदेव शरण अग्रवाल

Correct Answer:
View Solution

बाबूदेव शरण अग्रवाल का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक और निबंधकार थे। उन्होंने साहित्य को विवेचनात्मक दृष्टि दी और हिंदी आलोचना को नई दिशा प्रदान की। उनकी प्रमुख कृतियाँ ‘‘काव्य की भूमिका’’, ‘‘काव्य और कला’’, तथा ‘‘साहित्य का स्वरूप’’ हैं। उनकी लेखनी में गहन तर्क, आलोचनात्मक दृष्टि और साहित्यिक गंभीरता झलकती है।

\[ \boxed{मुख्य कृतियाँ – काव्य की भूमिका, काव्य और कला, साहित्य का स्वरूप} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
याद रखें – बाबूदेव शरण अग्रवाल आलोचना और निबंध साहित्य में विशिष्ट योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं।
\end{quicktipbox Quick Tip: याद रखें – बाबूदेव शरण अग्रवाल आलोचना और निबंध साहित्य में विशिष्ट योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं।


Question 23:

निम्नलिखित में से किसी एक कवि का जीवन–परिचय देते हुए, उनकी साहित्यिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
(अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)

(A) मैथिलीशरण गुप्त

Correct Answer:
View Solution

मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 1886 में झांसी (उत्तर प्रदेश) में हुआ। उन्हें ‘‘राष्ट्रकवि’’ कहा जाता है। उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति, ऐतिहासिकता और सामाजिक चेतना प्रमुख है। वे खड़ीबोली हिंदी कविता के प्रवर्तक माने जाते हैं। प्रमुख कृतियाँ – ‘‘भारत–भारती’’, ‘‘साकेत’’, ‘‘जयद्रथ वध’’। गुप्तजी की कविताओं में भाषा सरल और प्रभावशाली है।

\[ \boxed{साहित्यिक विशेषताएँ – राष्ट्रप्रेम, ऐतिहासिक चेतना, सरल खड़ीबोली भाषा} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
गुप्त जी ने खड़ीबोली कविता को राष्ट्रीय चेतना से जोड़कर लोकप्रिय बनाया।
\end{quicktipbox Quick Tip: गुप्त जी ने खड़ीबोली कविता को राष्ट्रीय चेतना से जोड़कर लोकप्रिय बनाया।


Question 24:

‘‘कर्मनाशा की हार’’ अथवा ‘‘लाठी’’ कहानी की प्रमुख कथावस्तु के आधार पर समीक्षा कीजिए।
(अधिकतम शब्द–सीमा 80 शब्द)


% (A) Question text
(A) कर्मनाशा की हार

Correct Answer:
View Solution

‘‘कर्मनाशा की हार’’ कहानी का कथ्य ग्रामीण समाज की रूढ़ियों और अंधविश्वासों पर आधारित है। इसमें दिखाया गया है कि किस प्रकार धार्मिक आडंबर और पाखंड मानव जीवन को जकड़ लेता है। कहानी समाज को अंधविश्वास और पाखंड से मुक्ति दिलाने का संदेश देती है। इसकी भाषा सरल और व्यंग्यात्मक है।

\[ \boxed{मुख्य तत्त्व – अंधविश्वास की आलोचना, यथार्थ चित्रण, सामाजिक चेतना} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
इस कहानी से सीख मिलती है कि अंधविश्वास और पाखंड समाज की प्रगति में बाधक हैं।
\end{quicktipbox Quick Tip: इस कहानी से सीख मिलती है कि अंधविश्वास और पाखंड समाज की प्रगति में बाधक हैं।


Question 25:

‘‘पंचलाइट’’ कहानी के प्रमुख पात्र की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
(अधिकतम शब्द–सीमा 80 शब्द)

Correct Answer:
View Solution

‘‘पंचलाइट’’ कहानी का प्रमुख पात्र ‘‘गोबर’’ है। वह एक ग्रामीण युवक है जो नई तकनीक सीखना चाहता है। उसमें जिज्ञासा, सीखने की ललक और आत्मविश्वास है। वह समाज की हंसी–मजाक और विरोध के बावजूद हार नहीं मानता। अंततः उसकी लगन और मेहनत से पंचलाइट जल उठती है और उसकी प्रतिष्ठा बढ़ जाती है।

\[ \boxed{विशेषताएँ – जिज्ञासु, आत्मविश्वासी, परिश्रमी, साहसी} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
गोबर का चरित्र यह सिखाता है कि परिश्रम और आत्मविश्वास से ही नई राहें खुलती हैं।
\end{quicktipbox Quick Tip: गोबर का चरित्र यह सिखाता है कि परिश्रम और आत्मविश्वास से ही नई राहें खुलती हैं।


Question 26:

स्वपाठित खंडकाव्य के आधार पर किसी एक खंड के एक प्रश्न का उत्तर दीजिए।
(अधिकतम शब्द–सीमा 80 शब्द)


(क) ‘साकेत’ खंडकाव्य की समीक्षा

Correct Answer:
View Solution

मैथिलीशरण गुप्त का ‘‘साकेत’’ खंडकाव्य हिंदी साहित्य की महान कृति है। इसमें रामकथा को कौशल्या और उर्मिला जैसे उपेक्षित पात्रों के दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। इसकी विशेषता राष्ट्रप्रेम, स्त्री–वेदना का मार्मिक चित्रण और खड़ीबोली भाषा की सरलता है। इस खंडकाव्य में काव्यगत सौंदर्य, करुणा और कर्तव्यबोध का अद्भुत संगम दिखाई देता है।

\[ \boxed{मुख्य विशेषताएँ – करुणा, स्त्री–वेदना, राष्ट्रप्रेम, सरल भाषा} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
‘‘साकेत’’ खंडकाव्य रामकथा को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने वाली अमूल्य रचना है।
\end{quicktipbox Quick Tip: ‘‘साकेत’’ खंडकाव्य रामकथा को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने वाली अमूल्य रचना है।


Question 27:

‘‘राश्मिरेखा’’ खंडकाव्य के आधार पर श्रीकृष्ण के चरित्र की विशेषताएँ बताइए।
(अधिकतम शब्द–सीमा 80 शब्द)

Correct Answer:
View Solution

माखनलाल चतुर्वेदी का ‘‘रश्मिरेखा’’ खंडकाव्य श्रीकृष्ण के बहुआयामी चरित्र को उजागर करता है। इसमें श्रीकृष्ण को मानवता का रक्षक, नीति–निपुण नेता और करुणामयी व्यक्तित्व के रूप में चित्रित किया गया है। वे धर्म की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। श्रीकृष्ण का चरित्र न्यायप्रिय, वीर, करुणाशील और कूटनीतिज्ञ के रूप में सामने आता है।

\[ \boxed{विशेषताएँ – वीरता, नीति, करुणा, न्यायप्रियता} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
‘‘रश्मिरेखा’’ में कृष्ण का चरित्र धर्म, नीति और मानवता का आदर्श प्रस्तुत करता है।
\end{quicktipbox Quick Tip: ‘‘रश्मिरेखा’’ में कृष्ण का चरित्र धर्म, नीति और मानवता का आदर्श प्रस्तुत करता है।


Question 28:

‘सत्य की जीत’ खंडकाव्य के कथानक की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।

Correct Answer:
View Solution

‘‘सत्य की जीत’’ खंडकाव्य का कथानक धर्म और सत्य की विजय पर केंद्रित है। इसमें दिखाया गया है कि कठिन परिस्थितियों में भी सत्य और न्याय का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। महाभारत की पृष्ठभूमि में रचा गया यह खंडकाव्य युधिष्ठिर के सत्यनिष्ठ आचरण और धर्मपालन को उजागर करता है। भाषा सरल, भावपूर्ण और प्रभावशाली है।

\[ \boxed{मुख्य विशेषताएँ – सत्य, धर्मपालन, न्यायप्रियता, प्रेरणादायी कथानक} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
यह खंडकाव्य शिक्षा देता है कि अंततः सत्य और धर्म की ही विजय होती है।
\end{quicktipbox Quick Tip: यह खंडकाव्य शिक्षा देता है कि अंततः सत्य और धर्म की ही विजय होती है।


Question 29:

‘‘भूमिका’’ खंडकाव्य की प्रमुख घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
अथवा
‘‘भूमिका’’ खंडकाव्य के आधार पर खंडकाव्य के प्रधान पात्र का चरित्र–चित्रण कीजिए।
(अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)

(A) प्रमुख घटनाएँ

Correct Answer:
View Solution

‘‘भूमिका’’ खंडकाव्य की घटनाएँ मानवीय जीवन और समाज की वास्तविकताओं पर आधारित हैं। इसमें मानव जीवन के संघर्ष, संवेदनाएँ और नैतिक मूल्यों को उकेरा गया है। खंडकाव्य की कथा जीवन–दर्शन प्रस्तुत करती है, जिसमें समाज की समस्याएँ, कर्तव्य का निर्वाह और मानवीय संबंधों की गहराई सामने आती है।

\[ \boxed{मुख्य घटनाएँ – संघर्ष, संवेदनाएँ, नैतिकता, समाज की समस्याएँ} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
‘‘भूमिका’’ खंडकाव्य हमें जीवन के यथार्थ और नैतिक आदर्शों की प्रेरणा देता है।
\end{quicktipbox Quick Tip: ‘‘भूमिका’’ खंडकाव्य हमें जीवन के यथार्थ और नैतिक आदर्शों की प्रेरणा देता है।


Question 30:

‘‘त्यागपथी’’ खंडकाव्य की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
अथवा
‘‘त्यागपथी’’ खंडकाव्य के आधार पर इसके नायक के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
(अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)

(A) त्यागपथी की प्रमुख विशेषताएँ
(A) प्रमुख विशेषताएँ

Correct Answer:
View Solution

‘‘त्यागपथी’’ खंडकाव्य का मूल कथ्य त्याग और आदर्शों पर आधारित है। इसमें पात्रों के माध्यम से यह दिखाया गया है कि विपरीत परिस्थितियों में भी कर्तव्य और आदर्श का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। भाषा ओजस्वी और प्रेरणादायी है। खंडकाव्य त्याग, आत्मबल और जीवन–दर्शन का सुंदर संगम प्रस्तुत करता है।

\[ \boxed{मुख्य विशेषताएँ – त्याग, कर्तव्यनिष्ठा, आत्मबल, आदर्शवाद} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
‘‘त्यागपथी’’ यह संदेश देता है कि सच्ची महानता त्याग और आदर्श जीवन में निहित है।
\end{quicktipbox Quick Tip: ‘‘त्यागपथी’’ यह संदेश देता है कि सच्ची महानता त्याग और आदर्श जीवन में निहित है।


Question 31:

‘‘आलोक–वृत्त’’ खंडकाव्य की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
अथवा
‘‘आलोक–वृत्त’’ खंडकाव्य के नायक की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
(अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)

(A) प्रमुख घटनाएँ

Correct Answer:
View Solution

‘‘आलोक–वृत्त’’ खंडकाव्य में जीवन के यथार्थ और समाज की परिस्थितियों का मार्मिक चित्रण किया गया है। इसमें संघर्ष, त्याग, और जीवन–आदर्श की घटनाएँ सामने आती हैं। खंडकाव्य की प्रमुख घटनाएँ नायक के कर्तव्यपालन, विपरीत परिस्थितियों में धैर्य, तथा समाज के कल्याण हेतु किए गए प्रयासों से जुड़ी हैं।

\[ \boxed{मुख्य घटनाएँ – संघर्ष, त्याग, कर्तव्यपालन, समाज कल्याण} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
‘‘आलोक–वृत्त’’ जीवन में आदर्श और त्याग की महत्ता को उजागर करने वाला खंडकाव्य है।
\end{quicktipbox Quick Tip: ‘‘आलोक–वृत्त’’ जीवन में आदर्श और त्याग की महत्ता को उजागर करने वाला खंडकाव्य है।


Question 32:

‘‘श्रवणकुमार’’ खंडकाव्य की प्रमुख घटनाओं का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
अथवा
‘‘श्रवणकुमार’’ खंडकाव्य के आधार पर ‘‘दशरथ’’ के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए।
(अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)

(A) प्रमुख घटनाएँ

Correct Answer:
View Solution

‘‘श्रवणकुमार’’ खंडकाव्य की कथा श्रवणकुमार की माता–पिता के प्रति सेवा और भक्ति पर आधारित है। वह अपने अंधे माता–पिता को तीर्थयात्रा कराने निकला। जल लाने के लिए सरोवर गया तो राजा दशरथ के बाण से घायल होकर मारा गया। मृत्यु के समय उसने माता–पिता की सेवा की चिंता ही की। यह घटना पुत्र–धर्म और मातृ–पितृ भक्ति का आदर्श प्रस्तुत करती है।

\[ \boxed{मुख्य घटनाएँ – तीर्थयात्रा, दशरथ का बाण, श्रवणकुमार की मृत्यु, पुत्रभक्ति} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
यह खंडकाव्य हमें सिखाता है कि मातृ–पितृ सेवा ही सर्वोच्च धर्म है।
\end{quicktipbox Quick Tip: यह खंडकाव्य हमें सिखाता है कि मातृ–पितृ सेवा ही सर्वोच्च धर्म है।


Question 33:

निम्नलिखित संस्कृत गद्यांश का संदर्भानुसार हिंदी में अनुवाद कीजिए।

(क) गद्यांश का अनुवाद

Correct Answer:
View Solution

‘‘हमको आत्मविश्वास रखना चाहिए। आत्मविश्वास ही सफलता का सबसे बड़ा साधन है। जो आत्मविश्वास रखता है, वही विजय प्राप्त करता है। आत्मविश्वास के बिना मनुष्य शक्तिहीन हो जाता है। आत्मविश्वास में ही पराक्रम, पुरुषार्थ और बल छिपा होता है। इसलिए हमें आत्मविश्वासी बनना चाहिए। आत्मविश्वास ही जीवन का सबसे बड़ा आभूषण है।’’

\[ \boxed{मुख्य संदेश – आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है।} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
यह गद्यांश हमें आत्मबल और आत्मविश्वास बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
\end{quicktipbox Quick Tip: यह गद्यांश हमें आत्मबल और आत्मविश्वास बनाए रखने की प्रेरणा देता है।


Question 34:

गद्यांश का अनुवाद

Correct Answer:
View Solution

‘‘महामहिम पंडित मदनमोहन मालवीय जी का जन्म प्रयाग में हुआ था। आपके पिता संस्कृत के महान विद्वान थे। मालवीय जी ने शिक्षा प्रयाग तथा काशी में प्राप्त की। वे एक महान समाज–सुधारक और राष्ट्रसेवक थे। उन्होंने वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। यह विश्वविद्यालय भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है। मालवीय जी को ‘महामना’ की उपाधि से सम्मानित किया गया।’’

\[ \boxed{मुख्य तथ्य – महामना पंडित मदनमोहन मालवीय, शिक्षा सुधारक व राष्ट्रसेवक} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
यह गद्यांश हमें मालवीय जी के जीवन और उनके शिक्षा क्षेत्र में योगदान से अवगत कराता है।
\end{quicktipbox Quick Tip: यह गद्यांश हमें मालवीय जी के जीवन और उनके शिक्षा क्षेत्र में योगदान से अवगत कराता है।


Question 35:

निम्नलिखित श्लोकों का संदर्भ सहित हिंदी में अनुवाद कीजिए।

(A) चित्तविलासाः स्थूललासाः कलाविलासाः सदा नृणाम्।

मनः स्व तुष्टेः सर्वेभ्यः प्रसरन्ति भूमिषु।।

अस्पृशन्ति च ध्यानं चिन्तास्तामिव दुर्जयाः।

ब्रह्माणं च नित्या शान्तं सर्वभूतहिते रतम्।।

Correct Answer:
View Solution

संदर्भ: यह श्लोक मानव जीवन में चित्त की वृत्तियों और चिंताओं के प्रभाव को स्पष्ट करता है। \

अनुवाद: मनुष्य का चित्त अनेक विलासों और इच्छाओं में भटकता रहता है। जब मन संतुष्ट होता है तभी सच्चा सुख मिलता है। चिंता मनुष्य के ध्यान को विचलित करती है और शांति को नष्ट कर देती है। केवल वही ब्रह्म ज्ञानी पुरुष शांति प्राप्त करता है, जो सब प्राणियों के कल्याण में लगा रहता है।

\[ \boxed{मुख्य संदेश – मन की शांति संतोष और लोककल्याण से मिलती है।} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
यह श्लोक हमें सिखाता है कि चिंता और असंतोष मन की शांति छीन लेते हैं।
\end{quicktipbox Quick Tip: यह श्लोक हमें सिखाता है कि चिंता और असंतोष मन की शांति छीन लेते हैं।


Question 36:

(B)
परोपकारार्थं प्रयत्नः प्रियवर्त्तितम्।

वर्षेणापि न मित्रं विस्मरन्ति प्रियं हितम्।।

Correct Answer:
View Solution

संदर्भ: यह श्लोक मित्रता और परोपकार की महत्ता को दर्शाता है। \

अनुवाद: मनुष्य का प्रयास सदैव परोपकार के लिए होना चाहिए। सच्चे मित्र किए गए उपकार और हित को कभी नहीं भूलते। एक वर्ष बाद भी मित्र, मित्र के कल्याणकारी कार्य को याद रखता है और उसकी सराहना करता है।

\[ \boxed{मुख्य संदेश – परोपकार और सच्ची मित्रता जीवन का आधार है।} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
यह श्लोक हमें प्रेरणा देता है कि मित्रता का संबंध उपकार और विश्वास पर आधारित होना चाहिए।
\end{quicktipbox Quick Tip: यह श्लोक हमें प्रेरणा देता है कि मित्रता का संबंध उपकार और विश्वास पर आधारित होना चाहिए।


Question 37:

(क) प्राणिनां सेवा कस्य स्वभावः आसीत् ?

Correct Answer:
View Solution

N/A


Question 38:

(ख) सर्वधर्मप्राणं किम् धर्मम् आहुः ?

Correct Answer:
View Solution

N/A


Question 39:

(ग) का भाषा देवभाषा इति नाम्ना प्रसिद्धा ?

Correct Answer:
View Solution

N/A


Question 40:

(घ) के न्यायात् पथः न प्रविचलति ?

Correct Answer:
View Solution

धर्मनिष्ठः पुरुषः न्यायात् पथः न प्रविचलति।

\[ \boxed{उत्तर – प्रत्येक प्रश्न के लघु संस्कृत वाक्य में दिए गए हैं।} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
संस्कृत प्रश्नोत्तर लिखते समय उत्तर सदैव संक्षिप्त, स्पष्ट और शुद्ध रूप में लिखना चाहिए।
\end{quicktipbox Quick Tip: संस्कृत प्रश्नोत्तर लिखते समय उत्तर सदैव संक्षिप्त, स्पष्ट और शुद्ध रूप में लिखना चाहिए।


Question 41:

(क) रस

Correct Answer:
View Solution

N/A


Question 42:

(ख) अलंकार

Correct Answer:
View Solution

N/A


Question 43:

(ग) छन्द

Correct Answer:
View Solution

N/A Quick Tip: उत्तर लिखते समय परिभाषा और उदाहरण दोनों अवश्य लिखें, तभी पूरा अंक मिलेगा।


Question 44:

(क) भारतीय किसानों की समस्याएँ

Correct Answer:
View Solution

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की अधिकांश जनसंख्या खेती पर निर्भर है। फिर भी किसान गरीबी, कर्ज, प्राकृतिक आपदाओं और कम उत्पादन मूल्य जैसी समस्याओं से जूझते हैं। आधुनिक साधनों का अभाव, सिंचाई की कठिनाई और बिचौलियों का शोषण भी बड़ी समस्या है। किसानों की दशा सुधारने के लिए सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन, तकनीकी साधन और उचित मूल्य मिलना आवश्यक है।

\[ \boxed{किसानों की समस्याओं का समाधान ही राष्ट्र की उन्नति है।} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
किसानों की दशा सुधारना भारत की आर्थिक प्रगति का आधार है।
\end{quicktipbox Quick Tip: किसानों की दशा सुधारना भारत की आर्थिक प्रगति का आधार है।


Question 45:

(ख) व्यावसायिक शिक्षा के विविध आयाम

Correct Answer:
View Solution

आधुनिक युग में शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन नहीं, बल्कि रोजगार भी है। व्यावसायिक शिक्षा से छात्र तकनीकी और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। इससे आत्मनिर्भरता, कौशल विकास और उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलता है। भारत जैसे देश में व्यावसायिक शिक्षा का विस्तार बेरोजगारी को दूर करने में सहायक है।

\[ \boxed{व्यावसायिक शिक्षा आधुनिक भारत की आवश्यकता है।} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
व्यावसायिक शिक्षा से बेरोजगारी घटेगी और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
\end{quicktipbox Quick Tip: व्यावसायिक शिक्षा से बेरोजगारी घटेगी और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।


Question 46:

(ग) पर्यावरण प्रदूषण के कारण

Correct Answer:
View Solution

पर्यावरण प्रदूषण आज एक गंभीर समस्या है। इसका मुख्य कारण औद्योगिकीकरण, वाहन धुआँ, वृक्षों की कटाई, रासायनिक पदार्थों का प्रयोग और जनसंख्या वृद्धि है। वायु, जल, ध्वनि और भूमि प्रदूषण से मानव जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसका समाधान वृक्षारोपण, स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग और जनजागरूकता से ही संभव है।

\[ \boxed{स्वच्छ पर्यावरण ही स्वस्थ जीवन का आधार है।} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
प्रदूषण को रोकना हर नागरिक का कर्तव्य है।
\end{quicktipbox Quick Tip: प्रदूषण को रोकना हर नागरिक का कर्तव्य है।


Question 47:

(घ) जनसंख्या वृद्धि की भयावह स्थिति

Correct Answer:
View Solution

भारत में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे बेरोजगारी, गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। सीमित संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन, जनजागरूकता और शिक्षा पर बल देना आवश्यक है। तभी संतुलित विकास संभव होगा।

\[ \boxed{जनसंख्या नियंत्रण ही समृद्धि की कुंजी है।} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
परिवार नियोजन अपनाना हर नागरिक का दायित्व है।
\end{quicktipbox Quick Tip: परिवार नियोजन अपनाना हर नागरिक का दायित्व है।


Question 48:

(ङ) राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त

Correct Answer:
View Solution

मैथिलीशरण गुप्त हिंदी के राष्ट्रकवि कहलाते हैं। उनका जन्म 1886 में झाँसी (उत्तर प्रदेश) में हुआ। उनकी रचनाओं में राष्ट्रभक्ति, सामाजिक चेतना और ऐतिहासिक घटनाओं का सुंदर चित्रण है। ‘‘भारत-भारती’’, ‘‘साकेत’’ और ‘‘जयद्रथ वध’’ उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं। उन्होंने खड़ीबोली हिंदी को काव्य भाषा बनाकर हिंदी साहित्य को नई दिशा दी।

\[ \boxed{गुप्त जी की कविता राष्ट्रप्रेम और जनजागरण का प्रतीक है।} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
मैथिलीशरण गुप्त का साहित्य राष्ट्रीय चेतना का अमूल्य स्रोत है।
\end{quicktipbox Quick Tip: मैथिलीशरण गुप्त का साहित्य राष्ट्रीय चेतना का अमूल्य स्रोत है।


Question 49:

निम्नलिखित शब्दों का संधि–विच्छेद कीजिए और सही विकल्प चुनिए।

(A) ‘उज्ज्वल’ का संधि–विच्छेद है –

  • (A) उद् + जल
  • (B) जृ + ज्वल
  • (C) उष् + ज्वल
  • (D) ऊत + जल
Correct Answer: (C) \(\, उष् + ज्वल \)
View Solution

‘‘उज्ज्वल’’ शब्द ‘‘उष्’’ (जलना) और ‘‘ज्वल’’ (प्रज्वलित होना) से बना है। यहाँ विसर्ग संधि होती है, जिससे ‘‘उज्ज्वल’’ रूप प्राप्त होता है।

\[ \boxed{अर्थ – अत्यन्त चमकदार, दीप्तिमान।} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
‘‘उज्ज्वल’’ में विसर्ग संधि है। याद रखें – ‘‘उष् + ज्वल = उज्ज्वल’’।
\end{quicktipbox Quick Tip: ‘‘उज्ज्वल’’ में विसर्ग संधि है। याद रखें – ‘‘उष् + ज्वल = उज्ज्वल’’।


Question 50:

(B) ‘सन्ध्याः’ का संधि–विच्छेद होगा –

  • (A) सन् + धा
  • (B) सन्धि + धा
  • (C) सत् + धा
  • (D) सत्त् + धा
Correct Answer: (C) \(\, सत् + धा \)
View Solution

‘‘सन्ध्या’’ शब्द ‘‘सत्’’ और ‘‘धा’’ से मिलकर बना है। इसमें यण् संधि होती है। संध्या का अर्थ दिन और रात के बीच का समय है।

\[ \boxed{अर्थ – संधिकाल (दिन और रात के मिलने का समय)} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
‘‘सन्ध्या’’ = सत् + धा (यण् संधि का उदाहरण)।
\end{quicktipbox Quick Tip: ‘‘सन्ध्या’’ = सत् + धा (यण् संधि का उदाहरण)।


Question 51:

(C) ‘कश्चित्’ का संधि रूप होगा –

  • (A) कश्चित्
  • (B) कश्चित्
  • (C) केचित्
  • (D) कश्चितु
Correct Answer: (A) \(\, कः + चित् = कश्चित् \)
View Solution

‘‘कश्चित्’’ = कः + चित्। यह विसर्ग संधि का उदाहरण है। यहाँ ‘‘ः’’ के बाद ‘‘च’’ आने से ‘‘कश्चित्’’ रूप बनता है। इसका अर्थ है ‘‘कोई’’।

\[ \boxed{अर्थ – कोई एक व्यक्ति या वस्तु।} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
‘‘कः + चित् = कश्चित्’’ (विसर्ग संधि)।
\end{quicktipbox Quick Tip: ‘‘कः + चित् = कश्चित्’’ (विसर्ग संधि)।


Question 52:

निम्नलिखित में से किसी एक शब्द का विग्रह करके उसके समास का नाम लिखिए।


(A) कृष्णसारः

(B) अनुरूपम्

(C) यमलोकः

Correct Answer:
View Solution

(A) कृष्णसारः
विग्रह – कृष्णः इव सारः = कृष्णसारः।
यह उपमान उपमेय का संबंध है। \[ \boxed{समास भेद – उपमान उपमेय (तत्पुरुष समास)} \]


(B) अनुरूपम्
विग्रह – अनुगतः रूपम् यस्य सः = अनुरूपम्।
यहाँ विशेषण और विशेष्य का संबंध है। \[ \boxed{समास भेद – कर्मधारय समास} \]


(C) यमलोकः
विग्रह – यमस्य लोकः = यमलोकः।
यहाँ षष्ठी विभक्ति का लोप हुआ है। \[ \boxed{समास भेद – षष्ठी तत्पुरुष समास} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
समास पहचानने का सरल तरीका है – पहले विग्रह कीजिए, फिर देखें कौन-सा विभक्ति लुप्त हुई है।
\end{quicktipbox Quick Tip: समास पहचानने का सरल तरीका है – पहले विग्रह कीजिए, फिर देखें कौन-सा विभक्ति लुप्त हुई है।


Question 53:

निम्नलिखित में से किसी एक शब्द के धातु एवं प्रत्यय का योग स्पष्ट कीजिए –
(A) कवितम्
(B) कृपा
(C) गन्तव्यः

View Solution

(A) कवितम् – धातु ‘‘कु’’ + क्त (प्रत्यय) = कवितम्।
अर्थ – बनाया गया काव्य।

(B) कृपा – धातु ‘‘कृ’’ (करना) + घञ् (प्रत्यय) = कृपा।
अर्थ – दया करना।

(C) गन्तव्यः – धातु ‘‘गम्’’ (जाना) + तव्यत् (प्रत्यय) = गन्तव्यः।
अर्थ – जहाँ जाना उचित है / जाना योग्य।

\[ \boxed{सही उदाहरण – गम् + तव्यत् = गन्तव्यः} \]


% Quicktip
\begin{quicktipbox
धातु से जब प्रत्यय जुड़ता है तो उससे अर्थपूर्ण शब्द का निर्माण होता है।
\end{quicktipbox Quick Tip: धातु से जब प्रत्यय जुड़ता है तो उससे अर्थपूर्ण शब्द का निर्माण होता है।


Question 54:

निम्नलिखित में से किसी एक शब्द में प्रत्यय लिखिए –
(A) गृहीत्वा
(B) कार्यम्
(C) दर्शनीयः

View Solution

(A) गृहीत्वा – धातु ‘‘ग्रह्’’ + क्त्वा (प्रत्यय) = गृहीत्वा।
अर्थ – ग्रहण करके।

(B) कार्यम् – धातु ‘‘कृ’’ + \underline{य (प्रत्यय) = कार्यम्।
अर्थ – करने योग्य।

(C) दर्शनीयः – धातु ‘‘दृश्’’ + \underline{णीय (प्रत्यय) = दर्शनीयः।
अर्थ – जिसे देखना उचित हो।

\[ \boxed{उदाहरण – दृश् + णीय = दर्शनीयः \]


% quicktip
\begin{quicktipbox
संस्कृत शब्दों में प्रत्यय जोड़ने से उनका अर्थ विशेष रूप से निर्धारित हो जाता है।
\end{quicktipbox Quick Tip: संस्कृत शब्दों में प्रत्यय जोड़ने से उनका अर्थ विशेष रूप से निर्धारित हो जाता है।


Question 55:

रेखांकित पदों में से किसी एक पद में प्रयुक्त विभक्ति तथा तत्सम्बन्धी नियम का उल्लेख कीजिए –

(A) कृष्णं पश्यति। \quad गावः चरन्ति।
(B) पाणिना लिखति। \quad अग्निं जुहोति।
(C) वृक्षात् फलानि पतन्ति।

Correct Answer:
View Solution

(A) कृष्णं पश्यति।
‘‘कृष्णं’’ शब्द द्वितीया विभक्ति (एकवचन) में है।
नियम – कर्तृकर्मणोर्द्वितीया – कर्ता और कर्म के लिए द्वितीया विभक्ति होती है।
\[ \boxed{कृष्णं = द्वितीया विभक्ति, कर्म कारक} \]


(B) पाणिना लिखति।
‘‘पाणिना’’ शब्द तृतीया विभक्ति (एकवचन) में है।
नियम – करण करणाय तृतीया – जिससे कार्य संपन्न होता है, उसके लिए तृतीया विभक्ति।
\[ \boxed{पाणिना = तृतीया विभक्ति, करण कारक} \]


(C) वृक्षात् फलानि पतन्ति।
‘‘वृक्षात्’’ शब्द पञ्चमी विभक्ति (एकवचन) में है।
नियम – अपादाने पञ्चमी – जहाँ से गमन होता है, उसके लिए पञ्चमी विभक्ति।
\[ \boxed{वृक्षात् = पञ्चमी विभक्ति, अपादान कारक} \]


% quicktip
\begin{quicktipbox
विभक्ति पहचानने के लिए हमेशा पद की समाप्ति (अन्त्याक्षर) और उसका कारक देखें।
\end{quicktipbox Quick Tip: विभक्ति पहचानने के लिए हमेशा पद की समाप्ति (अन्त्याक्षर) और उसका कारक देखें।


Question 56:

(क) असामाजिक तत्वों के प्रवेश से क्षेत्र में अशांति फैलने की आशंका को देखते हुए क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन को प्रार्थना पत्र लिखिए।

Correct Answer:
View Solution

N/A Quick Tip: पत्र लिखते समय विषय और निवेदन स्पष्ट व संक्षिप्त लिखना चाहिए।

Comments


No Comments To Show