UP Board Class 12 Hindi General Question Paper 2025 PDF (Code 302 HH) is available for download here. The Mathematics exam was conducted on February 24, 2025 in the Evening Shift from 2:00 PM to 5:15 PM. The total marks for the theory paper are 100. Students reported the paper to be easy to moderate.
UP Board Class 12 Hindi General Question Paper 2025 (Code 302 HH) with Solutions
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(क) निम्नलिखित में से कौन-सी रचना हिंदी गद्य की प्रारम्भिक रचनाओं में गिनी जाती है ?
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पद १: विकल्पों की विधा का विश्लेषण।
हिंदी गद्य के प्रारंभिक स्वरूप को समझने के लिए हमें इन रचनाओं की साहित्यिक विधा को देखना होगा। 'गोरखवाणी' नाथ सिद्धों के पदों और दोहों का संग्रह है, जो मुख्यतः पद्य में है। 'चर्यापद' (चर्चापद) सिद्धों के गीत हैं, जो अपभ्रंश में पद्य रूप में हैं। 'सत्यवती कथा' ईश्वरदास की एक प्रेमाख्यानक काव्य रचना है।
पद २: 'उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण' की विशिष्टता।
दिए गए विकल्पों में, दामोदर शर्मा द्वारा रचित 'उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण' (प्रश्न में 'अजित व्यक्ति प्रकरण' संभवतः एक टंकण त्रुटि है) 12वीं शताब्दी का एक व्याकरण ग्रंथ है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें उदाहरणों को समझाने के लिए पुरानी कोसली (अवधी) में गद्य का प्रयोग किया गया है। यह इसे तत्कालीन समय का एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण गद्य का नमूना बनाता है।
पद ३: निष्कर्ष।
क्योंकि अन्य विकल्प स्पष्ट रूप से पद्य-आधारित हैं, 'उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण' ही एकमात्र रचना है जो हिंदी गद्य के एक प्रारंभिक और प्रामाणिक उदाहरण के रूप में स्थापित है।
Final Answer: \[ \boxed{सही उत्तर (C) अजित व्यक्ति प्रकरण है।} \] Quick Tip: 'उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण' एक व्याकरण ग्रंथ होने के बावजूद अपने गद्य प्रयोग के कारण हिंदी गद्य के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
(ख) ‘हिंदी प्रदेश’ नामक मासिक पत्र किस साहित्यकार द्वारा निकाला जाता था ?
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पद १: महावीरप्रसाद द्विवेदी का पत्रकारिता में योगदान।
आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी को हिंदी पत्रकारिता का युग-प्रवर्तक माना जाता है। उन्होंने 'सरस्वती' पत्रिका का संपादन करके न केवल हिंदी भाषा का परिष्कार और मानकीकरण किया, बल्कि पूरे हिंदी भाषी क्षेत्र को साहित्यिक और वैचारिक रूप से एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया।
पद २: 'हिंदी प्रदेश' की अवधारणा का संबंध।
द्विवेदी जी के कार्यों का प्रभाव किसी एक शहर तक सीमित नहीं था; उन्होंने पूरे 'हिंदी प्रदेश' (हिंदी भाषी क्षेत्र) के लेखकों को प्रोत्साहित किया और एक राष्ट्रीय साहित्यिक चेतना का निर्माण किया। 'हिंदी प्रदेश' नामक पत्र का नामकरण इसी व्यापक दृष्टि का प्रतीक है, जिसका नेतृत्व स्वाभाविक रूप से द्विवेदी जी जैसे युग-निर्माता साहित्यकार से ही जुड़ता है।
पद ३: निष्कर्ष।
अतः, 'हिंदी प्रदेश' जैसे व्यापक दृष्टिकोण वाले पत्र का संबंध महावीरप्रसाद द्विवेदी से है, जिन्होंने अपने संपादकीय कार्यों से संपूर्ण हिंदी जगत को दिशा दी।
Final Answer: \[ \boxed{सही उत्तर (D) महावीरप्रसाद द्विवेदी है।} \] Quick Tip: महावीरप्रसाद द्विवेदी का 'सरस्वती' पत्रिका का संपादन (1903-1920) हिंदी साहित्य में 'द्विवेदी युग' के नाम से जाना जाता है।
(ग) ‘कलम का सिपाही’ के लेखक हैं –
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पद १: शीर्षक का अर्थ।
‘कलम का सिपाही’ शीर्षक का अर्थ है वह योद्धा जो अपनी लेखनी (कलम) से समाज में व्याप्त बुराइयों और अन्याय के विरुद्ध लड़ता है। यह उपाधि उपन्यास सम्राट प्रेमचन्द के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है, जिन्होंने अपने साहित्य को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनाया।
पद २: लेखक और विषय का संबंध।
यह जीवनी प्रेमचन्द के पुत्र अमृतराय ने लिखी है। उन्होंने इस कृति में अपने पिता के जीवन के संघर्षों, उनके विचारों और उनकी साहित्यिक यात्रा का अत्यंत आत्मीय और प्रामाणिक चित्रण किया है।
पद ३: निष्कर्ष।
इस प्रकार, ‘कलम का सिपाही’ प्रेमचन्द की जीवनी है, जिसे उनके पुत्र अमृतराय ने लिखकर साहित्य को एक अमूल्य धरोहर सौंपी।
Final Answer: \[ \boxed{सही उत्तर (C) अमृतराय है।} \] Quick Tip: प्रेमचन्द की एक और प्रसिद्ध जीवनी 'प्रेमचंद घर में' है, जिसे उनकी पत्नी शिवरानी देवी ने लिखा था।
(घ) ‘शेखर : एक जीवनी’ रचना की विधा है –
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पद १: शीर्षक और विधा का अंतर।
यद्यपि इस कृति के शीर्षक में 'जीवनी' शब्द का प्रयोग हुआ है, यह पाठकों को भ्रमित कर सकता है। 'जीवनी' किसी वास्तविक व्यक्ति का तथ्यात्मक जीवन-वृत्तांत होता है।
पद २: कृति की आंतरिक संरचना।
'शेखर : एक जीवनी' सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' द्वारा रचित एक मनोवैज्ञानिक रचना है। इसमें 'शेखर' नामक एक काल्पनिक पात्र के मनोलोक, उसके विद्रोह, खोज और विकास की कथा है। यह एक व्यक्ति के आंतरिक जीवन का गहन विश्लेषण है, जो उपन्यास की विधा के अंतर्गत आता है।
पद ३: निष्कर्ष।
लेखक ने 'जीवनी' शब्द का प्रयोग शैलीगत रूप से किया है ताकि पात्र के जीवन का समग्र और गहरा चित्रण किया जा सके। अपनी प्रकृति में यह एक उपन्यास है।
Final Answer: \[ \boxed{सही उत्तर (B) उपन्यास है।} \] Quick Tip: 'शेखर : एक जीवनी' को हिंदी साहित्य का पहला मनोविश्लेषणात्मक उपन्यास माना जाता है।
(ङ) निम्नलिखित में से ललित निबन्धकार हैं –
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Step 1: ललित निबंध की परिभाषा.
ललित निबंध हिंदी साहित्य की वह विधा है जिसमें व्यक्तिगत अनुभवों, भावनाओं और विचारों को कलात्मक और सरल शैली में व्यक्त किया जाता है।
Step 2: लेखक का योगदान.
कुबेरनाथ राय हिंदी के प्रमुख ललित निबंधकार माने जाते हैं। उनके निबंधों में साहित्य, संस्कृति और जीवन-दर्शन का सुंदर समन्वय मिलता है।
Step 3: अन्य विकल्पों का स्पष्टीकरण.
रामचन्द्र शुक्ल आलोचक थे, सरदार पूर्ण सिंह प्रेरणात्मक निबंध लिखते थे, और श्यामसुन्दर दास भाषाशास्त्री और आलोचक थे।
Step 4: निष्कर्ष.
अतः सही उत्तर है कुबेरनाथ राय।
Final Answer: \[ \boxed{The correct answer is (C) कुबेरनाथ राय.} \] Quick Tip: कुबेरनाथ राय को हिंदी का प्रमुख ललित निबंधकार माना जाता है।
Choose the correct option to answer the following questions:
(क) ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ की स्थापना कब हुई ?
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Step 1: पृष्ठभूमि.
हिंदी साहित्य में प्रगतिशील आंदोलन का आरंभ 20वीं शताब्दी के तीसरे दशक में हुआ। इसका उद्देश्य साहित्य को सामाजिक यथार्थ से जोड़ना था।
Step 2: संगठन की स्थापना.
प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना 1936 ई. में लखनऊ में हुई। इस सम्मेलन में प्रेमचन्द ने अध्यक्षीय भाषण दिया था।
Step 3: निष्कर्ष.
अतः सही उत्तर 1936 ई. है।
Final Answer: \[ \boxed{The correct answer is (B) 1936 ई.} \] Quick Tip: प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना 1936 ई. में हुई और इसका नारा था – ‘‘साहित्य समाज का दर्पण है’’।
पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए।
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N/A Quick Tip: जब प्रश्न में लेखक का नाम उपलब्ध न हो तो "अज्ञात" या "प्रश्नपत्र में निर्दिष्ट नहीं" लिखना उचित होता है।
राष्ट्र की कल्पना कब असंभव है?
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N/A Quick Tip: राष्ट्र की संकल्पना केवल भूमि नहीं बल्कि भूमि + जन = राष्ट्र पर आधारित है।
पृथ्वी और जन दोनों मिलकर क्या करते हैं?
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N/A Quick Tip: राष्ट्र की पूर्णता के लिए भूमि और जन दोनों का होना आवश्यक है।
पृथ्वी को मातृभूमि की संज्ञा कब मिलती है?
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N/A Quick Tip: भूमि केवल भूमि है, मनुष्य के कारण ही वह मातृभूमि कहलाती है।
रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए – ‘‘पृथ्वी माता है और जन सच्चे अर्थों में पृथ्वी का पुत्र है’’।
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N/A Quick Tip: रेखांकित अंश की व्याख्या करते समय उसमें छिपे प्रतीक और गूढ़ार्थ को स्पष्ट करना चाहिए।
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
% Passage
नए शब्द, नए मुहावरे एवं नई नीतियों के प्रयोगों से युक्त भाषा का व्यावहारिकता प्रधान रूप ही भाषा में आधुनिकता लाता है। दूसरे शब्दों में केवल आधुनिक युगीन विचारधाराओं के अनुरूप नए शब्दों के गढ़ने मात्र से ही भाषा का विकास नहीं होता, बल्कि नए पारिभाषिक शब्दों एवं नवीन शैली प्रणालियों को व्यवस्थित रूप से लाना ही भाषा को आधुनिकता प्रदान करता है।
(i) उद्धृत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
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N/A Quick Tip: सन्दर्भ लिखते समय यह बताना ज़रूरी है कि गद्यांश किस विषय या पाठ से लिया गया है।
रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
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N/A Quick Tip: रेखांकित अंश की व्याख्या में उसके वास्तविक और निहितार्थ दोनों स्पष्ट करने चाहिए।
भाषा में आधुनिकता कैसे लाई जा सकती है?
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N/A Quick Tip: भाषा का आधुनिकीकरण तभी संभव है जब उसमें समकालीन विचारधारा और पारिभाषिक शब्दावली का प्रयोग किया जाए।
किसके गढ़ने मात्र से भाषा का विकास नहीं होता है?
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N/A Quick Tip: केवल शब्द-सृजन से भाषा प्रगतिशील नहीं बनती; उसके प्रयोग और शैलीगत नवाचार से ही विकास होता है।
इस गद्यांश के माध्यम से लेखक ने किन बिन्दुओं पर प्रकाश डाला है?
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N/A Quick Tip: जब प्रश्न “किन बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया है” पूछा जाए, तो उत्तर बुलेट पॉइंट्स में लिखना सबसे प्रभावी होता है।
दिए गये पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
% Passage
\begin{quote
तुम मानहीन, तुम द्रवहीन
हे अघटनीय! तुम अघटनीय,
तुम शुद्ध बुद्ध आत्मा केवल,
हे विर पुराण! हे विर नवीन!
तुम पूर्ण ईकाई जीवन की
जिसमें असार भव–शून्य लीन,
आधार अमर, होगी जिस पर
भावी की संस्कृति समाहित।
\end{quote
(i) उद्धृत पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
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N/A Quick Tip: सन्दर्भ में यह लिखना चाहिए कि पद्यांश किस प्रसंग, विषय या व्यक्तित्व से लिया गया है।
रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए – ‘‘हे विर पुराण! हे विर नवीन!’’
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N/A Quick Tip: रेखांकित अंश की व्याख्या करते समय शाब्दिक अर्थ और भावार्थ दोनों को स्पष्ट करना आवश्यक होता है।
प्रस्तुत पद्यांश में कवि का आशय क्या है?
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N/A Quick Tip: आशय लिखते समय यह बताना चाहिए कि कवि किस मुख्य संदेश को देना चाहता है।
कौन अधिष्ठानों का श्रेष्ठ प्रतीक होता है?
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N/A Quick Tip: "अधिष्ठान" का अर्थ है आधार या मूलभूत तत्व। उत्तर में इसे स्पष्ट करना चाहिए।
गांधीजी का जीवन किसका आधार है?
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N/A Quick Tip: गांधीजी का जीवन मूल्य-आधारित समाज और संस्कृति के निर्माण की नींव है।
दिए गये पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
% Passage
\begin{quote
समर्पण लो सेवा का सार
सजल संस्कृति का यह पतवार;
आज से यह जीवन उत्सर्गी
इसी पतवार में विलीन विचार।
बनो संस्कृति के मूल रहस्य
तुम्हीं से फैलेगी वह बेल;
विश्वसम सौन्दर्य से भर जाय
सुमन के खेलने सुन्दर खेल।
\end{quote
(i) उद्धृत पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
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N/A Quick Tip: सन्दर्भ लिखते समय यह स्पष्ट करना चाहिए कि पद्यांश का विषय और संदेश क्या है।
रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए – ‘‘विश्वसम सौन्दर्य से भर जाय सुमन के खेलने सुन्दर खेल’’।
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N/A Quick Tip: रेखांकित अंश की व्याख्या में न केवल शाब्दिक अर्थ, बल्कि भावार्थ को भी स्पष्ट करना चाहिए।
यह किन दो पात्रों का संवाद है?
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N/A Quick Tip: "किन दो पात्रों का संवाद" वाले प्रश्नों में व्यक्तिपरक और प्रतीकात्मक पात्रों का उल्लेख करना चाहिए।
सृष्टि का क्रम कैसे बढ़ेगा?
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N/A Quick Tip: सृष्टि का विकास व्यक्तिगत स्वार्थ से नहीं, बल्कि सेवा और त्याग से होता है।
‘सजल संस्कृति’ का क्या अर्थ है?
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N/A Quick Tip: ‘सजल’ शब्द का प्रयोग यहाँ करुणा, संवेदना और प्रेमपूर्ण संस्कृति के लिए किया गया है।
हज़ारीप्रसाद द्विवेदी का साहित्यिक परिचय दीजिए और उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
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N/A Quick Tip: लेखक परिचय लिखते समय योगदान और प्रमुख रचनाएँ दोनों अवश्य लिखें।
पं. दीनदयाल उपाध्याय का साहित्यिक परिचय दीजिए और उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
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N/A Quick Tip: राजनीतिक विचारकों की रचनाओं में उनके जीवन-दर्शन और विचारधारा का प्रतिबिंब अवश्य लिखना चाहिए।
बाबूदेवराम अय्यवाल का साहित्यिक परिचय दीजिए और उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
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N/A Quick Tip: यदि किसी लेखक की सभी रचनाओं के नाम ज्ञात न हों, तो सामान्य साहित्यिक योगदान और उनका प्रभाव अवश्य लिखना चाहिए।
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरीओध’ का साहित्यिक परिचय दीजिए और उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए।
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N/A Quick Tip: हरीओध की कविताओं में राष्ट्रीयता और सांस्कृतिक गौरव झलकता है।
जयशंकर प्रसाद का साहित्यिक परिचय दीजिए और उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए।
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N/A Quick Tip: प्रसाद की रचनाओं में रहस्यवाद और करुणा का अद्भुत समन्वय है।
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ का साहित्यिक परिचय दीजिए और उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए।
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N/A Quick Tip: अज्ञेय की विशेषता है – गहन आत्मचेतना, प्रयोगधर्मिता और आधुनिक जीवन-दर्शन।
‘खून का रिश्ता’ अथवा ‘पंतलाइट’ कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए (अधिकतम शब्द-सीमा : 80 शब्द)।
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N/A Quick Tip: सारांश लिखते समय कहानी का मुख्य संदेश और भाव स्पष्ट होना चाहिए, विस्तार में नहीं जाना चाहिए।
‘बहादुर’ अथवा ‘लाठी’ कहानी के कथानक पर प्रकाश डालिए (अधिकतम शब्द-सीमा : 80 शब्द)।
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N/A Quick Tip: कथानक लिखते समय पात्रों और घटनाओं की श्रृंखला का संक्षिप्त उल्लेख करना चाहिए।
‘मुक्तिपथ’ खंडकाव्य की कथावस्तु लिखिए (अधिकतम शब्द-सीमा : 80 शब्द)।
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N/A Quick Tip: कथावस्तु लिखते समय मुख्य पात्र और उनके कार्यों का संक्षिप्त उल्लेख अवश्य करें।
‘मुक्तिपथ’ खंडकाव्य के आधार पर गांधीजी का चरित्र-चित्रण कीजिए (अधिकतम शब्द-सीमा : 80 शब्द)।
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N/A Quick Tip: चरित्र-चित्रण लिखते समय व्यक्तित्व के गुण, जीवन मूल्य और समाज पर प्रभाव का उल्लेख करना चाहिए।
‘राश्मिरेखा’ खंडकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए।
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N/A Quick Tip: चरित्र-चित्रण लिखते समय नायक के गुण, जीवन मूल्य और समाज पर प्रभाव को स्पष्ट करना चाहिए।
‘राश्मिरेखा’ खंडकाव्य की कथावस्तु को संक्षेप में लिखिए।
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N/A Quick Tip: कथावस्तु लिखते समय कहानी/काव्य का सारांश संक्षिप्त और स्पष्ट रूप से लिखना चाहिए।
‘आलोकवृंत’ खंडकाव्य के नायक की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
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N/A Quick Tip: चरित्र-चित्रण में नायक के गुण, व्यक्तित्व और समाज पर प्रभाव का संक्षिप्त विवरण दें।
‘आलोकवृंत’ खंडकाव्य की कथावस्तु को अपने शब्दों में वर्णित कीजिए।
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N/A Quick Tip: कथावस्तु लिखते समय केवल मुख्य भाव और संदेश का संक्षेप में वर्णन करना चाहिए।
‘त्यागपथी’ खंडकाव्य के आधार पर राजमंत्री का चरित्र-चित्रण कीजिए।
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N/A Quick Tip: चरित्र-चित्रण में व्यक्ति के गुण, दोष और योगदान को संक्षेप में लिखना चाहिए।
‘त्यागपथी’ खंडकाव्य के चतुर्थ सर्ग का कथानक लिखिए।
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N/A Quick Tip: कथानक लिखते समय घटनाओं की संक्षिप्त रूपरेखा और मुख्य संदेश को अवश्य लिखें।
‘श्रवणकुमार’ खंडकाव्य के आधार पर दशरथ का चरित्रांकन कीजिए।
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N/A Quick Tip: चरित्रांकन लिखते समय व्यक्ति की विशेषताएँ और उसके जीवन से मिलने वाली शिक्षा अवश्य जोड़ें।
‘श्रवणकुमार’ खंडकाव्य के ‘संदेशा सर्ग’ की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।
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N/A Quick Tip: कथावस्तु का वर्णन करते समय मुख्य घटना और उसका भाव स्पष्ट होना चाहिए।
‘सत्य की जीत’ खंडकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।
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N/A Quick Tip: कथावस्तु लिखते समय मुख्य घटनाओं और संदेश को संक्षेप में स्पष्ट करना चाहिए।
‘सत्य की जीत’ खंडकाव्य के आधार पर द्रौपदी का चरित्र-चित्रण कीजिए।
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N/A Quick Tip: चरित्र-चित्रण लिखते समय नायक/नायिका की विशेषताओं और उनसे मिलने वाले संदेश पर ध्यान देना चाहिए।
दिए गये संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का सरल एवं सुबोध हिंदी में अनुवाद कीजिए।
% Passage 1
अर्थात्: शकुनिः — सर्वेषां मद्यपानाद्यधर्मेषु प्रवृत्ताः अत्राज्ञाः। ततः एकः काकः उक्तवान् — ‘यदि तावत्, अस्य राजा दायित्वं राज्याभिषेकार्थं योग्यं रूपं धत्ते, कुरुकुलं च कीर्तिषु भविष्यति।’ अतः हि कुन्दने अनवलोकिता। एवं नकुलस्त्रतो ग्रीवाविलसितः इति तत् चक्षुष्यम्। इत्युक्त्वा राजा मध्ये न रोचते इत्यादि।
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N/A Quick Tip: अनुवाद करते समय संस्कृत शब्दों का शाब्दिक अर्थ देने के बजाय भावानुसार सरल हिंदी लिखनी चाहिए।
दिए गये संस्कृत गद्यांश का हिंदी में अनुवाद कीजिए –
% Passage 2
याज्ञवल्क्य उवाच — न वा अरे मैत्रेयी पतिः कामाय पतिः प्रियो भवति। आत्मनस्तु कामाय पतिः प्रियो भवति। न वा अरे, जायाया कामाय जाया प्रिया भवति, आत्मनस्तु वै जाया प्रिया भवति। न वा अरे, पुत्रस्य कामाय पुत्रः प्रियः भवति, आत्मनस्तु कामाय पुत्रः प्रियः भवति। न वा अरे, सर्वस्य कामाय सर्वं प्रियम् भवति, आत्मनस्तु वै कामाय सर्वं प्रियम् भवति।
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N/A Quick Tip: इस प्रकार के गद्यांशों में दार्शनिक भाव को समझकर ही हिंदी अनुवाद करना चाहिए।
दिए गये श्लोकों में से किसी एक का सरल एवं समसामयिक हिंदी में अनुवाद कीजिए।
% Passage 1
सहसा विदधीत न क्रियामविवेकः परामादाय पद्मम्।
वृणुते हि विपत्तिकारीणां गुणलुब्धाः हि स्वयं एव संपदः।।
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N/A Quick Tip: अनुवाद करते समय श्लोक का निहित संदेश स्पष्ट लिखना चाहिए।
दिए गये श्लोक का हिंदी में अनुवाद कीजिए –
% Passage 2
वज्रादपि कठोराणि मृदूनि कुसुमादपि।
लोकवृत्तानि चैतानि को न विज्ञातुमर्हति।।
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N/A Quick Tip: श्लोकों के अनुवाद में तुलना और उपमा का भाव स्पष्ट करना चाहिए।
मुहावरा: हवा में तलवार चलाना
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N/A Quick Tip: मुहावरे का प्रयोग वाक्य में करते समय उसका भावार्थ स्पष्ट होना चाहिए।
मुहावरा: अपने मुंह मिठू बनना
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N/A Quick Tip: मुहावरे को हमेशा सही भाव और सन्दर्भ में प्रयोग करें।
मुहावरा: मिट्टी में मिलाना
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N/A Quick Tip: मुहावरे का प्रयोग वस्तुओं या योजनाओं की बर्बादी को दर्शाने के लिए किया जाता है।
मुहावरा: नौ दो ग्यारह होना
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N/A Quick Tip: इस मुहावरे का प्रयोग व्यक्ति या वस्तु के अचानक गायब होने के लिए किया जाता है।
‘अविराम – अभिराम’ शब्द-युग्म का सही अर्थ चुनकर लिखिए।
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N/A Quick Tip: शब्द-युग्म में अक्सर ध्वनि समानता होती है, लेकिन अर्थ अलग-अलग होते हैं।
‘विहग – विहंग’ शब्द-युग्म का सही अर्थ चुनकर लिखिए।
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N/A Quick Tip: शब्द-युग्म में एक ही धातु या मूल से निकले शब्दों के अर्थों का भेद याद रखना चाहिए।
निम्नलिखित शब्दों में से किसी एक शब्द के दो अर्थ लिखिए:
(i) पूत
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N/A Quick Tip: अनेक हिंदी शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं जिन्हें संदर्भानुसार प्रयोग किया जाता है।
(ii) कनक
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N/A Quick Tip: समान शब्द के भिन्न अर्थ याद रखने से भाषा-ज्ञान मजबूत होता है।
(iii) अम्बर
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N/A Quick Tip: ‘अम्बर’ शब्द का प्रयोग साहित्य में विशेषकर आकाश के लिए होता है।
(iv) जलद
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N/A Quick Tip: जलद शब्द का शाब्दिक अर्थ है "जो जल देता है", अतः यह बादल और हाथी दोनों के लिए प्रयुक्त होता है।
"बिना वेतन लिए काम करने वाले" के लिए सही शब्द का चयन कीजिए –
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N/A Quick Tip: शब्दों के उपसर्ग (स, अ, नि आदि) से उनके अर्थ में बड़ा अंतर आ जाता है।
"प्रिय बोलने वाली" के लिए सही शब्द का चयन कीजिए –
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N/A Quick Tip: समास और तद्धित प्रत्यय वाले शब्दों को पहचानने से सही विकल्प चुनना आसान हो जाता है।
निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए:
(i) शिवानी एक विद्वान् लेखिका थी।
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N/A
(ii) सीता घर जाता है।
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N/A
(iii) पुस्तक मेज में रखी है।
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N/A
(iv) गोष्ठी में अनेकौं विद्वानों के भाषण हुए।
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N/A Quick Tip: वाक्य शुद्ध करते समय लिंग, वचन और कारक की त्रुटियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
अभीत गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
% Passage
आवरण का विकास जीवन का परम उद्देश्य है। आवरण के विकास के लिए मानव प्रकार की सामग्रियों का, जो संसार सम्पूर्ण शारीरिक, प्राकृतिक, मानसिक और आध्यात्मिक जीवन में वर्तमान हैं, उन सबका आवरण के विकास के साधनों के संबंध में विचार करना होगा। आवरण के विकास के लिए जितने कर्म हैं, उन सबको आवरण के संप्रकटक धर्म के अंग मानना पड़ेगा। चाहे कोई कितना ही बड़ा महामानव क्यों न हो, वह निश्चितरूप से यह नहीं कह सकता कि यही ठीक मार्ग है, और किसी तरह नहीं। आवरण की प्राप्ति के लिए वह सबको एक पथ नहीं बता सकता।
% Question (क)
जीवन का परम उद्देश्य क्या है?
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N/A Quick Tip: गद्यांश आधारित प्रश्नों में उत्तर सीधे गद्यांश के भाव से लेना चाहिए।
अभीत गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
% Passage
कर्म में आनंद अनुभव करने वालों का नाम ही कर्मवीर है। धर्म और उदारता उच्च कर्मों के विधान में ही एक ऐसा दिव्य आनंद भरा रहता है कि कर्ता को वे ही फलस्वरूप लगते हैं। अन्याय का दमन और स्नेह का साम्राज्य करते हुए जिनमें जो उल्लास और तृप्ति होती है, वही लोकसेवकारी कर्मवीर का सच्चा सुख है।
% Question (क)
कर्मवीर किसे कहा जाता है?
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N/A Quick Tip: ‘कर्मवीर’ का उत्तर हमेशा सेवा, न्याय और आनंद से जोड़कर लिखें।
‘हास्य रस’ अथवा ‘वीर रस’ का स्थायी भाव के साथ उदाहरण अथवा परिभाषा लिखिए।
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N/A Quick Tip: रस का स्थायी भाव वही होता है, जो काव्य या नाट्य में बार-बार प्रकट होकर रस का रूप लेता है।
‘प्रश्नोक्ति’ अथवा ‘उत्प्रेक्षा’ अलंकार का लक्षण एवं उदाहरण लिखिए।
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N/A Quick Tip: अलंकार काव्य की शोभा बढ़ाते हैं और भावों को अधिक प्रभावी बनाते हैं।
‘दोहा’ अथवा ‘चौपाई’ छंद का लक्षण तथा उदाहरण लिखिए।
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N/A Quick Tip: छंद हिंदी कविता की आत्मा हैं, इसलिए उनके मात्रिक नियमों को याद रखना ज़रूरी है।
अपने नगर में संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के संबंध में स्थानीय निकाय के अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
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N/A Quick Tip: पत्र लिखते समय औपचारिक शैली का प्रयोग करें और विषय स्पष्ट रखें।
स्व-रोजगार प्रारंभ करने हेतु ऋण-प्राप्ति के लिए निकटस्थ बैंक के शाखा-प्रबंधक को एक आवेदन-पत्र लिखिए।
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N/A Quick Tip: आवेदन-पत्र लिखते समय उद्देश्य स्पष्ट रखें और भाषा संक्षिप्त व विनम्र होनी चाहिए।



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