The Bihar Board 2024 Class 10th Hindi exam is being conducted (February 15, 2024). The question paper along with the solution PDF will be available here to download once the exam is conducted successfully.
The Bihar Board 10th Boards Hindi exam is expected to be easy to moderate based on previous year trends. The Hindi exam includes prose, poetry, Hindi grammar, writing skills, and literature comprehension, focusing on both classical and contemporary works
Bihar Board Class 10 Hindi (Set E) Question Paper 2024 with Solutions
| Bihar Board Class 10 Hindi Question Paper with Answer Key | Check Solution |
Bihar Board Class 10 Hindi Question Paper 2024 with Solutions
"मदुरै पांडिय लोगों की दूसरी राजधानी है।" यह कहाँ लिखा हुआ है ?
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"मदुरै पांडिय लोगों की दूसरी राजधानी है।" यह उपन्यास में लिखा हुआ है। यह वाक्य एक ऐतिहासिक संदर्भ को दर्शाता है जिसमें मदुरै पांडिय साम्राज्य की ऐतिहासिक जानकारी दी गई है। Quick Tip: उपन्यास में ऐतिहासिक घटनाओं का विवरण मिलता है, जो ऐतिहासिक घटनाओं की बारीकी से जानकारी प्रदान करता है।
पाप्पाति बेहोश - सी क्यों पड़ी थी ?
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पाप्पाति बेहोश बुखार की तेजी के कारण पड़ी थी। यह घटना एक ऐसी स्थिति को दर्शाती है जब व्यक्ति अत्यधिक बुखार के कारण बेहोश हो जाता है। Quick Tip: बेहोशी की स्थितियों में बुखार की तेजी, चोट या शारीरिक संकट मुख्य कारण हो सकते हैं।
"मां को रखने का ठेका सिर्फ उसी ने तो नहीं ले रखा है।" यह किसने कहा ?
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"मां को रखने का ठेका सिर्फ उसी ने तो नहीं ले रखा है।" यह वाक्य बिज्जू ने कहा था। यह वाक्य उस समय की मानसिकता को व्यक्त करता है जहाँ एक व्यक्ति अपने कर्तव्यों को लेकर विचार करता है। Quick Tip: संदर्भ को समझते हुए पात्रों के संवादों का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है।
'नानकाना साहब' अब कहाँ है ?
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'नानकाना साहब' पाकिस्तान में स्थित है। यह स्थान सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म स्थल है। Quick Tip: नानकाना साहब सिख धर्म का ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है।
'सोहिला' किनकी रचना है ?
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'सोहिला' गुरु नानक जी की रचना है। यह सिख धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ है जिसमें भगवान के नाम का जाप करने और ध्यान करने की महिमा का वर्णन किया गया है। Quick Tip: 'सोहिला' में गुरु नानक जी ने ईश्वर की उपासना और उसकी महिमा को प्रस्तुत किया है।
सिखों के पाँचवें गुरु कौन थे ?
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सिखों के पाँचवे गुरु गुरु अर्जुनदेव थे। गुरु अर्जुनदेव जी ने सिख धर्म को महत्वपूर्ण दिशा दी और 'आदि ग्रंथ' की रचना की। Quick Tip: गुरु अर्जुनदेव जी ने सिख धर्म की नींव को मजबूती से स्थापित किया और 'आदि ग्रंथ' का संकलन किया।
"डंड कमंडल सिखा सूत धोती तीरथ गवनु अति भ्रमनु करै ।" यह पंक्ति किस शीर्षक कविता से उद्धृत है ?
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यह पंक्ति 'राम नाम बिनु बिरथे जगि जनमा' कविता से उद्धृत है। यह पंक्ति मानव जीवन की सार्थकता को दर्शाती है, जो केवल राम के नाम से ही संभव है। Quick Tip: कविता के माध्यम से लेखक ने जीवन के वास्तविक उद्देश्य की ओर प्रेरित किया है।
गुरु नानक के किस पद में राम नाम के कीर्तन पर बल दिया गया है ?
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गुरु नानक के प्रथम पद में राम नाम के कीर्तन पर बल दिया गया है। गुरु नानक जी ने राम के नाम की महिमा का गान किया है। Quick Tip: गुरु नानक जी के पदों में राम के नाम की महिमा और उसकी उपासना का महत्व बताया गया है।
'पिछानी' शब्द का अर्थ क्या है ?
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'पिछानी' शब्द का अर्थ 'पहचानी' है। यह शब्द आमतौर पर किसी चीज़ को पहचानने या समझने के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है। Quick Tip: शब्दार्थ का अध्ययन करते समय शब्द के संदर्भ को समझना बहुत जरूरी है।
निम्न में से कौन कवि पठान राजवंश में उत्पन्न हुए थे ?
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रसखान कवि पठान राजवंश में उत्पन्न हुए थे। वे हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध संत कवि थे। Quick Tip: रसखान की रचनाओं में भक्ति और प्रेम के अद्भुत भावों का चित्रण मिलता है।
भीमराव अंबेदकर किसके प्रोत्साहन पर उच्चतर शिक्षा के लिए न्यूयार्क गए ?
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भीमराव अंबेदकर बड़ौदा नरेश के प्रोत्साहन पर उच्चतर शिक्षा के लिए न्यूयार्क गए थे। Quick Tip: भीमराव अंबेदकर को बड़ौदा नरेश के द्वारा शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।
'द अनटचेबल्स' किनकी रचना है ?
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'द अनटचेबल्स' भीमराव अंबेदकर की रचना है। यह पुस्तक भारत में अस्पृश्यता के खिलाफ अंबेदकर के विचारों और संघर्षों को प्रस्तुत करती है। Quick Tip: भीमराव अंबेदकर ने अपने लेखन में समाज में व्याप्त असमानता के खिलाफ आवाज उठाई।
'विष के दाँत' शीर्षक पाठ किस कहानी संग्रह से लिया गया है ?
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'विष के दाँत' शीर्षक पाठ 'विष के दाँत तथा अन्य कहानियाँ' कहानी संग्रह से लिया गया है। Quick Tip: कहानी संग्रहों में विभिन्न प्रकार की कहानियों का संकलन होता है, जो लेखक के विचारों और दृष्टिकोण को दर्शाता है।
सशक्त कथाकार अमरकांत का जन्म किस वर्ष हुआ था ?
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सशक्त कथाकार अमरकांत का जन्म 1922 ई० में हुआ था। वे हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक थे। Quick Tip: अमरकांत जी ने हिंदी साहित्य में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है, विशेष रूप से अपने कथा लेखन के माध्यम से।
यह किसने कहा कि “ग्यारह रुपए साड़ी के खूँट से निकालकर यहीं चारपाई पर रखे ...........पर वे मिल नहीं रहे हैं ............"?
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यह वाक्य लेखक की माँ ने कहा था। यह वाक्य जीवन के संघर्षों और साधारण जीवन की परतों को उजागर करता है। Quick Tip: कहानी में पात्रों के संवादों से उनके चरित्र और मनोभावनाओं को समझना महत्वपूर्ण होता है।
लेखक रामविलास शर्मा को उनकी किस रचना पर साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ ?
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रामविलास शर्मा को 'निराला की साहित्य साधना' पर साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ था। Quick Tip: रामविलास शर्मा का योगदान हिंदी साहित्य और विशेषकर निराला के काव्य और विचारों के अध्ययन में महत्वपूर्ण है।
'यथेष्ट' शब्द का अर्थ क्या है ?
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'यथेष्ट' शब्द का अर्थ 'पर्याप्त' है, जिसका मतलब है पर्याप्त मात्रा में होना। Quick Tip: शब्दार्थ को सही संदर्भ में समझना महत्वपूर्ण है। 'यथेष्ट' का प्रयोग किसी चीज़ की पर्याप्तता को दर्शाने के लिए किया जाता है।
रंगकर्म की पत्रिका 'नटरंग' की सम्पादक निम्न में से कौन थीं?
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रंगकर्म की पत्रिका 'नटरंग' की सम्पादक लता दत्ता थीं। यह पत्रिका रंगकर्म और थिएटर से संबंधित थी। Quick Tip: रंगकर्म और नाटक से संबंधित पत्रिकाएँ कला और साहित्य के लिए एक महत्वपूर्ण साधन होती हैं।
पंडित बिरजू महाराज कानपुर में कितने साल रहे ?
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पंडित बिरजू महाराज कानपुर में साढ़े तीन साल रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी कला की कई नई ऊँचाइयाँ हासिल की और छात्रों को शास्त्रीय नृत्य की शिक्षा दी। Quick Tip: पंडित बिरजू महाराज भारतीय शास्त्रीय नृत्य के महान कलाकार हैं, जिन्होंने नृत्य कला में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
निम्नलिखित में से कौन-सी रचना अशोक वाजपेयी की है ?
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'कविता का जनपद' अशोक वाजपेयी की रचना है। यह उनकी कविताओं का संग्रह है जो हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। Quick Tip: अशोक वाजपेयी एक प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार हैं, जिनकी रचनाएँ साहित्य और संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
'इच्छा' शब्द का पर्यायवाची शब्द निम्न में से कौन है ?
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'इच्छा' शब्द का पर्यायवाची शब्द 'कामना' है। यह शब्द किसी चीज़ की प्राप्ति की इच्छा या आकांक्षा को व्यक्त करता है। Quick Tip: पर्यायवाची शब्द वह शब्द होते हैं, जिनका अर्थ समान या समानार्थक होता है।
'गृहस्थ' शब्द का विलोम क्या है ?
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'गृहस्थ' शब्द का विलोम 'संन्यासी' है। गृहस्थ वह व्यक्ति होता है जो परिवार और समाज में रहता है, जबकि संन्यासी वह व्यक्ति होता है जो त्याग और ध्यान के लिए घर-बार छोड़ देता है। Quick Tip: विलोम शब्दों का अध्ययन भाषा के ज्ञान को बढ़ाता है और शब्दावली को मजबूत करता है।
'जो नहीं हो सकता' के लिए एक शब्द क्या है ?
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'जो नहीं हो सकता' के लिए एक शब्द 'असंभव' है। यह शब्द किसी ऐसे कार्य या घटना को व्यक्त करता है, जो किसी कारणवश नहीं हो सकता। Quick Tip: असंभव शब्द का उपयोग उन घटनाओं या कार्यों के लिए किया जाता है जो किसी कारणवश नहीं हो सकते।
'चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना' मुहावरे का अर्थ क्या है ?
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'चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना' मुहावरे का अर्थ 'घबराना' है। यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब व्यक्ति अचानक घबराहट या भय से भर जाता है। Quick Tip: मुहावरे का अर्थ उनके संदर्भ में समझना चाहिए क्योंकि वे शब्दों से अधिक गहरे अर्थ रखते हैं।
'इंद्र' का पर्यायवाची शब्द क्या होगा ?
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'इंद्र' का पर्यायवाची शब्द 'महेंद्र' है। 'महेंद्र' शब्द का प्रयोग इंद्रदेव के पर्याय के रूप में होता है, जो देवताओं के राजा माने जाते हैं। Quick Tip: पर्यायवाची शब्द वे होते हैं जिनका अर्थ समान होता है और जिनका उपयोग किसी शब्द के स्थान पर किया जा सकता है।
'नमक' शब्द का विशेषण क्या होगा ?
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'नमक' शब्द का विशेषण 'नमकीन' होगा। 'नमकीन' शब्द का अर्थ उस चीज़ से है जिसमें नमक हो। Quick Tip: विशेषण वह शब्द होता है जो संज्ञा की विशेषता बताता है।
'काला अक्षर भैंस बराबर' लोकोक्ति का सही अर्थ क्या है ?
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'काला अक्षर भैंस बराबर' लोकोक्ति का अर्थ 'निरक्षर' है। यह लोकोक्ति उन व्यक्तियों के बारे में कही जाती है जो पढ़े-लिखे नहीं होते और उनके लिए अक्षर भी मुश्किल होते हैं। Quick Tip: लोकोक्तियाँ हमारे समाज की पुरानी मान्यताओं और विचारों को व्यक्त करती हैं।
'राम खाता होगा।' यह किस काल का उदाहरण है ?
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'राम खाता होगा।' यह संभाव्य वर्तमान काल का उदाहरण है। इस काल का प्रयोग भविष्य में होने वाली किसी निश्चित क्रिया को व्यक्त करने के लिए किया जाता है, जो वर्तमान से संबंधित हो सकती है। Quick Tip: संभाव्य वर्तमान काल का प्रयोग भविष्य में संभावित क्रियाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
'गिरोह' शब्द कौन संज्ञा है ?
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'गिरोह' शब्द समूहवाचक संज्ञा है, जो किसी समूह या समुदाय को दर्शाता है। Quick Tip: समूहवाचक संज्ञाएँ उन चीज़ों या व्यक्तियों के समूह का प्रतिनिधित्व करती हैं।
'गवैया' शब्द में प्रत्यय क्या है ?
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'गवैया' शब्द में 'या' प्रत्यय है। यह प्रत्यय किसी व्यक्ति या कार्य को व्यक्त करने के लिए जोड़ा जाता है। Quick Tip: प्रत्यय उस अंश को कहते हैं जो किसी शब्द के अंत में जोड़ा जाता है, जिससे वह शब्द एक नई भावना या अर्थ देता है।
'पेड़ से पत्ते गिरे ।' यह किस कारक का उदाहरण है ?
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'पेड़ से पत्ते गिरे' यह अपादान कारक का उदाहरण है। अपादान कारक वह कारक होता है जो किसी क्रिया के द्वारा व्यक्ति या वस्तु के स्थान की जानकारी देता है। Quick Tip: अपादान कारक स्थान या मूल का संकेत करता है, जैसे 'से', 'के द्वारा', 'से', आदि।
सर्वनाम के कुल कितने भेद होते हैं ?
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सर्वनाम के कुल छह भेद होते हैं। ये हैं- व्यक्ति वाचक, द्रव्यवाचक, आत्मनिंदा वाचक, अनिश्चयवाचक, निश्चयवाचक और संबोधनवाचक। Quick Tip: सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है, और इसके विभिन्न भेद होते हैं।
'ऐसा न हो कि कोई आ जाए।' यह किस सर्वनाम का उदाहरण है ?
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'ऐसा न हो कि कोई आ जाए।' यह वाक्य अनिश्चयवाचक सर्वनाम का उदाहरण है। 'कोई' अनिश्चयवाचक सर्वनाम है, जो किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु को व्यक्त नहीं करता। Quick Tip: अनिश्चयवाचक सर्वनाम वह होता है जो किसी अनिश्चित व्यक्ति या वस्तु को दर्शाता है।
जो संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताए, उसे क्या कहते हैं ?
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जो संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताए, उसे 'विशेषण' कहते हैं। विशेषण उस शब्द को कहते हैं जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है। Quick Tip: विशेषण संज्ञा या सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी देता है।
'सेर भर दूध ।' यह किस विशेषण का उदाहरण है ?
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'सेर भर दूध' यह परिमाणबोधक विशेषण का उदाहरण है, क्योंकि इसमें परिमाण (सेर) के आधार पर दूध की मात्रा बताई जा रही है। Quick Tip: परिमाणबोधक विशेषण वह होता है जो किसी वस्तु की मात्रा या आकार को व्यक्त करता है।
निम्नांकित वाक्यों में कौन वाक्य अशुद्ध है ?
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"आप कहाँ पर रह रहे हैं।" यह वाक्य अशुद्ध है। 'कहाँ' और 'पर' का एक साथ प्रयोग अशुद्ध है। इसे "आप कहाँ रह रहे हैं?" या "आप कहाँ पर रह रहे हैं?" में से एक होना चाहिए। Quick Tip: किसी वाक्य में दो प्रस्थिति शब्दों का एक साथ प्रयोग अशुद्धता उत्पन्न कर सकता है।
निम्न में तद्भव शब्द कौन है ?
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'प्रिय' तद्भव शब्द है। तद्भव शब्द वे शब्द होते हैं जो संस्कृत से अपभ्रष्ट होकर हिंदी में आए हैं। Quick Tip: तद्भव शब्द संस्कृत से उत्पन्न होते हैं, जो किसी स्थान या भाषा में परिवर्तित हो जाते हैं।
बनावट के विचार से शब्द के कितने प्रकार हैं ?
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बनावट के विचार से शब्द के तीन प्रकार होते हैं: संज्ञा, क्रिया, और विशेषण। ये शब्द संरचना के आधार पर वर्गीकृत किए जाते हैं। Quick Tip: शब्द की बनावट के आधार पर उसे विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जाता है।
ऐसे शब्द जो दो शब्दों के मेल से बनते हैं और जिनके खंड सार्थक होते हैं, क्या कहलाते हैं ?
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यौगिक शब्द वे शब्द होते हैं जो दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बनते हैं और उनके खंड भी सार्थक होते हैं। उदाहरण: 'सर्दी-गर्मी', 'रात-दिन'। Quick Tip: यौगिक शब्द वह होते हैं जिनमें दो या दो से अधिक शब्दों का संयोजन होता है और उनके खंड भी अर्थपूर्ण होते हैं।
उस शब्दांश या अव्यय को क्या कहते हैं, जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करता है ?
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उपसर्ग वह शब्दांश या अव्यय होता है जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करता है। उदाहरण: 'अ' (अच्छा) उपसर्ग है जो किसी शब्द के अर्थ को बदलता है। Quick Tip: उपसर्ग का प्रयोग किसी शब्द के अर्थ को बढ़ाने, घटाने या बदलने के लिए किया जाता है।
बिरजू महाराज का जन्म लखनऊ के किस अस्पताल में हुआ ?
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बिरजू महाराज का जन्म लखनऊ के शुभम अस्पताल में हुआ था। वे भारतीय शास्त्रीय नृत्य के महान कलाकारों में से एक हैं। Quick Tip: बिरजू महाराज भारतीय शास्त्रीय नृत्य के विश्व प्रसिद्ध कलाकार हैं, जिन्होंने कथक नृत्य को नई ऊँचाइयाँ दीं।
लैटिन कवि वर्जिल पर किसने एक बड़ी अच्छी कविता लिखी थी ?
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लैटिन कवि वर्जिल पर रेनर मारिया रिल्के ने एक बड़ी अच्छी कविता लिखी थी। रिल्के का यह काम वर्जिल के कार्य और जीवन से प्रेरित था। Quick Tip: रेनर मारिया रिल्के एक प्रसिद्ध कवि थे, जिनका साहित्यिक कार्य गहरी भावनाओं और चिंताओं को व्यक्त करता है।
'सिक्थक' शब्द का क्या अर्थ है ?
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'सिक्थक' शब्द का अर्थ 'मोम' है। यह शब्द सामान्यतः चमड़े या कागज पर मोम की परत चढ़ाने के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है। Quick Tip: 'सिक्थक' शब्द का प्रयोग मोम या उस पदार्थ के संदर्भ में किया जाता है जो चमड़े या कागज को सख्त बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
'दही वाली मंगम्मा' शीर्षक कहानी किस कहानी से साभार ली गयी है ?
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'दही वाली मंगम्मा' शीर्षक कहानी 'तमिल कहानियाँ' से साभार ली गई है। यह कहानी तमिल साहित्य से प्रेरित है और समाज की बारीकियों को उजागर करती है। Quick Tip: कहानियाँ अक्सर विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों से प्रेरित होकर समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं।
अवलूर के पास किसी गाँव की रहनेवाली निम्न में से कौन है ?
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अवलूर के पास किसी गाँव की रहनेवाली मंगम्मा है। वह कहानी का मुख्य पात्र है। Quick Tip: कहानियों में पात्रों का चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है, जो कहानी के कथानक और उद्देश्य को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करते हैं।
बारिश होते देख किसे लग रहा था जैसे इस बार भी बाढ़ आयेगी ?
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बारिश होते देख लक्ष्मी को लग रहा था जैसे इस बार भी बाढ़ आएगी। यह एक मानसिक स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति पूर्व अनुभवों से प्रभावित होता है। Quick Tip: कहानियाँ और घटनाएँ अक्सर पात्रों के मानसिक प्रभाव को व्यक्त करती हैं, जो उनके भावनात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।
'ढहते विश्वास' शीर्षक कहानी के लेखक का क्या नाम है ?
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'ढहते विश्वास' शीर्षक कहानी के लेखक का नाम ईश्वर पेटलीकर है। उनकी कहानी में समाज और विश्वास के विषयों पर गहरी सोच प्रस्तुत की गई है। Quick Tip: लेखक का नाम और उनके विचार कहानी के अर्थ और संदर्भ को समझने में सहायक होते हैं।
तीन गोरे निष्णात डॉक्टरों ने एकमत होकर मंगु के पागलपन का क्या निदान प्रकट किया ?
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तीन गोरे निष्णात डॉक्टरों ने एकमत होकर मंगु के पागलपन का निदान 'पागलपन मिटाना संभव नहीं' कहा था। यह कहानी मानसिक स्वास्थ्य और उसके निदान पर ध्यान केंद्रित करती है। Quick Tip: कहानियाँ सामाजिक और मानसिक पहलुओं को उजागर करती हैं, जो समाज की गहरी वास्तविकताओं को प्रस्तुत करती हैं।
मंगु किस समय से पागल था ?
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मंगु तीन वर्ष से पागल था। इस स्थिति का वर्णन कहानी में उसके मानसिक विकारों और उनके परिणामों के रूप में किया गया है। Quick Tip: कहानियाँ पात्रों के जीवन की जटिलताओं को उजागर करती हैं, जो वास्तविक जीवन में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती हैं।
लेखक सुजाता रचित कहानी का नाम क्या है ?
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लेखक सुजाता रचित कहानी का नाम 'ढहते विश्वास' है। यह कहानी विश्वास और सामाजिक मुद्दों की गहरी पड़ताल करती है। Quick Tip: कहानियों का विषय अक्सर समाज और मानवता की गहरी समझ और आलोचना को दर्शाता है।
कवि रसखान को 'पुष्टिमार्ग' में दीक्षा किसने दी ?
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कवि रसखान को 'पुष्टिमार्ग' में दीक्षा गोस्वामी विट्ठलनाथ ने दी थी। रसखान का साहित्य भक्ति और प्रेम का सुंदर मिश्रण था। Quick Tip: रसखान को भक्ति और प्रेम की अनमोल काव्य रचनाओं के लिए जाना जाता है, और उन्होंने 'पुष्टिमार्ग' में दीक्षा प्राप्त की थी।
किनकी रचनाओं से मुग्ध होकर भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने कहा था - "इन मुसलमान हरिजनन पै, कोटिन हिन्दू वारिये ।” ?
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भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने रसखान की रचनाओं से मुग्ध होकर कहा था - "इन मुसलमान हरिजनन पै, कोटिन हिन्दू वारिये ।” रसखान की रचनाओं में भक्ति और प्रेम का अद्भुत चित्रण था। Quick Tip: रसखान की रचनाएँ भक्तिरस से ओत-प्रोत हैं, और उन्होंने अपने काव्य में प्रेम और भक्ति को गहराई से व्यक्त किया है।
कवि घनानंद का जन्म किस वर्ष हुआ था ?
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कवि घनानंद का जन्म 1687 ई० में हुआ था। वे हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि और संत थे, जिन्होंने भक्ति काव्य को रचा। Quick Tip: कवि घनानंद की काव्य रचनाएँ उनकी भक्ति भावना और जीवन दर्शन को प्रकट करती हैं।
घनानंद किसके सैनिकों द्वारा मारे गये ?
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घनानंद को औरंगजेब के सैनिकों द्वारा मारा गया था। वे हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि थे, जो भक्ति काव्य और सच्चे भक्तिपंथ के समर्थक थे। Quick Tip: घनानंद के काव्य साहित्य में भक्ति और जीवन दर्शन को प्रकट किया गया है, जो आज भी समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
'भारत सौभाग्य' नाटक किसकी रचना है ?
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'भारत सौभाग्य' नाटक बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' की रचना है। यह नाटक भारतीय समाज और संस्कृति की विशेषताओं को दर्शाता है। Quick Tip: नाटक समाज के महत्वपूर्ण विषयों और संदर्भों पर आधारित होते हैं, जो दर्शकों के बीच संवाद और विचारशीलता को उत्तेजित करते हैं।
"मनुज भारती देखि कोउ, सकत नहीं पहिचान" यह पंक्ति किस कविता से है ?
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"मनुज भारती देखि कोउ, सकत नहीं पहिचान" यह पंक्ति 'भारतमाता' कविता से है। इस कविता में भारतीय संस्कृति और देश की महानता की गहरी सोच व्यक्त की गई है। Quick Tip: कविताएँ राष्ट्रप्रेम और सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभाती हैं।
बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' ने किस मासिक पत्रिका का संपादन किया ?
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बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' ने 'इन्दु' मासिक पत्रिका का संपादन किया। यह पत्रिका साहित्य और सामाजिक विचारों का महत्वपूर्ण स्रोत थी। Quick Tip: पत्रिकाएँ साहित्यिक और सामाजिक विचारों का आदान-प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होती हैं।
'ग्राम्या' किसकी रचना है ?
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'ग्राम्या' बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' की रचना है। यह रचना ग्रामीण जीवन की सच्चाई और उसकी विशेषताओं को उजागर करती है। Quick Tip: साहित्य में ग्रामीण जीवन की वास्तविकताओं का चित्रण समाज की विविधताओं को समझने में मदद करता है।
सुमित्रानंदन पंत के पिता का नाम क्या था ?
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सुमित्रानंदन पंत के पिता का नाम हरिदत्त पंत था। वह हिंदी साहित्य के महान कवि थे, जिन्होंने आधुनिक हिंदी कविता को नया दृष्टिकोण और दिशा दी। Quick Tip: सुमित्रानंदन पंत की कविताओं में प्रकृति और मानवता के गहरे संबंधों को दिखाया गया है।
रामधारी सिंह 'दिनकर' के पिता का नाम क्या था ?
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रामधारी सिंह 'दिनकर' के पिता का नाम रामराज सिंह था। दिनकर जी हिंदी साहित्य के महान कवि और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। Quick Tip: रामधारी सिंह 'दिनकर' की कविताओं में राष्ट्रीयता, वीरता और सामाजिक मुद्दों की गहरी छाप मिलती है।
रोन नदी कहाँ है ?
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रोन नदी दक्षिण फ्रांस में स्थित है। यह नदी यूरोप की महत्वपूर्ण नदियों में से एक है और फ्रांस के विभिन्न क्षेत्रों से बहती है। Quick Tip: नदियाँ न केवल जल स्रोत होती हैं, बल्कि इनका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी होता है।
विनोद कुमार शुक्ल को किस वर्ष साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया ?
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विनोद कुमार शुक्ल को 1988 ई० में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण कथाकार और निबंधकार थे। Quick Tip: साहित्य अकादमी पुरस्कार साहित्यिक योगदान के लिए भारतीय लेखकों को दिया जाता है।
झोले में कितनी मछलियाँ थीं ?
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झोले में एक मछली थी। यह वाक्य किसी विशेष संदर्भ में एक मछली की उपस्थिति को दर्शाता है। Quick Tip: कहानियों में वस्तुओं की संख्या और उनके संदर्भों का महत्व होता है, जो पाठक के मन में एक चित्र प्रस्तुत करते हैं।
"भइया! मछली अभी कट जाएगी ।" - यह किसने पूछा ?
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"भइया! मछली अभी कट जाएगी ।" यह वाक्य संतू ने पूछा था। यह वाक्य उनके आसपास की स्थिति और उनकी मानसिकता को व्यक्त करता है। Quick Tip: कहानियों और संवादों में पात्रों के प्रश्नों से उनके चरित्र का पता चलता है।
गीतकार गुलजार की कविताओं का संपादन यतींद्र मिश्र ने किस नाम से किया ?
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गीतकार गुलजार की कविताओं का संपादन यतींद्र मिश्र ने 'यार जुलाहे' नाम से किया था। यह संग्रह उनकी कविताओं और गीतों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। Quick Tip: गुलजार की कविताएँ और गीत भारतीय साहित्य में अपनी गहरी सोच और भावनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं।
अमीरुद्दीन के बड़े भाई का नाम क्या था ?
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अमीरुद्दीन के बड़े भाई का नाम शम्सुद्दीन था। वे एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे और अमीरुद्दीन की कहानी में उनका महत्वपूर्ण स्थान था। Quick Tip: कहानियों और ऐतिहासिक संदर्भों में परिवारिक रिश्ते और नामों की पहचान अक्सर कहानी के संदेश और संरचना में योगदान करती है।
बिस्मिल्ला खाँ कौन-सा वाद्य यंत्र बजाते थे ?
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बिस्मिल्ला खाँ शहनाई बजाते थे। वे भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध वादक थे और शहनाई को एक नई पहचान दी। Quick Tip: बिस्मिल्ला खाँ शहनाई के माहिर थे, और उन्होंने भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।
किस स्थान पर मरण भी मंगल माना गया है ?
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काशी में मरण भी मंगल माना गया है। यह मान्यता है कि काशी में मरण से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। Quick Tip: काशी को मोक्ष की प्राप्ति का स्थान माना जाता है, जहाँ लोग अंतिम संस्कार करने के लिए जाते हैं।
गांधीजी को किसने महात्मा कहा ?
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गांधीजी को 'महात्मा' रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था। यह शब्द उनके महान कार्यों और विचारों की गहराई को व्यक्त करता है। Quick Tip: महात्मा गांधी को 'महात्मा' के उपनाम से रवींद्रनाथ टैगोर ने सम्मानित किया था, जो उनके राष्ट्र सेवा के महान कार्यों को दर्शाता है।
"कोई संस्कृति इतने रत्न भण्डार से भरी हुई नहीं है जितनी हमारी अपनी संस्कृति है ।" यह कथन किसका है ?
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यह कथन महात्मा गाँधी का है। उन्होंने भारतीय संस्कृति की महानता को इस प्रकार व्यक्त किया था। Quick Tip: महात्मा गांधी भारतीय संस्कृति के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने हमेशा भारतीय संस्कृति की महानता को बढ़ावा दिया।
'चिंता' किसकी रचना है ?
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'चिंता' सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' की रचना है। यह कविता उनके समग्र साहित्यिक योगदान का हिस्सा है। Quick Tip: 'अज्ञेय' हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि और लेखक थे, जिन्होंने अपनी कविताओं में गहरी चिंताओं और समाज की समस्याओं पर विचार किया।
दूर से ही कौन ललकारता है ? 'एक वृक्ष की हत्या' शीर्षक कविता के अनुसार चिह्नित करें ।
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'एक वृक्ष की हत्या' शीर्षक कविता के अनुसार दूर से वृक्ष ललकारता है। कविता में वृक्ष की जीवन यात्रा और उसकी स्थिति पर गहरी सोच व्यक्त की गई है। Quick Tip: कविताओं में प्राकृतिक तत्वों का प्रयोग गहरे प्रतीकात्मक अर्थ देने के लिए किया जाता है।
"उसका 'ख' खरगोश की खालिस बेचैनी में ।" यह पंक्ति किस कविता की है ?
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"उसका 'ख' खरगोश की खालिस बेचैनी में" यह पंक्ति कविता 'हमारी नींद' से है। इस कविता में मानव जीवन और मानसिकता की जटिलताओं को व्यक्त किया गया है। Quick Tip: कविताएँ अक्सर प्रतीकों का उपयोग करती हैं, जो भावनाओं और विचारों को एक गहरे स्तर पर व्यक्त करती हैं।
"मेरे बिना तुम प्रभु" शीर्षक कविता किसको संबोधित है ?
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"मेरे बिना तुम प्रभु" शीर्षक कविता भक्त को संबोधित है। इस कविता में भक्त की भक्ति और प्रभु के प्रति उसका समर्पण दर्शाया गया है। Quick Tip: कविता में धार्मिक या भक्ति साहित्य अक्सर आत्मा की पवित्रता और प्रभु के प्रति आस्था को प्रकट करता है।
"अंगरेजी बाहन, बसन, वेष रीति औ नीति ।" यह पंक्ति किस शीर्षक कविता की है ?
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"अंगरेजी बाहन, बसन, वेष रीति औ नीति" यह पंक्ति कविता 'स्वदेशी' से है। यह पंक्ति अंग्रेजी प्रभावों और स्वदेशी संस्कृति के महत्व को उजागर करती है। Quick Tip: 'स्वदेशी' कविताएँ अक्सर राष्ट्रीयता और विदेशी प्रभावों के खिलाफ प्रतिक्रिया व्यक्त करती हैं।
एक ध्वनि जब दो व्यंजनों से संयुक्त हो जाए, तब वह क्या कहलाती है ?
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जब दो व्यंजन एक साथ उच्चारित होते हैं तो वह 'संयुक्त ध्वनि' कहलाती है। यह उच्चारण की प्रक्रिया में व्यंजनों के मेल से उत्पन्न होती है। Quick Tip: संयुक्त ध्वनियाँ भाषाई ध्वनिकी का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं, जो उच्चारण की प्रक्रिया को सरल बनाती हैं।
'भ' का उच्चारण स्थान क्या है ?
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'भ' का उच्चारण मूर्द्धा स्थान से होता है, जहाँ जीभ के अग्रभाग को तालु के निकट रखा जाता है। Quick Tip: व्यंजन का उच्चारण स्थान ध्वनि के सही उच्चारण में अहम भूमिका निभाता है।
उच्चारण में वायुप्रक्षेप की दृष्टि से व्यंजन के कितने भेद होते हैं ?
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उच्चारण में वायुप्रक्षेप की दृष्टि से व्यंजन के तीन भेद होते हैं: उद्घोष्य, उच्छ्वसित और निष्कास्य। Quick Tip: व्यंजन का उच्चारण वायुप्रक्षेप के आधार पर उसके भेदों को पहचानने से सही उच्चारण में मदद मिलती है।
'जगदानंद' शब्द का संधि-विच्छेद निम्न में से कौन है ?
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'जगदानंद' शब्द का संधि-विच्छेद 'जगत् + आनंद' है। यह संधि 'जगत्' और 'आनंद' के मेल से उत्पन्न होती है। Quick Tip: संधि-विच्छेद से शब्दों के सही अर्थ और संरचना को समझने में मदद मिलती है।
निम्नलिखित में अशुद्ध शब्द कौन है ?
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'द्रविभूत' शब्द अशुद्ध है। यह शब्द 'द्रव्य' और 'भूत' का मिलाजुला रूप है, जो सही रूप में 'द्रव्यभूत' होना चाहिए। Quick Tip: शब्दों का सही रूप और उनका प्रयोग भाषा की शुद्धता को बनाए रखता है।
'संग्रह' शब्द में उपसर्ग क्या है ?
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'संग्रह' शब्द में उपसर्ग 'सं' है। 'संग्रह' शब्द 'सं' उपसर्ग और 'ग्रह' धातु से मिलकर बना है। Quick Tip: उपसर्ग शब्द के अर्थ को बदलने या विस्तृत करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
'सप्ताह' शब्द का विशेषण क्या होगा ?
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'सप्ताह' शब्द का विशेषण 'साप्ताहिक' होगा। 'साप्ताहिक' शब्द किसी ऐसी वस्तु या घटना को व्यक्त करता है जो सप्ताह से संबंधित हो। Quick Tip: विशेषण किसी संज्ञा की विशेषता बताने वाला शब्द होता है।
'दर्शनीय' शब्द में प्रत्यय क्या है ?
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'दर्शनीय' शब्द में प्रत्यय 'नीय' है। प्रत्यय 'नीय' का प्रयोग किसी विशेषता या गुण को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। Quick Tip: प्रत्यय का उपयोग शब्द के अर्थ को विस्तार देने और उसे विशेष बनाने के लिए किया जाता है।
'शरणागत' शब्द कौन समास है ?
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'शरणागत' शब्द अव्ययीभाव समास का उदाहरण है। अव्ययीभाव समास में एक शब्द दूसरे शब्द का विशेषण या संबंध दर्शाता है। Quick Tip: अव्ययीभाव समास में एक अव्यय (जैसे कि 'अगति', 'साथ') दूसरे शब्द से जुड़कर उसके गुण या विशेषता को व्यक्त करता है।
'ध्यान में मग्न ( साधक )' यह कौन पदबंध है ?
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'ध्यान में मग्न (साधक)' यह क्रिया-पदबंध है, क्योंकि इसमें 'ध्यान में मग्न' एक क्रिया है और 'साधक' उसका कर्ता है। Quick Tip: पदबंध वह संयोजन है जिसमें दो या दो से अधिक शब्द एक साथ मिलकर एक विचार व्यक्त करते हैं।
रचना की दृष्टि से वाक्य के कितने प्रकार हैं ?
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रचना की दृष्टि से वाक्य के दो प्रकार होते हैं: सरल वाक्य और मिश्र वाक्य। सरल वाक्य में केवल एक क्रिया होती है, जबकि मिश्र वाक्य में दो या दो से अधिक क्रियाएँ होती हैं। Quick Tip: वाक्य की रचना उसके संरचना और संख्या पर निर्भर करती है।
'हमारे जवानों को देखकर दुश्मन भाग गए ।' यह किस वाक्य का उदाहरण है ?
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'हमारे जवानों को देखकर दुश्मन भाग गए ।' यह मिश्र वाक्य का उदाहरण है, क्योंकि इसमें दो क्रियाएँ ('देखकर' और 'भाग गए') एक साथ जुड़ी हुई हैं। Quick Tip: मिश्र वाक्य में दो या दो से अधिक क्रियाएँ होती हैं जो किसी एक विचार को व्यक्त करती हैं।
'माँ ने बच्चे को सुलाया।' यह किस कारक का उदाहरण है ?
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'माँ ने बच्चे को सुलाया' वाक्य में 'बच्चे' शब्द कर्म कारक का उदाहरण है, क्योंकि वह क्रिया 'सुलाया' का लक्ष्य है। Quick Tip: कर्म कारक वह कारक होता है जो क्रिया का उद्देश्य या लक्ष्य होता है।
निम्नलिखित वाक्यों में से कौन मिश्र वाक्य है ?
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'मैं खाना खा चुका, तब वह आया' यह मिश्र वाक्य का उदाहरण है क्योंकि इसमें दो क्रियाएँ ('खा चुका' और 'आया') जुड़ी हुई हैं। Quick Tip: मिश्र वाक्य में दो या दो से अधिक क्रियाएँ जुड़ी होती हैं, जो एक साथ किसी विचार को व्यक्त करती हैं।
'निधड़क' शब्द कौन समास है ?
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'निधड़क' शब्द बहुव्रीहि समास का उदाहरण है। यह समास दो शब्दों के मिलकर किसी ऐसे गुण या अवस्था का प्रदर्शन करता है, जिसका अर्थ सम्पूर्ण होता है। Quick Tip: बहुव्रीहि समास में दो या दो से अधिक शब्दों का मेल होता है, जो एक नए अर्थ को व्यक्त करते हैं।
निम्नलिखित चिह्नों में प्रश्नवाचक चिह्न कौन है ?
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प्रश्नवाचक चिह्न '?' होता है। यह चिह्न किसी प्रश्न या पूछताछ को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। Quick Tip: प्रश्नवाचक चिह्न '?' का प्रयोग किसी वाक्य में प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है।
निम्न भाषाओं में से किस भाषा को देवनागरी लिपि में लिखते हैं ?
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हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। देवनागरी लिपि भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख लिपियों में से एक है। Quick Tip: हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है, जो भारत की प्रमुख लिपि है।
निम्न में से व्यक्तिवाचक संज्ञा कौन है
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'बहन' शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा है, क्योंकि यह किसी विशेष व्यक्ति (बहन) को दर्शाता है। Quick Tip: व्यक्तिवाचक संज्ञा किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु का नाम होती है।
'प्रवेश' शब्द कौन लिंग है ?
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'प्रवेश' शब्द पुंलिंग लिंग का है, क्योंकि यह एक क्रिया का नाम है और सामान्य रूप से पुरूष लिंग में आता है। Quick Tip: लिंग का निर्धारण संज्ञा के आधार पर किया जाता है, और 'प्रवेश' क्रियावाचक संज्ञा है।
'दाता' शब्द का स्त्रीलिंग रूप क्या है ?
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'दाता' शब्द का स्त्रीलिंग रूप 'दात्री' है, जो किसी महिला को व्यक्त करता है जो दान या कुछ देने का कार्य करती है। Quick Tip: स्त्रीलिंग रूप में 'दाता' का रूप 'दात्री' होता है। यह लिंग परिवर्तन संज्ञा के गुण के आधार पर होता है।
निम्न में से तत्सम शब्द कौन है ?
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'आम्र' शब्द तत्सम शब्द है। तत्सम शब्द वे शब्द होते हैं जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए हैं और जिनका रूप लगभग वही रहता है। Quick Tip: तत्सम शब्द संस्कृत से भारतीय भाषाओं में आते हैं, जिनमें स्वरूप में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होता।
'भाग्यवान्' शब्द का स्त्रीलिंग रूप क्या होगा ?
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'भाग्यवान्' शब्द का स्त्रीलिंग रूप 'भाग्यवती' होगा। यह रूप उस स्त्री को व्यक्त करता है जो भाग्यशाली हो। Quick Tip: स्त्रीलिंग रूप में बदलाव संज्ञा के लिंग के अनुसार होता है।
कारक के कितने भेद होते हैं ?
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कारक के सात भेद होते हैं: कर्ता, कर्म, करण, संप्रदान, अधिकरण, अपादान, और सम्बोधन। ये सभी कारक वाक्य में शब्दों के संबंध को व्यक्त करते हैं। Quick Tip: कारक वाक्य में शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करते हैं, जैसे कर्ता, कर्म, आदि।
कर्ताकारक की विभक्ति चिह्न क्या है ?
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कर्ताकारक की विभक्ति चिह्न 'ने' है। यह विभक्ति चिह्न कर्ता (subject) को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। Quick Tip: कर्ताकारक वाक्य में वह शब्द होता है जो क्रिया का कर्ता होता है, और इसे 'ने' विभक्ति चिह्न से व्यक्त किया जाता है।
वाक्य में क्रिया का फल जिस शब्द पर पड़ता है, उसे क्या कहते हैं ?
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वाक्य में क्रिया का फल जिस शब्द पर पड़ता है, उसे 'कर्म' कहते हैं। कर्म वह है जो क्रिया से प्रभावित होता है। Quick Tip: कर्म वह शब्द होता है जो क्रिया का उद्देश्य या लक्ष्य होता है, और वाक्य में यह क्रिया का फल होता है।
(खंड ब)
विषयिनष्ठ प्रश्न
1. निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें ।प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा ।
(क) अक्रूर का रथ दोपहर में यमुना तट पर पहुँचा । कृष्ण की अनुमति से अक्रूर ने पवित्र
/ यमुना जल में स्नान किया । मुख प्रक्षालन करके वे यमुना जल में प्रविष्ट हुए । उन्होंने डुबकी लगाई और ईश्वर का चिंतन करने लगे । जल में उन्होंने देखा कि श्री बलराम एक सहस्र सर्पमुखों से युक्त हैं, उन्होंने पीताम्बर तथा रत्न जड़ित मालाएँ धारण की हुई हैं। शेषजी की गोद में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान हैं जिनमें भगवान विष्णु के सभी चिह्न विद्यमान हैं और ऋषि, मुनि उनकी अर्चना कर रहे हैं ! अक्रूर को आश्चर्य हुआ कि वे दोनों इतना जल्दी वहाँ कैसे आ गए। जल की सतह से ऊपर उठकर उन्होंने
हुए
देखा कि कृष्ण और बलराम रथ पर आसीन हैं। जल के दृश्य का अनुभव करते' वे भगवान कृष्ण की प्रशंसा करने लगे
(i)
अक्रूर का रथ किस समय यमुना तट पर पहुँचा ?
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अक्रूर का रथ दोपहर में यमुना तट पर पहुँचा।
Quick Tip: समय और स्थान का उल्लेख किसी घटना की स्थिति और क्रम को स्पष्ट करने में मदद करता है।
अक्रूर ने कहाँ स्नान किया ?
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अक्रूर ने यमुना जल में स्नान किया।
Quick Tip: गद्यांश में मुख्य क्रियाओं और घटनाओं का संदर्भ देना प्रश्नों के उत्तर को सटीक बनाता है।
जल में अक्रूर ने क्या देखा ?
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जल में अक्रूर ने देखा कि श्री बलराम एक सहस्र सर्पमुखों से युक्त हैं, और भगवान श्री कृष्ण शेषजी की गोद में विराजमान हैं।
Quick Tip: किसी दृश्य या घटनाओं का वर्णन करते समय, विशेषताएँ और विवरण अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
ऋषि, मुनि किनकी अर्चना कर रहे थे ?
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ऋषि और मुनि भगवान श्री कृष्ण और बलराम की अर्चना कर रहे थे।
Quick Tip: धार्मिक संदर्भ में, अर्चना का अर्थ पूजा और सम्मान होता है, जो अक्सर भगवान के प्रति आदर और श्रद्धा को व्यक्त करता है।
जल की सतह से ऊपर उठकर अक्रूर जी ने क्या देखा ?
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जल की सतह से ऊपर उठकर अक्रूर जी ने देखा कि श्री कृष्ण और बलराम रथ पर आसीन हैं।
Quick Tip: जल के दृश्य और वास्तविकता के बीच अंतर को समझने से कहानी की गहराई और प्रतीकात्मकता को समझने में मदद मिलती है।
(ख) आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है, जो मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है ।इसका मुख्य कारण राजनीतिक स्वार्थ, सत्ता लोलुपता और धार्मिक कट्टरता है, जो
आतंकवादियों को उत्पन्न करते हैं। यह एक विचारशीलता की प्रणाली है, जिसमें
लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा जैसे संगठन शामिल हैं। आतंकवाद ने दुनिया भर में घातक प्रभाव छोड़ा है । इसने सामरिक और नागरिक लक्ष्यों के साथ सभ्य समाज, आर्थिक संरचना और सामरिक संगठनों को प्रभावित किया है। आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में सुरक्षा एजेंसियाँ विशेषज्ञता विकसित कर रही हैं, लेकिन यह एक समस्या के रूप में चुनौतीपूर्ण है जिसका समाधान केवल सुरक्षा के उपायों से नहीं होसकता है । आतंकवाद को रोकने के लिए सामरिक, सामाजिक और आर्थिक उपायअपनाने की जरूरत है ।
(i)
मानवता के लिए महत्त्वपूर्ण चुनौती क्या है ?
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मानवता के लिए महत्त्वपूर्ण चुनौती आतंकवाद है, जो विश्वभर में एक गंभीर समस्या के रूप में उभरी है।
Quick Tip: चुनौतियों का समाधान समझने के लिए उन्हें विस्तार से परिभाषित करना महत्वपूर्ण होता है।
आतंकवादियों के उत्पन्न होने के कारण क्या हैं ?
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आतंकवादियों के उत्पन्न होने के मुख्य कारण राजनीतिक स्वार्थ, सत्ता लोलुपता और धार्मिक कट्टरता हैं। ये कारक आतंकवादियों को प्रेरित करते हैं।
Quick Tip: समस्याओं के कारणों को समझने से उनके समाधान की दिशा में मदद मिलती है।
गद्यांश में उल्लिखित आतंकवादी संगठनों के नाम लिखें।
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गद्यांश में उल्लिखित आतंकवादी संगठनों के नाम लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा हैं।
Quick Tip: गद्यांश में किसी विशेष विषय या घटनाओं का उल्लेख होने पर उनका सही उल्लेख करना महत्वपूर्ण होता है।
आतंकवाद ने दुनिया भर में कैसा प्रभाव छोड़ा है ?
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आतंकवाद ने दुनिया भर में घातक प्रभाव छोड़ा है। इसने सामरिक और नागरिक लक्ष्यों को प्रभावित किया है और सभ्य समाज, आर्थिक संरचना तथा सामरिक संगठनों को भी प्रभावित किया है।
Quick Tip: आतंकवाद का प्रभाव केवल शारीरिक नुकसान नहीं होता, बल्कि यह समाज की संरचना और अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करता है।
आतंकवाद को रोकने के लिए कैसे उपाय अपनाने की जरूरत है ?
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आतंकवाद को रोकने के लिए सामरिक, सामाजिक और आर्थिक उपाय अपनाने की जरूरत है। यह केवल सुरक्षा उपायों से हल नहीं हो सकता।
Quick Tip: समस्याओं के समाधान के लिए कई दृष्टिकोणों और उपायों को लागू करना जरूरी है।
(क) हम जीवन में सुख-समृद्धि के साथ ज्ञान, शांति और कीर्ति भी चाहते हैं । ये चीजें तभी मिल सकती हैं जब हम इनको पाने के लिए अपने समय के एक-एक क्षण को बहुमूल्य मानकर उसका सदुपयोग करें तथा निरंतर परिश्रम करते रहें । यह तभी संभव होगा, जब हम अपने समय का सही विभाजन और नियोजन कर लें, क्योंकि समय सीमित है और करने के लिए काम अनंत हैं। जो काम आवश्यकता और महत्त्व की दृष्टि से पहले पूरे करने के हैं, उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए। सभी कामों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य और प्रबल इच्छाशक्ति होनी चाहिए । अतएव जहाँ एक ओर हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजगता बरतनी चाहिए, वहीं अपना संकल्प भी ऊँचा बनाए रखना चाहिए ।
(i)
हम जीवन में क्या चाहते हैं ?
View Solution
हम जीवन में सुख-समृद्धि के साथ ज्ञान, शांति और कीर्ति भी चाहते हैं।
Quick Tip: जीवन के लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से समझना सफलता की दिशा में पहला कदम होता है।
अपने समय के एक-एक क्षण को क्या मानना चाहिए ?
View Solution
अपने समय के एक-एक क्षण को बहुमूल्य मानकर उसका सदुपयोग करना चाहिए।
Quick Tip: समय कीमती होता है, और इसका सदुपयोग जीवन में सफलता पाने के लिए आवश्यक है।
समय का विभाजन और नियोजन करना क्यों आवश्यक है ?
View Solution
समय का विभाजन और नियोजन करना आवश्यक है क्योंकि समय सीमित है और करने के लिए काम अनंत हैं।
Quick Tip: समय का सही नियोजन और विभाजन सफलता की कुंजी है। इसके द्वारा हम अपने कार्यों को प्राथमिकता दे सकते हैं।
किस तरह के कामों को प्राथमिकता देनी चाहिए ?
View Solution
हमें उन कामों को प्राथमिकता देनी चाहिए जो आवश्यकता और महत्त्व की दृष्टि से पहले पूरे करने के हैं।
Quick Tip: सभी कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए, सबसे पहले उन कार्यों को करें जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण और आवश्यक हैं।
हमें किसके प्रति सजगता बरतनी चाहिए ?
View Solution
हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजगता बरतनी चाहिए।
Quick Tip: अच्छे स्वास्थ्य के बिना कोई भी कार्य सही तरीके से पूरा नहीं किया जा सकता। स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है।
(ख) स्वामी विवेकानन्द वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक
गुरु । उनका वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त था । उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 ई० में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था । भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द के वक्तृता के कारण ही पहुँचा । उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी । वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे । स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिन को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है ।
(i)
स्वामी विवेकानन्द किसके आध्यात्मिक गुरु थे ?
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स्वामी विवेकानन्द रामकृष्ण परमहंस के आध्यात्मिक गुरु थे।
Quick Tip: आध्यात्मिक गुरु वह होते हैं जो अपने ज्ञान और अनुभव से शिष्यों को जीवन के उच्चतम उद्देश्य की प्राप्ति की दिशा दिखाते हैं।
स्वामी विवेकानन्द का वास्तविक नाम क्या था ?
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स्वामी विवेकानन्द का वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त था।
Quick Tip: कई महान व्यक्तित्व अपने आध्यात्मिक मार्गदर्शन से नया नाम और पहचान प्राप्त करते हैं।
स्वामी विवेकानन्द ने किस वर्ष भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया ?
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स्वामी विवेकानन्द ने सन् 1893 ई० में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया।
Quick Tip: इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाओं के वर्ष को याद रखना उन्हें सही संदर्भ में समझने में मदद करता है।
भारत का वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में कैसे पहुँचा ?
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भारत का वेदान्त दर्शन स्वामी विवेकानन्द के वक्तृत्व के कारण अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में पहुँचा।
Quick Tip: वक्ता के शब्दों की शक्ति और प्रभाव उनके विचारों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिन को किस दिवस के रूप में मनाया जाता है ?
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स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिन को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
Quick Tip: राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानन्द के योगदान को समर्पित एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो युवा पीढ़ी को प्रेरित करता है।
Question 3:
िनम्न िलिखत में से िकसी एक िवषय पर िदए गए संकेत िबंदुओं के आधार पर लगभग 250 - 300 शब्दों
में िनबंध िलखें :
वसंत ऋतु
(i) भूमिका
(ii) महत्व
(iii) ऋतुओं का राजा
(iv) उपसंहार
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(i) भूमिका:
वसंत ऋतु साल के चार मौसमों में से एक है जो प्राकृतिक सौंदर्य और जीवन के नवीनीकरण का प्रतीक है। यह एक संक्रमणकालीन मौसम है जो सर्दियों की सख्त ठंड और गर्मियों की तपन के बीच आता है। वसंत ऋतु के दौरान, वातावरण ठंडा और सुखद होता है, और इस दौरान फूलों का खिलना, ताजगी, और हरियाली से वातावरण भर जाता है। यह समय प्रकृति के नवीकरण का होता है, जब पेड़-पौधे नए पत्तों से ढक जाते हैं, और विभिन्न फूलों के खिलने से वातावरण में एक नया उत्साह और रंग-बिरंगा सौंदर्य देखने को मिलता है। इस ऋतु का आगमन मनुष्य के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का संकेत देता है और एक नई शुरुआत का प्रतीक होता है।
(ii) महत्व:
वसंत ऋतु का महत्व सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य में नहीं है, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। वसंत ऋतु का आगमन आलस्य को दूर करता है और ऊर्जा का संचार करता है। इस मौसम में तापमान न ज्यादा ठंडा होता है और न ही ज्यादा गर्म, जिससे हमारा शरीर आराम महसूस करता है। इसका प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है, क्योंकि वसंत के मौसम में प्राकृतिक सौंदर्य और ताजगी से मन प्रसन्न रहता है। कृषि दृष्टि से भी वसंत ऋतु महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बुवाई का समय है, जब किसानों के लिए नए फसल के बीज बोने का आदर्श समय होता है। इस ऋतु में शरीर और मस्तिष्क दोनों सक्रिय रहते हैं और जीवन में नए विचार और ऊर्जा का संचार होता है।
(iii) ऋतुओं का राजा:
वसंत ऋतु को ‘ऋतुओं का राजा’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सभी मौसमों का सबसे सुंदर और उत्साही समय होता है। इस समय में फूलों का खिलना, पशुओं की खुशी, और हरियाली का विस्तार वातावरण में शांति और खुशी का संदेश देता है। इस ऋतु का प्रत्येक पहलू – जैसे मनोहारी हवा, मधुर संगीत के साथ बगैर ज्यादा गर्मी या ठंड के मौसम – हमारे जीवन को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है। यह समय है जब लोग अधिक बाहर निकलते हैं, प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं और खुशियों से घिरे रहते हैं। इस ऋतु में सब कुछ नया और जीवंत होता है, और यह जीवन के ऊर्जा और उत्साह को बढ़ाने का एक अद्भुत समय है। वसंत ऋतु में खेतों में हरियाली और फूलों के खिलने से मानो धरती मुस्कुराती है।
(iv) उपसंहार:
कुल मिलाकर, वसंत ऋतु का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। यह ऋतु हमें प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर प्रदान करती है और साथ ही हमें जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करती है। हमें इस ऋतु में प्रकृति से जुड़कर पर्यावरण का संरक्षण करने के बारे में भी सोचना चाहिए। एक स्वस्थ और संतुलित वातावरण हमें वसंत ऋतु के जैसे सुखमय और खुशहाल जीवन का अनुभव कराता है। हमें इस ऋतु के आगमन का स्वागत करना चाहिए और इसका पूरा आनंद लेना चाहिए, क्योंकि यही ऋतु हमारे जीवन में एक नई शुरुआत का प्रतीक है। इस मौसम का आनंद लेने के साथ-साथ, हमें प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और प्रदूषण को कम करने के उपायों पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण बना सकें। Quick Tip: वसंत ऋतु का आनंद लेने के साथ-साथ हमें पर्यावरण संरक्षण के उपायों पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण बना सकें।
प्रिय खेल फुटबॉल
(i) भूमिका
(ii) तैयारी
(iii) खिलाड़ियों की संख्या
(iv) दृश्य
(v) उपसंहार
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(i) भूमिका:
फुटबॉल, जिसे "सॉकर" भी कहा जाता है, विश्वभर में सबसे लोकप्रिय और आकर्षक खेलों में से एक है। यह खेल टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा पर आधारित होता है, जिसमें दो टीमें एक-दूसरे के गोल पोस्ट में गेंद को डालने के प्रयास करती हैं। फुटबॉल का खेल एक संगठित खेल है, जिसमें न केवल शारीरिक दक्षता, बल्कि रणनीति, टीमवर्क और मानसिक संतुलन की भी आवश्यकता होती है। फुटबॉल की शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी, और अब यह खेल दुनिया के प्रत्येक कोने में खेला जाता है।
(ii) तैयारी:
फुटबॉल खेल की तैयारी में शारीरिक और मानसिक दोनों पहलुओं की आवश्यकता होती है। खिलाड़ियों को नियमित अभ्यास करना पड़ता है, जिसमें दौड़ना, गेंद को नियंत्रित करना, पासिंग, शॉट्स की प्रैक्टिस, और बचाव की तकनीकों पर काम किया जाता है। इसके अलावा, टीमवर्क और खेल की रणनीतियों को समझने के लिए टीम के साथ सामूहिक अभ्यास भी महत्वपूर्ण है। प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी भूमिका समझनी होती है और मैदान पर साथी खिलाड़ियों के साथ सामंजस्यपूर्ण ढंग से काम करना होता है।
(iii) खिलाड़ियों की संख्या:
फुटबॉल मैच में प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं, जिसमें एक गोलकीपर और 10 खिलाड़ी होते हैं जो फील्ड पर खेलते हैं। गोलकीपर का मुख्य कार्य अपने गोलपोस्ट की रक्षा करना होता है, जबकि अन्य खिलाड़ी विभिन्न भूमिका निभाते हैं, जैसे कि डिफेंडर, मिडफील्डर और फॉरवर्ड। डिफेंडर का कार्य विपक्षी टीम के हमलों को रोकना होता है, मिडफील्डर गेंद को नियंत्रित करता है और हमले की दिशा तय करता है, जबकि फॉरवर्ड गोल करने के प्रयास करते हैं।
(iv) दृश्य:
फुटबॉल मैच का दृश्य अत्यधिक गतिशील और उत्साही होता है। मैदान पर खिलाड़ियों की दौड़, गेंद के लिए संघर्ष, और गोलकीपर के अद्भुत बचाव मैच को रोमांचक बनाते हैं। दर्शक उत्साहित होते हैं और हर पल मैच की दिशा बदलने का इंतजार करते हैं। गोल करने के बाद, खिलाड़ियों का उत्साह और टीम की एकजुटता दर्शकों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत होती है। खेल के दौरान हर एक छोटी से छोटी घटना पर ध्यान दिया जाता है, और ये दृश्य मैच को और भी अधिक रोचक और मनोरंजक बनाते हैं।
(v) उपसंहार:
फुटबॉल न केवल एक खेल है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जो खिलाड़ियों में अनुशासन, समर्पण, और टीमवर्क को प्रोत्साहित करती है। यह खेल न केवल शारीरिक रूप से फिट रखने में मदद करता है, बल्कि मानसिक रूप से भी खिलाड़ियों को मजबूत बनाता है। फुटबॉल के प्रति प्रेम और इसकी भूमिका जीवन में समानता, एकता और सामूहिक प्रयास का प्रतीक है। हमें इस खेल से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में भी समानता और सहकारिता को बढ़ावा देना चाहिए। Quick Tip: फुटबॉल खेल में टीमवर्क और सामूहिक प्रयास की अहमियत होती है, जो व्यक्तिगत कौशल से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
पानी की बचत
(i) भूमिका
(ii) महत्त्व
(iii) उपाय
(iv) लाभ
(v) उपसंहार
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(i) भूमिका:
पानी जीवन का अभिन्न हिस्सा है और बिना पानी के जीवन संभव नहीं है। यह हमारे दैनिक जीवन में हर गतिविधि का हिस्सा है, जैसे कि पीने, खाना बनाने, स्वच्छता, कृषि, और उद्योगों में उपयोग। फिर भी, पानी की अत्यधिक खपत और इसके संरक्षण की कमी ने पानी के संकट को एक गंभीर वैश्विक समस्या बना दिया है। हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि जल संकट हमारे जीवन और पर्यावरण को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है, जिससे पानी की बचत करना अब हमारी जिम्मेदारी बन गई है।
(ii) महत्त्व:
पानी की बचत करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ भविष्य में पानी की आपूर्ति की स्थिरता को सुनिश्चित करता है। जल का अत्यधिक दोहन न केवल प्राकृतिक जल स्रोतों की कमी का कारण बनता है, बल्कि इससे जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकट भी उत्पन्न होते हैं। पानी की बचत से न केवल जल संकट में कमी आएगी, बल्कि इससे ऊर्जा की खपत भी घटेगी, क्योंकि पानी की सफाई और आपूर्ति के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, जल संरक्षण से भविष्य में कृषि, उद्योग और पीने के पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है।
(iii) उपाय:
पानी की बचत के लिए कई उपाय अपनाए जा सकते हैं:
वृष्टि जल संचयन: वर्षा के पानी को एकत्र करके उसका उपयोग किया जा सकता है। यह उपाय जल संकट को कम करने में मदद करता है।
पानी की पुनर्चक्रण: पानी का पुनः उपयोग करने की प्रक्रिया को अपनाने से जल की खपत कम की जा सकती है, जैसे कि घरेलू और औद्योगिक पानी का पुनर्चक्रण।
जल का विवेकपूर्ण उपयोग: घरों और कार्यालयों में पानी का उपयोग नियंत्रित और विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए।
सिंचाई तकनीक में सुधार: किसानों को ड्रिप सिंचाई जैसी आधुनिक सिंचाई विधियों को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए, जिससे पानी की बचत होती है।
(iv) लाभ:
पानी की बचत के कई लाभ हैं:
जल संकट में कमी: पानी की बचत से जल संकट को कम किया जा सकता है, और भविष्य में पानी की पर्याप्त आपूर्ति बनी रहती है।
पर्यावरण का संरक्षण: जल स्रोतों और पर्यावरण का संरक्षण होता है, जिससे प्रकृति में संतुलन बना रहता है।
खर्चों में कमी: पानी की बचत से घरेलू और औद्योगिक खर्चों में कमी आती है, जिससे आर्थिक लाभ होता है।
ऊर्जा की बचत: जल आपूर्ति और शुद्धिकरण के लिए ऊर्जा की खपत को कम किया जा सकता है।
(v) उपसंहार:
पानी की बचत सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह हमारे भविष्य के लिए एक आवश्यक कदम है। हमें पानी के महत्व को समझते हुए इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। जल का विवेकपूर्ण उपयोग और जल संरक्षण के उपायों को अपनाकर हम न केवल जल संकट को कम कर सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थिर और सुरक्षित जल आपूर्ति सुनिश्चित कर सकते हैं। यह समय की आवश्यकता है कि हम सभी इस दिशा में जागरूकता बढ़ाएं और पानी की बचत को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। Quick Tip: पानी की बचत का सबसे प्रभावी तरीका है इसे जरूरत से ज्यादा न खर्चना और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना।
पर्यावरण दिवस
(i) भूमिका
(ii) महत्त्व
(iii) आवश्यकता
(iv) लाभ
(v) निष्कर्ष
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(i) भूमिका:
पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है और यह एक वैश्विक घटना है जिसका उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह दिन पर्यावरणीय संकटों, जैसे जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, प्रदूषण और जैव विविधता की हानि के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रम, कार्यशालाएँ, और आंदोलन आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोगों को पर्यावरण की महत्ता समझने और इसके संरक्षण के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
(ii) महत्त्व:
पर्यावरण दिवस का महत्त्व बहुत बड़ा है क्योंकि यह हमें अपने पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए कदम उठाने की प्रेरणा देता है। जैसे-जैसे विश्व की जनसंख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग हो रहा है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि अगर हम पर्यावरण के संरक्षण के लिए आज कोई कदम नहीं उठाते, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी पर जीवन रहना मुश्किल हो सकता है। यह दिवस हमें पर्यावरणीय समस्याओं को पहचानने और उन्हें हल करने की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
(iii) आवश्यकता:
पर्यावरण दिवस की आवश्यकता इस लिए महसूस की जाती है क्योंकि आज हमारा पर्यावरण गंभीर संकटों का सामना कर रहा है। प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, और प्राकृतिक संसाधनों की अत्यधिक खपत ने पृथ्वी को खतरे में डाल दिया है। ये समस्याएँ हमारे जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही हैं और अगर इन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया, तो यह पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र को पूरी तरह से नष्ट कर सकती हैं। पर्यावरण दिवस हमें इन समस्याओं के बारे में सोचने, समझने और एकजुट होकर समाधान खोजने के लिए प्रेरित करता है।
(iv) लाभ:
पर्यावरण दिवस मनाने के कई लाभ हैं:
जागरूकता में वृद्धि: यह दिवस लोगों में पर्यावरण की समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाता है और उन्हें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाता है।
समुदाय का एकजुटता: पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों से समुदायों में एकजुटता आती है और लोग सामूहिक रूप से पर्यावरणीय संकटों का समाधान खोजने के लिए कार्य करते हैं।
नवीन उपायों की खोज: यह दिवस नए पर्यावरणीय उपायों और तकनीकों की खोज को बढ़ावा देता है, जो प्रदूषण को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने में मदद करते हैं।
प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा: पर्यावरण दिवस के माध्यम से हम प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और संरक्षण के बारे में जागरूक होते हैं, जो भविष्य में जल, वायु और भूमि संसाधनों की सुरक्षा में मदद करता है।
(v) निष्कर्ष:
पर्यावरण दिवस का मनाना हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है। यह दिवस केवल एक दिन का आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमें यह समझने की आवश्यकता है कि पर्यावरणीय संकट का समाधान हर दिन की मेहनत और एकजुट प्रयास से ही संभव है। हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर और प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग करके पर्यावरण को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इसके लिए सरकारी नीतियों के साथ-साथ हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है कि वह पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाए। तभी हम अपने आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण दे सकते हैं। Quick Tip: पर्यावरण दिवस के महत्व को समझते हुए हमें न केवल जागरूक होना चाहिए, बल्कि इसके संरक्षण के लिए सक्रिय कदम भी उठाने चाहिए।
कम्प्यूटर
(i) भूमिका
(ii) आवश्यकता
(iii) लाभ
(iv) हानि
(v) निष्कर्ष
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(i) भूमिका:
कम्प्यूटर आज के समय में जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो गणना, डेटा प्रोसेसिंग, और सूचनाओं को संग्रहीत करने में सक्षम है। कम्प्यूटर का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि शिक्षा, व्यापार, चिकित्सा, शोध, और मनोरंजन। इसके द्वारा जटिल कार्यों को तेज़ी से और कुशलता से किया जा सकता है। कम्प्यूटर ने न केवल हमारे जीवन को आसान बनाया है, बल्कि यह व्यवसायों और उद्योगों के लिए एक आवश्यक उपकरण बन गया है।
(ii) आवश्यकता:
कम्प्यूटर की आवश्यकता आज के डिजिटल युग में अत्यधिक बढ़ गई है। यह कार्यों को तेजी से करने में मदद करता है और डेटा को सटीकता से प्रोसेस करता है। शिक्षा, शोध, विज्ञान, इंजीनियरिंग, और वित्तीय सेवाओं में कम्प्यूटर का व्यापक उपयोग होता है। कम्प्यूटर के बिना आधुनिक व्यवसायों, अस्पतालों, बैंकों और प्रशासनिक कार्यों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसके द्वारा मिलने वाली सुविधाओं और कार्यक्षमता ने इसे हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण बना दिया है। इसके अलावा, कम्प्यूटर से जुड़े इंटरनेट का उपयोग सूचनाओं तक त्वरित पहुँच प्रदान करता है, जो आज के समय की एक आवश्यकता बन गई है।
(iii) लाभ:
कम्प्यूटर के कई लाभ हैं, जिनमें प्रमुख निम्नलिखित हैं:
कार्य की गति में वृद्धि: कम्प्यूटर कार्यों को बहुत तेजी से करता है, जिससे समय की बचत होती है।
सूचना का आदान-प्रदान: इंटरनेट और कम्प्यूटर नेटवर्क के द्वारा सूचनाओं का आदान-प्रदान त्वरित और सुलभ होता है।
शिक्षा और प्रशिक्षण: कम्प्यूटर शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन चुका है। ऑनलाइन कक्षाएँ, वेबिनार, और ई-लर्निंग ने शिक्षा प्रणाली को प्रभावी और सुलभ बना दिया है।
स्मार्ट कार्य: जटिल गणनाएँ, डेटा प्रोसेसिंग, और वैज्ञानिक शोध कम्प्यूटर के माध्यम से आसानी से किए जा सकते हैं।
मनोरंजन: कम्प्यूटर फिल्में, संगीत, गेम्स और अन्य मनोरंजन सेवाएँ प्रदान करने में भी सहायक है।
(iv) हानि:
हालाँकि कम्प्यूटर के अनेक लाभ हैं, लेकिन इसके कुछ दुष्परिणाम भी हैं:
स्वास्थ्य पर प्रभाव: कम्प्यूटर का अत्यधिक उपयोग आंखों की समस्याएँ, सिरदर्द, और शारीरिक दर्द (जैसे पीठ और गर्दन में दर्द) पैदा कर सकता है।
नशे की आदत: कम्प्यूटर और इंटरनेट का अत्यधिक उपयोग नशे का रूप ले सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
सामाजिक दूरी: कम्प्यूटर और इंटरनेट के अत्यधिक उपयोग से लोगों के बीच सामाजिक संबंधों में कमी आ सकती है और अकेलापन बढ़ सकता है।
सुरक्षा चिंताएँ: कम्प्यूटर और इंटरनेट से जुड़े सुरक्षा मुद्दे जैसे हैकिंग, डेटा चोरी और साइबर अपराध भी बढ़े हैं।
(v) निष्कर्ष:
कम्प्यूटर ने हमारे जीवन को बहुत सुविधाजनक और सरल बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही इसके उपयोग के प्रभावों को भी समझना जरूरी है। यह एक अत्यधिक शक्तिशाली उपकरण है जो हमें कार्यों में दक्षता और गति प्रदान करता है, लेकिन हमें इसके उपयोग में संतुलन बनाए रखना चाहिए। इसके लाभों के साथ-साथ हमें इसके दुष्प्रभावों से भी अवगत रहना चाहिए और सावधानी से इसका उपयोग करना चाहिए। केवल जब हम कम्प्यूटर का सही तरीके से उपयोग करेंगे, तब हम इसके सभी लाभों को सही तरीके से प्राप्त कर सकेंगे। Quick Tip: कम्प्यूटर का सही उपयोग करें और इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए इसे संतुलित तरीके से इस्तेमाल करें।
अपने प्रधानाध्यापक के पास एक आवेदन पत्र लिखें, जिसमें विद्यालय की साफ-सफाई करवाने का निवेदन किया गया हो।
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प्रिय प्रधानाध्यापक,
विषय: विद्यालय की साफ-सफाई करवाने के संबंध में आवेदन पत्र
सादर निवेदन है,
मैं, [आपका नाम], कक्षा [कक्षा का नाम] का एक नियमित छात्र/छात्रा, विद्यालय की सफाई के संबंध में एक आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा/रही हूँ। मैं यह महसूस करता/करती हूँ कि हमारे विद्यालय की साफ-सफाई में कुछ कमी है। कक्षा के अलावा भी विद्यालय परिसर में गंदगी फैली हुई है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
मैं आपसे निवेदन करता/करती हूँ कि विद्यालय परिसर की सफाई की व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ किया जाए। यदि संभव हो तो एक नियमित सफाई अभियान चलाया जाए ताकि हमारे विद्यालय का वातावरण स्वच्छ और सुंदर बने।
कृपया इस निवेदन पर ध्यान देकर शीघ्र कार्रवाई करें। मैं आपकी सहायता की प्रतीक्षा करूंगा/करूंगी।
आपका विश्वासी,
[आपका नाम]
कक्षा [कक्षा का नाम]
विद्यालय [विद्यालय का नाम] Quick Tip: आवेदन पत्र में सही और सम्मानजनक भाषा का प्रयोग करना चाहिए। विषय स्पष्ट रूप से लिखा जाए ताकि आवेदन का उद्देश्य समझ में आ सके।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम के महत्त्व के बारे में दो छात्रों के बीच हुए संवाद को लिखें।
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कक्षा में दो छात्रों के बीच संवाद
छात्र 1:
नमस्कार! तुम कैसे हो?
छात्र 2:
नमस्कार! मैं ठीक हूँ, तुम कैसे हो?
छात्र 1:
मैं भी ठीक हूँ। आजकल तुम्हें देखा नहीं है, क्या तुम कुछ नया कर रहे हो?
छात्र 2:
हां, मैं अब रोज़ सुबह व्यायाम करने लगा हूँ।
छात्र 1:
वाह, यह तो अच्छा है। व्यायाम के क्या लाभ हैं? मुझे भी इसके बारे में कुछ बताओ।
छात्र 2:
व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है। यह शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है। इसके अलावा, व्यायाम करने से मानसिक तनाव भी कम होता है और मन प्रसन्न रहता है।
छात्र 1:
मुझे तो लगता था कि केवल पढ़ाई और सही आहार से ही स्वास्थ्य अच्छा रहता है, लेकिन अब मुझे समझ में आ रहा है कि व्यायाम भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
छात्र 2:
बिलकुल सही! अगर हम नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो हमारा शरीर हर प्रकार के रोगों से बचा रहता है। इससे हमारी उम्र भी बढ़ सकती है।
छात्र 1:
तुम सही कह रहे हो। मैं भी अब से रोज़ व्यायाम करूंगा ताकि शरीर स्वस्थ रहे।
छात्र 2:
यह सही निर्णय है! व्यायाम के साथ-साथ संतुलित आहार भी जरूरी है, जिससे शरीर को सभी पोषक तत्व मिल सकें।
छात्र 1:
धन्यवाद! तुमसे बात करके मुझे व्यायाम के महत्त्व के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला।
छात्र 2:
कोई बात नहीं, हमेशा स्वस्थ रहो और दूसरों को भी प्रेरित करो।
(समाप्त) Quick Tip: व्यायाम के साथ-साथ संतुलित आहार और सही दिनचर्या बनाए रखना शरीर के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
लेखक अमरकांत को क्यों लगता है कि नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया है ?
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लेखक अमरकांत का मानना है कि आजकल के जीवन में नौकर रखना जरूरी हो गया है क्योंकि यह काम के बोझ को कम करता है और समय की बचत होती है। Quick Tip: नौकर रखने से कार्यों में सुविधा मिलती है और समय की प्रबंधन में मदद मिलती है।
बहुजातीय राष्ट्र की हैसियत से कोई भी देश भारत का मुकाबला क्यों नहीं कर सकता ?
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भारत एक बहुजातीय राष्ट्र है जहां विविधताओं का सम्मान किया जाता है। किसी भी देश में इतनी सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई विविधता नहीं है, जो भारत जैसा समृद्ध हो। Quick Tip: भारत की बहुजातीयता और सांस्कृतिक विविधता इसे एक अद्वितीय राष्ट्र बनाती है, जो पूरी दुनिया में किसी और देश से मेल नहीं खाता।
'मेरे बिना तुम प्रभु' शीर्षक कविता के अनुसार भक्त और भगवान के बीच के संबंध को लिखें।
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कविता में भक्त और भगवान के बीच असीम प्रेम और भक्ति का संबंध दर्शाया गया है। भगवान के बिना भक्त अधूरा है, और भगवान अपने भक्त की पूजा स्वीकार करते हैं। Quick Tip: भक्त और भगवान का संबंध प्रेम, भक्ति, और आत्मसमर्पण का होता है, जो अनंत और निरंतर रहता है।
बढ़ते नाखूनों द्वारा प्रकृति मनुष्य को क्या याद दिलाती है ? 'नाखून क्यों बढ़ते हैं' शीर्षक पाठ के अनुसार लिखें।
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नाखूनों का बढ़ना प्रकृति का संकेत है कि जीवन निरंतर बदलता रहता है। यह बताता है कि हर समय विकास और वृद्धि की प्रक्रिया जारी रहती है, जैसे मनुष्य की जीवन यात्रा। Quick Tip: प्राकृतिक प्रक्रियाएँ हमें जीवन में निरंतर परिवर्तन और विकास के महत्व को याद दिलाती हैं।
गाँधीजी बढ़िया शिक्षा किसे कहते हैं ? 'शिक्षा और संस्कृति' पाठ के अनुसार लिखें।
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गांधीजी के अनुसार बढ़िया शिक्षा वह है जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाए, समाज की सेवा में लगे, और नैतिक मूल्यों से जीवन जीने के लिए प्रेरित करे। Quick Tip: बढ़िया शिक्षा आत्मनिर्भरता और समाज सेवा की भावना को प्रोत्साहित करती है, जिससे व्यक्ति की मानसिक और नैतिक वृद्धि होती है।
गुरु की कृपा से किस युक्ति की पहचान हो पाती है ?
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गुरु की कृपा से हमें आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे हम जीवन के उद्देश्यों और अपने अस्तित्व के वास्तविक अर्थ को समझ पाते हैं। यह हमें सही दिशा दिखाता है। Quick Tip: गुरु की कृपा से जीवन के वास्तविक उद्देश्य को पहचानने और समझने में मदद मिलती है।
परहित के लिए देह कौन धारण करता है ? स्पष्ट कीजिए।
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परहित के लिए शरीर भगवान द्वारा धारण किया जाता है। भगवान मनुष्य के रूप में आते हैं, ताकि वे मानवता की सेवा कर सकें और दूसरों के कल्याण के लिए कार्य कर सकें। Quick Tip: देह का उपयोग परहित के लिए भगवान के द्वारा किया जाता है ताकि वे मानवता का कल्याण कर सकें।
मंगु के प्रति माँ और परिवार के अन्य सदस्यों के व्यवहार में जो फर्क है उसे अपने शब्दों में लिखें।
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माँ मंगु के प्रति स्नेहशील और समझदार हैं, जबकि परिवार के अन्य सदस्य उसे मानसिक रूप से कमजोर मानते हैं। माँ के पास उसकी स्थिति को समझने और सहानुभूति देने का दृष्टिकोण है। Quick Tip: माँ का स्नेह और समझ एक मजबूत समर्थन होता है, जबकि परिवार के अन्य सदस्य अधिक कठोर और आलोचनात्मक होते हैं।
बहू (नंजम्मा) ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया ?
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नंजम्मा ने अपनी सास को मनाने के लिए उनका आदर किया और उनके साथ एक स्नेहपूर्ण संवाद किया, जिससे सास का दृष्टिकोण बदल गया और वे शांत हो गईं। Quick Tip: समझदारी और प्यार से संवाद करना रिश्तों में सामंजस्य और सम्मान बनाए रखता है।
सीता अपने घर में घुटन क्यों महसूस करती है ?
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सीता अपने घर में घुटन महसूस करती है क्योंकि उसे स्वतंत्रता की कमी महसूस होती है और उसे अपने सपनों को पूरा करने के लिए बाधाएं आती हैं। वह अपनी स्थिति से असंतुष्ट है। Quick Tip: स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की भावना को बनाए रखना जीवन को संतुलित और खुशहाल बनाता है।
निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लिखें
( शब्द सीमा लगभग 100 ) :
(i)
व्याख्या करें : "अगर वह कुछ चुराकर ले गया होता तो संतोष हो जाता ।"
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यह पंक्ति एक व्यक्ति के मानसिक द्वंद्व और आंतरिक संघर्ष को उजागर करती है। यह वाक्य यह बताता है कि कभी-कभी कोई व्यक्ति अपने गलत कार्यों में भी संतुष्टि का अनुभव करता है, खासकर जब उसे लगता है कि उसने अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लिया। यहाँ, लेखक यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि यदि वह कुछ चोरी कर लेता, तो उसे तात्कालिक रूप से संतोष और सफलता का अहसास होता। यह संतोष केवल बाहरी और तात्कालिक होता है, लेकिन इस तरह की संतुष्टि के परिणाम अक्सर नकारात्मक होते हैं। इस प्रकार की संतुष्टि मनुष्य के अंतर्मन में असंतोष, अपराधबोध और मानसिक अशांति का कारण बन सकती है। यह पंक्ति इस बात को दर्शाती है कि मानव के आंतरिक संघर्ष और नैतिकता के बीच द्वंद्व होता है। कभी-कभी गलत मार्ग से हासिल किया गया संतोष, असल में मनुष्य को असंतुष्ट ही करता है।
यह वाक्य यह भी दर्शाता है कि हमें अपने कार्यों और निर्णयों को सही और नैतिक रूप से लेना चाहिए, क्योंकि अंततः संतुष्टि और खुशी केवल सही और ईमानदार तरीके से ही प्राप्त हो सकती है। Quick Tip: मनुष्य को अपने कार्यों में नैतिकता और ईमानदारी बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि अनैतिक तरीके से पाया गया संतोष अंततः असंतोष का कारण बनता है।
व्याख्या करें : "सदियों की ठंडी - बुझी राख सुगबुगा उठी,
मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है ।"
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यह पंक्ति भारतीय समाज में हो रहे बदलावों और संघर्षों के प्रतीक रूप में है। "सदियों की ठंडी-बुझी राख" का अर्थ है उन संघर्षों, कष्टों और दमन की प्रक्रिया से, जो इतिहास के पन्नों में समाहित हैं। ये संघर्ष अब तक शांत पड़े थे, लेकिन अब वे "सुगबुगा उठी" अर्थात फिर से जागृत हो गए हैं और बदलाव के संकेत दे रहे हैं। यह पंक्ति यह भी दर्शाती है कि यह बदलाव सिर्फ भूतकाल की छायाएँ नहीं, बल्कि आने वाले उज्जवल भविष्य के संकेत हैं। "मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है" का अर्थ है कि गरीब और अवहेलित समाज अब अपने अधिकारों और अवसरों की प्राप्ति के बाद अपनी स्थिति में बदलाव महसूस कर रहा है। यह समाज के उत्थान और आत्मसम्मान की ओर बढ़ने का प्रतीक है, जिससे यह समाज अब गर्व महसूस कर रहा है। यह पंक्ति समाज में आ रहे क्रांतिकारी बदलाव, नायकत्व और विजय की भावना को स्पष्ट करती है। Quick Tip: समाज में बदलाव के लिए निरंतर संघर्ष और प्रयास जरूरी होते हैं, जिससे पिछड़े वर्गों को उनके अधिकार मिलते हैं और समाज में समृद्धि आती है।



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