Bihar Board Class 10 Hindi (MT) Question Paper 2025 (Code 201 Set-C) Available- Download Here with Solution PDF

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Shivam Yadav

Educational Content Expert | Updated on - Sep 23, 2025

Bihar Board Class 10 Hindi (MT) Question Paper 2025 PDF (Code 201 Set-C) is available for download here. The Hindi exam was conducted on February 17, 2025 in the Morning Shift from 9:30 AM to 12:15 PM and in the Evening Shift from 2:00 PM to 5:15 PM. The total marks for the theory paper are 100. Students reported the paper to be easy to moderate.

Bihar Board Class 10 Hindi (MT) Question Paper 2025 (Code 201 Set-C) with Solutions

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Bihar Board Class 10 Hindi Question Paper with Solutions

Question 1:

रामधारी सिंह 'दिनकर' किस वाद के प्रमुख कवि हैं ?

  • (A) प्रयोगवाद
  • (B) कैप्सूलवाद
  • (C) उत्तर छायावाद
  • (D) नकेनवाद
Correct Answer: (C) उत्तर छायावाद
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी साहित्य के आधुनिक काल के विभिन्न काव्य-आंदोलनों और उनमें रामधारी सिंह 'दिनकर' के स्थान से संबंधित है।

'वाद' का अर्थ एक विशेष साहित्यिक विचारधारा या आंदोलन से है, जैसे छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद आदि।




Step 2: Detailed Explanation:

रामधारी सिंह 'दिनकर' को मुख्य रूप से 'उत्तर छायावाद' काल का कवि माना जाता है।

उत्तर छायावाद वह काल है जो छायावाद के बाद आया। इस काल के कवियों की रचनाओं में छायावादी व्यक्तिनिष्ठता के साथ-साथ राष्ट्रीय और सामाजिक चेतना का भी स्वर था।

दिनकर जी की कविताओं में एक ओर 'उर्वशी' जैसी रचनाओं में छायावादी सौंदर्य-बोध और प्रेम की अभिव्यक्ति है, तो दूसरी ओर 'कुरुक्षेत्र' और 'रश्मिरथी' जैसी रचनाओं में तीव्र राष्ट्रीयता, ओज और सामाजिक यथार्थ का चित्रण है।

इस दोहरी प्रवृत्ति के कारण उन्हें उत्तर छायावादी धारा का प्रतिनिधि कवि माना जाता है। उन्हें प्रगतिवादी चेतना का कवि भी कहा जाता है, लेकिन उनका मूल कालखंड उत्तर छायावाद है।
Quick Tip: हिंदी साहित्य के प्रमुख 'वाद' (जैसे- भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद) और उनके प्रमुख कवियों की सूची बनाकर याद करें। इससे आपको कवियों को उनके सही कालखंड से जोड़ने में आसानी होगी।


Question 2:

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' ने कितने कवियों का चयन कर 'तार सप्तक' को पेश किया ?

  • (A) तीन
  • (B) चार
  • (C) सात
  • (D) नौ
Correct Answer: (C) सात
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी साहित्य में 'प्रयोगवाद' के आरंभ से जुड़े महत्वपूर्ण संकलन 'तार सप्तक' के बारे में है।

'तार सप्तक' का संपादन सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' ने किया था और यह हिंदी कविता में एक नए युग का सूत्रपात माना जाता है।




Step 2: Detailed Explanation:

'तार सप्तक' का प्रकाशन 1943 में हुआ था।

'सप्तक' शब्द का अर्थ ही 'सात का समूह' होता है।

अज्ञेय जी ने इस संकलन के लिए सात कवियों का चयन किया था, जिनकी कविताएँ पारंपरिक शैली से अलग थीं और उनमें नए भावों, नई भाषा और नए शिल्पों का प्रयोग था।

ये सात कवि थे - गजानन माधव मुक्तिबोध, नेमिचंद्र जैन, भारतभूषण अग्रवाल, प्रभाकर माचवे, गिरिजाकुमार माथुर, रामविलास शर्मा और स्वयं अज्ञेय।

अज्ञेय ने इसके बाद 'दूसरा सप्तक', 'तीसरा सप्तक' और 'चौथा सप्तक' का भी संपादन किया, और प्रत्येक में सात-सात कवि ही शामिल थे।
Quick Tip: 'तार सप्तक' को प्रयोगवाद का प्रस्थान बिंदु माना जाता है। याद रखें कि 'सप्तक' का अर्थ ही 'सात' है, जिससे आपको कवियों की संख्या याद रखने में मदद मिलेगी।


Question 3:

वीरेन डंगवाल की किस कृति पर 'रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार' प्राप्त हुआ ?

  • (A) दुष्चक्र में स्रष्टा
  • (B) इसी दुनिया में
  • (C) अमृत प्रभात
  • (D) घूमता आईना
Correct Answer: (B) इसी दुनिया में
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न समकालीन हिंदी कविता के प्रमुख कवि वीरेन डंगवाल और उन्हें मिले साहित्यिक पुरस्कारों से संबंधित है।

प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर प्रसिद्ध लेखकों और उनकी पुरस्कृत रचनाओं के बारे में पूछा जाता है।




Step 2: Detailed Explanation:

वीरेन डंगवाल को उनके पहले कविता संग्रह 'इसी दुनिया में' (1991) के लिए प्रतिष्ठित 'रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।

उनके दूसरे कविता संग्रह 'दुष्चक्र में स्रष्टा' के लिए उन्हें 2004 में भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' मिला था।

प्रश्न में विशेष रूप से 'रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार' के बारे में पूछा गया है, इसलिए सही उत्तर 'इसी दुनिया में' है।
Quick Tip: प्रसिद्ध लेखकों की पुरस्कृत कृतियों की एक सूची बनाएँ। विशेष रूप से साहित्य अकादमी, ज्ञानपीठ, व्यास सम्मान और अन्य महत्वपूर्ण पुरस्कारों पर ध्यान दें। यह भी ध्यान रखें कि किस कृति के लिए कौनसा पुरस्कार मिला।


Question 4:

'रश्क' शब्द का अर्थ है

  • (A) प्रेम
  • (B) ईर्ष्या
  • (C) संबंध
  • (D) आदर
Correct Answer: (B) ईर्ष्या
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न शब्द ज्ञान से संबंधित है। इसमें उर्दू भाषा से हिंदी में आए एक प्रचलित शब्द 'रश्क' का अर्थ पूछा गया है।




Step 2: Detailed Explanation:

'रश्क' एक उर्दू शब्द है जिसका सीधा अर्थ 'ईर्ष्या' या 'जलन' होता है।

हालांकि, इसका प्रयोग अक्सर सकारात्मक या प्रशंसनीय ईर्ष्या के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, जब कोई कहता है "मुझे तुम्हारी कामयाबी पर रश्क हो रहा है," तो उसका मतलब होता है कि वह आपकी कामयाबी की प्रशंसा कर रहा है और वैसी ही कामयाबी अपने लिए भी चाहता है।

दिए गए विकल्पों में से 'ईर्ष्या' सबसे निकटतम और सटीक अर्थ है।

'प्रेम', 'संबंध' और 'आदर' इसके अर्थ नहीं हैं।
Quick Tip: हिंदी में उर्दू और फारसी के कई शब्द प्रयोग होते हैं। समाचार पत्र, पत्रिकाएँ और अच्छी साहित्यिक पुस्तकें पढ़ने से आपका शब्द भंडार मजबूत होता है।


Question 5:

सींग का बना वाद्ययंत्र क्या कहलाता है ?

  • (A) मृदंग
  • (B) श्रृंगी
  • (C) करताल
  • (D) झाल
Correct Answer: (B) श्रृंगी
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न विभिन्न प्रकार के वाद्ययंत्रों और उनके नामों से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

आइए दिए गए विकल्पों का विश्लेषण करें:

(A) मृदंग: यह एक ताल वाद्य (percussion instrument) है, जो मिट्टी या लकड़ी से बना होता है और दोनों तरफ चमड़ा मढ़ा होता है।

(B) श्रृंगी: यह शब्द 'श्रृंग' से बना है, जिसका संस्कृत में अर्थ 'सींग' होता है। श्रृंगी एक सुषिर वाद्य (wind instrument) है जिसे जानवर के सींग से बनाया जाता है। इसे फूँककर बजाया जाता है।

(C) करताल: यह एक घन वाद्य (idiophonic instrument) है जिसमें लकड़ी के दो टुकड़े होते हैं जिन्हें हाथ से टकराकर ताल दी जाती है।

(D) झाल: यह भी एक घन वाद्य है, जो धातु (आमतौर पर पीतल) की बनी दो तश्तरियों का जोड़ा होता है, जिन्हें आपस में टकराकर बजाया जाता है।

अतः, सींग से बना वाद्ययंत्र 'श्रृंगी' कहलाता है।
Quick Tip: वाद्ययंत्रों को उनकी श्रेणी के अनुसार याद करें - सुषिर (फूँककर बजाने वाले), तत् (तार वाले), अवनद्ध (चमड़े वाले) और घन (ठोस, जिन्हें टकराकर बजाया जाता है)।


Question 6:

'परसौ' शब्द का अर्थ है

  • (A) रस बरसाओ
    (B) स्पर्श करो
  • (C) कल के बाद आना
  • (D) खाना परोसना
Correct Answer: (C) कल के बाद आना
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी के आम बोलचाल के शब्द 'परसों' के अर्थ से संबंधित है। प्रश्न में 'परसौ' लिखा है जो संभवतः 'परसों' की वर्तनी की अशुद्धि है।




Step 2: Detailed Explanation:

हिंदी में 'परसों' शब्द का प्रयोग दो संदर्भों में होता है:

1. आने वाले कल के बाद का दिन (the day after tomorrow).

2. बीते हुए कल से पहले का दिन (the day before yesterday).

दिए गए विकल्पों में, '(C) कल के बाद आना' पहले अर्थ (the day after tomorrow) को स्पष्ट करता है।

अन्य विकल्प (रस बरसाओ, स्पर्श करो, खाना परोसना) पूरी तरह से अप्रासंगिक हैं।
Quick Tip: हिंदी में समय बताने वाले शब्दों जैसे आज, कल, परसों, नरसों (कल के दो दिन बाद) आदि के अर्थ और प्रयोग को अच्छी तरह समझ लें।


Question 7:

विराग होने पर कवि घनानंद कहाँ चले गये ?

  • (A) अयोध्या
  • (B) काशी
  • (C) इलाहाबाद
  • (D) वृंदावन
Correct Answer: (D) वृंदावन
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी साहित्य के रीतिकाल की रीतिमुक्त धारा के प्रमुख कवि घनानंद के जीवन से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

घनानंद मुगल बादशाह मुहम्मद शाह 'रंगीला' के दरबार में मीर मुंशी थे। वे सुजान नामक एक नर्तकी से प्रेम करते थे।

एक बार दरबार में अपमानित होने और सुजान द्वारा उनके साथ जाने से इंकार करने पर, उन्हें संसार से वैराग्य हो गया।

विराग होने के बाद वे दिल्ली छोड़कर वृंदावन चले गए।

वृंदावन में वे निम्बार्क संप्रदाय में दीक्षित हो गए और अपना शेष जीवन कृष्ण भक्ति और काव्य रचना में बिताया। उनकी कविताओं में लौकिक प्रेम (सुजान के प्रति) और अलौकिक प्रेम (कृष्ण के प्रति) का अद्भुत मिश्रण मिलता है।
Quick Tip: रीतिकाल के प्रमुख कवियों (जैसे केशवदास, बिहारी, भूषण, घनानंद) के जीवन की मुख्य घटनाओं, उनके आश्रयदाता राजाओं और उनकी प्रमुख रचनाओं को याद रखें।


Question 8:

कवि सुमित्रानंदन पंत समाजवाद से किस दर्शन की ओर प्रवृत्त हुए ?

  • (A) जैन दर्शन
  • (B) अरविन्द दर्शन
  • (C) चैतन्य दर्शन
  • (D) सांख्य दर्शन
Correct Answer: (B) अरविन्द दर्शन
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न छायावाद के प्रमुख स्तंभों में से एक, सुमित्रानंदन पंत के वैचारिक विकास और दार्शनिक झुकाव से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

सुमित्रानंदन पंत के काव्य जीवन में कई वैचारिक मोड़ आए:

1. प्रारंभिक चरण (छायावादी): इस चरण में उनकी कविताओं पर प्रकृति प्रेम और कल्पना की प्रधानता थी ('वीणा', 'पल्लव')।

2. प्रगतिवादी/समाजवादी चरण: इस दौर में वे मार्क्सवादी विचारधारा से प्रभावित हुए और उन्होंने सामाजिक यथार्थ पर कविताएँ लिखीं ('युगांत', 'युगवाणी', 'ग्राम्या')।

3. अंतिम चरण (आध्यात्मिक): अपने जीवन के अंतिम दौर में, पंत जी समाजवाद से आगे बढ़कर श्री अरविंद (Aurobindo) के 'समग्र मानवतावाद' या 'चेतनावाद' दर्शन से बहुत प्रभावित हुए। उनकी बाद की रचनाओं जैसे 'स्वर्णकिरण', 'स्वर्णधूलि' और 'लोकायतन' पर अरविंद दर्शन का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।

अतः, वे समाजवाद से अरविंद दर्शन की ओर प्रवृत्त हुए।
Quick Tip: प्रमुख कवियों के साहित्यिक जीवन के विभिन्न चरणों और उन पर पड़े दार्शनिक प्रभावों को समझना महत्वपूर्ण है। पंत के मामले में, क्रम है: छायावाद -> समाजवाद -> अरविंद दर्शन।


Question 9:

'साफा' क्या है ?

  • (A) छोटा कुरता जिसे संगीतज्ञ पहनते हैं
  • (B) बैठने के लिए आरामदायक गद्दा
  • (C) साफ लंबा वस्त्र जिसे नर्तक कंधे से लेकर कमर तक लपेट लेता है
  • (D) साफ करने की एक विधि
Correct Answer: (C) साफ लंबा वस्त्र जिसे नर्तक कंधे से लेकर कमर तक लपेट लेता है
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न 'साफा' शब्द के अर्थ और उसकी पहचान से संबंधित है, जो एक प्रकार का परिधान है।




Step 2: Detailed Explanation:

'साफा' का सबसे प्रचलित अर्थ सिर पर बाँधी जाने वाली पगड़ी है, जो विशेष रूप से राजस्थान और पंजाब में पहनी जाती है। यह सम्मान और गौरव का प्रतीक है।

दिए गए विकल्पों में से कोई भी इस अर्थ को सीधे तौर पर व्यक्त नहीं करता है। यह एक त्रुटिपूर्ण प्रश्न हो सकता है।

हालांकि, यदि हमें सबसे निकटतम विकल्प चुनना हो, तो हम विकल्पों का विश्लेषण करते हैं:

(A) और (B) स्पष्ट रूप से गलत हैं।

(D) भी गलत है, 'साफा' साफ करने की विधि नहीं है।

(C) में 'लंबा वस्त्र' का उल्लेख है, जो साफा (पगड़ी) की एक विशेषता है क्योंकि वह भी एक लंबा कपड़ा होता है। यद्यपि इसका वर्णन 'कंधे से कमर तक' गलत है, लेकिन 'लंबा वस्त्र' और 'नर्तक' (जो अक्सर पारंपरिक वेशभूषा पहनते हैं) का संदर्भ इसे अन्य विकल्पों की तुलना में थोड़ा प्रासंगिक बनाता है।

परीक्षा के संदर्भ में, अक्सर ऐसे प्रश्नों में सबसे कम गलत विकल्प को चुनना पड़ता है। दिए गए विकल्पों में, (C) में 'साफा' के एक तत्व (लंबा वस्त्र) का उल्लेख है, इसलिए इसे उत्तर माना जा सकता है।
Quick Tip: कुछ प्रश्नों में विकल्प सटीक नहीं हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में, उन्मूलन विधि (method of elimination) का प्रयोग करें और उस विकल्प को चुनें जो प्रश्न के किसी भी हिस्से से सबसे अधिक मेल खाता हो।


Question 10:

'आदिम' शब्द का अर्थ है

  • (A) नया
  • (B) अतिप्राचीन
  • (C) पर्याप्त
  • (D) अपर्याप्त
Correct Answer: (B) अतिप्राचीन
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी शब्द भंडार से है, जिसमें 'आदिम' शब्द का पर्यायवाची या अर्थ पूछा गया है।




Step 2: Detailed Explanation:

'आदिम' शब्द 'आदि' से बना है। 'आदि' का अर्थ है - प्रारंभ, शुरुआत, या पहला।

इसलिए, 'आदिम' का अर्थ होता है - जो प्रारंभ से संबंधित हो, बहुत पुराना, मौलिक, या प्रारंभिक अवस्था का।

दिए गए विकल्पों में:

(A) नया: यह 'आदिम' का विलोम है।

(B) अतिप्राचीन: इसका अर्थ है 'बहुत पुराना', जो 'आदिम' का सही अर्थ है।

(C) पर्याप्त: इसका अर्थ है 'काफी' (sufficient)।

(D) अपर्याप्त: इसका अर्थ है 'नाकाफी' (insufficient)।

अतः, सही उत्तर 'अतिप्राचीन' है।
Quick Tip: शब्दों के मूल (root word) को पहचानने की कोशिश करें। इससे आपको उनके अर्थ का अनुमान लगाने में मदद मिलती है, जैसे 'आदिम' में मूल शब्द 'आदि' है।


Question 11:

'राघव बहुत तेज लड़का है' - यह किस विशेषण का उदाहरण है?

  • (A) तुलनात्मक विशेषण
  • (B) सार्वनामिक विशेषण
  • (C) संख्यावाचक विशेषण
  • (D) प्रविशेषण
Correct Answer: (D) प्रविशेषण
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी व्याकरण में विशेषण के एक विशिष्ट भेद 'प्रविशेषण' की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

आइए वाक्य का विश्लेषण करें: 'राघव बहुत तेज लड़का है'।


संज्ञा: राघव, लड़का
विशेषण: तेज (यह 'लड़का' संज्ञा की विशेषता बता रहा है)
प्रविशेषण: बहुत

यहाँ 'तेज' शब्द विशेषण है क्योंकि यह संज्ञा 'लड़का' की विशेषता बता रहा है।

'बहुत' शब्द विशेषण 'तेज' की भी विशेषता बता रहा है (कितना तेज? - बहुत तेज)।

व्याकरण में, जो शब्द विशेषण की विशेषता बताते हैं, उन्हें प्रविशेषण (Adverb of Degree) कहते हैं।

चूँकि इस वाक्य में 'प्रविशेषण' ('बहुत') का प्रयोग हुआ है, इसलिए यह वाक्य प्रविशेषण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

अन्य विकल्प:

(A) तुलनात्मक विशेषण: इसमें दो या अधिक संज्ञाओं की तुलना होती है (जैसे - राघव, मोहन से तेज है)।

(B) सार्वनामिक विशेषण: जब सर्वनाम शब्द संज्ञा से पहले आकर विशेषण का काम करे (जैसे - वह लड़का)।

(C) संख्यावाचक विशेषण: जो संख्या बताए (जैसे - चार लड़के)।
Quick Tip: याद रखें: जो संज्ञा/सर्वनाम की विशेषता बताए वह 'विशेषण' है, और जो विशेषण की भी विशेषता बताए वह 'प्रविशेषण' है। 'बहुत', 'कम', 'अत्यंत', 'बड़ा' आदि सामान्य प्रविशेषण हैं।


Question 12:

'धनी व्यक्ति' - यह किस विशेषण का उदाहरण है ?

  • (A) गुणवाचक
  • (B) संख्यावाचक
  • (C) परिमाणवाचक
  • (D) सार्वनामिक विशेषण
Correct Answer: (A) गुणवाचक
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी व्याकरण में विशेषण के भेदों की पहचान से संबंधित है। विशेषण वह शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है।




Step 2: Detailed Explanation:

वाक्यांश 'धनी व्यक्ति' में:


संज्ञा: व्यक्ति
विशेषण: धनी

यहाँ 'धनी' शब्द 'व्यक्ति' संज्ञा के गुण (अवस्था) को बता रहा है।

जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रंग, रूप, आकार, अवस्था आदि का बोध कराते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।

अन्य विकल्प:


संख्यावाचक: यह संख्या का बोध कराता है (जैसे - 'दो व्यक्ति')।
परिमाणवाचक: यह मात्रा या नाप-तौल का बोध कराता है (जैसे - 'दो किलो आटा')।
सार्वनामिक: जब सर्वनाम शब्द संज्ञा से पहले आकर विशेषण का काम करे (जैसे - 'वह व्यक्ति')।

अतः, 'धनी' एक गुणवाचक विशेषण है।
Quick Tip: विशेषण की पहचान के लिए संज्ञा से 'कैसा?', 'कैसी?', 'कैसे?' प्रश्न पूछें। जैसे - 'कैसा व्यक्ति?' उत्तर मिलेगा 'धनी'। यदि उत्तर गुण, दोष, अवस्था आदि में हो, तो वह गुणवाचक विशेषण होता है।


Question 13:

'उसने हरीश को मारा था' - यह किस भूतकाल का उदाहरण है ?

  • (A) सामान्य भूतकाल
  • (B) आसन्न भूतकाल
  • (C) पूर्ण भूतकाल
  • (D) अपूर्ण भूतकाल
Correct Answer: (C) पूर्ण भूतकाल
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी व्याकरण में काल, विशेष रूप से भूतकाल के भेदों की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

वाक्य 'उसने हरीश को मारा था' से यह ज्ञात होता है कि क्रिया (मारने का कार्य) भूतकाल में ही पूरी हो चुकी थी।

पूर्ण भूतकाल (Past Perfect Tense) क्रिया के उस रूप को कहते हैं जिससे यह पता चलता है कि कार्य भूतकाल में बहुत पहले ही समाप्त हो गया था। इसकी पहचान क्रिया के धातु रूप के साथ 'आ था', 'ई थी', 'ए थे', 'चुका था', 'चुकी थी', 'चुके थे' आदि लगने से होती है।

अन्य विकल्प:


सामान्य भूतकाल: उसने हरीश को मारा। (क्रिया भूतकाल में हुई, पर समय निश्चित नहीं)
आसन्न भूतकाल: उसने हरीश को मारा है। (क्रिया अभी-अभी समाप्त हुई है)
अपूर्ण भूतकाल: वह हरीश को मार रहा था। (क्रिया भूतकाल में जारी थी)

दिए गए वाक्य में 'मारा था' का प्रयोग हुआ है, जो पूर्ण भूतकाल को दर्शाता है।
Quick Tip: भूतकाल के भेदों को पहचानने के लिए क्रिया के अंत में लगे सहायक क्रिया (था, है, रहा था) पर ध्यान दें। 'था' का प्रयोग यह बताता है कि क्रिया को समाप्त हुए काफी समय हो गया है, जो पूर्ण भूतकाल का संकेत है।


Question 14:

निम्न में कौन वाक्य सकर्मक क्रिया का उदाहरण है ?

  • (A) सीता पुस्तक पढ़ती है।
  • (B) बच्चा रोता है।
  • (C) रमेश बैठा है।
  • (D) घोड़ा दौड़ता है।
Correct Answer: (A) सीता पुस्तक पढ़ती है।
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न क्रिया के दो मुख्य भेदों - सकर्मक और अकर्मक - की पहचान पर आधारित है।

सकर्मक क्रिया: जिस क्रिया के साथ कर्म (object) होता है या कर्म की संभावना होती है, और क्रिया का फल कर्ता को छोड़कर कर्म पर पड़ता है।

अकर्मक क्रिया: जिस क्रिया के साथ कर्म नहीं होता और क्रिया का फल सीधे कर्ता पर पड़ता है।




Step 2: Detailed Explanation:

सकर्मक क्रिया की पहचान के लिए क्रिया से पहले 'क्या' या 'किसको' लगाकर प्रश्न करें। यदि कोई सार्थक उत्तर मिलता है, तो क्रिया सकर्मक है।


(A) सीता पुस्तक पढ़ती है।

प्रश्न: (क्या पढ़ती है?) \(\rightarrow\) उत्तर: पुस्तक। यहाँ 'पुस्तक' कर्म है। अतः, यह सकर्मक क्रिया है।
(B) बच्चा रोता है।

प्रश्न: (क्या रोता है?) \(\rightarrow\) उत्तर: नहीं मिला। (कौन रोता है? \(\rightarrow\) बच्चा, जो कर्ता है)। अतः, यह अकर्मक क्रिया है।
(C) रमेश बैठा है।

प्रश्न: (क्या बैठा है?) \(\rightarrow\) उत्तर: नहीं मिला। अतः, यह अकर्मक क्रिया है।
(D) घोड़ा दौड़ता है।

प्रश्न: (क्या दौड़ता है?) \(\rightarrow\) उत्तर: नहीं मिला। अतः, यह अकर्मक क्रिया है।

केवल वाक्य (A) में ही कर्म 'पुस्तक' मौजूद है।
Quick Tip: क्रिया से 'क्या' या 'किसको' पूछना सकर्मक और अकर्मक क्रिया की पहचान का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। अगर उत्तर मिले तो सकर्मक, न मिले तो अकर्मक।


Question 15:

'माया जाड़े से काँप रही है' - इस वाक्य में कौन कारक है ?

  • (A) कर्म कारक
  • (B) करण कारक
  • (C) अपादान कारक
  • (D) अधिकरण कारक
Correct Answer: (B) करण कारक
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी व्याकरण में कारक की पहचान से संबंधित है। कारक वे शब्द होते हैं जो वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का संबंध क्रिया या अन्य शब्दों से बताते हैं।




Step 2: Detailed Explanation:

वाक्य है: 'माया जाड़े से काँप रही है'।

यहाँ काँपने की क्रिया का साधन या कारण 'जाड़ा' है।

करण कारक का विभक्ति चिह्न 'से' या 'के द्वारा' होता है और यह क्रिया के साधन या कारण का बोध कराता है।

इस वाक्य में 'से' का प्रयोग काँपने का कारण बताने के लिए हुआ है (किससे काँप रही है? \(\rightarrow\) जाड़े से)।

अन्य विकल्प:


कर्म कारक (को): क्रिया का फल जिस पर पड़े।
अपादान कारक (से): इसका चिह्न भी 'से' है, लेकिन यह अलगाव, तुलना, डर आदि के भाव में प्रयुक्त होता है। (जैसे - पेड़ से पत्ता गिरा)।
अधिकरण कारक (में, पर): क्रिया के आधार का बोध कराता है।

चूँकि यहाँ 'से' साधन/कारण का बोध करा रहा है, इसलिए यह करण कारक है।
Quick Tip: 'से' विभक्ति चिह्न करण और अपादान दोनों में आता है। अंतर समझने के लिए देखें कि 'से' का प्रयोग साधन/कारण के लिए हो रहा है (करण कारक) या अलगाव/डर/तुलना के लिए (अपादान कारक)।


Question 16:

किस मात्रिक छंद के पहले और तीसरे चरण में 13-13 तथा दूसरे और चौथे चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं ?

  • (A) दोहा
  • (B) सोरठा
  • (C) चौपाई
  • (D) रोला
Correct Answer: (A) दोहा
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी काव्यशास्त्र में 'छंद' की पहचान से संबंधित है, विशेषकर मात्रिक छंदों के लक्षण।




Step 2: Detailed Explanation:

आइए दिए गए छंदों के लक्षणों पर विचार करें:


(A) दोहा: यह एक अर्धसम मात्रिक छंद है। इसके चार चरण होते हैं। इसके पहले और तीसरे (विषम) चरणों में 13-13 मात्राएँ तथा दूसरे और चौथे (सम) चरणों में 11-11 मात्राएँ होती हैं।
(B) सोरठा: यह दोहा का ठीक उल्टा होता है। यह भी एक अर्धसम मात्रिक छंद है, जिसके पहले और तीसरे चरण में 11-11 तथा दूसरे और चौथे चरण में 13-13 मात्राएँ होती हैं।
(C) चौपाई: यह एक सम मात्रिक छंद है। इसके प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं।
(D) रोला: यह भी एक सम मात्रिक छंद है। इसके प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ होती हैं, जिनमें 11 और 13 मात्राओं पर यति (विराम) होता है।

प्रश्न में पूछे गए लक्षण (पहले/तीसरे चरण में 13-13 और दूसरे/चौथे चरण में 11-11 मात्राएँ) सीधे तौर पर 'दोहा' छंद से मेल खाते हैं।
Quick Tip: दोहा और सोरठा एक दूसरे के उल्टे हैं। इन्हें एक साथ याद रखें: दोहा = 13-11, सोरठा = 11-13। चौपाई में 16 मात्राएँ होती हैं (चौपाई में चार अक्षर हैं, चार का वर्ग 16)।


Question 17:

"रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून । पानी गए न ऊबरै, मोती मानुस चून ।।" - किस अलंकार का उदाहरण है ?

  • (A) रूपक
  • (B) यमक
  • (C) श्लेष
  • (D) दीपक
Correct Answer: (C) श्लेष
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी काव्यशास्त्र में 'अलंकार' (Figure of Speech) की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

इस दोहे की दूसरी पंक्ति "पानी गए न ऊबरै, मोती मानुस चून" में 'पानी' शब्द का प्रयोग एक बार हुआ है, लेकिन इसके तीन अलग-अलग संदर्भों में तीन अलग-अलग अर्थ हैं:


मोती के संदर्भ में 'पानी' का अर्थ है - चमक (Lustre)।
मानुस (मनुष्य) के संदर्भ में 'पानी' का अर्थ है - इज्जत या सम्मान (Honour)।
चून (चूना/आटा) के संदर्भ में 'पानी' का अर्थ है - जल (Water)।

श्लेष अलंकार वहाँ होता है जहाँ एक ही शब्द के एक से अधिक अर्थ निकलते हों और पूरे प्रसंग में वे सभी अर्थ प्रासंगिक हों। यहाँ 'पानी' शब्द से तीन अर्थ चिपके हुए हैं, अतः यह श्लेष अलंकार का उदाहरण है।

यमक अलंकार में एक ही शब्द एक से अधिक बार आता है और हर बार उसका अर्थ अलग होता है (जैसे - कनक कनक ते सौ गुनी)। यहाँ 'पानी' शब्द का प्रयोग तो कई बार हुआ है, पर दूसरी पंक्ति में एक ही 'पानी' शब्द से तीन अर्थ संबद्ध हैं।
Quick Tip: श्लेष और यमक में अंतर समझें। श्लेष में शब्द एक बार आता है और अर्थ अनेक होते हैं (शब्द एक, अर्थ अनेक)। यमक में शब्द अनेक बार आता है और हर बार अर्थ अलग होता है।


Question 18:

स्पर्श व्यंजनों की संख्या कितनी है ?

  • (A) 32
  • (B) 25
  • (C) 31
  • (D) 29
Correct Answer: (B) 25
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी वर्णमाला में व्यंजनों के वर्गीकरण से संबंधित है, विशेष रूप से स्पर्श व्यंजनों की संख्या।




Step 2: Detailed Explanation:

स्पर्श व्यंजन वे व्यंजन होते हैं जिनके उच्चारण में जिह्वा (जीभ) मुख के किसी-न-किसी भाग (जैसे- कंठ, तालु, मूर्धा, दंत, ओष्ठ) को स्पर्श करती है।

हिंदी वर्णमाला में 'क' से लेकर 'म' तक के व्यंजनों को स्पर्श व्यंजन कहा जाता है। इन्हें पाँच वर्गों में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक वर्ग में पाँच व्यंजन हैं:


क वर्ग: क, ख, ग, घ, ङ (कंठ्य)
च वर्ग: च, छ, ज, झ, ञ (तालव्य)
ट वर्ग: ट, ठ, ड, ढ, ण (मूर्धन्य)
त वर्ग: त, थ, द, ध, न (दंत्य)
प वर्ग: प, फ, ब, भ, म (ओष्ठ्य)

कुल संख्या = 5 वर्ग \(\times\) 5 व्यंजन प्रति वर्ग = 25.

अतः, स्पर्श व्यंजनों की कुल संख्या 25 है।
Quick Tip: स्पर्श व्यंजनों को 'वर्गीय व्यंजन' भी कहते हैं। बस याद रखें कि 'क' से 'म' तक के सभी 25 व्यंजन स्पर्श व्यंजन हैं।


Question 19:

निम्न में कौन वर्ण अल्पप्राण है ?

  • (A) ड
  • (B) घ
  • (C) ख
  • (D) झ
Correct Answer: (A) ड
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न व्यंजनों के प्राण (श्वास वायु की मात्रा) के आधार पर वर्गीकरण से संबंधित है: अल्पप्राण और महाप्राण।

अल्पप्राण: जिन व्यंजनों के उच्चारण में मुख से कम श्वास वायु निकलती है।

महाप्राण: जिन व्यंजनों के उच्चारण में मुख से अधिक श्वास वायु निकलती है।




Step 2: Detailed Explanation:

नियम के अनुसार, प्रत्येक स्पर्श व्यंजन वर्ग का पहला, तीसरा और पाँचवाँ व्यंजन अल्पप्राण होता है।

वर्ग का दूसरा और चौथा व्यंजन महाप्राण होता है।

आइए विकल्पों का विश्लेषण करें:


(A) ड: यह 'ट' वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण) का तीसरा वर्ण है। अतः यह अल्पप्राण है।
(B) घ: यह 'क' वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ) का चौथा वर्ण है। अतः यह महाप्राण है।
(C) ख: यह 'क' वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ) का दूसरा वर्ण है। अतः यह महाप्राण है।
(D) झ: यह 'च' वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) का चौथा वर्ण है। अतः यह महाप्राण है।

इस प्रकार, केवल 'ड' ही अल्पप्राण व्यंजन है।
Quick Tip: एक आसान ट्रिक: वर्ग के विषम स्थान वाले (1, 3, 5) व्यंजन अल्पप्राण होते हैं और सम स्थान वाले (2, 4) व्यंजन महाप्राण होते हैं।


Question 20:

निम्न में कौन महाप्राण व्यंजन है ?

  • (A) प
  • (B) छ
  • (C) ब
  • (D) द
Correct Answer: (B) छ
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न अल्पप्राण और महाप्राण व्यंजनों की पहचान से संबंधित है। महाप्राण वे व्यंजन हैं जिनके उच्चारण में अधिक श्वास वायु की आवश्यकता होती है।




Step 2: Detailed Explanation:

नियम के अनुसार, प्रत्येक स्पर्श व्यंजन वर्ग का दूसरा और चौथा व्यंजन महाप्राण होता है।

आइए विकल्पों का विश्लेषण करें:


(A) प: यह 'प' वर्ग (प, फ, ब, भ, म) का पहला वर्ण है। अतः यह अल्पप्राण है।
(B) छ: यह 'च' वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) का दूसरा वर्ण है। अतः यह महाप्राण है।
(C) ब: यह 'प' वर्ग (प, फ, ब, भ, म) का तीसरा वर्ण है। अतः यह अल्पप्राण है।
(D) द: यह 'त' वर्ग (त, थ, द, ध, न) का तीसरा वर्ण है। अतः यह अल्पप्राण है।

इस प्रकार, दिए गए विकल्पों में केवल 'छ' ही महाप्राण व्यंजन है।
Quick Tip: महाप्राण व्यंजनों को पहचानते समय याद रखें कि उनके उच्चारण में 'ह' जैसी ध्वनि (h-sound) आती है, जैसे 'ख' (k+h), 'घ' (g+h), 'छ' (ch+h) आदि।


Question 21:

'देवरानी' शब्द में कौन प्रत्यय है ?

  • (A) देवर
  • (B) आनी
  • (C) ई
  • (D) रानी
Correct Answer: (B) आनी
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न शब्द निर्माण की प्रक्रिया में 'प्रत्यय' की पहचान से संबंधित है। प्रत्यय वे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं।




Step 2: Detailed Explanation:

'देवरानी' शब्द का विश्लेषण करने पर:

मूल शब्द + प्रत्यय = नया शब्द

देवर (मूल शब्द) + आनी (प्रत्यय) = देवरानी

यहाँ 'देवर' (पति का छोटा भाई) एक पुल्लिंग संज्ञा है। इसमें 'आनी' प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द 'देवरानी' (देवर की पत्नी) बनाया गया है।

विकल्प (A) 'देवर' मूल शब्द है, प्रत्यय नहीं।

विकल्प (C) 'ई' प्रत्यय नहीं है (जैसे 'लड़का' से 'लड़की')।

विकल्प (D) 'रानी' एक स्वतंत्र शब्द है, यहाँ प्रत्यय के रूप में प्रयुक्त नहीं हुआ है।

अतः, सही प्रत्यय 'आनी' है।
Quick Tip: प्रत्यय की पहचान के लिए शब्द में से मूल सार्थक शब्द को अलग करें। जो शब्दांश अंत में बचता है, वही प्रत्यय होता है। जैसे 'देवरानी' में से 'देवर' हटाने पर 'आनी' बचता है।


Question 22:

'चढ़ाई' शब्द में कौन प्रत्यय है ?

  • (A) आई
  • (B) अइ
  • (C) दाई
  • (D) ई
Correct Answer: (A) आई
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न प्रत्यय की पहचान से संबंधित है। प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ते हैं।




Step 2: Detailed Explanation:

'चढ़ाई' शब्द क्रिया 'चढ़ना' से बना है। इसका मूल धातु रूप 'चढ़' है।

इस धातु में प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा बनाई गई है।

मूल धातु + प्रत्यय = नया शब्द

चढ़ (मूल धातु) + आई (प्रत्यय) = चढ़ाई

'आई' प्रत्यय क्रिया के धातु रूप में जुड़कर भाववाचक संज्ञा बनाता है, जैसे - पढ़ + आई = पढ़ाई, लिख + आई = लिखाई।

अतः, सही प्रत्यय 'आई' है।
Quick Tip: जब किसी शब्द में प्रत्यय पहचानना हो, तो उसके मूल क्रिया रूप या संज्ञा रूप को पहचानने का प्रयास करें। 'चढ़ाई' का संबंध 'चढ़ना' क्रिया से है, जिससे मूल धातु 'चढ़' का पता चलता है।


Question 23:

'सूर्य' किस शब्द का उदाहरण है ?

  • (A) तत्सम
  • (B) तद्भव
  • (C) देशज
  • (D) विदेशज
Correct Answer: (A) तत्सम
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के वर्गीकरण (तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशज) से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:


तत्सम (तत् + सम): संस्कृत भाषा के वे शब्द जो हिंदी में बिना किसी परिवर्तन के, अपने मूल रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
तद्भव (तत् + भव): संस्कृत के वे शब्द जो कुछ रूप परिवर्तन के साथ हिंदी में प्रचलित हैं।
देशज: स्थानीय बोलियों से हिंदी में आए शब्द।
विदेशज: विदेशी भाषाओं (अरबी, फारसी, अंग्रेजी आदि) से हिंदी में आए शब्द।

'सूर्य' शब्द संस्कृत भाषा का है और हिंदी में ज्यों का त्यों प्रयोग होता है। इसलिए यह एक तत्सम शब्द है।

'सूर्य' का तद्भव रूप 'सूरज' है।
Quick Tip: जिन शब्दों में संयुक्त व्यंजन (क्ष, त्र, ज्ञ, श्र), 'ऋ' की मात्रा, 'ष' या 'र' के विभिन्न रूप (जैसे 'सूर्य' में रेफ) का प्रयोग होता है, वे अक्सर तत्सम शब्द होते हैं।


Question 24:

'जलज' किस शब्द का उदाहरण है ?

  • (A) रूढ़
  • (B) देशज
  • (C) योगरूढ़
  • (D) इनमें से कोई नहीं
Correct Answer: (C) योगरूढ़
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न बनावट या रचना के आधार पर शब्दों के वर्गीकरण (रूढ़, यौगिक, योगरूढ़) से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:


रूढ़: वे शब्द जिनके सार्थक खंड नहीं किए जा सकते और जो परंपरा से किसी विशेष अर्थ में प्रयुक्त होते हैं (जैसे - घर, जल)।
यौगिक: वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों या शब्दांशों के योग से बनते हैं और जिनके खंडों का भी अर्थ होता है (जैसे - पाठशाला = पाठ + शाला)।
योगरूढ़: वे यौगिक शब्द जो अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष, परंपरागत अर्थ के लिए रूढ़ हो जाते हैं।

'जलज' शब्द का विश्लेषण करें:

जलज = जल + ज ('जल' का अर्थ है पानी, 'ज' का अर्थ है 'जन्मा हुआ')।

इसका शाब्दिक अर्थ है 'जल में जन्मा हुआ'। जल में तो बहुत सी चीजें जन्म लेती हैं (जैसे- मछली, शैवाल, सिंघाड़ा), लेकिन 'जलज' शब्द केवल 'कमल' के फूल के लिए रूढ़ हो गया है।

चूँकि यह शब्द यौगिक होते हुए भी एक विशेष अर्थ दे रहा है, इसलिए यह योगरूढ़ शब्द का उदाहरण है। बहुव्रीहि समास के अधिकांश उदाहरण योगरूढ़ शब्द होते हैं।
Quick Tip: योगरूढ़ शब्दों को पहचानने का एक सरल तरीका यह है कि वे अक्सर बहुव्रीहि समास के उदाहरण होते हैं। वे अपना सामान्य अर्थ छोड़कर कोई तीसरा, विशेष अर्थ देते हैं। जैसे - दशानन (दस हैं आनन जिसके - रावण)।


Question 25:

'सेना' किस संज्ञा का उदाहरण है ?

  • (A) व्यक्तिवाचक
  • (B) भाववाचक
  • (C) जातिवाचक
  • (D) समूहवाचक
Correct Answer: (D) समूहवाचक
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न संज्ञा के भेदों से संबंधित है। संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव, समूह या द्रव्य के नाम को कहते हैं।

समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun) वह संज्ञा शब्द है जो किसी एक व्यक्ति का वाचक न होकर समूह या समुदाय का बोध कराता है।




Step 2: Detailed Explanation:

'सेना' शब्द किसी एक सैनिक का बोध नहीं कराता, बल्कि सैनिकों के पूरे समूह का बोध कराता है।

इसलिए, 'सेना' एक समूहवाचक संज्ञा है।

अन्य उदाहरण: कक्षा, भीड़, पुलिस, परिवार, दल, गुच्छा आदि।


व्यक्तिवाचक: किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान का नाम (जैसे- राम, दिल्ली)।
जातिवाचक: किसी पूरी जाति या वर्ग का बोध कराने वाला शब्द (जैसे- सैनिक, शहर)।
भाववाचक: किसी गुण, दशा या भाव का बोध कराने वाला शब्द (जैसे- वीरता, बचपन)। Quick Tip: समूहवाचक संज्ञा की पहचान के लिए देखें कि क्या शब्द एक इकाई के रूप में एक से अधिक सदस्यों के संग्रह को दर्शा रहा है। जैसे 'सेना' एक इकाई है, पर इसमें कई सैनिक होते हैं।


Question 26:

'लोहा' किस संज्ञा का उदाहरण है ?

  • (A) भाववाचक
  • (B) द्रव्यवाचक
  • (C) समूहवाचक
  • (D) व्यक्तिवाचक
Correct Answer: (B) द्रव्यवाचक
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न संज्ञा के भेद 'द्रव्यवाचक संज्ञा' की पहचान से संबंधित है।

द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun) वह संज्ञा शब्द है जो किसी धातु, द्रव्य या पदार्थ का बोध कराता है, जिसे मापा या तौला जा सकता है, लेकिन गिना नहीं जा सकता।




Step 2: Detailed Explanation:

'लोहा' एक धातु है। यह एक पदार्थ का नाम है। इसे तौला जा सकता है (जैसे- एक किलो लोहा) लेकिन गिना नहीं जा सकता (हम एक लोहा, दो लोहा नहीं कहते)।

इसलिए, 'लोहा' एक द्रव्यवाचक संज्ञा है।

अन्य उदाहरण: सोना, चाँदी, पानी, दूध, घी, तेल, आटा आदि।
Quick Tip: जिन संज्ञा शब्दों से किसी ऐसी वस्तु का बोध हो जिससे अन्य वस्तुएँ बनाई जा सकें, वे प्रायः द्रव्यवाचक संज्ञा होती हैं। जैसे 'लोहे' से कई औजार और वस्तुएँ बनती हैं।


Question 27:

'सेठ' शब्द का स्त्रीलिंग रूप है

  • (A) सेठनी
  • (B) सेठआइन
  • (C) सेठानी
  • (D) सेठी
Correct Answer: (C) सेठानी
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी व्याकरण में लिंग परिवर्तन (पुल्लिंग से स्त्रीलिंग) से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

हिंदी में पुल्लिंग शब्दों से स्त्रीलिंग बनाने के लिए विभिन्न प्रत्यय (जैसे- ई, इया, इन, आनी, आइन) जोड़े जाते हैं।

'सेठ' एक पुल्लिंग शब्द है। इसका स्त्रीलिंग रूप बनाने के लिए 'आनी' प्रत्यय जोड़ा जाता है।

सेठ + आनी = सेठानी

इसी प्रकार, देवर + आनी = देवरानी, जेठ + आनी = जेठानी।

अतः, 'सेठ' का सही स्त्रीलिंग रूप 'सेठानी' है।
Quick Tip: लिंग परिवर्तन के नियमों को प्रत्ययों के साथ याद करें। 'आनी' और 'आइन' प्रत्ययों में भ्रमित न हों। 'आइन' का प्रयोग 'पंडित' (पंडिताइन) और 'ठाकुर' (ठकुराइन) जैसे शब्दों में होता है।


Question 28:

निम्न में कौन शब्द पुंलिंग है ?

  • (A) अकाल
  • (B) आज्ञा
  • (C) चमक
  • (D) लिखावट
Correct Answer: (A) अकाल
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न शब्दों के लिंग की पहचान से संबंधित है। हिंदी में लिंग निर्धारण नियमों के अलावा वाक्य प्रयोग पर भी आधारित होता है।




Step 2: Detailed Explanation:

शब्दों का लिंग पहचानने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें वाक्य में प्रयोग करना है:


(A) अकाल: देश में अकाल पड़ा। (क्रिया 'पड़ा' पुल्लिंग है) \(\rightarrow\) यह पुल्लिंग है।
(B) आज्ञा: मुझे आज्ञा मिली। (क्रिया 'मिली' स्त्रीलिंग है) \(\rightarrow\) यह स्त्रीलिंग है।
(C) चमक: हीरे की चमक अच्छी है। (विशेषण 'अच्छी' स्त्रीलिंग है) \(\rightarrow\) यह स्त्रीलिंग है।
(D) लिखावट: आपकी लिखावट बहुत सुंदर है। (विशेषण 'सुंदर' यहाँ स्त्रीलिंग के लिए प्रयुक्त है) \(\rightarrow\) यह स्त्रीलिंग है।

वाक्य प्रयोग से स्पष्ट है कि केवल 'अकाल' शब्द पुल्लिंग है।
Quick Tip: किसी शब्द का लिंग पहचानने के लिए उसके साथ क्रिया या विशेषण लगाकर एक छोटा वाक्य बनाएँ। इससे लिंग का सही पता चल जाता है। जैसे- 'मेरा/मेरी' या 'अच्छा/अच्छी' का प्रयोग करें।


Question 29:

'मैं स्वयं देख लूँगा' - किस सर्वनाम का उदाहरण है ?

  • (A) निश्चयवाचक
  • (B) अनिश्चयवाचक
  • (C) निजवाचक
  • (D) सम्बंधवाचक
Correct Answer: (C) निजवाचक
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न सर्वनाम के भेदों की पहचान से संबंधित है।

निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun) वे सर्वनाम होते हैं जिनका प्रयोग कर्ता स्वयं अपने लिए करता है। आप, स्वयं, खुद, स्वतः आदि निजवाचक सर्वनाम हैं।




Step 2: Detailed Explanation:

वाक्य 'मैं स्वयं देख लूँगा' में 'स्वयं' शब्द का प्रयोग कर्ता 'मैं' ने अपने लिए किया है। यह इस बात पर जोर देता है कि कर्ता काम खुद करेगा।

चूंकि 'स्वयं' का प्रयोग कर्ता के निजत्व (self) का बोध कराने के लिए हुआ है, इसलिए यह निजवाचक सर्वनाम है।
Quick Tip: निजवाचक सर्वनाम की पहचान 'आप', 'स्वयं', 'खुद' जैसे शब्दों से होती है, जब इनका प्रयोग कर्ता अपने लिए करता है। उदाहरण: वह अपना काम आप करता है।


Question 30:

सर्वनाम के कितने भेद होते हैं ?

  • (A) तीन
  • (B) चार
  • (C) पाँच
  • (D) छह
Correct Answer: (D) छह
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Step 1: Understanding the Concept:

यह हिंदी व्याकरण का एक तथ्यात्मक प्रश्न है जो सर्वनाम के भेदों की संख्या पूछता है।




Step 2: Detailed Explanation:

हिंदी व्याकरण के अनुसार, सर्वनाम के छह मुख्य भेद होते हैं:


पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun) - मैं, तुम, वह
निश्चयवाचक सर्वनाम (Demonstrative Pronoun) - यह, वह
अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun) - कोई, कुछ
संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun) - जो, सो
प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun) - कौन, क्या
निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun) - आप, स्वयं, खुद

अतः, सर्वनाम के कुल छह भेद हैं।
Quick Tip: सर्वनाम के सभी छह भेदों और उनके उदाहरणों की एक सूची बनाकर याद कर लें। यह व्याकरण का एक मूलभूत और महत्वपूर्ण विषय है।


Question 31:

'मछली' शीर्षक पाठ में कौन मछली को काटा करता था ?

  • (A) लेखक
  • (B) दीदी
  • (C) घर का नौकर
  • (D) माँ
Correct Answer: (C) घर का नौकर
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न विनोद कुमार शुक्ल द्वारा लिखित 'मछली' कहानी के पात्रों और घटनाओं पर आधारित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'मछली' कहानी में, बाजार से लाई गई मछलियों को काटने का काम घर का नौकर 'भग्गू' करता था।

कहानी में लेखक और उसका छोटा भाई संतू नहीं चाहते थे कि मछलियों को काटा जाए, वे उन्हें कुएँ में डालकर पालना चाहते थे।

जब भग्गू मछली को काटने के लिए पत्थर पर पटक रहा था, तभी संतू एक मछली लेकर भाग जाता है।

अतः, मछली काटने का काम 'घर का नौकर' करता था।
Quick Tip: पाठ्यपुस्तक की कहानियों और पाठों के मुख्य पात्रों और उनके द्वारा किए गए प्रमुख कार्यों को याद रखें। इससे इस तरह के तथ्यात्मक प्रश्नों का उत्तर देना आसान हो जाता है।


Question 32:

'आविन्यों' शीर्षक पाठ के लेखक हैं

  • (A) अशोक वाजपेयी
  • (B) नलिन विलोचन शर्मा
  • (C) रामविलास शर्मा
  • (D) हजारी प्रसाद द्विवेदी
Correct Answer: (A) अशोक वाजपेयी
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी गद्य के पाठ और उनके लेखकों के बारे में है।




Step 2: Detailed Explanation:

'आविन्यों' एक यात्रा वृतांत है, जिसके लेखक प्रसिद्ध साहित्यकार अशोक वाजपेयी हैं।

यह पाठ दक्षिणी फ्रांस के एक पुराने शहर 'आविन्यों' और वहाँ रोन नदी के किनारे स्थित 'ला शत्रूज' नामक एक ईसाई मठ में लेखक के प्रवास के अनुभवों पर आधारित है।

अतः, सही उत्तर अशोक वाजपेयी है।
Quick Tip: अपनी पाठ्यपुस्तक के सभी पाठों और उनके लेखकों के नामों की एक सूची बना लें और उसे नियमित रूप से दोहराएं।


Question 33:

बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज किसको मानते थे ?

  • (A) बाबूजी को
  • (B) अम्मा को
  • (C) ताऊ को
  • (D) पत्नी को
Correct Answer: (B) अम्मा को
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न प्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज के जीवन पर आधारित पाठ 'जित-जित मैं निरखत हूँ' से लिया गया है।




Step 2: Detailed Explanation:

बिरजू महाराज के अनुसार, उनके बाबूजी (पिता और गुरु अच्छन महाराज) की मृत्यु के बाद उनकी अम्मा (माँ) ने उन्हें संभाला और प्रोत्साहित किया।

जब वे कहीं नृत्य कार्यक्रम करके आते थे, तो उनकी अम्मा उनके प्रदर्शन को देखती थीं और उसकी सबसे बड़ी और ईमानदार आलोचक होती थीं। वे ही बताती थीं कि कहाँ कमी रह गई और कहाँ अच्छा किया।

इसलिए, बिरजू महाराज अपनी अम्मा को अपना सबसे बड़ा जज मानते थे।
Quick Tip: साक्षात्कार और जीवनी पर आधारित पाठों में व्यक्ति के जीवन के महत्वपूर्ण लोगों और उनके प्रभाव को ध्यान से पढ़ें।


Question 34:

"यदि मनुष्य परिस्थितियों का नियामक नहीं है तो परिस्थितियाँ भी मनुष्य की नियामक नहीं हैं।" यह कथन किस लेखक का है ?

  • (A) हजारी प्रसाद द्विवेदी का
  • (B) गुणाकर मुले का
  • (C) रामविलास शर्मा का
  • (D) मैक्स मूलर का
Correct Answer: (A) हजारी प्रसाद द्विवेदी का
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न प्रसिद्ध लेखकों के कथनों और विचारों की पहचान से संबंधित है, जो अक्सर उनके निबंधों में व्यक्त होते हैं।




Step 2: Detailed Explanation:

यह प्रसिद्ध कथन हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध 'नाखून क्यों बढ़ते हैं?' से लिया गया है।

इस निबंध में वे मनुष्य की पशुता (नाखून बढ़ाना) और मनुष्यता (नाखून काटना) के बीच के द्वंद्व पर विचार करते हैं।

इसी संदर्भ में वे कहते हैं कि मनुष्य केवल परिस्थितियों का गुलाम नहीं है, बल्कि वह अपनी बुद्धि और विवेक से परिस्थितियों को बदल भी सकता है। यह कथन मनुष्य की आत्म-नियंत्रण और स्वतंत्रता की शक्ति को दर्शाता है।
Quick Tip: प्रमुख निबंधकारों जैसे हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामचंद्र शुक्ल आदि के निबंधों के मूल संदेश और उनके प्रसिद्ध उद्धरणों को ध्यान में रखें।


Question 35:

बहादुर पर कड़ा अनुशासन कौन रखता था ?

  • (A) लेखक
  • (B) पड़ोसी
  • (C) किशोर
  • (D) रिश्तेदार
Correct Answer: (C) किशोर
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न अमरकांत द्वारा लिखित कहानी 'बहादुर' के पात्रों और उनके व्यवहार से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

कहानी में, 'बहादुर' एक नेपाली लड़का है जो लेखक के घर नौकर के रूप में काम करता है।

लेखक का बेटा, किशोर, एक बिगड़ैल और रौब जमाने वाला लड़का था। वह अपने सारे काम बहादुर से करवाता था और छोटी-छोटी गलतियों पर बहादुर को डांटता और पीटता था।

किशोर ही बहादुर पर सबसे अधिक कड़ा अनुशासन रखता था और उसके साथ बुरा व्यवहार करता था, जो अंततः बहादुर के घर छोड़कर जाने का एक प्रमुख कारण बना।
Quick Tip: कहानियों के मुख्य पात्रों के चरित्र-चित्रण को समझना महत्वपूर्ण है। कौन सा पात्र किस स्वभाव का है और उसका कहानी के घटनाक्रम पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसे ध्यान से पढ़ें।


Question 36:

बादशाह अकबर ने जो सिक्का चलाया था उस पर कौन शब्द अंकित है ?

  • (A) राधा-कृष्ण
  • (B) सियाराम
  • (C) कृष्ण-रहीम
  • (D) रामसीय
Correct Answer: (D) रामसीय
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न गुणाकर मुले द्वारा लिखित पाठ 'नागरी लिपि' में वर्णित ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है।




Step 2: Detailed Explanation:

पाठ 'नागरी लिपि' में लेखक बताते हैं कि बादशाह अकबर ने अपनी धार्मिक सहिष्णुता की नीति के तहत एक सिक्का जारी किया था।

इस सिक्के के एक तरफ राम और सीता की आकृति थी और नागरी (देवनागरी) लिपि में 'रामसीय' शब्द अंकित था।

यह अकबर की सभी धर्मों के प्रति सम्मान की भावना को दर्शाता है।

विकल्प (B) 'सियाराम' भी समान अर्थ रखता है, लेकिन पाठ में उल्लिखित सटीक शब्द 'रामसीय' है, इसलिए विकल्प (D) अधिक सही है।
Quick Tip: ज्ञान-विज्ञान और इतिहास पर आधारित पाठों में दिए गए विशिष्ट नामों, तिथियों और शब्दों को सटीकता से याद रखना महत्वपूर्ण होता है।


Question 37:

कालिदास ने क्या कहा था ? 'नाखून क्यों बढ़ते हैं' शीर्षक पाठ के आधार पर उत्तर दें ।

  • (A) सब पुराने अच्छे नहीं होते
  • (B) सब नए खराब ही नहीं होते
  • (C) (A) और (B) दोनों
  • (D) सब पुराने और नए सिर्फ अच्छे होते हैं
Correct Answer: (C) (A) और (B) दोनों
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध 'नाखून क्यों बढ़ते हैं?' में उद्धृत एक प्रसिद्ध सूक्ति से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

निबंध में, लेखक पुराने और नए के बीच संतुलन की बात करते हुए महाकवि कालिदास को उद्धृत करते हैं।

कालिदास ने कहा था: "सब पुराने अच्छे नहीं होते, सब नए खराब ही नहीं होते।"

इसका अर्थ है कि हमें आँख बंद करके न तो पुरानी हर चीज को स्वीकार कर लेना चाहिए और न ही हर नई चीज को खराब मानकर अस्वीकार कर देना चाहिए। हमें विवेक से जांच-परख कर निर्णय लेना चाहिए।

चूंकि दिए गए विकल्प (A) और (B) मिलकर कालिदास के पूरे कथन को बनाते हैं, इसलिए सही उत्तर (C) दोनों होगा।
Quick Tip: साहित्यिक निबंधों में लेखकों द्वारा दिए गए उद्धरण (quotes) बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। वे निबंध के मूल विचार को पुष्ट करते हैं और अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।


Question 38:

स्वामी विवेकानंद ने 'वेदांतियों का भी वेदांती' किसे कहा है ?

  • (A) मैक्स मूलर को
  • (B) गुणाकर मुले को
  • (C) कालिदास को
  • (D) विलियम जोन्स को
Correct Answer: (A) मैक्स मूलर को
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न 'भारत से हम क्या सीखें' पाठ से संबंधित है, जो मैक्स मूलर के एक भाषण का अंश है, और इसमें अन्य विद्वानों के विचारों का भी उल्लेख है।




Step 2: Detailed Explanation:

फ्रेडरिक मैक्स मूलर एक जर्मन विद्वान थे जिन्होंने भारतीय दर्शन, विशेषकर वेदों और वेदांत पर गहरा अध्ययन और अनुवाद कार्य किया।

उनके इस कार्य से स्वामी विवेकानंद इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मैक्स मूलर को 'वेदांतियों का भी वेदांती' (a Vedantin of Vedantins) की उपाधि दी।

विवेकानंद का मानना था कि एक पश्चिमी विद्वान होते हुए भी मैक्स मूलर ने वेदांत के मर्म को इतनी गहराई से समझा था जितना कई भारतीय विद्वान भी नहीं समझ पाते।
Quick Tip: पाठ में आए महत्वपूर्ण व्यक्तियों और उन्हें दी गई उपाधियों या उनके बारे में कहे गए विशेष कथनों को नोट कर लें। यह परीक्षा के लिए उपयोगी होता है।


Question 39:

मदन पड़ोसियों के आवारागर्द छोकरों के साथ क्या कर रहा था ?

  • (A) पतंग उड़ा रहा था
  • (B) क्रिकेट खेल रहा था
  • (C) लट्टू नचा रहा था
  • (D) चोर-सिपाही खेल रहा था
Correct Answer: (C) लट्टू नचा रहा था
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न नलिन विलोचन शर्मा द्वारा लिखित कहानी 'विष के दाँत' की एक घटना पर आधारित है।




Step 2: Detailed Explanation:

कहानी में, मदन अपने गली के दोस्तों के साथ लट्टू नचाने का खेल खेल रहा था।

उसी समय सेन साहब का बेटा 'खोखा' (का शू) वहाँ आता है और वह भी लट्टू खेलने की जिद करने लगता है।

मदन के मना करने पर दोनों में झगड़ा हो जाता है और मदन खोखा के दो दाँत तोड़ देता है।

अतः, मदन पड़ोसियों के छोकरों के साथ लट्टू नचा रहा था।
Quick Tip: पाठ्यपुस्तक की कहानियों की मुख्य घटनाओं और पात्रों के बीच के संवादों को याद रखें। इससे कहानी के भीतर से पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देना आसान हो जाता है।


Question 40:

राजस्थानी भाषा के सफल कहानीकार कौन हैं ?

  • (A) साँवर दइया
  • (B) श्रीनिवास
  • (C) सातकोड़ी होता
  • (D) सुजाता
Correct Answer: (A) साँवर दइया
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी साहित्य में शामिल विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के प्रमुख लेखकों की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

दिए गए विकल्पों में, साँवर दइया राजस्थानी भाषा के एक प्रमुख और सफल कहानीकार हैं। उनकी कहानियाँ अक्सर राजस्थानी ग्रामीण जीवन और सामाजिक यथार्थ को दर्शाती हैं।

अन्य लेखक अन्य भाषाओं से संबंधित हैं:


श्रीनिवास: कन्नड़ भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार।
सातकोड़ी होता: उड़िया भाषा के लेखक।
सुजाता: तमिल भाषा की लेखिका।

अतः, सही उत्तर साँवर दइया है।
Quick Tip: अपनी पाठ्यपुस्तक में शामिल विभिन्न भारतीय भाषाओं के लेखकों और उनकी भाषा की एक सूची बनाकर याद करें। यह मिलान करने वाले या सीधे प्रश्नों में सहायक होता है।


Question 41:

निम्नलिखित में कौन शुद्ध शब्द है ?

  • (A) सुचिपत्र
  • (B) छिपकिली
  • (C) कुमुदिनी
  • (D) कठीनायी
Correct Answer: (C) कुमुदिनी
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न वर्तनी की शुद्धि (Correct Spelling) से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

आइए प्रत्येक विकल्प का विश्लेषण करें:


(A) सुचिपत्र: यह अशुद्ध है। शुद्ध शब्द सूचिपत्र होता है।
(B) छिपकिली: यह अशुद्ध है। मानक हिंदी में शुद्ध शब्द छिपकली होता है।
(C) कुमुदिनी: यह वर्तनी की दृष्टि से पूरी तरह शुद्ध है। इसका अर्थ 'कमल का पौधा' या 'कमलिनी' होता है।
(D) कठीनायी: यह अशुद्ध है। शुद्ध शब्द कठिनाई होता है।

अतः, दिए गए विकल्पों में केवल 'कुमुदिनी' ही शुद्ध शब्द है।
Quick Tip: हिंदी में वर्तनी सुधारने के लिए शब्दों का सही उच्चारण करना और उन्हें लिखकर अभ्यास करना बहुत महत्वपूर्ण है। विशेषकर 'इ' और 'ई' की मात्राओं पर ध्यान दें।


Question 42:

'पीड़ा' शब्द का विशेषण है

  • (A) पीड़ाकु
  • (B) पीड़ितांक
  • (C) पैड़ित
  • (D) पीड़ित
Correct Answer: (D) पीड़ित
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न संज्ञा शब्द से विशेषण बनाने की प्रक्रिया से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'पीड़ा' एक भाववाचक संज्ञा है, जिसका अर्थ 'दर्द' या 'कष्ट' होता है।

जब हम इस संज्ञा से विशेषण बनाते हैं, तो 'इत' प्रत्यय का प्रयोग होता है।

पीड़ा + इत = पीड़ित

'पीड़ित' शब्द का अर्थ है 'जिसे पीड़ा हो' या 'पीड़ा से ग्रस्त'। यह किसी व्यक्ति या समूह की विशेषता बताता है, जैसे - 'बाढ़-पीड़ित लोग'।

अतः, सही विशेषण रूप 'पीड़ित' है।
Quick Tip: संज्ञा से विशेषण बनाने के लिए प्रयोग होने वाले सामान्य प्रत्ययों (जैसे- इत, इक, ईय, वान, मान) को याद रखें। इससे शब्द-निर्माण के प्रश्नों को हल करना आसान हो जाता है।


Question 43:

'मोह' शब्द का विशेषण है

  • (A) मोहालु
  • (B) मोहित
  • (C) मोहियालु
  • (D) माहिर
Correct Answer: (B) मोहित
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न संज्ञा से विशेषण बनाने से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'मोह' एक भाववाचक संज्ञा है, जिसका अर्थ 'लगाव' या 'आकर्षण' है।

इसका विशेषण रूप मोहित होता है।

'मोहित' का अर्थ है 'मोह में पड़ा हुआ' या 'आकर्षित'। यह किसी की अवस्था या गुण को बताता है। उदाहरण: "वह संगीत से मोहित हो गया।"

अन्य विकल्प असंगत हैं। 'माहिर' का अर्थ 'कुशल' होता है, जिसका 'मोह' से कोई संबंध नहीं है।
Quick Tip: किसी शब्द का विशेषण रूप पहचानने के लिए, यह देखें कि कौन सा विकल्प किसी संज्ञा के आगे लगकर उसकी विशेषता बता सकता है। जैसे - 'मोहित व्यक्ति'।


Question 44:

'बुद्ध' शब्द का विशेषण है

  • (A) बौद्ध
  • (B) बुद्धायी
  • (C) बुद्धिनाई
  • (D) बाधित
Correct Answer: (A) बौद्ध
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न व्यक्तिवाचक संज्ञा से विशेषण बनाने से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'बुद्ध' एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है।

इससे संबंधित विशेषण बौद्ध है। 'बौद्ध' शब्द का प्रयोग भगवान बुद्ध से संबंधित किसी भी चीज़ (जैसे धर्म, दर्शन, व्यक्ति) की विशेषता बताने के लिए किया जाता है।

उदाहरण: बौद्ध धर्म, बौद्ध भिक्षु, बौद्ध साहित्य।

यह शब्द 'बुद्ध' में 'अ' प्रत्यय लगने से बना है, जिसमें 'उ' का 'औ' हो जाता है (वृद्धि संधि का नियम)।
Quick Tip: संज्ञा से विशेषण बनाते समय लगने वाले प्रत्ययों से शब्द के पहले स्वर में होने वाले परिवर्तनों पर ध्यान दें, जैसे 'बुद्ध' से 'बौद्ध', 'इतिहास' से 'ऐतिहासिक'।


Question 45:

'अमरजीत आज दिल्ली नहीं गया क्योंकि पानी बरस रहा था' - यह किस वाक्य का उदाहरण है ?

  • (A) आज्ञावाचक वाक्य
  • (B) सरल वाक्य
  • (C) मिश्रवाक्य
  • (D) संयुक्त वाक्य
Correct Answer: (C) मिश्रवाक्य
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न रचना के आधार पर वाक्य के भेदों (सरल, संयुक्त, मिश्र) की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

इस वाक्य में दो उपवाक्य हैं:

1. प्रधान उपवाक्य: अमरजीत आज दिल्ली नहीं गया
2. आश्रित उपवाक्य: क्योंकि पानी बरस रहा था

यहाँ दूसरा उपवाक्य पहले उपवाक्य का कारण बता रहा है और यह 'क्योंकि' योजक (conjunction) से जुड़ा है।

जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्रवाक्य (Complex Sentence) कहते हैं। आश्रित उपवाक्य 'क्योंकि', 'कि', 'जो', 'जब', 'जैसा' आदि योजकों से जुड़े होते हैं।
Quick Tip: मिश्र वाक्य की पहचान के लिए योजक शब्दों पर ध्यान दें। यदि वाक्य में 'क्योंकि', 'ताकि', 'जब-तब', 'जैसा-वैसा', 'कि' जैसे जोड़े या संबंध बताने वाले योजक हों, तो वह मिश्र वाक्य होता है।


Question 46:

निम्न में कौन वाक्य कर्मवाच्य का उदाहरण है ?

  • (A) माधव क्रिकेट खेलता है।
  • (B) सोहन के द्वारा दौड़ लगाई गई।
  • (C) रमेश पत्र लिखता है।
  • (D) मानसी खाना खाती है।
Correct Answer: (B) सोहन के द्वारा दौड़ लगाई गई।
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न वाच्य (Voice) के भेदों की पहचान से संबंधित है। वाच्य तीन प्रकार के होते हैं: कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य और भाववाच्य।




Step 2: Detailed Explanation:


कर्तृवाच्य (Active Voice): क्रिया का लिंग और वचन कर्ता के अनुसार होता है। वाक्य (A), (C) और (D) में क्रिया (खेलता है, लिखता है, खाती है) कर्ता (माधव, रमेश, मानसी) के अनुसार है।
कर्मवाच्य (Passive Voice): क्रिया का लिंग और वचन कर्म के अनुसार होता है। कर्ता के बाद 'से' या 'के द्वारा' का प्रयोग होता है। वाक्य (B) "सोहन के द्वारा दौड़ लगाई गई" में कर्ता 'सोहन' के बाद 'के द्वारा' लगा है और क्रिया 'लगाई गई' कर्म 'दौड़' (स्त्रीलिंग) के अनुसार है।

अतः, वाक्य (B) कर्मवाच्य का सही उदाहरण है।
Quick Tip: कर्मवाच्य को पहचानने की सबसे आसान ट्रिक है कर्ता के बाद 'के द्वारा' या 'से' विभक्ति चिह्न को खोजना और यह देखना कि क्रिया का रूप कर्म पर निर्भर कर रहा है या नहीं।


Question 47:

'अवगत' शब्द में कौन उपसर्ग है ?

  • (A) अव
  • (B) अधि
  • (C) अभि
  • (D) उत्
Correct Answer: (A) अव
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न उपसर्ग की पहचान से संबंधित है। उपसर्ग वे शब्दांश हैं जो शब्द के आरंभ में जुड़कर उसके अर्थ में विशेषता लाते हैं।




Step 2: Detailed Explanation:

'अवगत' शब्द का विच्छेद करने पर:

अव + गत

यहाँ 'अव' एक उपसर्ग है और 'गत' मूल शब्द है (जिसका अर्थ 'गया हुआ' है)।

'अव' उपसर्ग का अर्थ 'नीचे', 'हीन' या 'बुरा' होता है। 'अवगत' का अर्थ 'ज्ञात' या 'परिचित' होता है।

अतः, इस शब्द में 'अव' उपसर्ग है।
Quick Tip: उपसर्ग को पहचानने के लिए शब्द के आरंभ से शब्दांश को अलग करें और देखें कि क्या बचा हुआ शब्द सार्थक है। 'अवगत' में से 'अव' हटाने पर 'गत' बचता है, जो एक सार्थक शब्द है।


Question 48:

'कुख्यात' शब्द में कौन उपसर्ग है ?

  • (A) सु
  • (B) नि
  • (C) कु
  • (D) आ
Correct Answer: (C) कु
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न उपसर्ग की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'कुख्यात' शब्द का विच्छेद है:

कु + ख्यात

यहाँ 'ख्यात' मूल शब्द है, जिसका अर्थ 'प्रसिद्ध' होता है।

'कु' एक उपसर्ग है जिसका प्रयोग 'बुरा' या 'हीन' के अर्थ में होता है।

इस प्रकार, 'कुख्यात' का अर्थ है 'बुरे कामों के लिए प्रसिद्ध' (infamous)।

इसका विलोम 'सुविख्यात' होता है, जिसमें 'सु' (अच्छा) उपसर्ग लगता है।
Quick Tip: 'कु' और 'सु' उपसर्ग एक दूसरे के विलोम हैं। 'कु' नकारात्मक अर्थ देता है (जैसे कुकर्म, कुमति) जबकि 'सु' सकारात्मक अर्थ देता है (जैसे सुकर्म, सुमति)।


Question 49:

'उपवाक्य' शब्द में कौन उपसर्ग है ?

  • (A) अव
  • (B) अप
  • (C) अधि
  • (D) उप
Correct Answer: (D) उप
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न उपसर्ग की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'उपवाक्य' शब्द का विच्छेद करने पर:

उप + वाक्य

यहाँ 'वाक्य' मूल शब्द है।

'उप' एक उपसर्ग है जिसका अर्थ 'समीप', 'छोटा', 'सहायक' या 'गौण' होता है।

'उपवाक्य' का अर्थ है 'वाक्य का एक अंश' (clause), जो मुख्य वाक्य का सहायक होता है।

अतः, सही उपसर्ग 'उप' है।
Quick Tip: 'उप' उपसर्ग का प्रयोग अक्सर किसी पद की गौणता या सहायक भूमिका को दर्शाने के लिए किया जाता है, जैसे - उप-राष्ट्रपति, उप-मंत्री, उपग्रह।


Question 50:

'वेदना' शब्द में कौन प्रत्यय है ?

  • (A) वेद
  • (B) अना
  • (C) न
  • (D) अ
Correct Answer: (B) अना
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न प्रत्यय की पहचान से संबंधित है। प्रत्यय वे शब्दांश हैं जो शब्द के अंत में जुड़ते हैं।




Step 2: Detailed Explanation:

'वेदना' शब्द संस्कृत की 'विद्' धातु से बना है, जिसका अर्थ 'जानना' या 'अनुभव करना' होता है।

इसमें 'अना' प्रत्यय जुड़ने से 'वेदना' शब्द बनता है, जो एक भाववाचक संज्ञा है।

धातु + प्रत्यय = शब्द

विद् (जिसका रूप 'वेद' हो जाता है) + अना = वेदना

अतः, इसमें 'अना' प्रत्यय है।
Quick Tip: प्रत्यय की पहचान के लिए शब्द के अंत से शब्दांश को अलग करके देखें कि क्या कोई सार्थक मूल शब्द या धातु बच रहा है। यहाँ 'वेदना' से 'अना' हटाने पर 'वेद' बचता है जो एक सार्थक शब्द है।


Question 51:

'पुरोहित' शब्द का संधि-विच्छेद है

  • (A) पुर + हित
  • (B) पुरः + हित
  • (C) पुरो + हित
  • (D) पुराः + हीत
Correct Answer: (B) पुरः + हित
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न संधि-विच्छेद से संबंधित है, विशेष रूप से विसर्ग संधि।




Step 2: Detailed Explanation:

'पुरोहित' शब्द में विसर्ग संधि है।

नियम के अनुसार, यदि विसर्ग (:) से पहले 'अ' हो और विसर्ग के बाद कोई सघोष व्यंजन (वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ वर्ण, य, र, ल, व, ह) आए, तो विसर्ग का 'ओ' हो जाता है।

यहाँ, पुरः + हित में:


विसर्ग से पहले 'र' में 'अ' है।
विसर्ग के बाद 'ह' है, जो एक सघोष व्यंजन है।

इसलिए, विसर्ग (:) 'ओ' में बदल जाएगा:

पुरः + हित = पुरोहित
Quick Tip: विसर्ग संधि में 'ओ' की मात्रा अक्सर 'अः' से बनती है। शब्दों जैसे - मनोहर (मनः + हर), तपोबल (तपः + बल), यशोदा (यशः + दा) - में यही नियम लागू होता है।


Question 52:

'मध्वालय' शब्द का संधि-विच्छेद है

  • (A) मध्वा + आलय
  • (B) मधवा + लय
  • (C) मधु + आलय
  • (D) मधु + लय
Correct Answer: (C) मधु + आलय
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न संधि-विच्छेद से संबंधित है, विशेष रूप से यण स्वर संधि।




Step 2: Detailed Explanation:

'मध्वालय' शब्द में यण संधि है।

यण संधि का नियम है कि जब 'इ/ई', 'उ/ऊ', या 'ऋ' के बाद कोई भिन्न स्वर आए, तो वे क्रमशः 'य्', 'व्', और 'र्' में बदल जाते हैं।

यहाँ शब्द के बीच में 'ध्व' है, जो 'ध् + व' है। यह 'व्' यण संधि का संकेत है।

विच्छेद करते समय:

मधु + आलय


पहले शब्द के अंत में 'उ' है।
दूसरे शब्द के आरंभ में भिन्न स्वर 'आ' है।

नियम के अनुसार, 'उ' + 'आ' मिलकर 'वा' बन जाते हैं।

मध् + उ + आलय \(\rightarrow\) मध् + व् + आलय \(\rightarrow\) मध्वालय

अतः, सही संधि-विच्छेद 'मधु + आलय' है।
Quick Tip: यण संधि को पहचानने के लिए शब्द के बीच में 'य' या 'व' से ठीक पहले आधे व्यंजन को देखें। विच्छेद करते समय आधे व्यंजन को पूरा करके उस पर 'इ' (य के लिए) या 'उ' (व के लिए) की मात्रा लगा दें।


Question 53:

'पावन' शब्द का संधि-विच्छेद है

  • (A) पौ + अन
  • (B) पा + वन
  • (C) पौ + वन
  • (D) पो + अन
Correct Answer: (A) पौ + अन
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न स्वर संधि के एक भेद, 'अयादि संधि' से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

अयादि संधि का नियम है कि जब ए, ऐ, ओ, औ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो:


ए का 'अय्' हो जाता है।
ऐ का 'आय्' हो जाता है।
ओ का 'अव्' हो जाता है।
औ का 'आव्' हो जाता है।

'पावन' शब्द में 'आव' की ध्वनि आ रही है (प् + आव + न)। यह ध्वनि 'औ' से बनती है।

अतः, इसका संधि-विच्छेद होगा:

पौ + अन = पावन (यहाँ औ + अ = आव्)

इसी तरह, 'पवन' का संधि-विच्छेद 'पो + अन' (ओ + अ = अव्) होता है।
Quick Tip: अयादि संधि को पहचानने के लिए शब्द के बीच में 'अय', 'आय', 'अव' या 'आव' की ध्वनि को खोजें। 'आय' या 'आव' (बड़ी मात्रा वाली ध्वनि) के लिए विच्छेद में 'ऐ' या 'औ' (बड़ी मात्रा वाले स्वर) का प्रयोग होता है।


Question 54:

निम्नलिखित में कौन शब्द व्यंजन संधि का उदाहरण है ?

  • (A) तदाकार
  • (B) तपोभूमि
  • (C) देवर्षि
  • (D) निश्चल
Correct Answer: (A) तदाकार
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न संधि के भेदों (स्वर, व्यंजन, विसर्ग) की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

आइए प्रत्येक विकल्प का संधि-विच्छेद करके देखें:


(A) तदाकार: इसका विच्छेद है तत् + आकार। यहाँ पहले शब्द के अंत में व्यंजन (त्) का मेल स्वर (आ) से हो रहा है, जिससे 'त्' का 'द्' बन रहा है। यह व्यंजन संधि का उदाहरण है।
(B) तपोभूमि: इसका विच्छेद है तपः + भूमि। यहाँ विसर्ग (:) का 'ओ' हो रहा है। यह विसर्ग संधि है।
(C) देवर्षि: इसका विच्छेद है देव + ऋषि। यहाँ 'अ + ऋ' मिलकर 'अर्' बन रहे हैं। यह गुण स्वर संधि है।
(D) निश्चल: इसका विच्छेद है निः + चल। यहाँ विसर्ग (:) का 'श्' हो रहा है। यह विसर्ग संधि है।

अतः, केवल 'तदाकार' ही व्यंजन संधि का उदाहरण है।
Quick Tip: यदि संधि होने पर कोई व्यंजन बदल रहा हो या नया व्यंजन आ रहा हो, तो वह सामान्यतः व्यंजन संधि होती है। जैसे 'तत् + आकार' में 'त्' व्यंजन 'द्' में बदल गया।


Question 55:

निम्नलिखित में कौन शब्द कर्मधारय समास का उदाहरण है ?

  • (A) परोक्ष
  • (B) यथाशीघ्र
  • (C) परमेश्वर
  • (D) भातदाल
Correct Answer: (C) परमेश्वर
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न समास के भेदों की पहचान से संबंधित है। कर्मधारय समास में पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है, या दोनों पदों में उपमान-उपमेय का संबंध होता है।




Step 2: Detailed Explanation:


(A) परोक्ष: इसका विग्रह है 'अक्षि से परे'। यह अव्ययीभाव समास है।
(B) यथाशीघ्र: इसका विग्रह है 'जितना शीघ्र हो'। पहला पद 'यथा' अव्यय है, अतः यह अव्ययीभाव समास है।
(C) परमेश्वर: इसका विग्रह है 'परम है जो ईश्वर'। यहाँ पहला पद 'परम' (श्रेष्ठ) विशेषण है और दूसरा पद 'ईश्वर' विशेष्य है। अतः, यह कर्मधारय समास है।
(D) भातदाल: इसका विग्रह है 'भात और दाल'। दोनों पद प्रधान हैं, अतः यह द्वंद्व समास है।

इसलिए, 'परमेश्वर' कर्मधारय समास का सही उदाहरण है।
Quick Tip: कर्मधारय समास की पहचान के लिए विग्रह करते समय 'है जो' या 'के समान' का प्रयोग करके देखें। यदि यह फिट बैठता है, तो वह कर्मधारय समास है। जैसे - 'परम है जो ईश्वर'।


Question 56:

'पुत्रशोक' शब्द का समास-विग्रह क्या होगा ?

  • (A) पुत्र और शोक
  • (B) पुत्र से शोक
  • (C) पुत्र के लिए शोक
  • (D) पुत्र को शोक
Correct Answer: (C) पुत्र के लिए शोक
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न तत्पुरुष समास के विग्रह से संबंधित है। समास-विग्रह का अर्थ है सामासिक पद के पदों को विभक्ति चिह्नों के साथ अलग-अलग करना।




Step 2: Detailed Explanation:

'पुत्रशोक' शब्द का अर्थ है 'पुत्र के वियोग के कारण होने वाला शोक'। यह शोक 'पुत्र के लिए' है।

आइए विकल्पों का विश्लेषण करें:


(A) पुत्र और शोक: यह द्वंद्व समास का विग्रह होगा, जो गलत है।
(B) पुत्र से शोक: इसका अर्थ होगा 'पुत्र के द्वारा शोक' या 'पुत्र से अलग होकर शोक'। यह व्याकरण की दृष्टि से सही विग्रह नहीं है।
(C) पुत्र के लिए शोक: यह संप्रदान तत्पुरुष का विग्रह है और अर्थ की दृष्टि से सबसे उपयुक्त है। शोक का निमित्त या कारण पुत्र है।
(D) पुत्र को शोक: यह कर्म कारक का चिह्न है, जो यहाँ असंगत है।

कई बार इसका विग्रह 'पुत्र का शोक' (संबंध तत्पुरुष) भी किया जाता है, लेकिन दिए गए विकल्पों में 'पुत्र के लिए शोक' सबसे सटीक है।
Quick Tip: समास-विग्रह करते समय सामासिक शब्द के मूल अर्थ को समझें और उस संबंध को दर्शाने वाले सही कारक चिह्न का प्रयोग करें।


Question 57:

'प्रत्युपकार' शब्द किस समास का उदाहरण है ?

  • (A) द्विगु समास
  • (B) अव्ययीभाव समास
  • (C) नञ् समास
  • (D) द्वन्द्व समास
Correct Answer: (B) अव्ययीभाव समास
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न समास की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'प्रत्युपकार' शब्द 'प्रति' उपसर्ग और 'उपकार' शब्द के योग से बना है।

प्रत्युपकार = प्रति + उपकार (उपकार के बदले उपकार)

जिस सामासिक पद का पहला पद कोई अव्यय या उपसर्ग (जैसे- यथा, आ, भर, प्रति, अनु आदि) हो, वह अव्ययीभाव समास कहलाता है।

चूँकि यहाँ पहला पद 'प्रति' एक उपसर्ग है, इसलिए यह अव्ययीभाव समास का उदाहरण है।
Quick Tip: यदि किसी शब्द की शुरुआत 'यथा', 'प्रति', 'आ', 'भर', 'अनु' जैसे उपसर्गों से हो, तो वह लगभग हमेशा अव्ययीभाव समास होता है।


Question 58:

'गगनचुंबी' शब्द किस तत्पुरुष समास का उदाहरण है ?

  • (A) कर्म तत्पुरुष समास
  • (B) करण तत्पुरुष समास
  • (C) अपादान तत्पुरुष समास
  • (D) अधिकरण तत्पुरुष समास
Correct Answer: (A) कर्म तत्पुरुष समास
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न तत्पुरुष समास के उपभेदों की पहचान से संबंधित है, जो कारक की विभक्तियों पर आधारित होते हैं।




Step 2: Detailed Explanation:

'गगनचुंबी' शब्द का समास-विग्रह है:

गगन को चूमने वाला

इस विग्रह में 'को' विभक्ति चिह्न का प्रयोग हुआ है। 'को' विभक्ति चिह्न कर्म कारक का होता है।

जिस तत्पुरुष समास में कर्म कारक की विभक्ति 'को' का लोप होता है, उसे कर्म तत्पुरुष समास कहते हैं।

अतः, 'गगनचुंबी' कर्म तत्पुरुष समास का उदाहरण है।
Quick Tip: तत्पुरुष समास के उपभेद की पहचान के लिए सामासिक पद का विग्रह करें और देखें कि किस कारक की विभक्ति का लोप हुआ है। उसी कारक के नाम पर समास का नाम होगा।


Question 59:

'गुड़ खाकर गुलगुले से परहेज' लोकोक्ति का अर्थ है

  • (A) नाम बड़ा और काम छोटा
  • (B) सामूहिक चेतना का अभाव
  • (C) दिखावटी संयम
  • (D) अकेले बड़ा काम संभव नहीं होता
Correct Answer: (C) दिखावटी संयम
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न लोकोक्ति (Proverb) के भावार्थ को समझने से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

इस लोकोक्ति का शाब्दिक अर्थ है कि कोई व्यक्ति गुड़ (जो मीठा होता है) तो खा ले, लेकिन गुलगुले (जो गुड़ से ही बनते हैं और मीठे होते हैं) से परहेज करे।

इसका लाक्षणिक अर्थ है किसी बड़ी बुराई या काम को करना लेकिन उसी से मिलती-जुलती छोटी बुराई या काम से बचने का ढोंग करना। यह एक प्रकार का पाखंड या झूठा परहेज है।

दिए गए विकल्पों में, 'दिखावटी संयम' इस भाव को सबसे सटीक रूप से व्यक्त करता है।
Quick Tip: लोकोक्तियों का अर्थ समझने के लिए उनके शाब्दिक अर्थ से परे जाकर उनके लाक्षणिक या प्रतीकात्मक अर्थ पर विचार करें।


Question 60:

'सिर पर भूत सवार होना' मुहावरे का अर्थ है

  • (A) धुन सवार होना
  • (B) सिर में दर्द होना
  • (C) पागल हो जाना
  • (D) भूत के साथ रहना
Correct Answer: (A) धुन सवार होना
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न मुहावरे (Idiom) के अर्थ से संबंधित है। मुहावरे का अर्थ शाब्दिक न होकर लाक्षणिक होता है।




Step 2: Detailed Explanation:

'सिर पर भूत सवार होना' मुहावरे का प्रयोग उस स्थिति में किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी एक ही बात के पीछे पड़ जाए या उसे पूरा करने की जिद पकड़ ले।

इसका सबसे सटीक अर्थ है 'धुन सवार होना' या किसी काम को करने का जुनून होना।

उदाहरण: "आजकल उस पर परीक्षा में प्रथम आने का भूत सवार है।"

अन्य विकल्प (सिर में दर्द होना, पागल हो जाना, भूत के साथ रहना) इसके सही अर्थ नहीं हैं।
Quick Tip: मुहावरों का अर्थ उनके वाक्य में प्रयोग से और स्पष्ट हो जाता है। किसी मुहावरे का अर्थ सोचते समय उसे एक वाक्य में प्रयोग करके देखें।


Question 61:

हिन्दी में अनुनासिक वर्गों की कितनी संख्या है?

  • (A) तीन
  • (B) चार
  • (C) पाँच
  • (D) सात
Correct Answer: (C) पाँच
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी वर्णमाला में व्यंजनों के वर्गीकरण से संबंधित है। अनुनासिक व्यंजन वे होते हैं जिनका उच्चारण नाक और मुँह दोनों से होता है।




Step 2: Detailed Explanation:

हिंदी के स्पर्श व्यंजनों के पाँच वर्ग हैं (क, च, ट, त, प वर्ग)। प्रत्येक वर्ग का पाँचवाँ वर्ण अनुनासिक या 'नासिक्य व्यंजन' कहलाता है।

ये पाँच अनुनासिक वर्ण हैं:


ङ (क-वर्ग)
ञ (च-वर्ग)
ण (ट-वर्ग)
न (त-वर्ग)
म (प-वर्ग)

अतः, हिंदी में अनुनासिक वर्णों की कुल संख्या पाँच है।
Quick Tip: अनुनासिक वर्णों को 'पंचमाक्षर' (पाँचवाँ अक्षर) भी कहा जाता है, क्योंकि वे अपने-अपने वर्ग में पाँचवें स्थान पर आते हैं।


Question 62:

'क्ष' किन वर्णों के मेल से बना है ?

  • (A) क् + ष
  • (B) क + ष
  • (C) क् + श
  • (D) छ + अ
Correct Answer: (A) क् + ष
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी वर्णमाला के संयुक्त व्यंजनों की संरचना से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

हिंदी में चार संयुक्त व्यंजन हैं: क्ष, त्र, ज्ञ, श्र।

'क्ष' एक संयुक्त व्यंजन है जो दो व्यंजनों के मेल से बनता है। इसकी सही संरचना है:

क् (हलंत के साथ) + ष = क्ष

हलंत (्) यह दर्शाता है कि 'क' स्वर रहित (आधा) है।

विकल्प (B) गलत है क्योंकि इसमें 'क' पूरा है (क + अ)।

विकल्प (C) और (D) गलत वर्णों का मेल दर्शाते हैं।
Quick Tip: चारों संयुक्त व्यंजनों की संरचना याद रखें:
क्ष = क् + ष
त्र = त् + र
ज्ञ = ज् + ञ
श्र = श् + र


Question 63:

'ऋ' का उच्चारण-स्थान है

  • (A) कंठ
  • (B) तालु
  • (C) मूर्द्धा
  • (D) दंत
Correct Answer: (C) मूर्द्धा
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न वर्णों के उच्चारण-स्थान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

उच्चारण-स्थान का अर्थ है कि किसी वर्ण को बोलते समय जिह्वा मुख के किस भाग को स्पर्श करती है।

मूर्द्धा (Murdha) मुख के भीतर तालु के ऊपरी भाग का अगला हिस्सा होता है।

जिन वर्णों का उच्चारण मूर्द्धा से होता है, उन्हें मूर्धन्य कहते हैं। इनमें शामिल हैं:


स्वर: ऋ
व्यंजन: ट-वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र, और ष

अतः, 'ऋ' का उच्चारण-स्थान मूर्द्धा है।
Quick Tip: उच्चारण-स्थानों को समूहों में याद करें:
कंठ: अ, आ, क-वर्ग, ह
तालु: इ, ई, च-वर्ग, य, श
मूर्द्धा: ऋ, ट-वर्ग, र, ष
दंत: त-वर्ग, ल, स
ओष्ठ: उ, ऊ, प-वर्ग


Question 64:

निम्न में कौन मूल स्वर है ?

  • (A) इ
  • (B) ई
  • (C) ऊ
  • (D) ए
Correct Answer: (A) इ
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न स्वरों के वर्गीकरण से संबंधित है। मूल स्वर वे स्वर हैं जिनकी उत्पत्ति किसी अन्य स्वर के मेल से नहीं हुई है। इन्हें ह्रस्व स्वर भी कहते हैं।




Step 2: Detailed Explanation:

हिंदी में चार मूल स्वर हैं: अ, इ, उ, ऋ।

अन्य स्वर इन्हीं के मेल से बनते हैं:


दीर्घ स्वर: आ (अ+अ), ई (इ+इ), ऊ (उ+उ)
संयुक्त स्वर: ए (अ+इ), ऐ (अ+ए), ओ (अ+उ), औ (अ+ओ)

दिए गए विकल्पों में:


(A) इ: यह एक मूल स्वर है।
(B) ई: यह एक दीर्घ स्वर है।
(C) ऊ: यह एक दीर्घ स्वर है।
(D) ए: यह एक संयुक्त स्वर है।

अतः, सही उत्तर 'इ' है।
Quick Tip: मूल स्वर केवल चार हैं: अ, इ, उ, ऋ। ये सबसे छोटे स्वर हैं और इनके उच्चारण में सबसे कम समय लगता है।


Question 65:

निम्न में कौन ऊष्म व्यंजन है ?

  • (A) स
  • (B) य
  • (C) ज
  • (D) छ
Correct Answer: (A) स
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न व्यंजनों के वर्गीकरण से संबंधित है। ऊष्म व्यंजन वे व्यंजन हैं जिनके उच्चारण में मुख से एक प्रकार की गर्म (ऊष्म) वायु निकलती है।




Step 2: Detailed Explanation:

हिंदी वर्णमाला में चार ऊष्म व्यंजन हैं: श, ष, स, ह।

आइए विकल्पों का विश्लेषण करें:


(A) स: यह एक ऊष्म व्यंजन है।
(B) य: यह एक अंतःस्थ व्यंजन है।
(C) ज: यह एक स्पर्श व्यंजन है (च-वर्ग)।
(D) छ: यह एक स्पर्श व्यंजन है (च-वर्ग)।

अतः, सही उत्तर 'स' है।
Quick Tip: व्यंजनों के मुख्य समूहों को याद रखें:
स्पर्श (25): क से म तक
अंतःस्थ (4): य, र, ल, व
ऊष्म (4): श, ष, स, ह


Question 66:

गुरु नानक किस धारा के प्रमुख कवि हैं ?

  • (A) सगुण
  • (B) निर्गुण
  • (C) प्रेममार्गी
  • (D) कृष्णमार्गी
Correct Answer: (B) निर्गुण
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न हिंदी साहित्य के भक्तिकाल की काव्य-धाराओं और उनके प्रमुख कवियों से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

भक्तिकाल को मुख्य रूप से दो धाराओं में बांटा गया है:


सगुण धारा: ईश्वर के साकार रूप की उपासना (जैसे- रामभक्ति, कृष्णभक्ति)।
निर्गुण धारा: ईश्वर के निराकार, गुणरहित रूप की उपासना।

गुरु नानक देव जी ने ईश्वर के निराकार, एक, अद्वैत स्वरूप की उपासना पर बल दिया। वे मूर्तिपूजा और बाहरी आडंबरों के विरोधी थे। उनका काव्य ज्ञान और भक्ति का समन्वय है।

निर्गुण धारा की भी दो उपशाखाएँ हैं - ज्ञानमार्गी (संत काव्य) और प्रेममार्गी (सूफी काव्य)। गुरु नानक ज्ञानमार्गी शाखा के प्रमुख संत कवि थे।

दिए गए विकल्पों में, 'निर्गुण' सबसे उपयुक्त श्रेणी है जो गुरु नानक की काव्य-धारा को परिभाषित करती है।
Quick Tip: भक्तिकाल के कवियों को उनकी काव्य-धारा के अनुसार वर्गीकृत करके याद करें। निर्गुण (ज्ञानमार्गी): कबीर, नानक, रैदास; निर्गुण (प्रेममार्गी): जायसी; सगुण (रामभक्ति): तुलसीदास; सगुण (कृष्णभक्ति): सूरदास, मीराबाई।


Question 67:

'प्रेमवाटिका' किसकी रचना है ?

  • (A) गुरु नानक
  • (B) रसखान
  • (C) घनानंद
  • (D) सुमित्रानंदन पंत
Correct Answer: (B) रसखान
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न भक्तिकाल के प्रसिद्ध कृष्ण-भक्त कवि और उनकी रचनाओं से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'प्रेमवाटिका' कृष्णभक्ति शाखा के प्रसिद्ध कवि रसखान की एक प्रमुख कृति है।

यह दोहा छंद में लिखी गई है और इसमें प्रेम के गूढ़ तत्व का निरूपण किया गया है। रसखान की अन्य प्रसिद्ध रचना 'सुजान रसखान' है।

वे अपनी सवैयों और कवित्तों के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं।
Quick Tip: भक्तिकाल के प्रमुख कवियों और उनकी एक-दो सबसे प्रसिद्ध रचनाओं की सूची बनाकर याद करें। जैसे - रसखान: प्रेमवाटिका, सुजान रसखान; घनानंद: सुजान सागर, विरह लीला।


Question 68:

'स्वदेशी' शीर्षक कविता किससे संकलित है ?

  • (A) प्रेमघन सर्वस्व से
  • (B) जीर्ण जनपद से
  • (C) भारत प्रयाग से
  • (D) प्रयाग रामागमन से
Correct Answer: (A) प्रेमघन सर्वस्व से
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न आधुनिक काल के कवि बद्रीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' की कविता और उनके काव्य संग्रह से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'स्वदेशी' शीर्षक कविता 'प्रेमघन' जी द्वारा रचित है।

यह कविता उनके समस्त काव्य और निबंधों के संग्रह 'प्रेमघन सर्वस्व' से संकलित की गई है।

इस कविता में कवि ने देश में विदेशी वस्तुओं के बढ़ते प्रचलन पर चिंता व्यक्त की है और स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया है।
Quick Tip: पाठ्यपुस्तक में दी गई कविताओं के स्रोत (यानी वे किस काव्य-संग्रह से ली गई हैं) को कविता के परिचय में ही पढ़ लेना चाहिए, क्योंकि यह अक्सर परीक्षा में पूछा जाता है।


Question 69:

निम्न में कौन 'प्रेम की पीर' के कवि हैं ?

  • (A) गुरु नानक
  • (B) रसखान
  • (C) घनानंद
  • (D) सुमित्रानंदन पंत
Correct Answer: (C) घनानंद
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न रीतिकाल के कवियों और उन्हें दी गई विशिष्ट उपाधियों से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

रीतिकाल की रीतिमुक्त धारा के सर्वप्रमुख कवि घनानंद को 'प्रेम की पीर' (प्रेम की पीड़ा) का कवि कहा जाता है।

उनकी कविताओं में प्रेम की गहरी अनुभूति, विरह की तीव्र वेदना और निश्छल प्रेम की मार्मिक अभिव्यक्ति मिलती है। सुजान के प्रति उनका प्रेम जब भक्ति में बदला, तो उनकी पीड़ा काव्य में साकार हो उठी।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने उन्हें 'साक्षात् रसमूर्ति' और 'प्रेम की पीर' का कवि कहा है।
Quick Tip: प्रमुख कवियों को दी गई उपाधियों को याद रखें। जैसे- 'प्रेम की पीर' - घनानंद, 'कठिन काव्य का प्रेत' - केशवदास, 'प्रकृति के सुकुमार कवि' - सुमित्रानंदन पंत।


Question 70:

सुमित्रानंदन पंत का जन्म किस राज्य में हुआ था ?

  • (A) बिहार में
  • (B) मध्य प्रदेश में
  • (C) राजस्थान में
  • (D) उत्तरांचल (उत्तराखंड) में
Correct Answer: (D) उत्तरांचल (उत्तराखंड) में
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न छायावाद के प्रमुख कवि सुमित्रानंदन पंत के जीवन-परिचय से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'प्रकृति के सुकुमार कवि' कहे जाने वाले सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई, 1900 को कौसानी नामक गाँव में हुआ था।

उस समय यह गाँव अल्मोड़ा जिले, संयुक्त प्रांत (United Provinces) का हिस्सा था।

वर्तमान में कौसानी, बागेश्वर जिले में है, जो उत्तराखंड (जिसे पहले उत्तरांचल कहा जाता था) राज्य में स्थित है।

अतः, सही उत्तर उत्तरांचल (उत्तराखंड) है।
Quick Tip: प्रमुख लेखकों और कवियों के जन्मस्थान को वर्तमान राज्य के संदर्भ में याद रखें, क्योंकि समय के साथ राज्यों की सीमाएँ और नाम बदल सकते हैं।


Question 71:

रामधारी सिंह 'दिनकर' का जन्म कब हुआ था ?

  • (A) 1905 ई० में
  • (B) 1900 ई० में
  • (C) 1911 ई० में
  • (D) 1908 ई० में
Correct Answer: (D) 1908 ई० में
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' के जीवन-परिचय से संबंधित एक तथ्यात्मक प्रश्न है।




Step 2: Detailed Explanation:

रामधारी सिंह 'दिनकर' का जन्म 23 सितंबर, 1908 ई० को बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया गाँव में हुआ था।

वे हिंदी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। उन्हें 'राष्ट्रकवि' के रूप में भी जाना जाता है।
Quick Tip: हिंदी के चार प्रमुख कवियों (जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा) और अन्य महत्वपूर्ण कवियों जैसे दिनकर, अज्ञेय आदि के जन्म और मृत्यु वर्ष याद रखना परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी होता है।


Question 72:

'अज्ञेय' का पूरा नाम क्या है ?

  • (A) सदानंद 'अज्ञेय'
  • (B) सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • (C) हीरानंद शास्त्री 'अज्ञेय'
  • (D) सदानंद हीरालाल कौशिक 'अज्ञेय'
Correct Answer: (B) सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न प्रयोगवाद के प्रवर्तक कवि 'अज्ञेय' के पूरे नाम से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

हिंदी साहित्य में 'तार सप्तक' के संपादक और प्रयोगवाद के प्रमुख कवि 'अज्ञेय' का पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' है।

'अज्ञेय' उनका उपनाम (pen name) है। उनके पिता का नाम हीरानंद शास्त्री था और उनका गोत्र वात्स्यायन था।
Quick Tip: जिन कवियों के उपनाम (जैसे - निराला, दिनकर, अज्ञेय, प्रेमघन) प्रसिद्ध हैं, उनके पूरे नाम अवश्य याद रखें।


Question 73:

पर्यावरण, मनुष्य और सभ्यता के विनाश की कथा व्यक्त करती कविता निम्न में कौन है ?

  • (A) अक्षर-ज्ञान
  • (B) लौटकर आऊँगा फिर
  • (C) एक वृक्ष की हत्या
  • (D) इनमें से कोई नहीं
Correct Answer: (C) एक वृक्ष की हत्या
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न कविताओं की विषय-वस्तु (Theme) की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:


(A) अक्षर-ज्ञान: यह कविता एक बच्चे के अक्षर ज्ञान प्राप्त करने के शुरुआती संघर्ष को दर्शाती है।
(B) लौटकर आऊँगा फिर: यह कविता कवि की अपने मातृभूमि (बंगाल) के प्रति गहरे प्रेम और मृत्यु के बाद भी वहाँ लौट आने की इच्छा को व्यक्त करती है।
(C) एक वृक्ष की हत्या: यह कुँवर नारायण द्वारा रचित एक प्रतीकात्मक कविता है। इसमें कवि एक पुराने वृक्ष के कट जाने को एक हत्या के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जो पर्यावरण के विनाश, शहरीकरण के कारण प्रकृति से मनुष्य के टूटते रिश्ते और सभ्यता के संकट का प्रतीक है।

अतः, 'एक वृक्ष की हत्या' कविता पर्यावरण, मनुष्य और सभ्यता के विनाश की चिंता व्यक्त करती है।
Quick Tip: पाठ्यक्रम की सभी कविताओं के केंद्रीय भाव या मूल संदेश को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे विषय-वस्तु पर आधारित प्रश्नों का उत्तर देना आसान हो जाता है।


Question 74:

'खेत हैं जहाँ धान के, बहती नदी' - किस कविता की पंक्ति है ?

  • (A) हिरोशिमा
  • (B) अक्षर-ज्ञान
  • (C) लौटकर आऊँगा फिर
  • (D) हमारी नींद
Correct Answer: (C) लौटकर आऊँगा फिर
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न कविता की पंक्तियों को पहचान कर उसे सही कविता से जोड़ने से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

यह पंक्ति जीवनानंद दास द्वारा रचित कविता 'लौटकर आऊँगा फिर' की है।

इस कविता में कवि अपनी मृत्यु के बाद भी अपनी मातृभूमि बंगाल के प्राकृतिक सौंदर्य (धान के खेत, बहती नदी, पक्षी) के बीच किसी-न-किसी रूप में लौट आने की तीव्र इच्छा व्यक्त करता है। यह पंक्ति बंगाल के ग्रामीण परिवेश का एक सुंदर चित्र प्रस्तुत करती है।
Quick Tip: प्रसिद्ध कविताओं की शुरुआती या सबसे महत्वपूर्ण पंक्तियों को याद रखने की कोशिश करें। इससे पंक्तियों पर आधारित प्रश्नों को हल करने में मदद मिलती है।


Question 75:

'अक्षर-ज्ञान' शीर्षक कविता में बेटे का 'क' कहाँ नहीं अँटता ?

  • (A) खिड़की में
  • (B) गमले में
  • (C) चौखटे में
  • (D) घड़े में
Correct Answer: (C) चौखटे में
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न अनामिका द्वारा रचित कविता 'अक्षर-ज्ञान' की विषय-वस्तु के एक विशिष्ट विवरण से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

कविता 'अक्षर-ज्ञान' में कवयित्री एक बच्चे द्वारा अक्षरों को सीखने की प्रक्रिया का बहुत ही मार्मिक और बाल-मनोवैज्ञानिक चित्रण करती हैं।

कविता में बताया गया है कि बेटे का 'क' कबूतर तो है, पर वह फुदक जाता है। 'ख' खरगोश की तरह खालिस बेचैनी में है। 'ग' गमले की तरह टूट जाता है। 'घ' घड़े सा लुढ़क जाता है।

अंत में, 'ङ' के बारे में बताते हुए कवयित्री कहती हैं - "अँगा पर आकर थमक जाता है, उससे नहीं सधता है अँगा।"। कविता में 'क' के लिए "चौखटे में नहीं अँटता बेटे का 'क'" पंक्ति का प्रयोग हुआ है, जो सीखने की शुरुआती कठिनाई को दर्शाता है।
Quick Tip: प्रतीकात्मक कविताओं में हर प्रतीक के अर्थ को समझना जरूरी है। 'अक्षर-ज्ञान' कविता में प्रत्येक अक्षर से जुड़ी उपमा बच्चे के संघर्ष को दर्शाती है।


Question 76:

रेनर मारिया रिल्के के पिता का नाम क्या था ?

  • (A) जोसेफ रिल्के
  • (B) ओसेन रिल्के
  • (C) नार्मन रिल्के
  • (D) मोनेर रिल्के
Correct Answer: (A) जोसेफ रिल्के
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न प्रसिद्ध जर्मन कवि रेनर मारिया रिल्के के जीवन-परिचय से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

रेनर मारिया रिल्के का जन्म प्राग (ऑस्ट्रिया-हंगरी, अब चेक गणराज्य) में हुआ था।

उनके पिता का नाम जोसेफ रिल्के (Josef Rilke) था, जो एक रेलवे अधिकारी थे। उनकी माँ का नाम सोफी (फिया) एंत्ज़ था।

अतः, सही उत्तर जोसेफ रिल्के है।
Quick Tip: पाठ्यक्रम में शामिल विदेशी लेखकों के भी जीवन-परिचय के मुख्य बिंदुओं (जैसे- जन्म, देश, माता-पिता, प्रमुख रचना) पर ध्यान देना चाहिए।


Question 77:

'निःशंक' शब्द का अर्थ है

  • (A) शंकायुक्त
  • (B) शंकामुक्त
  • (C) चेतावनी
  • (D) सच्चा मन
Correct Answer: (B) शंकामुक्त
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न शब्द के अर्थ से संबंधित है, जिसमें उपसर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रश्न में 'निसाँक' मुद्रित है, जो संभवतः 'निःशंक' है।




Step 2: Detailed Explanation:

'निःशंक' शब्द दो भागों से मिलकर बना है:

निः + शंक

यहाँ 'निः' एक उपसर्ग है जिसका अर्थ है 'बिना' या 'रहित'।

'शंक' का अर्थ है 'शंका' या 'संदेह'।

अतः, 'निःशंक' का अर्थ है 'शंका से रहित' या 'बिना किसी शंका के'।

दिए गए विकल्पों में, 'शंकामुक्त' का भी यही अर्थ है ('शंका से मुक्त')।
Quick Tip: 'निः' या 'निर्' उपसर्ग अक्सर 'बिना' या 'नहीं' का अर्थ देते हैं। जैसे - निर्भय (भय के बिना), निर्धन (धन के बिना), निःसंदेह (संदेह के बिना)।


Question 78:

भीमराव अंबेडकर किनके प्रोत्साहन पर उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका और लंदन गए ?

  • (A) ग्वालियर नरेश के प्रोत्साहन पर
  • (B) सिंधिया नरेश के प्रोत्साहन पर
  • (C) मेवाड़ नरेश के प्रोत्साहन पर
  • (D) बड़ौदा नरेश के प्रोत्साहन पर
Correct Answer: (D) बड़ौदा नरेश के प्रोत्साहन पर
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन और उनकी शिक्षा से जुड़े एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य पर आधारित है।




Step 2: Detailed Explanation:

डॉ. भीमराव अंबेडकर एक मेधावी छात्र थे, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण उनके लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल था।

उनकी प्रतिभा को पहचानकर बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान की।

इसी छात्रवृत्ति के सहारे वे 1913 में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय गए और बाद में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स भी गए।

अतः, वे बड़ौदा नरेश के प्रोत्साहन पर विदेश गए थे।
Quick Tip: महान व्यक्तियों के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ लाने वाले लोगों और घटनाओं को याद रखना चाहिए, क्योंकि ये अक्सर सामान्य ज्ञान और विषय-विशिष्ट परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।


Question 79:

'आध्यात्मिक शिक्षा से मेरा मतलब ............ है ।' रिक्त स्थान में क्या होगा ?

  • (A) व्यावसायिक शिक्षा
  • (B) रूढ़िवादी शिक्षा
  • (C) हृदय की शिक्षा
  • (D) वैज्ञानिक शिक्षा
Correct Answer: (C) हृदय की शिक्षा
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न महात्मा गांधी के शिक्षा-संबंधी विचारों पर आधारित पाठ 'शिक्षा और संस्कृति' से लिया गया एक प्रसिद्ध कथन है।




Step 2: Detailed Explanation:

महात्मा गांधी ने अपने लेखों और भाषणों में शिक्षा के वास्तविक अर्थ पर बल दिया। उनका मानना था कि सच्ची शिक्षा केवल किताबी ज्ञान या बौद्धिक विकास तक सीमित नहीं है।

पाठ 'शिक्षा और संस्कृति' में वे स्पष्ट रूप से कहते हैं:

"आध्यात्मिक शिक्षा से मेरा मतलब हृदय की शिक्षा है।"

इसका अर्थ है कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो चरित्र का निर्माण करे, नैतिक मूल्यों का विकास करे और व्यक्ति को प्रेम, अहिंसा, और सत्य का पालन करना सिखाए।
Quick Tip: महात्मा गांधी के शिक्षा-दर्शन के मूल बिंदुओं (जैसे- चरित्र निर्माण, हृदय की शिक्षा, अहिंसक प्रतिरोध) को याद रखें। ये उनके किसी भी लेख को समझने में सहायक होते हैं।


Question 80:

अमीरुद्दीन व शम्सुद्दीन के मामाद्वय कौन थे ?

  • (A) निजामुद्दीन खाँ तथा तारीफ खाँ
  • (B) हजरत खाँ तथा बिलावत खाँ
  • (C) सादिक हुसैन तथा अलीबख्स
  • (D) नादिम हुसैन तथा इरफान
Correct Answer: (C) सादिक हुसैन तथा अलीबख्स
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न यतीन्द्र मिश्र द्वारा लिखित पाठ 'नौबतखाने में इबादत' से है, जो शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ के जीवन पर आधारित है।




Step 2: Detailed Explanation:

पाठ में बताया गया है कि अमीरुद्दीन (बिस्मिल्लाह खाँ का बचपन का नाम) और उनके भाई शम्सुद्दीन का ननिहाल काशी में था।

उनके दोनों मामा (मामाद्वय) प्रसिद्ध शहनाई वादक थे और काशी विश्वनाथ मंदिर में शहनाई बजाते थे। बिस्मिल्लाह खाँ को शहनाई की प्रेरणा और शुरुआती शिक्षा उन्हीं से मिली।

उनके मामाओं के नाम सादिक हुसैन और अलीबख्श 'विलायती' थे।

अतः, सही उत्तर (C) है।
Quick Tip: जीवनी पर आधारित पाठों में मुख्य व्यक्ति के परिवार के सदस्यों और गुरुओं के नामों को ध्यान से पढ़ें, क्योंकि उनका उस व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव होता है।


Question 81:

'लाभ की इच्छा' वाक्यखंड के लिए एक शब्द है

  • (A) जिगीषा
  • (B) बुभुक्षा
  • (C) स्पर्द्धा
  • (D) लिप्सा
Correct Answer: (D) लिप्सा
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न 'वाक्यांश के लिए एक शब्द' से संबंधित है, जिसमें एक पूरे भाव को एक शब्द में व्यक्त करना होता है।




Step 2: Detailed Explanation:

आइए दिए गए विकल्पों के अर्थ को समझें:


(A) जिगीषा: जीतने की इच्छा।
(B) बुभुक्षा: भोजन करने (खाने) की इच्छा।
(C) स्पर्द्धा: किसी से आगे बढ़ने की होड़ या प्रतियोगिता।
(D) लिप्सा: किसी वस्तु को पाने की तीव्र इच्छा, विशेष रूप से लाभ या भोग की इच्छा।

'लाभ की इच्छा' के लिए सबसे उपयुक्त और सटीक शब्द 'लिप्सा' है।
Quick Tip: 'इच्छा' से संबंधित वाक्यांशों के लिए एक-शब्दों की सूची बना लें, जैसे- जिजीविषा (जीने की इच्छा), मुमुक्षा (मोक्ष की इच्छा), पिपासा (पीने की इच्छा) आदि।


Question 82:

'जहाँ तक सध सके' वाक्यखंड के लिए एक शब्द है

  • (A) यथाशक्ति
  • (B) सव्यसाची
  • (C) समागम
  • (D) यथासाध्य
Correct Answer: (D) यथासाध्य
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न भी 'वाक्यांश के लिए एक शब्द' पर आधारित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'जहाँ तक सध सके' का अर्थ है 'जितना पूरा किया जा सके' या 'जितना संभव हो सके'।

इसका विश्लेषण करें:


(A) यथाशक्ति: शक्ति के अनुसार।
(B) सव्यसाची: जो बाएँ हाथ से भी काम कर सके (अर्जुन का एक नाम)।
(C) समागम: मिलन या भेंट।
(D) यथासाध्य: जहाँ तक साधा जा सके या पूरा किया जा सके। ('साध्य' का अर्थ है जिसे साधा या पूरा किया जा सके)।

अतः, 'जहाँ तक सध सके' के लिए सही शब्द 'यथासाध्य' है।
Quick Tip: 'यथा' उपसर्ग का अर्थ 'के अनुसार' होता है। इसके साथ जुड़ने वाले शब्द के अर्थ पर ध्यान दें। यथाशक्ति (शक्ति के अनुसार), यथाविधि (विधि के अनुसार), यथासाध्य (साधने के अनुसार)।


Question 83:

'ज्येष्ठ' शब्द का विलोम है

  • (A) अनामिका
  • (B) प्रतिघात
  • (C) कनिष्ठ
  • (D) अग्रज
Correct Answer: (C) कनिष्ठ
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न विलोम (विपरीतार्थक) शब्द से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'ज्येष्ठ' का अर्थ होता है 'उम्र या पद में सबसे बड़ा' (senior/eldest)।

इसका सटीक विलोम शब्द 'कनिष्ठ' होता है, जिसका अर्थ है 'उम्र या पद में सबसे छोटा' (junior/youngest)।

अन्य विकल्प:


(A) अनामिका: हाथ की एक अँगुली का नाम।
(B) प्रतिघात: घात (चोट) के बदले घात।
(D) अग्रज: पहले जन्मा हुआ (बड़ा भाई)। इसका विलोम 'अनुज' (बाद में जन्मा हुआ) होता है। Quick Tip: विलोम शब्द हमेशा समान व्याकरणिक कोटि के होते हैं। 'ज्येष्ठ' (विशेषण) का विलोम 'कनिष्ठ' (विशेषण) होगा। 'अग्रज' (संज्ञा) का विलोम 'अनुज' (संज्ञा) होगा।


Question 84:

'गौरव' शब्द का विलोम है

  • (A) आगत
  • (B) आगमन
  • (C) पराजय
  • (D) लाघव
Correct Answer: (D) लाघव
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न विलोम शब्द से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'गौरव' शब्द 'गुरु' (बड़ा, भारी) शब्द से बना है और इसका अर्थ बड़प्पन, भारीपन या महत्व होता है।

इसका विलोम शब्द 'लाघव' है, जो 'लघु' (छोटा, हल्का) शब्द से बना है और इसका अर्थ छोटापन या हल्कापन होता है।

अतः, गुरु \(\rightarrow\) लघु, और गौरव \(\rightarrow\) लाघव।
Quick Tip: कुछ विलोम शब्द मूल शब्दों की जोड़ी पर आधारित होते हैं। यदि आपको मूल शब्द (जैसे गुरु/लघु) का संबंध पता है, तो आप उनसे बने शब्दों (गौरव/लाघव) के विलोम का भी अनुमान लगा सकते हैं।


Question 85:

'जातीय' शब्द का विलोम है

  • (A) सात्त्विक
  • (B) निकृष्ट
  • (C) विजातीय
  • (D) चिरंतन
Correct Answer: (C) विजातीय
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न विलोम शब्द से संबंधित है, जिसमें उपसर्ग का प्रयोग किया गया है।




Step 2: Detailed Explanation:

'जातीय' का अर्थ है 'एक ही जाति का' या 'एक ही प्रकार का' (homogeneous)।

इसमें 'वि' उपसर्ग लगाकर इसका विलोम शब्द बनाया जाता है।

'विजातीय' का अर्थ है 'दूसरी जाति का' या 'भिन्न प्रकार का' (heterogeneous)।

अतः, 'जातीय' का सही विलोम 'विजातीय' है।
Quick Tip: 'अ', 'अन', 'वि', 'अप' जैसे उपसर्गों का प्रयोग अक्सर विलोम शब्द बनाने के लिए किया जाता है। जैसे - ज्ञात/अज्ञात, जातीय/विजातीय।


Question 86:

'ब्रह्मा' का पर्यायवाची शब्द है

  • (A) चतुरानन
  • (B) चतुर्भुज
  • (C) त्रिनेत्र
  • (D) चन्द्रशेखर
Correct Answer: (A) चतुरानन
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न पर्यायवाची (समानार्थक) शब्द से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

आइए दिए गए विकल्पों का विश्लेषण करें:


(A) चतुरानन: चतुः + आनन (चार हैं मुख जिसके) - यह ब्रह्मा जी का एक प्रमुख नाम है।
(B) चतुर्भुज: चतुः + भुज (चार हैं भुजाएँ जिसकी) - यह भगवान विष्णु का पर्यायवाची है।
(C) त्रिनेत्र: त्रि + नेत्र (तीन हैं नेत्र जिसके) - यह भगवान शिव का पर्यायवाची है।
(D) चन्द्रशेखर: चन्द्र है शिखर (माथे) पर जिसके - यह भी भगवान शिव का पर्यायवाची है।

अतः, 'ब्रह्मा' का सही पर्यायवाची 'चतुरानन' है।
Quick Tip: प्रमुख देवी-देवताओं के पर्यायवाची शब्द अक्सर उनकी विशेषताओं (जैसे मुख, भुजाओं, अस्त्रों, वाहनों) पर आधारित होते हैं। इन्हें समझने से याद रखना आसान हो जाता है।


Question 87:

'राजा' का पर्यायवाची शब्द है

  • (A) त्रियामा
  • (B) तापस
  • (C) केशरी
  • (D) महीप
Correct Answer: (D) महीप
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न पर्यायवाची शब्द से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'राजा' के पर्यायवाची शब्द वे हैं जो शासक या नरेश का अर्थ देते हैं।


(A) त्रियामा: यह 'रात्रि' का पर्यायवाची है।
(B) तापस: यह 'तपस्वी' या 'साधु' का पर्यायवाची है।
(C) केशरी: यह 'सिंह' (शेर) का पर्यायवाची है।
(D) महीप: मही + प ('मही' का अर्थ है पृथ्वी, 'प' का अर्थ है पालक/रक्षक)। अतः 'महीप' का अर्थ है 'पृथ्वी का पालक' अर्थात 'राजा'।

'राजा' के अन्य पर्यायवाची हैं - नृप, भूप, नरेश, भूपति, सम्राट।
Quick Tip: पर्यायवाची शब्दों को समूहों में याद करें, जैसे - राजा के सभी पर्यायवाची एक साथ, रात के सभी पर्यायवाची एक साथ।


Question 88:

'सूर्य' का पर्यायवाची शब्द है

  • (A) हाटक
  • (B) सविता
  • (C) पयोद
  • (D) हेम
Correct Answer: (B) सविता
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न पर्यायवाची शब्द से संबंधित है। (नोट: प्रश्नपत्र में यह शब्द 'नेप' के रूप में गलत मुद्रित हो सकता है, लेकिन विकल्पों के आधार पर यह 'सूर्य' का पर्यायवाची पूछ रहा है)।




Step 2: Detailed Explanation:

आइए दिए गए विकल्पों का विश्लेषण करें:


(A) हाटक: यह 'सोना' (Gold) का पर्यायवाची है।
(B) सविता: यह 'सूर्य' (Sun) का एक प्रमुख पर्यायवाची है। वेदों में सूर्य को सविता कहा गया है।
(C) पयोद: पयः + द (जल देने वाला) - यह 'बादल' (Cloud) का पर्यायवाची है।
(D) हेम: यह भी 'सोना' (Gold) का पर्यायवाची है।

अतः, सूर्य का पर्यायवाची 'सविता' है।
Quick Tip: यदि परीक्षा में कोई प्रश्न गलत मुद्रित लगे, तो घबराएं नहीं। विकल्पों को ध्यान से देखें और अनुमान लगाएं कि सबसे तार्किक प्रश्न क्या हो सकता था।


Question 89:

निम्नलिखित में कौन शुद्ध वाक्य है ?

  • (A) सभा में यह प्रस्ताव स्वीकार हुआ।
  • (B) यह लड़के ने दही गिरा दी।
  • (C) पटना में दंगा चल रही है।
  • (D) शीला ने ग्रंथ पढ़ा।
Correct Answer: (A) सभा में यह प्रस्ताव स्वीकार हुआ।
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न वाक्य शुद्धि से संबंधित है, जिसमें लिंग, वचन और कारक का सही प्रयोग जाँचा जाता है।




Step 2: Detailed Explanation:


(A) सभा में यह प्रस्ताव स्वीकार हुआ। - यह वाक्य व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध है। 'प्रस्ताव' (पुल्लिंग) के अनुसार क्रिया 'हुआ' (पुल्लिंग) सही है।
(B) यह लड़के ने दही गिरा दी। - यह अशुद्ध है। 'दही' शब्द पुल्लिंग होता है, इसलिए क्रिया 'गिरा दिया' होनी चाहिए थी।
(C) पटना में दंगा चल रही है। - यह अशुद्ध है। 'दंगा' शब्द पुल्लिंग है, इसलिए क्रिया 'चल रहा है' होनी चाहिए थी।
(D) शीला ने ग्रंथ पढ़ा। - यह वाक्य भी व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध है। 'ने' के साथ क्रिया कर्म ('ग्रंथ'-पुल्लिंग) के अनुसार 'पढ़ा' (पुल्लिंग) सही है।

दिए गए विकल्पों में (A) और (D) दोनों व्याकरणिक रूप से सही हैं। हालाँकि, प्रतियोगी परीक्षाओं में ऐसे मामलों में, अक्सर सबसे उपयुक्त या औपचारिक वाक्य को चुना जाता है। वाक्य (A) एक औपचारिक स्थिति का वर्णन करता है और पूरी तरह से शुद्ध है।
Quick Tip: वाक्य शुद्धि के प्रश्नों में क्रिया का लिंग और वचन, कर्ता और कर्म के साथ सही मेल खा रहा है या नहीं, इस पर विशेष ध्यान दें। 'दही', 'मोती', 'पानी' जैसे शब्द पुल्लिंग होते हैं।


Question 90:

निम्नलिखित में कौन अशुद्ध शब्द है ?

  • (A) त्यौहार
  • (B) बीमारी
  • (C) शताब्दी
  • (D) स्थायी
Correct Answer: (A) त्यौहार
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न वर्तनी की अशुद्धि की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:


(A) त्यौहार: यह अशुद्ध वर्तनी है। मानक हिंदी में इस शब्द को 'त्योहार' (ओ की एक मात्रा के साथ) लिखा जाता है।
(B) बीमारी: यह शुद्ध वर्तनी है।
(C) शताब्दी: यह शुद्ध वर्तनी है।
(D) स्थायी: यह शुद्ध वर्तनी है।

अतः, अशुद्ध शब्द 'त्यौहार' है।
Quick Tip: 'ओ' और 'औ' की मात्राओं में अक्सर गलतियाँ होती हैं। 'त्योहार', 'पड़ोसी' जैसे शब्दों में 'ओ' की एक मात्रा लगती है, न कि 'औ' की दो मात्राएँ।


Question 91:

वल्लि अम्माल किस शीर्षक कहानी की पात्रा है ?

  • (A) माँ
  • (B) नगर
  • (C) ढहते विश्वास
  • (D) दही वाली मंगम्मा
Correct Answer: (B) नगर
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न पूरक पाठ्यपुस्तक 'वर्णिका' की कहानियों और उनके पात्रों से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

वल्लि अम्माल तमिल कहानी 'नगर' की मुख्य पात्रा है, जिसके लेखक सुजाता हैं।

यह कहानी वल्लि अम्माल के संघर्ष को दर्शाती है जो अपनी बीमार बेटी पाप्पाति का इलाज कराने के लिए गाँव से बड़े शहर (मदुरै) आती है और वहाँ की व्यवस्था में उलझ कर रह जाती है।
Quick Tip: पूरक पाठ्यपुस्तक की सभी कहानियों के लेखक, मूल भाषा, मुख्य पात्र और कहानी के केंद्रीय भाव को एक तालिका बनाकर याद करें।


Question 92:

ईश्वर पेटलीकर किस भाषा के लोकप्रिय कथाकार हैं ?

  • (A) राजस्थानी
  • (B) उड़िया
  • (C) गुजराती
  • (D) पहाड़ी
Correct Answer: (C) गुजराती
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रसिद्ध लेखकों की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

ईश्वर पेटलीकर गुजराती भाषा के एक अत्यंत लोकप्रिय और सम्मानित कथाकार थे।

उनकी कहानी 'खून की सगाई' का हिंदी रूपांतरण 'माँ' शीर्षक से पाठ्यक्रम में शामिल है, जो माँ की ममता और अपनी मंदबुद्धि बेटी के प्रति उसकी चिंता को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत करती है।
Quick Tip: पाठ्यक्रम में शामिल अनुवादित कहानियों के मूल लेखक और उनकी भाषा को अवश्य याद रखें।


Question 93:

'ढहते विश्वास' में किस बाँध के टूटने का प्रसंग आया है ?

  • (A) दलेइ बाँध
  • (B) फरका बाँध
  • (C) सिरकुरा बाँध
  • (D) भीमताल बाँध
Correct Answer: (A) दलेइ बाँध
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न सातकोड़ी होता द्वारा रचित उड़िया कहानी 'ढहते विश्वास' की विषय-वस्तु से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

'ढहते विश्वास' कहानी उड़ीसा के बाढ़ और सूखे से त्रस्त जन-जीवन पर आधारित है।

कहानी की मुख्य पात्रा लक्ष्मी और गाँव के अन्य लोग महानदी पर बने दलेइ बाँध के टूटने के खतरे से भयभीत हैं। कहानी का चरमोत्कर्ष इसी बाँध के टूटने और उसके बाद आई विनाशकारी बाढ़ के इर्द-गिर्द घूमता है।
Quick Tip: कहानियों में उल्लिखित विशिष्ट स्थानों, नदियों, बाँधों आदि के नामों पर ध्यान दें, क्योंकि वे कहानी के कथानक के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।


Question 94:

मंगम्मा को किसके साथ विवाद था ?

  • (A) माँ जी के साथ
  • (B) शहर के ग्राहक के साथ
  • (C) बहू नंजम्मा के साथ
  • (D) पड़ोसी के साथ
Correct Answer: (C) बहू नंजम्मा के साथ
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न श्रीनिवास द्वारा रचित कन्नड़ कहानी 'दही वाली मंगम्मा' के मुख्य संघर्ष से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

कहानी का केंद्रीय विषय सास और बहू के बीच का संबंध और पीढ़ी का टकराव है।

मंगम्मा का मुख्य विवाद उसकी बहू नंजम्मा के साथ था। यह विवाद अपने पोते को पीटने के मुद्दे से शुरू होता है और फिर घर पर अधिकार और स्वतंत्रता को लेकर बढ़ जाता है, जिसके कारण मंगम्मा अलग रहने लगती है।
Quick Tip: कहानियों के मुख्य पात्रों और उनके बीच के संबंधों (मित्रता, शत्रुता, विवाद) को समझना कहानी के मूल संदेश को पकड़ने के लिए आवश्यक है।


Question 95:

संतू मछली लेकर क्यों भागा ?

  • (A) कुएँ में डालने के लिए
  • (B) पकाने के लिए
  • (C) दीदी के लिए
  • (D) कुत्ता के लिए
Correct Answer: (A) कुएँ में डालने के लिए
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न विनोद कुमार शुक्ल द्वारा रचित कहानी 'मछली' के कथानक से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

कहानी में, लेखक और उसका छोटा भाई संतू नहीं चाहते थे कि खरीदी गई मछलियों को काटा और पकाया जाए।

उनकी योजना थी कि वे कम से कम एक मछली को बचाकर घर के पास वाले कुएँ में डाल देंगे ताकि वह जीवित रहे और वे उसके साथ खेल सकें।

जब घर का नौकर भग्गू मछली को काटने की तैयारी कर रहा था, तो संतू उसे बचाने के लिए एक मछली लेकर कुएँ की तरफ भागा।

अतः, संतू मछली लेकर कुएँ में डालने के लिए भागा था।
Quick Tip: कहानियों के मुख्य पात्रों की इच्छाओं और उनके कार्यों के पीछे के कारणों को समझना कहानी के कथानक को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।


Question 96:

अमीरुद्दीन का जन्म कहाँ हुआ था ?

  • (A) महाराष्ट्र में
  • (B) बिहार में
  • (C) उत्तर प्रदेश में
  • (D) पश्चिम बंगाल में
Correct Answer: (B) बिहार में
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न 'नौबतखाने में इबादत' पाठ के मुख्य चरित्र, उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ (जिनका बचपन का नाम अमीरुद्दीन था) के जीवन-परिचय से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ का जन्म 21 मार्च, 1916 को डुमराँव, बिहार में संगीतकारों के एक परिवार में हुआ था।

यद्यपि उन्होंने अपना अधिकांश जीवन वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में बिताया और वहीं संगीत साधना की, लेकिन उनका जन्मस्थान बिहार का डुमराँव गाँव था।
Quick Tip: महान व्यक्तित्वों के जन्मस्थान और कर्मस्थान में अंतर को समझना महत्वपूर्ण है। बिस्मिल्लाह खाँ का जन्म बिहार में हुआ था, जबकि उनकी कर्मभूमि वाराणसी (उत्तर प्रदेश) थी।


Question 97:

विनोद कुमार शुक्ल के उपन्यास का नाम है

  • (A) सबकुछ होना बचा रहेगा
  • (B) अतिरिक्त नहीं
  • (C) नौकर की कमीज
  • (D) महाविद्यालय
Correct Answer: (C) नौकर की कमीज
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न प्रसिद्ध लेखक विनोद कुमार शुक्ल की रचनाओं की विधा (genre) की पहचान से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

आइए दिए गए विकल्पों का विश्लेषण करें:


(A) सबकुछ होना बचा रहेगा: यह विनोद कुमार शुक्ल का एक प्रसिद्ध कविता-संग्रह है।
(B) अतिरिक्त नहीं: यह भी एक कविता-संग्रह है।
(C) नौकर की कमीज: यह उनका एक बहुत ही प्रशंसित उपन्यास (Novel) है, जिस पर फिल्म भी बन चुकी है।
(D) महाविद्यालय: यह उनका कहानी-संग्रह है, जिससे 'मछली' कहानी ली गई है।

प्रश्न में उपन्यास का नाम पूछा गया है, अतः सही उत्तर 'नौकर की कमीज' है।
Quick Tip: प्रमुख लेखकों की कम से कम एक-एक प्रमुख रचना को उनकी विधा (कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध) के साथ याद रखें।


Question 98:

अशोक वाजपेयी के माता-पिता का नाम क्या था ?

  • (A) सुमित्रा देवी और पूर्णानंद वाजपेयी
  • (B) आसरा देवी और शिव वाजपेयी
  • (C) कमला देवी और प्रफुल्ल वाजपेयी
  • (D) निर्मला देवी और परमानंद वाजपेयी
Correct Answer: (D) निर्मला देवी और परमानंद वाजपेयी
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न 'आविन्यों' पाठ के लेखक अशोक वाजपेयी के जीवन-परिचय से संबंधित एक तथ्यात्मक प्रश्न है।




Step 2: Detailed Explanation:

प्रसिद्ध कवि, आलोचक और साहित्यकार अशोक वाजपेयी का जन्म 16 जनवरी, 1941 को दुर्ग, छत्तीसगढ़ (तत्कालीन मध्य प्रदेश) में हुआ था।

उनके पिता का नाम परमानंद वाजपेयी और माता का नाम निर्मला देवी था।
Quick Tip: पाठ्यक्रम में शामिल लेखकों के जीवन-परिचय को ध्यान से पढ़ें, क्योंकि उनसे संबंधित तथ्यात्मक प्रश्न (जैसे जन्म-तिथि, जन्म-स्थान, माता-पिता का नाम) पूछे जा सकते हैं।


Question 99:

सुलोचना कौन थी ?

  • (A) लेखिका
  • (B) कवयित्री
  • (C) अभिनेत्री
  • (D) हलवाइन
Correct Answer: (C) अभिनेत्री
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न 'नौबतखाने में इबादत' पाठ में आए एक संदर्भ से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

पाठ में उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ के शुरुआती दिनों का जिक्र करते हुए बताया गया है कि जब वे बालक थे, तो उन्हें संगीत के अलावा फिल्मों का भी शौक था।

उस समय की प्रसिद्ध अभिनेत्री (Actress) सुलोचना उनकी पसंदीदा कलाकार थीं। वे उनकी फिल्में देखने के लिए अपनी मामी या मौसी से पैसे लिया करते थे।

अतः, सुलोचना एक अभिनेत्री थीं।
Quick Tip: पाठ पढ़ते समय मुख्य पात्र के जीवन से जुड़े अन्य व्यक्तियों और संदर्भों पर भी ध्यान दें, क्योंकि वे भी प्रश्न का हिस्सा बन सकते हैं।


Question 100:

"एक भाषा बोलनेवाली जाति की तरह अनेक भाषाएँ बोलनेवाले राष्ट्र की भी अस्मिता होती है ।" यह किस शीर्षक पाठ की पंक्ति है ?

  • (A) भारत से हम क्या सीखें
  • (B) नाखून क्यों बढ़ते हैं
  • (C) नागरी लिपि
  • (D) परंपरा का मूल्यांकन
Correct Answer: (D) परंपरा का मूल्यांकन
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Step 1: Understanding the Concept:

यह प्रश्न दिए गए कथन को उसके मूल पाठ से पहचानने से संबंधित है।




Step 2: Detailed Explanation:

यह कथन प्रसिद्ध आलोचक रामविलास शर्मा द्वारा लिखित निबंध 'परंपरा का मूल्यांकन' से लिया गया है।

इस निबंध में लेखक साहित्य और परंपरा के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। वे तर्क देते हैं कि जैसे एक भाषा बोलने वाले लोगों की अपनी पहचान (अस्मिता) होती है, वैसे ही भारत जैसे बहुभाषी राष्ट्र की भी अपनी एक विशिष्ट और समृद्ध पहचान है, जो उसकी भाषाई विविधता से बनती है। यह कथन भारत की सांस्कृतिक एकता और विविधता को रेखांकित करता है।
Quick Tip: निबंधात्मक पाठों के केंद्रीय विचार और महत्वपूर्ण सूक्तियों को समझने का प्रयास करें। 'परंपरा का मूल्यांकन' जैसे पाठ राष्ट्रीय अस्मिता, साहित्य और समाज के संबंधों पर विचार करते हैं।


Question 101:

उद्योग का सामान्य अर्थ है प्राथमिक उत्पाद को गौण उत्पाद में परिवर्तित करना । औद्योगिक विकास देश की आर्थिक सम्पन्नता का मापदण्ड होता है । विश्व के प्रायः सभी उन्नत देश जैसे - संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, रूस आदि औद्योगिक दृष्टि से सम्पन्न राष्ट्र हैं । भारत में औद्योगिक विकास का इतिहास अति प्राचीन है, लेकिन विकास की गति काफी धीमी रही है। आधुनिक उद्योगों की स्थापना मुख्यतः औपनिवेशिक काल में प्रारम्भ हुई, परन्तु इस समय उद्योग का स्थानीकरण कुछ ही केन्द्रों पर सिमट कर रहा गया है । लघु और कुटीर उद्योगों का भारत के औद्योगिक उत्पादन में विशेष महत्त्व है, इसलिए इसके विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया । भारत ने उपलब्ध संसाधनों और औद्योगिक आवश्यकताओं को देखते हुए औद्योगिक विकास की नीतियाँ बनाई है ।

उद्योग का सामान्य अर्थ क्या है ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश की पहली पंक्ति में ही स्पष्ट रूप से दिया गया है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "उद्योग का सामान्य अर्थ है प्राथमिक उत्पाद को गौण उत्पाद में परिवर्तित करना।"
Quick Tip: अपठित गद्यांश में, परिभाषा या अर्थ से संबंधित प्रश्नों के उत्तर अक्सर गद्यांश के शुरुआती वाक्यों में मिल जाते हैं।


Question 102:

औद्योगिक दृष्टि से कौन-कौन राष्ट्र सम्पन्न हैं ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश के दूसरे पैराग्राफ की पहली और दूसरी पंक्ति में सूचीबद्ध किया गया है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "विश्व के प्रायः सभी उन्नत देश जैसे - संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, रूस आदि औद्योगिक दृष्टि से सम्पन्न राष्ट्र हैं।"
Quick Tip: जब प्रश्न में 'कौन-कौन' या सूची पूछी जाए, तो गद्यांश में 'जैसे', 'आदि' जैसे शब्दों के साथ दी गई सूची पर ध्यान केंद्रित करें।


Question 103:

भारत के औद्योगिक उत्पादन में किनका विशेष महत्त्व है ?

Correct Answer:
View Solution




Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश के तीसरे पैराग्राफ की तीसरी पंक्ति में सीधे तौर पर दिया गया है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "लघु और कुटीर उद्योगों का भारत के औद्योगिक उत्पादन में विशेष महत्त्व है।"
Quick Tip: 'विशेष महत्त्व', 'मुख्य कारण', 'प्रमुख विशेषता' जैसे वाक्यांशों वाले प्रश्नों के उत्तर के लिए गद्यांश में इन शब्दों को खोजें।


Question 104:

भारत ने औद्योगिक विकास की नीतियाँ क्या देखते हुए बनाई है ?

Correct Answer:
View Solution




Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश की अंतिम पंक्ति में स्पष्ट रूप से दिया गया है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "भारत ने उपलब्ध संसाधनों और औद्योगिक आवश्यकताओं को देखते हुए औद्योगिक विकास की नीतियाँ बनाई है।"
Quick Tip: 'क्यों', 'किस कारण', 'क्या देखते हुए' जैसे प्रश्नों के उत्तर अक्सर गद्यांश के निष्कर्ष या अंतिम भाग में पाए जाते हैं।


Question 105:

उपर्युक्त गद्यांश का एक समुचित शीर्षक दें ।

Correct Answer:
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Step 1: Understanding the Concept:

शीर्षक वह होना चाहिए जो गद्यांश के केंद्रीय भाव को संक्षेप में व्यक्त करे। यह गद्यांश उद्योग, उसके विकास और भारत के संदर्भ में उसकी स्थिति पर केंद्रित है।




Step 2: Suggesting a Title:

गद्यांश के केंद्रीय विषय को ध्यान में रखते हुए, निम्नलिखित शीर्षक उपयुक्त हो सकते हैं:


औद्योगिक विकास का महत्त्व
भारत में औद्योगिक विकास
उद्योग और आर्थिक सम्पन्नता

इनमें से "भारत में औद्योगिक विकास" सबसे उपयुक्त शीर्षक है क्योंकि गद्यांश में भारत पर विशेष ध्यान दिया गया है।
Quick Tip: एक अच्छा शीर्षक चुनने के लिए, गद्यांश को पढ़ने के बाद खुद से पूछें: "यह पूरा गद्यांश किस एक चीज़ के बारे में है?" उत्तर ही आपका शीर्षक होगा।


Question 106:

हिन्दी साहित्य को गद्य-पद्य और चम्पू तीन भागों में बाँटा गया है। गद्य और पद्य ही मुख्य रूप से हिन्दी साहित्य का आधार है । इन्हीं दो रूपों में हिन्दी साहित्य ने कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं । संस्कृत साहित्य में चंपू का विशिष्ट स्थान रहा है; किन्तु हिन्दी साहित्य में इसकी उपस्थिति न के बराबर है । हिन्दी साहित्य में जयशंकर प्रसाद रचित 'उर्वशी' चंपू रचना है। आधुनिक युग में गद्य साहित्य का विकास तेजी से होने के कारण इस युग को गद्यकाल के नाम से भी जाना जाता है। गद्य में विचारों की प्रधानता होती है जबकि पद्य में भावों की । गद्य और पद्य मिश्रित रचना को ही चंपू कहते हैं ।

हिन्दी साहित्य को कितने भागों में बाँटा गया है ?

Correct Answer:
View Solution




Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश की पहली पंक्ति में ही दिया गया है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "हिन्दी साहित्य को गद्य-पद्य और चम्पू तीन भागों में बाँटा गया है।"
Quick Tip: गद्यांश पर आधारित तथ्यात्मक प्रश्नों के उत्तर हमेशा गद्यांश में ही मौजूद होते हैं। उत्तर को ध्यान से पढ़ें और सीधे वहीं से जानकारी प्राप्त करें।


Question 107:

हिन्दी साहित्य का मुख्य आधार क्या है ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश की दूसरी पंक्ति में स्पष्ट रूप से दिया गया है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "गद्य और पद्य ही मुख्य रूप से हिन्दी साहित्य का आधार है।"
Quick Tip: 'मुख्य आधार', 'प्रमुख कारण' जैसे शब्दों पर प्रश्न में विशेष ध्यान दें, क्योंकि वे आपको सीधे गद्यांश के उस हिस्से तक ले जाते हैं जहाँ उत्तर होता है।


Question 108:

'उर्वशी' चंपू रचना किसकी है ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश के पहले पैराग्राफ की पाँचवीं पंक्ति में मिलता है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "हिन्दी साहित्य में जयशंकर प्रसाद रचित 'उर्वशी' चंपू रचना है।"
Quick Tip: किसी विशेष रचना या लेखक के बारे में पूछे जाने पर, गद्यांश में उस नाम को खोजें। उत्तर उसी वाक्य या उसके आस-पास के वाक्यों में मिल जाएगा।


Question 109:

आधुनिक युग को किस नाम से जाना जाता है और क्यों ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश के दूसरे पैराग्राफ की पहली और दूसरी पंक्ति में दिया गया है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "आधुनिक युग में गद्य साहित्य का विकास तेजी से होने के कारण इस युग को गद्यकाल के नाम से भी जाना जाता है।"
Quick Tip: "क्यों" वाले प्रश्नों के उत्तर अक्सर "के कारण", "क्योंकि", "इसलिए" जैसे शब्दों के साथ दिए जाते हैं। गद्यांश में इन संकेत शब्दों को खोजें।


Question 110:

चंपू किसे कहते हैं ?

Correct Answer:
View Solution




Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश की अंतिम पंक्ति में दिया गया है, जहाँ चंपू को परिभाषित किया गया है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "गद्य और पद्य मिश्रित रचना को ही चंपू कहते हैं।"
Quick Tip: परिभाषा से संबंधित प्रश्न अक्सर गद्यांश के अंत में या उस पैराग्राफ के अंत में होते हैं जहाँ उस शब्द का परिचय दिया गया हो।


Question 111:

नेपाल, भारत के उत्तर में स्थित एक पड़ोसी देश है। इसका पूरब-पश्चिम विस्तार अधिक है तथा उत्तर-दक्षिण विस्तार कम है। नेपाल के तीन ओर भारत के राज्य हैं। नेपाल के पूरब में सिक्किम एवं पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तराखण्ड तथा दक्षिण में बिहार एवं उत्तर प्रदेश राज्य स्थित हैं। नेपाल की संरचना एवं स्थलाकृति को हिमालय की उत्पत्ति ने काफी प्रभावित किया है। नेपाल के उत्तरी भाग में अनेक ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखर हैं । विश्व का सर्वोच्च शिखर माउण्ट एवरेस्ट नेपाल में ही स्थित है। नेपाल में माउण्ट एवरेस्ट को सागरमाथा के नाम से पुकारा जाता है ।

भारत के उत्तर में स्थित पड़ोसी देश का नाम क्या है ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश की पहली ही पंक्ति में स्पष्ट रूप से दिया गया है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "नेपाल, भारत के उत्तर में स्थित एक पड़ोसी देश है।"

अतः, भारत के उत्तर में स्थित पड़ोसी देश का नाम नेपाल है।
Quick Tip: गद्यांश आधारित प्रश्नों को हल करते समय, पहले प्रश्न को ध्यान से पढ़ें और फिर गद्यांश में संबंधित कीवर्ड (keywords) खोजें। उत्तर अक्सर सीधे मिल जाता है।


Question 112:

नेपाल के दक्षिण में कौन-कौन राज्य स्थित हैं ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

गद्यांश में नेपाल की सीमाओं से लगे भारतीय राज्यों का वर्णन किया गया है। हमें दक्षिण दिशा में स्थित राज्यों को खोजना है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश की चौथी पंक्ति में लिखा है, "...तथा दक्षिण में बिहार एवं उत्तर प्रदेश राज्य स्थित हैं।"

अतः, नेपाल के दक्षिण में बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य स्थित हैं।
Quick Tip: दिशाओं (पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण) से संबंधित प्रश्नों के लिए गद्यांश में इन दिशा सूचक शब्दों पर विशेष ध्यान दें।


Question 113:

नेपाल की संरचना एवं स्थलाकृति को किसने प्रभावित किया ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश के मध्य भाग में है, जहाँ नेपाल के भूगोल की चर्चा की गई है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश में स्पष्ट रूप से कहा गया है, "नेपाल की संरचना एवं स्थलाकृति को हिमालय की उत्पत्ति ने काफी प्रभावित किया है।"
Quick Tip: "किसने प्रभावित किया?", "क्या कारण था?" जैसे प्रश्नों के उत्तर के लिए गद्यांश में कारण और प्रभाव वाले वाक्यों को खोजें।


Question 114:

माउण्ट एवरेस्ट कहाँ स्थित है ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

गद्यांश के अंत में विश्व के सर्वोच्च शिखर का उल्लेख है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "विश्व का सर्वोच्च शिखर माउण्ट एवरेस्ट नेपाल में ही स्थित है।"
Quick Tip: विशिष्ट नामों (जैसे माउण्ट एवरेस्ट) पर आधारित प्रश्नों के लिए, गद्यांश में उस नाम को तुरंत खोजें। उत्तर उसी वाक्य में मिल जाएगा।


Question 115:

सागरमाथा के नाम से किसको पुकारा जाता है ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश की अंतिम पंक्ति में दिया गया है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश की अंतिम पंक्ति है: "नेपाल में माउण्ट एवरेस्ट को सागरमाथा के नाम से पुकारा जाता है ।"

अतः, सागरमाथा के नाम से माउण्ट एवरेस्ट को पुकारा जाता है।
Quick Tip: उपनामों या अन्य नामों से संबंधित प्रश्नों के लिए, गद्यांश में "के नाम से जाना जाता है", "कहा जाता है", या "पुकारा जाता है" जैसे वाक्यांशों पर ध्यान दें।


Question 116:

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे । इनका जन्म बिहार में हुआ था। इनके पिता का नाम महादेव सहाय तथा माता का नाम कमलेश्वरी देवी था। महादेव सहाय संस्कृत एवं फारसी के विद्वान थे। डॉ० राजेन्द्र प्रसाद भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष थे । कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ डॉ० राजेन्द्र प्रसाद प्रतिभा सम्पन्न साहित्यकार भी थे । उन्होंने 'बापू के कदमों में' एवं 'चम्पारण में महात्मा गाँधी' आदि महत्त्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं । डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की साहित्यिक भाषा सरल, सहज एवं प्रभावोत्पादक है । एक समय में डॉ० राजेन्द्र प्रसाद सफल अधिवक्ता भी रहे हैं। देश के लिए उनका त्याग और समर्पण देश के युवाओं के लिए अनुकरणीय है ।

भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

इस प्रश्न का उत्तर गद्यांश की पहली ही पंक्ति में सीधे तौर पर दिया गया है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "डॉ० राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे ।"
Quick Tip: गद्यांश में किसी व्यक्ति का परिचय अक्सर पहली पंक्ति में ही दे दिया जाता है। उस पर विशेष ध्यान दें।


Question 117:

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद का जन्म कहाँ हुआ था ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

गद्यांश की दूसरी पंक्ति में उनके जन्मस्थान का उल्लेख है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "इनका जन्म बिहार में हुआ था।"
Quick Tip: जीवनी पर आधारित गद्यांशों में जन्म, मृत्यु, स्थान, माता-पिता जैसे तथ्यात्मक विवरणों को रेखांकित कर लेना चाहिए।


Question 118:

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के माता-पिता का नाम क्या था ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

गद्यांश की तीसरी पंक्ति में उनके माता-पिता के नामों का स्पष्ट उल्लेख है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "इनके पिता का नाम महादेव सहाय तथा माता का नाम कमलेश्वरी देवी था।"
Quick Tip: जब प्रश्न में एक से अधिक जानकारी पूछी जाए (जैसे माता और पिता दोनों का नाम), तो सुनिश्चित करें कि आप उत्तर में दोनों जानकारियों को शामिल करें।


Question 119:

संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

गद्यांश के मध्य में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की राजनीतिक उपलब्धियों का वर्णन है।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश में स्पष्ट लिखा है, "डॉ० राजेन्द्र प्रसाद भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष थे ।"
Quick Tip: किसी व्यक्ति की उपलब्धियों या पदों के बारे में जानकारी अक्सर उनके परिचय के बाद दी जाती है।


Question 120:

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने कौन-सी महत्त्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं ?

Correct Answer:
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Step 1: Locating the Information:

गद्यांश में उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के अंतर्गत उनकी पुस्तकों के नाम दिए गए हैं।




Step 2: Extracting the Answer:

गद्यांश के अनुसार, "उन्होंने 'बापू के कदमों में' एवं 'चम्पारण में महात्मा गाँधी' आदि महत्त्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं ।"
Quick Tip: किसी लेखक की रचनाओं के बारे में पूछे जाने पर, गद्यांश में पुस्तक के नामों को देखें जो अक्सर एकल उद्धरण चिह्न ('...') में लिखे होते हैं।


Question 121:

निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 250 - 300 शब्दों में निबंध लिखें :

Correct Answer:
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(क) हमारा राष्ट्रीय ध्वज


(i) प्रस्तावना

किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र के लिए उसका राष्ट्रीय ध्वज उसकी संप्रभुता, गौरव और सम्मान का प्रतीक होता है। भारत का राष्ट्रीय ध्वज, जिसे हम प्यार से 'तिरंगा' कहते हैं, हमारे देश की एकता, अखंडता और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है। यह केवल कपड़े का एक टुकड़ा नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की आशाओं, आकांक्षाओं और बलिदानों का जीवंत प्रतीक है। जब भी यह शान से लहराता है, हर भारतीय का हृदय गर्व से भर जाता है।



(ii) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का वर्तमान स्वरूप विकास की एक लंबी यात्रा का परिणाम है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विभिन्न ध्वजों का प्रयोग किया गया। वर्तमान तिरंगे की रूपरेखा पिंगली वेंकय्या द्वारा तैयार की गई थी। अनेक संशोधनों के बाद, 22 जुलाई, 1947 को संविधान सभा ने इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया। इसके स्वरूप का निर्धारण किया गया, जिसमें तीन समान चौड़ाई की पट्टियाँ और केंद्र में अशोक चक्र शामिल है। यह ध्वज स्वतंत्र भारत की पहचान बनकर उभरा।



(iii) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का महत्त्व

तिरंगे का प्रत्येक रंग और प्रतीक अपना विशेष महत्त्व रखता है। सबसे ऊपरी केसरिया रंग देश की शक्ति, साहस और बलिदान का प्रतीक है। बीच की श्वेत पट्टी शांति, सच्चाई और पवित्रता को दर्शाती है। सबसे नीचे की हरी पट्टी देश की भूमि की उर्वरता, वृद्धि और शुभता का प्रतीक है। ध्वज के केंद्र में स्थित नीले रंग का 'अशोक चक्र' धर्म और कानून के शासन का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें 24 तीलियाँ हैं जो मनुष्य के 24 गुणों को दर्शाती हैं और देश को निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।



(iv) उपसंहार

हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमारी राष्ट्रीय पहचान और गौरव का सर्वोच्च प्रतीक है। यह हमें उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों का स्मरण कराता है जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। इसका सम्मान करना प्रत्येक भारतीय का परम कर्तव्य है। हमें 'भारतीय ध्वज संहिता' के नियमों का पालन करते हुए ही इसे फहराना चाहिए। तिरंगा हमें सिखाता है कि हम भाषा, धर्म और क्षेत्र की विभिन्नताओं के बावजूद एक हैं और हमें मिलकर देश की प्रगति के लिए कार्य करना चाहिए।


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% Essay Option (ख)

(ख) गंगा नदी


(i) परिचय

गंगा, जिसे भागीरथी भी कहा जाता है, भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण और पवित्र नदी है। इसका उद्गम हिमालय की गोद में स्थित गंगोत्री हिमनद से होता है। पहाड़ों से निकलकर यह नदी हरिद्वार में मैदानी भागों में प्रवेश करती है और उत्तर भारत के विशाल मैदानों को सींचती हुई बंगाल की खाड़ी में विलीन हो जाती है। गंगा केवल एक जलधारा नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता, संस्कृति और आस्था का प्रवाह है। करोड़ों भारतीयों के लिए यह 'गंगा मैया' है।



(ii) धार्मिक दृष्टि से महत्त्व

धार्मिक दृष्टि से गंगा का स्थान सर्वोपरि है। हिंदू धर्म में इसे देवी का दर्जा प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके तट पर हरिद्वार, प्रयागराज और वाराणसी जैसे अनेक पवित्र तीर्थस्थल बसे हैं, जहाँ हर वर्ष लाखों श्रद्धालु पुण्य की कामना से आते हैं। लोग अपने पितरों की शांति के लिए भी गंगा में अस्थि-विसर्जन करते हैं। यह नदी जन्म से लेकर मृत्यु तक के संस्कारों से जुड़ी हुई है।



(iii) प्रदूषण की समस्या

अत्यधिक धार्मिक महत्त्व और घनी आबादी वाले क्षेत्रों से गुजरने के कारण आज गंगा नदी गंभीर प्रदूषण की चपेट में है। शहरों का अशोधित मल-जल, कारखानों के रासायनिक कचरे और पूजा-पाठ की सामग्री सीधे नदी में बहा दी जाती है। इस प्रदूषण ने न केवल गंगा के जल को विषैला बना दिया है, बल्कि इसके जलीय जीवन पर भी विनाशकारी प्रभाव डाला है। कभी अमृततुल्य माना जाने वाला इसका जल आज कई स्थानों पर पीने योग्य भी नहीं रहा है।



(iv) सफाई के लिए अभियान

गंगा की दुर्दशा को देखते हुए सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा इसकी सफाई के लिए अनेक अभियान चलाए गए हैं। 'गंगा एक्शन प्लान' से लेकर हाल के वर्षों में 'नमामि गंगे' परियोजना तक, गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं। इन अभियानों के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना, औद्योगिक कचरे पर रोक लगाना और नदी तटों का सौंदर्यीकरण जैसे कार्य किए जा रहे हैं।



(v) निष्कर्ष

गंगा भारत की जीवनरेखा है। इसे केवल सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। जब तक प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेगा और नदी में गंदगी डालना बंद नहीं करेगा, तब तक कोई भी अभियान पूरी तरह सफल नहीं हो सकता। हमें गंगा के धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ उसके पर्यावरणीय महत्त्व को भी समझना होगा और इसे स्वच्छ एवं निर्मल बनाए रखने का संकल्प लेना होगा। Quick Tip: किसी लेखक की रचनाओं के बारे में पूछे जाने पर, गद्यांश में पुस्तक के नामों को देखें जो अक्सर एकल उद्धरण चिह्न ('...') में लिखे होते हैं।


Question 122:

अपने प्रखंड के प्रमुख के पास एक पत्र लिखें जिसमें सड़क बनवाने का अनुरोध हो ।

Correct Answer:
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पत्र लेखन


बी-14, ग्राम- रामपुर,

पोस्ट- रामपुर,

जिला- पटना, बिहार।


दिनांक: 15 सितम्बर, 2025


सेवा में,

श्रीमान प्रखंड प्रमुख महोदय,

फुलवारी शरीफ प्रखंड,

पटना, बिहार।


विषय: गाँव की मुख्य सड़क की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण हेतु अनुरोध।


महोदय,


सविनय निवेदन यह है कि मैं रामपुर गाँव का एक निवासी हूँ। मैं आपका ध्यान हमारे गाँव को मुख्य राजमार्ग से जोड़ने वाली सड़क की अत्यंत दयनीय स्थिति की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। यह सड़क पिछले कई वर्षों से मरम्मत के अभाव में पूरी तरह टूट चुकी है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिनमें बरसात का पानी भर जाने से तालाब का दृश्य उत्पन्न हो जाता है।


इस कच्ची और टूटी-फूटी सड़क के कारण हम ग्रामवासियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यार्थियों को स्कूल जाने में, किसानों को अपनी उपज मंडी तक ले जाने में और विशेषकर मरीजों को अस्पताल पहुँचाने में बहुत परेशानी होती है। कई बार वाहन इन गड्ढों में फँस जाते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है।


अतः, श्रीमान से विनम्र अनुरोध है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गाँव की इस मुख्य सड़क के शीघ्र पुनर्निर्माण हेतु आवश्यक कदम उठाने की कृपा करें। आपके इस कार्य के लिए हम सभी ग्रामवासी आपके सदा आभारी रहेंगे।


सधन्यवाद!


भवदीय,

रमेश कुमार

(समस्त ग्रामवासियों की ओर से)
Quick Tip: किसी लेखक की रचनाओं के बारे में पूछे जाने पर, गद्यांश में पुस्तक के नामों को देखें जो अक्सर एकल उद्धरण चिह्न ('...') में लिखे होते हैं।


Question 123:

मित्रता के महत्त्व पर दो छात्रों के बीच होनेवाले संवाद को लिखें ।

Correct Answer:
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संवाद लेखन


अमन: नमस्ते रोहित! कैसे हो? बहुत दिनों बाद दिखे।


रोहित: नमस्ते अमन! मैं ठीक हूँ। तुम सुनाओ? हाँ, कुछ पारिवारिक कार्यों में व्यस्त था।


अमन: मैं भी ठीक हूँ। आज जब मैं अकेला बैठा था तो सोच रहा था कि जीवन में मित्रता का कितना बड़ा महत्त्व है।


रोहित: तुमने बिल्कुल सही सोचा। एक सच्चा मित्र तो ईश्वर के दिए हुए किसी वरदान से कम नहीं होता। वही तो है जो हमारे सुख-दुःख में बिना किसी स्वार्थ के हमारे साथ खड़ा रहता है।


अमन: हाँ, परिवार के बाद मित्र ही तो होता है जिससे हम अपने मन की हर बात कह सकते हैं। एक अच्छा मित्र हमें हमेशा सही रास्ता दिखाता है और गलत काम करने से रोकता है।


रोहित: बिल्कुल! जैसे श्रीकृष्ण ने सुदामा की मित्रता निभाई थी, सच्ची मित्रता वैसी ही होनी चाहिए। यह अमीरी-गरीबी या ऊँच-नीच नहीं देखती। सच्चा मित्र तो हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत होता है।


अमन: और बुरे समय में तो मित्र की असली पहचान होती है। जो कठिन परिस्थितियों में ढाल बनकर साथ खड़ा रहे, वही सच्चा मित्र है।


रोहित: सही कहा। धन-दौलत तो आती-जाती रहती है, लेकिन एक सच्चा और अच्छा मित्र किस्मत वालों को ही मिलता है। हमें हमेशा अपनी मित्रता को सम्मान देना चाहिए।


अमन: चलो, अब कक्षा का समय हो रहा है। बाद में बात करते हैं।


रोहित: ठीक है, चलो।
Quick Tip: किसी लेखक की रचनाओं के बारे में पूछे जाने पर, गद्यांश में पुस्तक के नामों को देखें जो अक्सर एकल उद्धरण चिह्न ('...') में लिखे होते हैं।


Question 124:

'तरुतल निवासिनी' के माध्यम से कवि सुमित्रानंदन पंत क्या कहना चाहते हैं ?

Correct Answer:
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कविता 'भारत माता' में 'तरुतल निवासिनी' (पेड़ों के नीचे निवास करने वाली) कहकर कवि सुमित्रानंदन पंत भारत की तत्कालीन दीन-हीन और विपन्न अवस्था को दर्शाना चाहते हैं।

इसके माध्यम से वे कहते हैं कि भारत, जो कभी सोने की चिड़िया कहलाता था, पराधीनता के कारण अत्यंत गरीब हो गया है। यहाँ की करोड़ों जनता गाँवों में निवास करती है, जिनके पास अभाव और गरीबी के कारण ढंग के घर भी नहीं हैं और वे पेड़ों के नीचे जीवन बिताने को विवश हैं। यह वाक्यांश भारत माता के वैभवहीन और उदास स्वरूप का प्रतीक है।
Quick Tip: कविताओं में प्रयुक्त प्रतीकात्मक वाक्यांशों के गहरे अर्थ को समझने का प्रयास करें। 'तरुतल निवासिनी' केवल एक शाब्दिक वर्णन नहीं, बल्कि गरीबी और पराधीनता का एक शक्तिशाली प्रतीक है।


Question 125:

कवि घनानंद अपने आँसुओं को कहाँ पहुँचाना चाहते हैं और क्यों ?

Correct Answer:
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'प्रेम की पीर' के कवि घनानंद अपने आँसुओं को अपनी प्रेयसी सुजान के आँगन में पहुँचाना चाहते हैं।

वे ऐसा इसलिए करना चाहते हैं क्योंकि उनके आँसू उनके हृदय की विरह-वेदना और सच्चे प्रेम के प्रतीक हैं। वे चाहते हैं कि उनके आँसुओं रूपी वर्षा से सुजान का आँगन भीग जाए, ताकि सुजान को उनकी पीड़ा, उनके वियोग की गहराई और उनके निश्छल प्रेम का एहसास हो सके। वे बादलों के माध्यम से अपना यह मार्मिक संदेश अपनी प्रियतमा तक भेजना चाहते हैं।
Quick Tip: रीतिमुक्त कवियों, विशेषकर घनानंद की कविताओं में विरह-वेदना की अभिव्यक्ति बहुत मार्मिक होती है। उनके काव्य में 'क्यों' का उत्तर अक्सर प्रेम की पीड़ा को व्यक्त करने की इच्छा से जुड़ा होता है।


Question 126:

'मेरे बिना तुम प्रभु' शीर्षक कविता का प्रतिपाद्य क्या है ?

Correct Answer:
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रेनर मारिया रिल्के द्वारा रचित कविता 'मेरे बिना तुम प्रभु' का प्रतिपाद्य भक्त और भगवान के बीच के अटूट और अनन्य संबंध को स्थापित करना है।

कविता का केंद्रीय भाव यह है कि भगवान का अस्तित्व भी भक्त की आस्था पर ही निर्भर है। यदि भक्त न हो तो भगवान की महत्ता, उनका स्वरूप और उनकी दिव्यता अर्थहीन हो जाएगी। कवि कहते हैं कि भक्त ही भगवान का आधार है, उनका आवरण है, और उनके होने का प्रमाण है। इस प्रकार, यह कविता भक्ति की उस पराकाष्ठा को दर्शाती है जहाँ भक्त के बिना भगवान को एकाकी और निरुपाय बताया गया है।
Quick Tip: 'प्रतिपाद्य' या 'केंद्रीय भाव' का अर्थ है कविता का मूल संदेश। इस तरह के प्रश्नों के उत्तर में आपको पूरी कविता का सार कुछ वाक्यों में लिखना होता है।


Question 127:

'प्रज्वलित क्षण की दोपहरी' से कवि का आशय क्या है ?

Correct Answer:
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'हिरोशिमा' कविता में 'प्रज्वलित क्षण की दोपहरी' से कवि अज्ञेय का आशय उस विनाशकारी क्षण से है जब हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया गया था।

यह एक ऐसा क्षण था जिसकी आग और चमक इतनी तेज थी कि उसने एक कृत्रिम, प्रज्वलित दोपहर का दृश्य उत्पन्न कर दिया। यह कोई प्राकृतिक दोपहर नहीं थी, बल्कि मानव द्वारा रचित विनाश की आग थी जिसने एक ही पल में सब कुछ जलाकर राख कर दिया और हजारों लोगों को भाप बना दिया। यह वाक्यांश उस घटना की भयावहता और अमानवीयता को व्यक्त करता है।
Quick Tip: किसी काव्यांश का आशय स्पष्ट करते समय उसके संदर्भ को समझना बहुत आवश्यक है। यहाँ 'दोपहरी' शब्द का प्रयोग उसके सामान्य अर्थ में नहीं, बल्कि परमाणु विस्फोट की प्रचंडता को दर्शाने के लिए लाक्षणिक रूप में हुआ है।


Question 128:

बाढ़ आने के पहले लक्ष्मी ने क्या किया ?

Correct Answer:
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'ढहते विश्वास' कहानी में बाढ़ आने की आशंका से लक्ष्मी ने पहले से ही तैयारी कर ली थी। उसने बाढ़ से बचाव के लिए निम्नलिखित कार्य किए:


उसने घर में उपलब्ध थोड़ा-सा चूड़ा और कुछ अन्य खाद्य सामग्री एक बोरी में भरकर रख ली।
उसने अपनी गाय और बकरियों के गले की रस्सियाँ खोल दीं ताकि वे अपनी जान बचाने के लिए भाग सकें।
उसने अपने दोनों बच्चों को अपनी गोद और कंधे पर बैठा लिया और घर के जरूरी सामान को सिर पर उठाकर सुरक्षित ऊँचे स्थान की ओर जाने की तैयारी की। Quick Tip: कहानी पर आधारित प्रश्नों का उत्तर देते समय घटनाक्रम को याद रखना महत्वपूर्ण है। कहानी के पात्र संकट के समय क्या कदम उठाते हैं, यह अक्सर पूछा जाता है।


Question 129:

बहुओं की आपसी लड़ाई पर सीता (माँ) की कैसी प्रतिक्रिया होती है ?

Correct Answer:
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'धरती कब तक घूमेगी' कहानी में अपनी बहुओं की आपसी लड़ाई और कलह पर सीता (माँ) की प्रतिक्रिया अत्यंत पीड़ादायक और घुटन भरी होती है।

जब उसकी बहुएँ आपस में लड़ती हैं या उसे लेकर ताने मारती हैं, तो उसका हृदय दुःख से भर जाता है। उसे अपना ही घर पराया लगने लगता है और वह अंदर ही अंदर घुटती रहती है। उसे ऐसा महसूस होता है जैसे इस घर में उसके लिए कोई जगह नहीं है। अंततः, इसी रोज-रोज की लड़ाई और अपमान से तंग आकर वह घर छोड़कर अकेले रहने का कठोर निर्णय ले लेती है।
Quick Tip: पात्रों के चरित्र-चित्रण और उनकी मानसिक स्थिति पर आधारित प्रश्नों के लिए, कहानी में उनके संवादों और आंतरिक विचारों पर ध्यान दें।


Question 130:

नाखून क्यों बढ़ते हैं ? यह प्रश्न लेखक के सामने कैसे उपस्थित हुआ ?

Correct Answer:
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'नाखून क्यों बढ़ते हैं?' पाठ में यह प्रश्न लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी के सामने बहुत ही सहज और स्वाभाविक रूप से उपस्थित हुआ।

एक दिन उनकी छोटी लड़की ने उनसे पूछा, "आदमी के नाखून क्यों बढ़ते हैं?" यह एक बच्चे का सरल और जिज्ञासु प्रश्न था, लेकिन लेखक इस पर गंभीरता से सोचने के लिए विवश हो गए। उन्हें लगा कि यह प्रश्न मनुष्य की आदिम पाशविक वृत्ति और उसकी सभ्यता के बीच के संघर्ष को दर्शाता है। इसी बालसुलभ प्रश्न ने लेखक को एक गंभीर वैचारिक निबंध लिखने की प्रेरणा दी।
Quick Tip: निबंधात्मक पाठों की शुरुआत अक्सर किसी छोटी घटना या प्रश्न से होती है जो लेखक को गहरे चिंतन के लिए प्रेरित करता है। उस शुरुआती बिंदु को याद रखना महत्वपूर्ण है।


Question 131:

छंद किसे कहते हैं और छंद के कितने प्रकार होते हैं ?

Correct Answer:
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छंद: वर्णों या मात्राओं की नियमित संख्या के विन्यास से यदि आह्लाद (प्रसन्नता) पैदा हो, तो उसे छंद कहते हैं। सरल शब्दों में, अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रा गणना तथा यति-गति से संबद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना 'छंद' कहलाती है।


छंद के प्रकार: मुख्य रूप से छंद के दो प्रकार होते हैं:


मात्रिक छंद: जिन छंदों की रचना मात्राओं की गणना के आधार पर की जाती है, उन्हें मात्रिक छंद कहते हैं। जैसे - दोहा, चौपाई, सोरठा, रोला आदि।
वर्णिक छंद: जिन छंदों की रचना वर्णों (अक्षरों) की गणना और क्रम के आधार पर की जाती है, उन्हें वर्णिक छंद कहते हैं। जैसे - सवैया, कवित्त, मालिनी आदि।

इनके अतिरिक्त एक 'मुक्त छंद' भी होता है, जो किसी नियम से बंधा नहीं होता।
Quick Tip: व्याकरण की परिभाषाओं को सटीक और स्पष्ट शब्दों में लिखने का अभ्यास करें। उदाहरण देने से आपका उत्तर और भी प्रभावशाली हो जाता है।


Question 132:

संस्कृत और दूसरी भारतीय भाषाओं के अध्ययन से पाश्चात्य जगत् को प्रमुख लाभ क्या-क्या हुए ?

Correct Answer:
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'भारत से हम क्या सीखें' पाठ के आधार पर, मैक्स मूलर बताते हैं कि संस्कृत और दूसरी भारतीय भाषाओं के अध्ययन से पाश्चात्य जगत् को अनेक प्रमुख लाभ हुए। सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि उन्हें विश्व की भाषाओं के तुलनात्मक अध्ययन का अवसर मिला, जिससे भाषा-विज्ञान का विकास हुआ। उन्होंने पाया कि ग्रीक, लैटिन और संस्कृत जैसी भाषाओं में गहरा संबंध है, जो एक ही मूल स्रोत (इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार) की ओर संकेत करता है।


इसके अतिरिक्त, उन्हें भारतीय साहित्य, दर्शन और पौराणिक कथाओं का विशाल भंडार मिला, जिससे उन्हें मानव सभ्यता के विकास, धर्मों की उत्पत्ति और विभिन्न जातियों के रीति-रिवाजों को समझने में मदद मिली। भारतीय ग्रंथों ने उन्हें सिखाया कि मानव जीवन की बड़ी-बड़ी समस्याओं पर प्राचीन काल में किस गहराई से विचार किया गया था। इस अध्ययन ने यूरोप के संकीर्ण दृष्टिकोण को तोड़ा और विश्व-दृष्टि को व्यापक बनाया।
Quick Tip: लंबे उत्तर वाले प्रश्नों में, मुख्य बिंदुओं को अलग-अलग वाक्यों में स्पष्ट रूप से लिखें। उत्तर को भूमिका, मुख्य भाग और निष्कर्ष में विभाजित करने का प्रयास करें।


Question 133:

सप्रसंग व्याख्या करें :
"देवता कहीं सड़कों पर गिट्टी तोड़ रहें, देवता मिलेंगे खेतों में, खलिहानों में ।"

Correct Answer:
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प्रसंग:

प्रस्तुत पंक्तियाँ राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित ओजस्वी कविता 'जनतंत्र का जन्म' से उद्धृत हैं। इन पंक्तियों में कवि भारत में लोकतंत्र के आगमन का शंखनाद करते हुए जनता को ही वास्तविक देवता और शासक घोषित कर रहे हैं।


व्याख्या:

कवि दिनकर कहते हैं कि स्वतंत्र भारत में असली देवता मंदिरों, राजमहलों या पूजा-स्थलों में नहीं मिलेंगे। इस लोकतंत्र के वास्तविक देवता तो भारत के करोड़ों मजदूर, किसान और श्रमिक हैं, जो सड़कों पर पत्थर और गिट्टी तोड़ते हुए या अपने खेतों और खलिहानों में पसीना बहाते हुए मिलेंगे। कवि का आशय यह है कि लोकतंत्र में शासन करने का अधिकार किसी राजा या अभिजात वर्ग का नहीं, बल्कि उस आम जनता का है जो देश के निर्माण के लिए कठोर परिश्रम करती है। भारत का सच्चा लोकतंत्र इन्हीं किसानों और मजदूरों के कंधों पर स्थापित होगा, और सिंहासन अब उन्हीं के लिए है।
Quick Tip: 'सप्रसंग व्याख्या' के उत्तर को हमेशा दो भागों में लिखें: 'प्रसंग' (जिसमें कविता और कवि का नाम तथा संदर्भ बताएं) और 'व्याख्या' (जिसमें पंक्तियों का भावार्थ विस्तार से समझाएं)।


Bihar Class X Board Questions

  • 1.
    Choose the active voice of : “A new car has been bought by me.”

      • I will buy a new car
      • I have bought a new car
      • I have buy a new car
      • I may have to buy a new car

    • 2.
      Choose the passive voice of : “Shut the door and leave.”

        • Let the door be shut and you are ordered to leave
        • Let the door be shutted and you are ordered to leave
        • Let the door be shut and you be left
        • Let the door shut and you are ordered to leave

      • 3.
        Choose the active voice of : “Vegetarians should not be offered meat.”

          • You should not offer meat to vegetarians
          • You must not offering meat to vegetarians
          • You cannot offer meat to vegetarians
          • You have not offer meat to vegetarians

        • 4.
          Choose the most suitable translation : उसने मुझे सोया हुआ पाया।

            • He find me asleep
            • He found me sleeping
            • He has found me asleep
            • He found me to sleep

          • 5.
            Choose the most suitable translation : वे लोग विद्यालय जा चुके हैं।

              • They have gone to school
              • Those people has gone to school
              • They people go to school
              • That people have gone to school

            • 6.
              Anand usually ........................ late from work.

                • comes
                • will coming
                • come
                • had come

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