Maharashtra Board Class 12 Hindi Question Paper 2023 with Answer Key pdf is available for download here. The question paper was divided into two sections - Section A for objective questions and Section B for subjective questions.
| Maharashtra Board Class 12 Hindi Question Paper With Answer Key | Check Solution |

कृति (अ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:
% Passage
संग्राम से तेज़ी उन्हें कोई से तीन सौ रुपए मिल गए। वहीं बैठी मेरी पत्नी मेरे पास जमा करके उन्होंने मुझे अपने चर्च का बजट बना देने का आदेश दिया। जिन्हें मेरा व्यक्तिगत हिसाब रखना पड़ता है, वे जानते हैं कि यह काम मेरे लिए कितना कठिन होता है। न वे चार्ट लंबी कर पाते हैं, न मुझे निकालने पर बाँधकर सकते हैं; और इस प्रकार एक विविध रसालियों में तीन दिन बीतते रहते हैं। पर यदि अनुसूचित परीक्षार्थियों की प्रतियोगिता हो तो सौ में से दस अंक पाने वाला भी अपने-आपको शून्य पाने वाले से श्रेष्ठ मानेगा।
अस्तु, नमक से लेकर गीली लकड़ी तक और चप्पल से लेकर मकान के किराए तक का जो अनुभव मुझे बना; वह जब निराला जी को पसंद आ गया, तब पहली बार मुझे अंग्रेज़ीशास्त्र के ज्ञान पर गर्व हुआ। पर दूसरे ही दिन से मेरे गर्व की व्यक्ति सिद्धि खोने लगी। वे कहते हैं—प्यास बुझाओ चाहिए… किसी दिव्यात्मा की परीक्षा शुल्क जमा करता है, अन्यथा वह परीक्षा में नहीं बैठ सकेगा। स्पष्ट होता है—किसी साहित्यिक मित्र को साल में दो बार देने की आवश्यकता पड़ गई। दूसरे किसी लखनऊ के किसी तोलमोल की गाड़ी चालान का मनीऑर्डर करना पड़ता। चौथाई का किसी दिव्यात्मा मित्र की भतीजी के विवाह के लिए देने का अभिनिवेश हो गया। संक्षेप यह कि तीसरे दिन उनका जो किया हुआ रुपया समाप्त हो गया। अब तक उनके व्यवसायक के नोट यह दान खाता मेरे हिस्से आ पड़ा।
% Question (2)
(i) संजाल पूर्ण कीजिए:
% Diagram text representation \[ \boxed{ \begin{array}{c} निराला जी का जमा किया हुआ रुपया समाप्त हो गया
\downarrow
रुपया इस प्रकार समाप्त हो गया
\downarrow
दान खाते में मेरा हिस्सा आ गया \end{array} } \]
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Step 1: गद्यांश का सार.
गद्यांश में लेखक ने अपने अनुभवों का उल्लेख किया है जिसमें निराला जी द्वारा दिया गया पैसा धीरे-धीरे अलग-अलग कारणों से समाप्त हो गया। यह एक हास्य और व्यंग्य का मिश्रण है जो जीवन की छोटी-छोटी आर्थिक परेशानियों को दर्शाता है।
Step 2: संजाल का विश्लेषण.
पहले निराला जी ने पैसे जमा किए, फिर वह धीरे-धीरे जरूरतों और दान कार्यों में समाप्त हो गया। अंततः वे पैसे लेखक के हिस्से में दान खाते के रूप में जुड़ गए।
Step 3: निष्कर्ष.
संपूर्ण गद्यांश इस बात को स्पष्ट करता है कि ‘निराला जी का जमा किया हुआ रुपया समाप्त हो गया और वह दान खाते में मेरे हिस्से में आ गया’।
Quick Tip: गद्यांश पढ़ते समय घटनाओं के क्रम को समझना महत्वपूर्ण होता है। इससे संजाल या क्रमबद्ध प्रश्नों को आसानी से हल किया जा सकता है।
निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए हुए विलोम शब्द लिखिए:
\begin{tabular{|c|c|
\hline
शब्द & विलोम शब्द (गद्यांश से)
\hline
(1) वियोग & संयोग
\hline
(2) उत्तीर्ण & अनुत्तीर्ण
\hline
(3) नापसंद & पसंद
\hline
(4) अज्ञान & ज्ञान
\hline
\end{tabular
(1) वियोग — संयोग
(2) उत्तीर्ण — अनुत्तीर्ण
(3) नापसंद — पसंद
(4) अज्ञान — ज्ञान
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Step 1: गद्यांश का पुनर्पाठ.
गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ने पर हमें चार शब्दों के विलोम शब्द स्पष्ट रूप से मिलते हैं — ये सभी शब्द लेखक के जीवन अनुभवों और भावनाओं को दर्शाने वाले हैं।
Step 2: विलोम शब्दों की पहचान.
गद्यांश में “संग्राम से संयोग” जैसे वाक्यांशों से ‘वियोग’ का विलोम ‘संयोग’ प्राप्त होता है। इसी प्रकार, ‘उत्तीर्ण’ का विलोम ‘अनुत्तीर्ण’, ‘नापसंद’ का विलोम ‘पसंद’, और ‘अज्ञान’ का विलोम ‘ज्ञान’ है।
Step 3: निष्कर्ष.
इस प्रकार गद्यांश में दिए गए सभी शब्दों के सही विलोम शब्द क्रमशः संयोग, अनुत्तीर्ण, पसंद और ज्ञान हैं।
Quick Tip: गद्यांश आधारित विलोम शब्दों के प्रश्न हल करते समय पहले गद्यांश को ध्यान से पढ़ें और देखें कि किन शब्दों के विपरीतार्थक अर्थ उसी में प्रयुक्त हुए हैं।
‘जीवन में मित्रों का महत्व’ इस विषय पर अपने विचार 40 से 50 शब्दों में लिखिए।
मित्र हमारे जीवन का अभिन्न अंग होते हैं। सच्चे मित्र दुख-सुख में साथ देते हैं और जीवन की कठिनाइयों को आसान बना देते हैं। वे हमारे जीवन में उत्साह, प्रेरणा और सहारा प्रदान करते हैं। इसलिए मित्रता जीवन को सार्थक और आनंदमय बनाती है।
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Step 1: विषय की व्याख्या.
प्रश्न का विषय ‘जीवन में मित्रों का महत्व’ है। यह बताता है कि मित्रता केवल संबंध नहीं, बल्कि भावनात्मक सहारा और नैतिक समर्थन का आधार है।
Step 2: विचार विस्तार.
मित्र कठिन समय में हौसला देते हैं और सही राह दिखाते हैं। उनके साथ जीवन के सुख-दुख बाँटने से व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है। सच्ची मित्रता जीवन को खुशहाल बनाती है।
Step 3: निष्कर्ष.
मित्रों के बिना जीवन अधूरा है; इसलिए सच्चे मित्रों का होना जीवन के लिए सबसे बड़ा वरदान है।
Quick Tip: लघु निबंध लिखते समय शब्द सीमा का ध्यान रखें और मुख्य विचार को संक्षेप में स्पष्ट करें।
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:
% Passage
सुनो सुमिता! तुम्हारा पत्र पाकर खुशी हुई। तुमने अधिकार की बात उठाई है, वह पसंद आई। बेशक, जहाँ जिस बात से तुम्हारा असहमति हो; वहाँ तुम्हें अपनी बात मुझसे समझाने का पूरा अधिकार है। मुझे खुशी होगी तुम्हारे इस अधिकार पाने पर। इससे मेरी खुशी और बढ़ेगी भी। जहाँ कोई कुछ सिखा सके, वहाँ भी परस्पर आदान-प्रदान से राह निकलती ही जाएगी। अपनी-अपनी बात कहने-सुनने में संबंध का संकुचन कैसा? मैंने तो अधिकार की बात पर यही सीखा था कि मैं उस बेटी की माँ हूँ, जो जीवन में ऊँचा उठने के लिए बड़े ऊँचे सपने देखा करती है; आकाश में अपने छोटे-छोटे ड़ैने को फैला कर!
धरती से बहुत ऊँचाई में फैले हुए ड़ैनों को यथार्थ से दूर संकुचित भी मैं काटना नहीं चाहती। केवल उनकी ड़ोर मज़बूत करना चाहती हूँ कि अपनी किसी ऊँचाई की उड़ान में वो लड़खड़ा न जाएँ। इसलिए कहना चाहती हूँ कि 'उड़ो बेटी, उड़ो, पर धरती पर निगाह रखना'; कहीं ऐसा न हो कि धरती से जुड़ी ड़ोर कट जाए और किसी अनजाने-अवांछित स्थल पर गिरकर ड़ैने क्षत-विक्षत हो जाएँ। ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि तुम एक समझदार लड़की हो। फिर भी सावधानी तो अपेक्षित है।
यह सावधानी का ही संकेत है कि निगाह हमेशा उड़ान पर केंद्रित उड़ान भरे। उस धरती पर जो तुम्हारा आधार है—उसमें परिवार का, तुम्हारे संस्कार का, तुम्हारी सांस्कृतिक परंपरा का, तुम्हारी सामर्थ्य का भी आधार जुड़ा होना चाहिए। हमें पुरानी-ग़लत रूढ़ियों को तोड़ना है, अच्छी परंपराओं को नहीं।
% Question (2)
(२) आकृति पूर्ण कीजिए:
% Diagram text representation \[ \boxed{ \begin{array}{c} उड़ान भरते समय हमारा यह आधार होना चाहिए —
\downarrow
परिवार का आधार
\downarrow
संस्कारों का आधार
\downarrow
सांस्कृतिक परंपरा का आधार
\downarrow
सामर्थ्य का आधार \end{array} } \]
उड़ान भरते समय हमारा आधार परिवार, संस्कार, सांस्कृतिक परंपरा और सामर्थ्य से जुड़ा होना चाहिए।
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Step 1: गद्यांश का सार.
गद्यांश में एक माँ अपनी बेटी सुमिता को समझाती है कि उसे जीवन में ऊँचा उठने का अधिकार है, पर साथ ही अपने मूल्यों और परंपराओं से जुड़ा रहना चाहिए। यह सन्देश आत्मनिर्भरता और संस्कार के संतुलन को दर्शाता है।
Step 2: आकृति का विश्लेषण.
लेखिका कहती हैं कि उड़ान भरते समय व्यक्ति का आधार मजबूत होना चाहिए। यह आधार चार चीज़ों से जुड़ा होता है — परिवार, संस्कार, सांस्कृतिक परंपरा और सामर्थ्य। यही चारों जीवन में स्थिरता और संतुलन बनाए रखते हैं।
Step 3: निष्कर्ष.
इस प्रकार उड़ान भरते समय व्यक्ति को अपने मूल्यों, संस्कारों, परिवार और संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि इन्हीं से उसका जीवन स्थिर और सफल बनता है।
Quick Tip: गद्यांश आधारित प्रश्नों में आकृति पूर्ण करने के लिए पहले मुख्य विचार समझें, फिर उसमें उल्लिखित बिंदुओं को क्रम से लिखें।
निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए हुए समानार्थी शब्द ढूँढ़कर लिखिए:
\begin{tabular{|c|c|
\hline
शब्द & समानार्थी शब्द (गद्यांश से)
\hline
(1) आनंद & खुशी
\hline
(2) नभ & आकाश
\hline
(3) पुत्री & बेटी
\hline
(4) सजगता & सावधानी
\hline
\end{tabular
(1) आनंद — खुशी
(2) नभ — आकाश
(3) पुत्री — बेटी
(4) सजगता — सावधानी
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Step 1: गद्यांश का पुनर्पाठ.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्दों का अर्थ ध्यानपूर्वक समझने पर स्पष्ट होता है कि इन शब्दों के समानार्थी शब्द प्रसंगानुसार प्रयुक्त हैं।
Step 2: समानार्थी शब्दों की पहचान.
‘आनंद’ शब्द के स्थान पर ‘खुशी’, ‘नभ’ के स्थान पर ‘आकाश’, ‘पुत्री’ के लिए ‘बेटी’ और ‘सजगता’ के स्थान पर ‘सावधानी’ शब्द प्रयुक्त हुआ है।
Step 3: निष्कर्ष.
गद्यांश में समानार्थी शब्दों का प्रयोग भाषा को प्रभावशाली और जीवंत बनाता है। ये शब्द पाठ की भावनाओं को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करते हैं।
Quick Tip: समानार्थी शब्द खोजते समय यह देखना आवश्यक है कि कौन-सा शब्द उसी अर्थ को संदर्भानुसार व्यक्त करता है।
‘वर्तमान पीढ़ी के युवक-युवतियों का जीवन के प्रति बदला दृष्टिकोण’ इस विषय पर अपने विचार 40 से 50 शब्दों में स्पष्ट लिखिए।
वर्तमान पीढ़ी के युवक-युवतियों का जीवन के प्रति दृष्टिकोण आधुनिक और आत्मनिर्भर हो गया है। वे अपने निर्णय स्वयं लेना चाहते हैं और परंपराओं को नए रूप में स्वीकार कर रहे हैं। अब जीवन के प्रति उनका दृष्टिकोण स्वतंत्रता, समानता और आत्मविकास पर आधारित है।
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Step 1: विषय की व्याख्या.
वर्तमान समय में युवाओं की सोच में बड़ा परिवर्तन आया है। वे अपने जीवन को नई दृष्टि से देखना चाहते हैं।
Step 2: विचार विस्तार.
आज के युवक-युवतियाँ जीवन में स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को अधिक महत्त्व देते हैं। वे सामाजिक परंपराओं को तोड़कर भी प्रगति की राह पर चलना चाहते हैं। उनका ध्यान शिक्षा, करियर और आत्मसंतोष की ओर है।
Step 3: निष्कर्ष.
इस प्रकार नई पीढ़ी का दृष्टिकोण आधुनिक सोच और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर आधारित है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
Quick Tip: लघु निबंध लिखते समय विषय के मुख्य विचार को सीमित शब्दों में स्पष्ट और क्रमबद्ध रूप से लिखें।
‘आदर्श बदला’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
‘आदर्श बदला’ कहानी का शीर्षक अत्यंत सार्थक है क्योंकि यह केवल प्रतिशोध की भावना को नहीं बल्कि एक उच्च नैतिक दृष्टिकोण को प्रकट करता है। कहानी में नायक अपने विरोधी से प्रतिशोध लेने के बजाय मानवता, करुणा और क्षमा का मार्ग अपनाता है। यह ‘आदर्श बदला’ इसलिए कहलाता है क्योंकि इसमें बदले की भावना में भी नैतिकता और आदर्श निहित हैं। यह शीर्षक कहानी के मूल संदेश — क्षमा और नैतिक श्रेष्ठता — को उजागर करता है।
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Step 1: शीर्षक का अर्थ समझना.
‘आदर्श बदला’ का अर्थ केवल बदला लेना नहीं, बल्कि आदर्श और नैतिकता के माध्यम से गलत को सही दिशा दिखाना है। यह बदला हिंसा नहीं, बल्कि सद्भावना और सुधार का प्रतीक है।
Step 2: कहानी से संबंध.
कहानी में पात्र प्रतिशोध की भावना में डूबने के बजाय अपने कर्मों से यह सिद्ध करता है कि सच्चा बदला अच्छाई के मार्ग से ही लिया जा सकता है। उसका आदर्श आचरण समाज में सकारात्मक संदेश देता है।
Step 3: निष्कर्ष.
इस प्रकार कहानी का शीर्षक ‘आदर्श बदला’ अपने अर्थ और संदेश दोनों दृष्टियों से पूर्णतः उपयुक्त और सार्थक है। यह दिखाता है कि सच्चा बदला वही है जो बुराई पर अच्छाई की विजय दर्शाए।
Quick Tip: शीर्षक की सार्थकता लिखते समय यह बताना आवश्यक है कि शीर्षक कहानी की मूल भावना और संदेश को किस प्रकार व्यक्त करता है।
‘पाप के चार हथियार’ पाठ का संदेश लिखिए।
‘पाप के चार हथियार’ पाठ का मुख्य संदेश यह है कि मनुष्य के भीतर छिपे पाप और बुराइयों को पहचानना तथा उनसे सावधान रहना अत्यंत आवश्यक है। लोभ, मोह, अहंकार और क्रोध जैसे चार प्रमुख हथियार पाप के प्रतीक हैं, जो मनुष्य को अधर्म और अन्याय की ओर ले जाते हैं। इनसे बचकर ही मनुष्य सच्चे धर्म, सत्य और नैतिकता का पालन कर सकता है।
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Step 1: पाठ का सारांश.
‘पाप के चार हथियार’ पाठ में यह बताया गया है कि पापी मनुष्य के पास चार ऐसे साधन होते हैं जो उसे गलत मार्ग पर ले जाते हैं — लालच, मोह, घृणा और अहंकार। ये हथियार उसके विवेक को नष्ट कर देते हैं।
Step 2: संदेश का विश्लेषण.
लेखक का उद्देश्य है कि मनुष्य अपने भीतर की बुराइयों को पहचानकर उनसे दूर रहे। सच्चे अर्थों में धर्म वही है जिसमें व्यक्ति अपने विचारों, कर्मों और व्यवहार में शुद्धता बनाए रखे।
Step 3: निष्कर्ष.
इस पाठ से यह शिक्षा मिलती है कि यदि हम अपने जीवन में सत्य, संयम और सदाचार को अपनाएँ तो पाप के चारों हथियार हम पर प्रभाव नहीं डाल सकते। यही जीवन का वास्तविक धर्म है।
Quick Tip: किसी पाठ का संदेश लिखते समय यह ध्यान रखें कि उत्तर में कहानी या लेख का मुख्य उद्देश्य और शिक्षा स्पष्ट रूप से झलकनी चाहिए।
‘मनुष्य के स्वार्थ के कारण रिश्तों में आई हुई दूरी’ पर अपने विचार ‘कोखजाया’ पाठ के आधार पर लिखिए।
‘कोखजाया’ पाठ यह दर्शाता है कि आज के समय में मनुष्य के स्वार्थ ने पारिवारिक रिश्तों की गर्माहट को कम कर दिया है। माँ-बेटे जैसे पवित्र संबंध भी अब स्वार्थ की दीवारों में बँध गए हैं। कहानी में बेटा अपनी माँ से केवल अपने हित की बातें करता है, जबकि माँ स्नेह और ममता में सब सह लेती है। यह स्थिति समाज में रिश्तों की ठंडक और स्वार्थपरता को उजागर करती है।
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Step 1: पाठ का परिचय.
‘कोखजाया’ एक भावनात्मक कहानी है जो माँ और बेटे के बीच घटती भावनात्मक दूरी को दर्शाती है। यह कहानी आधुनिक जीवन की विडंबना को उजागर करती है।
Step 2: विचार विस्तार.
मनुष्य का स्वार्थ उसके संबंधों को खोखला बना देता है। माँ की सेवा और स्नेह के बदले बेटा केवल अपने लाभ की सोचता है। यही स्वार्थ रिश्तों में दूरी लाता है और प्रेम का स्थान औपचारिकता ले लेती है।
Step 3: निष्कर्ष.
इस प्रकार ‘कोखजाया’ हमें यह सिखाती है कि स्वार्थ मनुष्य को न केवल दूसरों से, बल्कि अपने प्रियजनों से भी दूर कर देता है। सच्चे रिश्ते निःस्वार्थ प्रेम और सम्मान पर आधारित होते हैं।
Quick Tip: पाठ-आधारित प्रश्नों में विचार लिखते समय पाठ का सार, पात्रों का व्यवहार और लेखक का उद्देश्य संक्षेप में अवश्य बताना चाहिए।
हिंदी के कुछ आलोचकों द्वारा महादेवी वर्मा को दी गई दो उपाधियों के नाम लिखिए।
महादेवी वर्मा को हिंदी के कुछ आलोचकों द्वारा \textbf{‘आधुनिक मीरा’} और \textbf{‘संवेदना की कवयित्री’} की उपाधियाँ दी गई हैं।
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Step 1: पृष्ठभूमि.
महादेवी वर्मा हिंदी साहित्य की प्रमुख छायावादी कवयित्री थीं, जिनकी रचनाओं में करुणा, संवेदना और आत्मानुभूति की गहराई देखने को मिलती है।
Step 2: उपाधियों का कारण.
उनकी रचनाओं में आध्यात्मिक प्रेम और त्याग का भाव ‘मीरा’ की भाँति मिलता है, इसलिए उन्हें ‘आधुनिक मीरा’ कहा गया। साथ ही, उनकी कविताओं की संवेदनशीलता के कारण आलोचकों ने उन्हें ‘संवेदना की कवयित्री’ की उपाधि दी।
Step 3: निष्कर्ष.
महादेवी वर्मा की कविताएँ भावनात्मक, दार्शनिक और मानवतावादी दृष्टिकोण से परिपूर्ण हैं, जो इन उपाधियों को पूर्णतः सार्थक बनाती हैं।
Quick Tip: किसी कवि को दी गई उपाधियाँ उसके साहित्यिक योगदान और रचनाओं की विशेषता पर आधारित होती हैं।
आशारानी व्होरा जी के लेखन-कार्य का प्रमुख उद्देश्य लिखिए।
आशारानी व्होरा जी के लेखन-कार्य का प्रमुख उद्देश्य समाज में महिलाओं की स्थिति, उनके अधिकारों, संघर्षों और आत्मसम्मान को उजागर करना है।
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Step 1: लेखन की दिशा.
आशारानी व्होरा जी ने अपने लेखन में नारी के जीवन-संघर्षों और सामाजिक असमानताओं को यथार्थ रूप में प्रस्तुत किया है।
Step 2: उद्देश्य की व्याख्या.
उनका उद्देश्य समाज को जागरूक करना और नारी को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने की प्रेरणा देना है।
Step 3: निष्कर्ष.
इस प्रकार उनका लेखन नारी-चेतना और सामाजिक सुधार की भावना से ओतप्रोत है।
Quick Tip: किसी लेखक के उद्देश्य को समझने के लिए उसकी रचनाओं की विषयवस्तु और संदेश पर ध्यान दें।
कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर जी’ के किन्हीं दो निबंध संग्रहों के नाम लिखिए।
कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर जी’ के दो प्रमुख निबंध संग्रह हैं — \textbf{‘बिखरे मोती’} और \textbf{‘कुटिल मार्ग’}।
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Step 1: लेखक परिचय.
कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर जी’ हिंदी के प्रसिद्ध निबंधकार थे जिनकी रचनाएँ सामाजिक और नैतिक विषयों पर आधारित थीं।
Step 2: निबंध संग्रह.
उनके प्रमुख निबंध संग्रहों में ‘बिखरे मोती’, ‘कुटिल मार्ग’, ‘अंधेरे उजाले’ आदि सम्मिलित हैं।
Step 3: निष्कर्ष.
उनके निबंधों में व्यंग्य, संवेदना और समाज-सुधार का उत्कृष्ट समन्वय देखने को मिलता है।
Quick Tip: निबंध संग्रहों के नाम याद रखते समय लेखक की शैली और प्रमुख विषयों को ध्यान में रखना सहायक होता है।
‘कोखजाया’ कहानी के हिंदी अनुवादक का नाम लिखिए।
‘कोखजाया’ कहानी के हिंदी अनुवादक का नाम \textbf{डाॅ. महावीर अग्रवाल} है।
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Step 1: कहानी परिचय.
‘कोखजाया’ एक प्रसिद्ध कहानी है जो माँ-बेटे के संबंधों की भावनात्मक गहराई को प्रस्तुत करती है।
Step 2: अनुवादक की भूमिका.
डाॅ. महावीर अग्रवाल ने इस कहानी का हिंदी में अनुवाद कर इसे हिंदी पाठकों के बीच लोकप्रिय बनाया।
Step 3: निष्कर्ष.
इस प्रकार डाॅ. महावीर अग्रवाल ने मूल कथा की संवेदनाओं को हिंदी में अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है।
Quick Tip: अनुवादक किसी रचना की आत्मा को दूसरी भाषा में संप्रेषित करने का माध्यम होता है, इसलिए उसका नाम याद रखना आवश्यक है।
निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:
% Passage
अपने हृदय का सत्य, अपने-आप हमको खोजना।
अपने नयन का नीर, अपने-आप हमको पोंछना।
आकाश सुख देगा नहीं, धरती पपीहों है कहीं।
हर एक राहों को भटककर ही दिशा मिलती रही।
सत्य हम नहीं, सत्य तुम नहीं।
बेकार है मुस्कान से ढकना हृदय की चिन्ता।
आदर्श हो सकती नहीं, तन और मन की भिन्नता।
जब तक बैठे हैं चेतना, जब तक भागे दुख से घृणा।
तब तक न मौलिकता कभी, इस राह को ही में रही।
सत्य हम नहीं, सत्य तुम नहीं।
% Questions
(२) उत्तर लिखिए:
(i) हमें हृदय की इस बात को खोजना है — ______________
(ii) हर एक राहों को भटककर मिलती है — ______________
(iii) इसे मुस्कान से ढकना बेकार है — ______________
(iv) यह आदर्श नहीं हो सकती है — ______________
(i) हमें हृदय का सत्य खोजना है।
(ii) हर एक राहों को भटककर दिशा मिलती है।
(iii) इसे मुस्कान से ढकना हृदय की चिन्ता है।
(iv) यह आदर्श नहीं हो सकती जब तन और मन की भिन्नता हो।
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Step 1: पद्यांश का सार.
इस पद्यांश में कवि ने जीवन के सत्य की खोज और आत्मबोध की आवश्यकता पर बल दिया है। कवि कहता है कि जब तक हम अपने भीतर की सच्चाई को नहीं पहचानते, तब तक सच्चा सुख नहीं मिल सकता।
Step 2: उत्तर का विश्लेषण.
(i) कवि के अनुसार हमें अपने हृदय का सत्य खोजने का प्रयत्न करना चाहिए।
(ii) जीवन की दिशा केवल अनुभव और संघर्ष के माध्यम से मिलती है।
(iii) हृदय की चिंता को केवल मुस्कान से ढकना व्यर्थ है।
(iv) जब तक तन और मन में एकता नहीं होगी, तब तक आदर्श जीवन संभव नहीं है।
Step 3: निष्कर्ष.
कवि यह सिखाता है कि आत्मबोध, सच्चाई और आंतरिक एकता ही सच्चे जीवन और आदर्श का मार्ग हैं। बिना संघर्ष और सच्चे भाव के कोई भी आदर्श पूर्ण नहीं हो सकता।
Quick Tip: कविता आधारित प्रश्नों में उत्तर देने के लिए पहले कविता का भावार्थ समझना आवश्यक होता है। इससे वाक्यों को सटीक रूप में पूरा किया जा सकता है।
निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय निकालकर पद्यांश में आए हुए मूल शब्द ढूँढ़कर लिखिए:
\begin{tabular{|c|c|
\hline
शब्द & मूल शब्द
\hline
(1) सत्यता & सत्य
\hline
(2) सुखी & सुख
\hline
(3) राहीं & राह
\hline
(4) मुस्कुराहट & मुस्कुराना
\hline
\end{tabular
(1) सत्यता — सत्य
(2) सुखी — सुख
(3) राहीं — राह
(4) मुस्कुराहट — मुस्कुराना
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Step 1: मूल शब्द की पहचान.
पद्यांश में प्रयुक्त शब्दों के अंत में जो प्रत्यय जुड़े हैं, उन्हें हटाने पर हमें मूल शब्द प्राप्त होते हैं। जैसे ‘सत्यता’ में ‘ता’ प्रत्यय है, जो हटाने पर ‘सत्य’ शब्द मिलता है।
Step 2: विश्लेषण.
‘सुखी’ शब्द में ‘ई’ प्रत्यय है जो ‘सुख’ से बना है। ‘राही’ में ‘ई’ प्रत्यय हटाने पर ‘राह’ मिलता है, और ‘मुस्कुराहट’ में ‘अहट’ प्रत्यय है जो ‘मुस्कुराना’ से बना है।
Step 3: निष्कर्ष.
मूल शब्द वह होता है जिससे नया शब्द प्रत्यय या उपसर्ग जोड़कर बनाया जाता है। इन चारों शब्दों में यही प्रक्रिया दिखाई देती है।
Quick Tip: किसी शब्द का मूल रूप जानने के लिए उसका प्रत्यय हटाकर मूल धातु या शब्द को पहचानना आवश्यक होता है।
‘संघर्ष करने वाला व्यक्ति ही जीवन में सफल होता है’ इस विषय पर अपने विचार 40 से 50 शब्दों में लिखिए।
संघर्ष ही जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है। जो व्यक्ति कठिनाइयों से नहीं डरता और निरंतर प्रयास करता है, वही सफलता प्राप्त करता है। संघर्ष हमें आत्मविश्वास, धैर्य और अनुभव देता है। बिना संघर्ष के कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता। इसलिए सफलता का मार्ग संघर्ष से होकर ही जाता है।
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Step 1: विषय की व्याख्या.
यह विषय बताता है कि जीवन में कठिनाइयाँ सफलता की सीढ़ियाँ हैं। संघर्ष से ही व्यक्ति का चरित्र मजबूत होता है।
Step 2: विचार विस्तार.
जो व्यक्ति मेहनत, धैर्य और निरंतरता से कार्य करता है, वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है। संघर्ष हमें जीवन के सच्चे अर्थ सिखाता है।
Step 3: निष्कर्ष.
संघर्षशील व्यक्ति कभी हार नहीं मानता। वह अपने कर्म और आत्मविश्वास से जीवन को सफल बनाता है।
Quick Tip: लघु निबंध लिखते समय विचारों को संक्षिप्त, स्पष्ट और सार्थक रूप में प्रस्तुत करें।
निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:
% Passage
अंकुरित होने से जड़ें हो जाने तक
आँधी-तूफान हो या कोई प्रतापी राजा-महाराजा
पेड़ किसी के पाँव नहीं पड़ता है,
जब तक है उसमें साँस
एक जगह पर खड़े रहकर
हालात से लड़ता है!
जहाँ भी खड़ा हो
सड़क, झील या कोई पहाड़
भेड़िया, बाघ, शेर की दहाड़
पेड़ किसी से नहीं डरता है!
हत्या या आत्महत्या नहीं करता है पेड़।
थके राहगीरों को देकर छाँव व ठंडी हवा
राह में गिरा देता है फूल
और करता है इशारा उसे आगे बढ़ने का।
पेड़ करता है सभी का स्वागत,
देता है सभी को दावत!
% Question (2)
(२) आकृति पूर्ण कीजिए:
% Diagram representation \[ \boxed{ \begin{array}{c} पेड़ इनसे नहीं डरता —
\downarrow
(1) आँधी-तूफान
\downarrow
(2) बाघ-शेर की दहाड़
\downarrow
(3) हालात से लड़ाई \end{array} } \]
पेड़ आँधी-तूफान, बाघ-शेर की दहाड़ और कठिन हालात से नहीं डरता।
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Step 1: पद्यांश का भावार्थ.
इस कविता में कवि ने पेड़ को साहस, धैर्य और संघर्ष का प्रतीक बताया है। पेड़ हर परिस्थिति में स्थिर रहता है और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखता है।
Step 2: आकृति विश्लेषण.
कवि के अनुसार पेड़ आँधी-तूफान, भयंकर पशु और कठिन परिस्थितियों से नहीं डरता। वह अपनी जगह दृढ़ता से खड़ा रहकर हर परिस्थिति का सामना करता है।
Step 3: निष्कर्ष.
पेड़ हमें यह शिक्षा देता है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, हमें साहस, धैर्य और सहनशीलता के साथ उनका सामना करना चाहिए।
Quick Tip: कविता आधारित आकृति प्रश्नों में उत्तर देने से पहले कविता का भाव समझें और मुख्य विचारों को क्रमवार लिखें।
निम्नलिखित शब्दों के वचन पद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए:
\begin{tabular{|c|c|
\hline
शब्द (बहुवचन) & मूल शब्द (एकवचन)
\hline
(1) आँधियाँ & आँधी
\hline
(2) साँसें & साँस
\hline
(3) सड़कें & सड़क
\hline
(4) हवाएँ & हवा
\hline
\end{tabular
(1) आँधियाँ — आँधी
(2) साँसें — साँस
(3) सड़कें — सड़क
(4) हवाएँ — हवा
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Step 1: प्रश्न की समझ.
यह प्रश्न पद्यांश से बहुवचन शब्दों को पहचानकर उनके एकवचन रूप लिखने से संबंधित है। एकवचन वह होता है जो किसी वस्तु या व्यक्ति की एक इकाई को दर्शाता है।
Step 2: शब्दों का विश्लेषण.
पद्यांश में प्रयुक्त शब्द ‘आँधियाँ’, ‘साँसें’, ‘सड़कें’ और ‘हवाएँ’ सभी बहुवचन रूप हैं। इनके मूल रूप क्रमशः ‘आँधी’, ‘साँस’, ‘सड़क’ और ‘हवा’ हैं।
Step 3: निष्कर्ष.
इस प्रकार बहुवचन शब्दों का एकवचन रूप निकालने के लिए शब्दों के अंत में प्रयुक्त ‘याँ’, ‘एँ’ जैसी प्रत्ययों को हटाया जाता है।
Quick Tip: वचन परिवर्तन करते समय शब्द के रूप और प्रत्यय पर ध्यान दें — ‘याँ’ या ‘एँ’ अंत में होने पर प्रायः एकवचन बनाने हेतु उन्हें हटाना होता है।
‘पेड़ मनुष्य को प्रेरणा देता है’ इस विषय पर अपने विचार 40 से 50 शब्दों में लिखिए।
पेड़ मनुष्य को जीवन में दृढ़ता, सहनशीलता और निःस्वार्थ सेवा की प्रेरणा देता है। वह आँधी-तूफान में भी अडिग रहता है और दूसरों को छाया, फल और शुद्ध हवा देता है। पेड़ सिखाता है कि हमें बिना किसी स्वार्थ के समाज के लिए उपयोगी बनना चाहिए।
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Step 1: विषय का अर्थ.
यह विषय पेड़ के गुणों के माध्यम से जीवन में प्रेरणा प्राप्त करने की बात करता है। पेड़ कठिन परिस्थितियों में भी स्थिर रहता है।
Step 2: विचार विस्तार.
पेड़ न केवल दूसरों को लाभ देता है बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि जीवन में सेवा, धैर्य और त्याग का भाव रखना चाहिए।
Step 3: निष्कर्ष.
पेड़ का जीवन हमें यह सिखाता है कि सफलता और सच्चा सुख निःस्वार्थ सेवा और निरंतर कर्म से ही प्राप्त होता है।
Quick Tip: लघु निबंध लिखते समय 2–3 प्रमुख विचारों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करें और विषय से संबंधित उदाहरण अवश्य दें।
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर ‘गुरुबाणी’ कविता का रसास्वादन कीजिए:
(1) रचनाकार का नाम
‘गुरुबाणी’ कविता के रचनाकार \textbf{सुभद्रा कुमारी चौहान} हैं।
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Step 1: रचनाकार परिचय.
सुभद्रा कुमारी चौहान हिंदी की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। उनकी कविताओं में देशप्रेम, नारी-सशक्तिकरण और जीवन के नैतिक मूल्यों की झलक मिलती है।
Step 2: कविता का भावार्थ.
‘गुरुबाणी’ कविता में गुरु के उपदेशों और शिक्षाओं का महत्व बताया गया है। कवि ने इस कविता के माध्यम से यह संदेश दिया है कि गुरु का मार्गदर्शन जीवन को सही दिशा देता है और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।
Step 3: निष्कर्ष.
इस कविता के माध्यम से सुभद्रा कुमारी चौहान ने बताया है कि गुरु ही सच्चा पथप्रदर्शक होता है जो जीवन में ज्ञान, भक्ति और सदाचार का मार्ग दिखाता है।
Quick Tip: किसी कविता का रसास्वादन करते समय रचनाकार का नाम, भाव, उद्देश्य और उसका संदेश अवश्य उल्लेख करें।
पसंद की पंक्तियाँ लिखिए।
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Step 1: प्रश्न की समझ.
यह प्रश्न विद्यार्थी से उसकी पसंदीदा कविता की पंक्तियाँ लिखने के लिए कहता है। इसमें व्यक्तिगत रुचि और साहित्यिक स्वाद का प्रदर्शन होता है।
Step 2: उत्तर का चयन.
किसी भी प्रसिद्ध कविता की भावपूर्ण पंक्तियाँ लिखी जा सकती हैं जो प्रेरणादायक हों या सौंदर्य का अनुभव कराएँ।
Step 3: निष्कर्ष.
उदाहरण के लिए – “जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा” जैसी पंक्ति देशभक्ति और सौंदर्य दोनों को प्रकट करती है।
Quick Tip: कविता की पसंद की पंक्तियाँ चुनते समय यह ध्यान रखें कि वे कविता की भावना या मुख्य विचार को अच्छी तरह प्रकट करें।
कविता के पसंद आने के कारण लिखिए।
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Step 1: प्रश्न की व्याख्या.
यह प्रश्न विद्यार्थी से यह पूछता है कि उसे कविता क्यों पसंद आई — अर्थात उसमें कौन-से गुण या भाव उसे प्रभावित करते हैं।
Step 2: कारण स्पष्ट करना.
कविता पसंद आने के कारण हो सकते हैं — सुंदर भाषा, गहरी भावना, प्रेरणादायक विचार या जीवन से जुड़ा संदेश।
Step 3: उदाहरण.
उदाहरण के लिए – कविता में देशप्रेम, प्रकृति-प्रेम या मानवीय संवेदना का चित्रण हो तो वह पाठक को प्रभावित करती है।
Quick Tip: कविता पसंद आने के कारण लिखते समय यह दिखाएँ कि आपने कविता को समझा और उससे भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस किया।
कविता की केन्द्रीय कल्पना लिखिए।
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Step 1: केन्द्रीय कल्पना की परिभाषा.
कविता की केन्द्रीय कल्पना वह विचार या संदेश है जो पूरी कविता में निहित रहता है। यह कवि के अनुभव और भावनाओं का सार होता है।
Step 2: उदाहरण द्वारा स्पष्ट करना.
यदि कविता प्रकृति से जुड़ी है, तो उसकी केन्द्रीय कल्पना “प्रकृति की सुंदरता और मानव का उससे संबंध” हो सकती है।
यदि कविता देशभक्ति से जुड़ी है, तो उसकी केन्द्रीय कल्पना “राष्ट्रप्रेम और त्याग” होगी।
Step 3: निष्कर्ष.
अतः कविता की केन्द्रीय कल्पना वह मुख्य भाव है जो पाठक के मन में स्थायी प्रभाव छोड़ता है।
Quick Tip: कविता की केन्द्रीय कल्पना लिखते समय मुख्य विषय, भाव और कवि के उद्देश्य को ध्यान में रखें।
आम आदमी की पीड़ा को समझते हुए ‘गुरिंदर शेर’ कविता का रसास्वादन कीजिए।
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Step 1: कविता की पृष्ठभूमि.
यह कविता ‘गुरिंदर शेर’ द्वारा रचित है, जिसमें कवि ने आम आदमी के जीवन के संघर्षों, असमानता और सामाजिक अन्याय को उजागर किया है। कवि समाज के उन वर्गों की आवाज़ बनता है जिनकी पीड़ा अक्सर अनसुनी रह जाती है।
Step 2: विषय-वस्तु का विश्लेषण.
कवि ने अपनी कविता में यह दर्शाया है कि आम आदमी जीवन की कठिनाइयों से जूझते हुए भी आशा और आत्मसम्मान बनाए रखता है। वह व्यवस्था की अन्यायपूर्ण स्थितियों के बावजूद जीवन को आगे बढ़ाने की कोशिश करता है। कविता में करुणा, संघर्ष और यथार्थ का सुंदर मेल दिखाई देता है।
Step 3: भाषा और शैली.
कविता की भाषा सरल, प्रभावशाली और भावनाओं से परिपूर्ण है। कवि ने शब्दों का चयन इस प्रकार किया है कि पाठक सीधे आम आदमी की पीड़ा को महसूस कर सके। चित्रात्मकता और भाव-संवेदना दोनों ही कविता को हृदयस्पर्शी बनाते हैं।
Step 4: रस और भाव.
कविता में करुण रस की प्रधानता है, क्योंकि कवि ने आम आदमी के दुःख और संघर्षों को अत्यंत मार्मिक ढंग से व्यक्त किया है। साथ ही इसमें वीर रस का भी आभास होता है, जब कवि संघर्षरत व्यक्ति के साहस और आत्मबल को उजागर करता है।
Step 5: निष्कर्ष.
‘गुरिंदर शेर’ की यह कविता आम आदमी की स्थिति का सजीव चित्रण प्रस्तुत करती है। यह कविता केवल पीड़ा का वर्णन नहीं करती, बल्कि संघर्ष और आत्मसम्मान का संदेश भी देती है।
Quick Tip: कविता का रसास्वादन करते समय केवल भाव नहीं, बल्कि कवि की संवेदना, भाषा और सामाजिक सन्देश को भी समझना चाहिए।
निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का केवल एक वाक्य में उत्तर लिखिए (कोई दो):
(1) त्रिलोचन जी के दो काव्य-संग्रहों के नाम लिखिए।
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Step 1: प्रश्न की व्याख्या.
प्रश्न में कवि त्रिलोचन जी के दो प्रमुख काव्य-संग्रहों के नाम पूछे गए हैं। त्रिलोचन आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवियों में से एक हैं, जिनकी रचनाओं में जनजीवन और यथार्थ का सशक्त चित्रण मिलता है।
Step 2: उत्तर का विश्लेषण.
त्रिलोचन जी के काव्य-संग्रहों में “धरती” और “गुलाब और बुलबुल” प्रमुख हैं। इन संग्रहों में कवि ने मानव जीवन, श्रम, समाज और संवेदना के विविध पक्षों को अत्यंत सजीव ढंग से प्रस्तुत किया है।
Step 3: निष्कर्ष.
अतः त्रिलोचन जी के दो काव्य-संग्रह हैं — “धरती” और “गुलाब और बुलबुल”। ये उनके साहित्यिक योगदान के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
Quick Tip: त्रिलोचन जी की कविताएँ जनजीवन, यथार्थ और श्रम के सौंदर्य को चित्रित करती हैं। उनके काव्य-संग्रह सामाजिक सरोकारों की अभिव्यक्ति हैं।
वृंद जी की प्रमुख रचनाएँ लिखिए।
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Step 1: कवि परिचय.
वृंद जी हिंदी के प्राचीन कवियों में से एक प्रसिद्ध कवि थे। उन्होंने अपने काव्य के माध्यम से नीति, शिक्षाप्रद और भावात्मक विषयों को प्रस्तुत किया।
Step 2: प्रमुख रचनाओं की जानकारी.
उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं — “सुजानविलास”, “हितोपदेश”, “नवरत्नमाला”, और “सतीविलाप”। इन रचनाओं में समाज, नीति और नैतिकता के भाव प्रमुख रूप से मिलते हैं।
Step 3: निष्कर्ष.
वृंद जी की रचनाएँ हिंदी साहित्य में शिक्षाप्रद और नैतिक दृष्टि से अत्यंत उपयोगी मानी जाती हैं।
Quick Tip: वृंद जी की कविताएँ नीति और लोकहित की भावना पर आधारित होती हैं, जिनसे समाज में नैतिक मूल्यों का प्रचार होता है।
ग़ज़ल इस भाषा का लोकप्रिय काव्य-प्रकार है —
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Step 1: ग़ज़ल का परिचय.
ग़ज़ल एक ऐसी काव्य-रचना है जो भावनाओं की कोमलता, प्रेम, दर्द और अनुभूति को अभिव्यक्त करती है। इसकी उत्पत्ति अरबी और फ़ारसी साहित्य से मानी जाती है।
Step 2: भाषा संबंध.
ग़ज़ल का विकास और प्रसार मुख्यतः उर्दू भाषा में हुआ। उर्दू कवियों ने ग़ज़ल को अत्यधिक लोकप्रिय बनाया, और यह भाषा का प्रमुख काव्य-प्रकार बन गई।
Step 3: निष्कर्ष.
अतः ग़ज़ल उर्दू भाषा का प्रमुख और लोकप्रिय काव्य-प्रकार है।
Quick Tip: ग़ज़ल की पहचान उसके शेर, मतला, मक़ता और क़ाफ़िया से होती है। इसकी भाषा लयात्मक और भावनात्मक होती है।
लोकगीतों के दो प्रकार लिखिए।
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Step 1: लोकगीत का परिचय.
लोकगीत जनजीवन से जुड़े हुए गीत होते हैं, जो समाज की संस्कृति, परंपरा और भावनाओं को व्यक्त करते हैं। ये गीत पीढ़ियों से मौखिक रूप से प्रचलित हैं।
Step 2: प्रकारों की व्याख्या.
(1) पर्व-त्योहार गीत: ये गीत विभिन्न त्योहारों जैसे होली, दीपावली, तीज आदि के अवसर पर गाए जाते हैं।
(2) संस्कार गीत: ये गीत जन्म, विवाह, उपनयन आदि संस्कारों के अवसर पर गाए जाते हैं।
Step 3: निष्कर्ष.
लोकगीत समाज की सामूहिक भावनाओं के प्रतीक हैं और लोकसंस्कृति के संरक्षण का माध्यम हैं।
Quick Tip: लोकगीत क्षेत्रीय जीवन, परंपरा और भावनात्मक एकता के सशक्त माध्यम होते हैं।
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों को पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:
काव्यांश:
यह आम्रवृक्ष की डाल
उनकी विशेष प्रिय थी
तेरे न आने पर
सारी शाम इसपर टिक
उन्होंने बेशी में बार-बार
तेरा नाम भरकर चुहे टेरा था –
आज यह आम की डाल
सदा-सदा के लिए काट दी जाएगी
क्योंकि कृष्ण के सेनापतियों के
वायुभेदीय रथों की
गगनचुंबी भुजाओं में
यह नीची डाल अटकती है
और यह पत्र के किनारे खड़ा
छायादार पावन अशोक वृक्ष
आज खंड-खंड हो जाएगा तो क्या –
यदि ग्रामवासी, सैनिकों के स्वागत में
तोरण नहीं सजाते
तो क्या सारा ग्राम नहीं जला दिया जाएगा?
% Sub-questions
(1) कारण लिखिए:
आम्रवृक्ष की डाल सदा के लिए काट दी जाएगी – ....................................
(2) छायादार अशोक वृक्ष खंड-खंड हो जाएगा – ....................................
(1) आम्रवृक्ष की डाल इसलिए काटी जाएगी क्योंकि वह कृष्ण के सेनापतियों के वायु-भेदी रथों के मार्ग में रुकावट पैदा कर रही थी।
(2) छायादार अशोक वृक्ष खंड-खंड इसलिए हो जाएगा क्योंकि सैनिकों के स्वागत में तोरण नहीं सजाने पर गाँव को दंडस्वरूप नष्ट किया जाएगा।
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Step 1: काव्यांश की व्याख्या.
यह काव्यांश ‘गुरिंदर शेर’ की कविता से लिया गया है, जिसमें कवि ने आम आदमी और ग्रामीण जीवन की व्यथा को अभिव्यक्त किया है। कविता में सैनिकों के अत्याचार और सत्ता की निर्ममता का चित्रण है। कवि यह दिखाता है कि कैसे प्राकृतिक सौंदर्य और मानवीय संवेदनाएँ भी सत्ता के आदेशों के आगे नष्ट की जा रही हैं।
Step 2: पहले प्रश्न का विश्लेषण.
“आम्रवृक्ष की डाल सदा के लिए काट दी जाएगी” — इस पंक्ति में यह बताया गया है कि प्रकृति (पेड़ की डाल) सैनिकों के रथों के मार्ग में बाधा बन रही है, इसलिए उसे नष्ट किया जा रहा है। यह प्रतीकात्मक रूप से बताता है कि सत्ता की सुविधा के लिए प्रकृति और मानवता का बलिदान कर दिया जाता है।
Step 3: दूसरे प्रश्न का विश्लेषण.
“छायादार अशोक वृक्ष खंड-खंड हो जाएगा” — इसका अर्थ है कि यदि ग्रामवासी सैनिकों के स्वागत में तोरण नहीं सजाएँगे, तो गाँव और उसकी पहचान (प्रकृति और वृक्षों सहित) को नष्ट कर दिया जाएगा। यह अन्यायपूर्ण सत्ता के अत्याचार का संकेत है।
Step 4: निष्कर्ष.
कवि ने इन पंक्तियों के माध्यम से दिखाया है कि युद्ध और सत्ता की शक्ति के सामने मानवता, सौंदर्य और शांति का विनाश होता है। यह कविता अन्याय, अत्याचार और सत्ता की क्रूरता पर गहरा व्यंग्य करती है।
Quick Tip: कविता पढ़ते समय प्रतीकों और संकेतों को ध्यान से समझें — जैसे ‘आम्रवृक्ष’ प्रकृति का, और ‘सैनिकों के रथ’ सत्ता का प्रतीक हैं।
(2) उचित मिलान कीजिए:
\begin{tabular{|c|c|
\hline
(1) वृक्ष & टहनी
(2) ग्राम & गाँव
(3) पथ & राह
(4) डाल & पेड़
\hline
\end{tabular
\textbf{(2) ग्राम} & \textbf{गाँव}
\textbf{(3) पथ} & \textbf{राह}
\textbf{(4) डाल} & \textbf{टहनी}
\hline \end{tabular}
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Step 1: प्रश्न की समझ.
इस प्रश्न में शब्दों का उचित अर्थ या समानार्थक मिलान करना है। हर शब्द का दूसरा भाग उसके समानार्थक या संबंधित अर्थ को दर्शाता है।
Step 2: विश्लेषण.
- वृक्ष का समानार्थी शब्द ‘पेड़’ है।
- ग्राम का समानार्थी शब्द ‘गाँव’ है।
- पथ का समानार्थी शब्द ‘राह’ है।
- डाल का समानार्थी शब्द ‘टहनी’ है।
Step 3: निष्कर्ष.
अतः सही मिलान इस प्रकार होगा —
(1) वृक्ष – पेड़, (2) ग्राम – गाँव, (3) पथ – राह, (4) डाल – टहनी।
Quick Tip: समानार्थक शब्दों का अभ्यास शब्दावली को समृद्ध करता है और भाषा की अभिव्यक्ति को प्रभावी बनाता है।
(3) ‘युद्ध के दुष्परिणाम’ इस विषय पर अपने विचार 40 से 50 शब्दों में लिखिए।
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Step 1: विषय की व्याख्या.
‘युद्ध के दुष्परिणाम’ का अर्थ है — युद्ध से उत्पन्न हानियाँ और बुरे प्रभाव। युद्ध किसी भी राष्ट्र या समाज के विकास में बाधा उत्पन्न करता है।
Step 2: प्रभाव का विश्लेषण.
युद्ध से देश की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है, मानव जीवन की हानि होती है, और पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता है। इसके साथ ही लोगों में भय, असुरक्षा और असंतोष की भावना फैलती है।
Step 3: निष्कर्ष.
इसलिए युद्ध से कोई समाधान नहीं निकलता। शांति, आपसी समझ और सहयोग ही स्थायी विकास का मार्ग है।
Quick Tip: युद्ध हमेशा विनाश लाता है; शांति ही सच्ची प्रगति का मार्ग है।
(अ) निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 80 से 100 शब्दों में लिखिए:
(1) ‘कवि ने राहा के माध्यम से वर्तमान मनुष्य की पीड़ा को व्यक्त किया है’, इस कथन के संबंध में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
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Step 1: कथन की व्याख्या.
कवि ने ‘राहा’ का उपयोग प्रतीक के रूप में किया है, जिससे मानव जीवन की यात्रा, संघर्ष और थकान का संकेत मिलता है। यह राहा केवल भौतिक मार्ग नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्थिति का प्रतीक है।
Step 2: विचार-विस्तार.
वर्तमान समाज में मनुष्य निरंतर संघर्ष कर रहा है — जीवन की जटिलताओं, आर्थिक असमानताओं और सामाजिक अन्याय से। कवि ने इसी पीड़ा को राहा के माध्यम से प्रकट किया है, जहाँ हर कदम कठिनाई से भरा है।
Step 3: निष्कर्ष.
कविता में राहा के माध्यम से कवि ने मनुष्य के जीवन की वेदना और संघर्ष को मार्मिक ढंग से उकेरा है, जो पाठक के मन में गहरी संवेदना उत्पन्न करता है।
Quick Tip: कविता के प्रतीकों को समझने से उसका भाव और उद्देश्य दोनों स्पष्ट होते हैं। ‘राहा’ यहाँ संघर्षमय जीवन का प्रतीक है।
(2) राधा की दृष्टि से जीवन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
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Step 1: राधा के दृष्टिकोण की समझ.
राधा जीवन को केवल सांसारिक दृष्टि से नहीं देखतीं, बल्कि उसे आध्यात्मिक अनुभव के रूप में महसूस करती हैं। उनके अनुसार, जीवन तभी सार्थक है जब उसमें प्रेम और भक्ति का भाव हो।
Step 2: भावार्थ की व्याख्या.
राधा का प्रेम न केवल कृष्ण के प्रति है, बल्कि समस्त सृष्टि के प्रति उनकी आत्मिक संवेदना का प्रतीक है। वे मानती हैं कि त्याग, करुणा और समर्पण से ही मनुष्य के जीवन में पूर्णता आती है। इस दृष्टिकोण से राधा का जीवन मानवता, प्रेम और आध्यात्मिकता का आदर्श उदाहरण बन जाता है।
Step 3: निष्कर्ष.
राधा की दृष्टि से जीवन की सार्थकता उस प्रेम में है जो निस्वार्थ और अनंत है। यही प्रेम जीवन को अर्थपूर्ण और श्रेष्ठ बनाता है।
Quick Tip: राधा का प्रेम केवल व्यक्ति-विशेष तक सीमित नहीं है; यह ईश्वर और मानवता के बीच के शाश्वत संबंध का प्रतीक है।
कृति ४ (अ) निम्नलिखित का उत्तर लगभग 100 से 120 शब्दों में लिखिए:
(1) ‘नर हो, न निराश करो मन को’, इस उक्ति का पालन कीजिए।
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Step 1: उक्ति की व्याख्या.
यह पंक्ति कवि मैथिलीशरण गुप्त की प्रसिद्ध कविता से ली गई है। इसमें कवि मनुष्य को जीवन के संघर्षों में दृढ़ रहने की प्रेरणा देते हैं। उनका कहना है कि मनुष्य को निराशा में डूबने के बजाय अपने आत्मबल पर विश्वास रखना चाहिए।
Step 2: विचार-विस्तार.
जीवन में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक हैं, लेकिन सच्चा मनुष्य वही है जो कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानता। जो व्यक्ति मनोबल और साहस के साथ आगे बढ़ता है, वही सफलता प्राप्त करता है। यह उक्ति मनुष्य के भीतर सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास का संचार करती है।
Step 3: निष्कर्ष.
‘नर हो, न निराश करो मन को’ का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है। यह पंक्ति हमें जीवन में आशा, परिश्रम और आत्मबल के महत्व का बोध कराती है। निराशा के स्थान पर आशा अपनाना ही सच्चे मानव जीवन की पहचान है।
Quick Tip: कविता की प्रेरणादायक पंक्तियाँ जीवन में आत्मविश्वास और धैर्य बनाए रखने का संदेश देती हैं — इन्हें व्यवहार में अपनाना ही उनका पालन है।
परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:
गद्यांश:
अच्छे मंच संचालक के लिए आवश्यक है - अच्छी तैयारी। वर्तमान समय में संगीत संध्या, बर्थ डे पार्टी या अन्य संध्या कार्यक्रमों के लिए मंच संचालन आवश्यक हो गया है। मैंने भी इस तरह के अनेक कार्यक्रमों में सूत्र संचालन किया है। जिस तरह का कार्यक्रम हो, तैयारी भी उसी के अनुसार करनी होती है। मैं भी प्रायः यह देखता हूँ कि कार्यक्रम का स्वरूप क्या है — सामाजिक, शैक्षणिक, राजनैतिक, कवि सम्मेलन, मुषायरा या सांस्कृतिक कार्यक्रम! फिर उसी रूप में मैं कार्यक्रम का संहिता लेखन करता हूँ। इसके लिए कड़ी साधना व सतत प्रयास आवश्यक है। कार्यक्रम की सफलता सूत्र संचालन के हाथ में होती है। वह दो व्यक्तियों, दो घटनाओं के बीच कड़ी जोड़ने का काम करता है। इसलिए संचालक को चाहिए कि वह संचालन के लिए आवश्यक तत्वों का अध्ययन करे। सूत्र संचालक के लिए कुछ महत्वपूर्ण गुणों का होना आवश्यक है। हँसमुख, हार्दिकभावी, विविध विषयों का ज्ञाता होने के साथ-साथ उसका भाषा पर प्रभुत्व होना आवश्यक है। कभी-कभी किसी कार्यक्रम में ऐन वक्त पर परिवर्तन होने की संभावना रहती है। यहाँ सूत्र संचालन के भाषा प्रभुत्व की परीक्षा होती है। पूर्व निर्धारित अतिथियों का न आना, यदि आ भी जाएँ तो उनकी दिनचर्या के कार्य व्यवस्था का ध्यान रखते हुए कार्यक्रम में संशोधन/सुधार करना पड़ता है। आयोजकों की ओर से अचानक मिली सूचना के अनुसार संहिता में परिवर्तन कर संचालन करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाना ही सूत्र संचालन की विशेषता होती है।
% Sub-question
(1) संजाल पूर्ण कीजिए:
सूत्र संचालक के लिए महत्वपूर्ण गुण
\begin{tabular{|c|c|c|c|
\hline
हँसमुख & हार्दिकभावी & भाषा पर प्रभुत्व & विभिन्न विषयों का ज्ञान
\hline
\end{tabular
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Step 1: परिच्छेद की व्याख्या.
दिए गए परिच्छेद में अच्छे मंच संचालक के गुणों और जिम्मेदारियों का वर्णन किया गया है। मंच संचालन केवल कार्यक्रम का परिचय देना नहीं, बल्कि उसकी सफलता की कुंजी है। संचालक को तैयारी, आत्मविश्वास और समन्वय का उदाहरण बनना पड़ता है।
Step 2: महत्वपूर्ण गुणों की पहचान.
एक सफल सूत्र संचालक में हँसमुखता, हार्दिकभाव, भाषा पर अच्छा नियंत्रण और विषयों का गहरा ज्ञान होना चाहिए। इससे वह किसी भी स्थिति में सहज रहकर कार्यक्रम को सुचारू रूप से आगे बढ़ा सकता है।
Step 3: निष्कर्ष.
इस प्रकार, मंच संचालन केवल वाणी का प्रयोग नहीं बल्कि तत्परता, समझदारी और रचनात्मकता की परीक्षा है। ये चारों गुण एक सूत्र संचालक को सफल बनाते हैं।
Quick Tip: एक अच्छे सूत्र संचालक को न केवल भाषा पर अधिकार रखना चाहिए, बल्कि स्थिति के अनुसार तुरंत निर्णय लेने की क्षमता भी आवश्यक होती है।
निम्नलिखित विधान ‘सत्य’ है या ‘असत्य’ लिखिए:
(1) कार्यक्रम की सफलता वक्ता के हाथ में होती है।
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Step 1: कथन की व्याख्या.
दिए गए कथन में कहा गया है कि “कार्यक्रम की सफलता वक्ता के हाथ में होती है।” यह कथन गलत है क्योंकि परिच्छेद के अनुसार, किसी भी कार्यक्रम की सफलता का मुख्य आधार सूत्र संचालक (Anchorman) होता है, न कि वक्ता।
Step 2: तर्क और स्पष्टीकरण.
परिच्छेद में स्पष्ट किया गया है कि मंच संचालन कार्यक्रम की सफलता की कुंजी है। संचालक ही दो घटनाओं को जोड़ने, संवाद बनाए रखने, और वातावरण को नियंत्रित करने का कार्य करता है। यदि संचालक अपनी भूमिका अच्छे से निभाए, तो कार्यक्रम सुचारू रूप से चलता है। इसलिए सफलता वक्ता नहीं, बल्कि संचालक के हाथ में होती है।
Step 3: निष्कर्ष.
अतः यह कथन ‘असत्य’ है क्योंकि कार्यक्रम की सफलता वक्ता के नहीं, बल्कि संचालक के कौशल और तैयारी पर निर्भर करती है।
Quick Tip: किसी कार्यक्रम की सफलता के लिए संचालक का व्यवहार, भाषा और तत्परता सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
(2) सूत्र संचालक दो व्यक्तियों, दो घटनाओं के बीच कड़ी जोड़ने का काम करता है।
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Step 1: कथन की व्याख्या.
परिच्छेद में यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि सूत्र संचालक का कार्य दो व्यक्तियों या दो घटनाओं के बीच संबंध जोड़ना होता है।
Step 2: तर्क.
सूत्र संचालक मंच पर संवाद को सुचारू बनाए रखने के लिए कार्यक्रम की एक कड़ी को दूसरी से जोड़ता है ताकि कार्यक्रम में निरंतरता बनी रहे। इसलिए यह कथन सत्य है।
Step 3: निष्कर्ष.
सूत्र संचालक का मुख्य कार्य ही कार्यक्रम की कड़ियों को जोड़ना है, जिससे पूरा आयोजन व्यवस्थित रूप से संपन्न होता है।
Quick Tip: सूत्र संचालक कार्यक्रम की गति और अनुक्रम को बनाए रखने में सेतु का कार्य करता है।
(3) कार्यक्रम में ऐन वक्त पर परिवर्तन होने की संभावना कभी नहीं रहती।
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Step 1: कथन का विश्लेषण.
यह कथन गलत है क्योंकि परिच्छेद में बताया गया है कि कार्यक्रमों में कई बार ऐन समय पर परिवर्तन की संभावना रहती है।
Step 2: स्पष्टीकरण.
कभी-कभी अतिथि समय पर नहीं पहुँचते या कार्यक्रम की रूपरेखा में बदलाव होता है, ऐसे में सूत्र संचालक को तत्काल निर्णय लेकर कार्यक्रम को सुचारू रखना होता है।
Step 3: निष्कर्ष.
इसलिए यह कथन ‘असत्य’ है क्योंकि मंच संचालन में परिस्थिति अनुसार परिवर्तन की संभावना सदैव बनी रहती है।
Quick Tip: मंच संचालन में लचीलापन आवश्यक है ताकि अचानक हुए परिवर्तनों के बावजूद कार्यक्रम सुचारू रूप से चले।
(4) कार्यक्रम को सफल बनाना सूत्र संचालक की विशेषता होती है।
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Step 1: कथन की व्याख्या.
परिच्छेद में बताया गया है कि कार्यक्रम की सफलता सूत्र संचालक के हाथ में होती है क्योंकि वह पूरे आयोजन को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करता है।
Step 2: तर्क.
सूत्र संचालक न केवल वक्ताओं को जोड़ता है बल्कि वातावरण को नियंत्रित कर दर्शकों की रुचि बनाए रखता है। उसकी तत्परता, भाषा और आत्मविश्वास कार्यक्रम की सफलता तय करते हैं।
Step 3: निष्कर्ष.
इसलिए यह कथन ‘सत्य’ है क्योंकि सफल सूत्र संचालक ही कार्यक्रम को सफल और यादगार बनाता है।
Quick Tip: सफल सूत्र संचालन के लिए तैयारी, भाषा का कौशल और परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेने की क्षमता अत्यंत आवश्यक है।
(3) ‘सूत्र संचालन रोजगार का उत्तम साधन है’, इस विषय पर अपने विचार 40 से 50 शब्दों में लिखिए।
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Step 1: विषय की व्याख्या.
सूत्र संचालन केवल एक कला नहीं, बल्कि एक ऐसा पेशा है जो व्यक्ति को पहचान और सम्मान दोनों प्रदान करता है। यह क्षेत्र निरंतर बढ़ते आयोजनों के कारण रोजगार के अनेक अवसर देता है।
Step 2: विश्लेषण.
आज मीडिया, मंच, समारोह और सामाजिक कार्यक्रमों में दक्ष सूत्र संचालकों की आवश्यकता बढ़ गई है। जिन लोगों के पास बोलने की क्षमता और आत्मविश्वास है, वे इस क्षेत्र में उत्कृष्ट करियर बना सकते हैं।
Step 3: निष्कर्ष.
इस प्रकार, सूत्र संचालन एक रचनात्मक और सम्मानजनक पेशा है जो व्यक्ति को आर्थिक स्थिरता और प्रसिद्धि दोनों प्रदान करता है।
Quick Tip: सूत्र संचालन में भाषा की दक्षता, आत्मविश्वास और परिस्थिति के अनुसार बोलने की क्षमता व्यक्ति को सफल बनाती है।
(अ) निम्नलिखित में से किसी एक का उत्तर लगभग 80 से 100 शब्दों में लिखिए:
(1) ब्लॉग लेखन करते समय बरती जाने वाली सावधानियों पर प्रकाश डालिए।
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Step 1: ब्लॉग लेखन का परिचय.
ब्लॉग लेखन आज के डिजिटल युग में विचारों और ज्ञान को साझा करने का एक प्रभावशाली माध्यम है। यह लेखक को अपनी रचनात्मकता और दृष्टिकोण व्यक्त करने का अवसर देता है।
Step 2: आवश्यक सावधानियाँ.
ब्लॉग लिखते समय भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए। तथ्य प्रमाणित हों और विषय रोचक हो। दूसरों के विचारों या लेखों की नकल न करें। सामाजिक, धार्मिक या व्यक्तिगत भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले शब्दों से बचें।
Step 3: निष्कर्ष.
ब्लॉग लेखन में जिम्मेदारी, रचनात्मकता और शुद्ध अभिव्यक्ति का संतुलन ही उसे सफल और प्रभावी बनाता है।
Quick Tip: ब्लॉग लिखते समय मौलिकता और तथ्यों की सत्यता बनाए रखना एक लेखक की विश्वसनीयता का आधार है।
(2) प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों द्वारा प्रकाश उत्पन्न करने के उद्देश्यों की जानकारी दीजिए।
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Step 1: जैव-दीप्ति का परिचय.
कुछ जीव अपने शरीर में रासायनिक अभिक्रियाओं के माध्यम से प्रकाश उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं। इस प्रक्रिया को ‘जैव-दीप्ति’ कहा जाता है।
Step 2: प्रकाश उत्पन्न करने का उद्देश्य.
ये जीव विभिन्न कारणों से प्रकाश उत्पन्न करते हैं —
(1) अपने शिकार को आकर्षित करने के लिए,
(2) शत्रुओं को डराने या भ्रमित करने के लिए,
(3) संचार या साथी जीवों को संकेत देने के लिए।
जुगनू अपने साथी को आकर्षित करने के लिए प्रकाश का उपयोग करते हैं, जबकि कुछ समुद्री जीव इसे आत्मरक्षा के लिए करते हैं।
Step 3: निष्कर्ष.
जैव-दीप्ति न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से अद्भुत है, बल्कि प्रकृति में जीवों के जीवन और सुरक्षा की रणनीति का सुंदर उदाहरण भी है।
Quick Tip: जैव-दीप्ति (Bioluminescence) प्रकृति की एक विशेष प्रक्रिया है जो जीवों के अनुकूलन और जीवित रहने की क्षमता को दर्शाती है।
(1) हिंदी में ‘पल्लवन’ शब्द अंग्रेज़ी ..................... शब्द के प्रतिरूप के रूप में आता है।
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Step 1: शब्दार्थ की समझ.
‘पल्लवन’ का अर्थ है — विस्तार या प्रसार। इसका अंग्रेज़ी रूप ‘Expansion’ है।
Step 2: निष्कर्ष.
अतः सही उत्तर है — Expansion.
Quick Tip: शब्दों के समानार्थक रूपों को पहचानने से भाषा की शब्दावली मज़बूत होती है।
(2) ........................ को पत्रकारिता के क्षेत्र में फीचर लेखन के लिए दिए जाने वाले ‘सर्वश्रेष्ठ फीचर लेखन’ के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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Step 1: जानकारी.
पत्रकारिता के क्षेत्र में ‘स्नेहा’ को ‘सर्वश्रेष्ठ फीचर लेखन’ के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान रचनात्मक पत्रकारिता में योगदान के लिए दिया गया था।
Step 2: निष्कर्ष.
इसलिए सही उत्तर है — स्नेहा।
Quick Tip: पत्रकारिता में ‘फीचर लेखन’ सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करने की कला है।
(3) ...................... लेखन में शब्द संख्या का बंधन नहीं होता।
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Step 1: ब्लॉग की विशेषता.
ब्लॉग लेखन एक स्वतंत्र और रचनात्मक लेखन का रूप है जिसमें शब्द सीमा का कोई निश्चित बंधन नहीं होता।
Step 2: निष्कर्ष.
अतः सही उत्तर है — ब्लॉग।
Quick Tip: ब्लॉग लेखन में विचारों की स्वतंत्रता होती है, इसलिए शब्द सीमा का बंधन आवश्यक नहीं।
(4) मानव सहित पृथ्वी के अधिकांश जीवों के जीवन में ...................... का बहुत महत्त्व है।
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Step 1: वैज्ञानिक तथ्य.
प्रकाश जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। पौधे प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से भोजन बनाते हैं, जिससे जीवन चक्र चलता है।
Step 2: निष्कर्ष.
इसलिए सही उत्तर है — प्रकाश।
Quick Tip: प्रकाश सभी जीवों के अस्तित्व और पारिस्थितिकी संतुलन के लिए आवश्यक तत्व है।
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:
गद्यांश:
एक बार इंग्लैंड के प्रसिद्ध साहित्यसेवी डॉ॰ जॉनसन के पास उनका एक मित्र आया और अफसोस ज़ाहिर करते लगा कि उसे धार्मिक ग्रंथ पढ़ने के लिए समय ही नहीं मिलता।
“क्यों?” डॉ॰ जॉनसन ने पूछा।
“आप ही देखिए, दिन-रात मिलाकर सिर्फ चौबीस घंटे होते हैं, इसमें से आठ घंटे तो सोने में निकल जाते हैं।”
“पर यह बात अब की तो फिर लीजिए है।” डॉ॰ जॉनसन ने कहा।
“और करीब आठ घंटे ऑफिस के काम करने पड़ते हैं।”
“और बाकी आठ घंटे?” डॉ॰ जॉनसन ने पूछा।
“वह तो खाने, पीने, कपड़े बदलने, नहाने-धोने, ऑफिस आने-जाने, मित्रों से मिलने-जुलने, किताबें पढ़ने तथा घरेलू कामों में व्यतीत हो जाते हैं।”
“तब तो मुझे भी तुम्हारा मतलब समझ में आ गया,” डॉ॰ जॉनसन एक गहरी साँस लेकर बोले।
“क्यों? क्या?” मित्र ने पूछा।
“यदि किसी व्यक्ति का सोना, खाना, पीना, नहाना, धोना, और अपने अनुभवों के लिए दुनिया में एक जीवन ही हो पाए, तो जानिए, वह व्यक्ति चौबीस घंटे नहीं, बल्कि सत्तर या अस्सी करोड़ लोगों जैसे अपना पेट भर सकता है।”
“क्या कहा आपने?”
“मैंने कहा कि संसार में करोड़ों लोग हैं जो मेहनत करते हुए भी अपने जीवन में समय नहीं निकाल पाते।”
यह सुनकर मित्र निरुत्तर रह गया। डॉ॰ जॉनसन ने कहा, “एक बार नज़र डालिए — खेतों में किसान हैं, उबल-उबल कर भोजन बनाने वाले, नदी-नालों में रेंगते लोग हैं, कारख़ानों में काम करने वाले मजदूर हैं। यही सच्चे लोग हैं, जो परिश्रम और श्रम की पूजा करते हैं। इन्हीं के श्रम से संसार चलता है। दुनिया में करोड़ों लोग हर दिन आते हैं और उन्हें श्रम मिलता ही नहीं।”
% Sub-question
(1) तालिका पूर्ण कीजिए:
दुनिया में एक-चौथाई ज़मीन पर यह है —
\begin{tabular{|c|
\hline
किसान
\hline
मज़दूर
\hline
नदी-नालों में काम करने वाले लोग
\hline
कारख़ानों में कार्यरत श्रमिक
\hline
\end{tabular
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Step 1: गद्यांश की समझ.
इस गद्यांश में डॉ॰ जॉनसन ने मानव जीवन में श्रम और परिश्रम के महत्त्व पर बल दिया है। वे बताते हैं कि जो लोग निरंतर काम करते हैं, वही सच्चे अर्थों में संसार को चलाते हैं।
Step 2: तालिका का विश्लेषण.
गद्यांश के अनुसार, दुनिया की एक-चौथाई भूमि पर वे लोग रहते हैं जो अपने परिश्रम से जीवन चलाते हैं — जैसे किसान, मजदूर, नदी-नालों में काम करने वाले, और कारख़ानों के श्रमिक।
Step 3: निष्कर्ष.
डॉ॰ जॉनसन का संदेश यह है कि सच्चा मनुष्य वह है जो अपने श्रम से जीवन की सार्थकता सिद्ध करता है।
Quick Tip: श्रम करने वाला व्यक्ति ही जीवन में सच्चा सुख और आत्मसंतोष प्राप्त करता है; श्रम ही जीवन की वास्तविक पूजा है।
(2) परिच्छेद में आए हुए शब्दसमूह के कोई भी चार उदाहरण ढूँढकर लिखिए:
(1) .....................................
(2) .....................................
(3) .....................................
(4) .....................................
(2) खाना-पीना
(3) आना-जाना
(4) उबल-उबल कर
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Step 1: प्रश्न की समझ.
इस प्रश्न में गद्यांश में प्रयुक्त शब्दसमूहों (संयुक्त शब्दों) के उदाहरण देने को कहा गया है। शब्दसमूह वे शब्द होते हैं जो दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बने होते हैं और एक ही अर्थ या भाव को व्यक्त करते हैं।
Step 2: विश्लेषण.
गद्यांश में ऐसे अनेक शब्दसमूह हैं, जैसे — नहाना-धोना, आना-जाना, खाना-पीना, उबल-उबल कर आदि। ये शब्दसमूह किसी क्रिया या स्थिति को सजीव रूप से प्रकट करते हैं।
Step 3: निष्कर्ष.
अतः गद्यांश में प्रयुक्त शब्दसमूह के चार उदाहरण हैं — नहाना-धोना, खाना-पीना, आना-जाना और उबल-उबल कर।
Quick Tip: शब्दसमूह वाक्य को जीवंत बनाते हैं और भाषा की अभिव्यक्ति को सशक्त करते हैं।
(3) ‘समय अनमोल है’ — इस विषय पर अपने विचार 40 से 50 शब्दों में लिखिए।
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Step 1: विषय की व्याख्या.
‘समय अनमोल है’ का अर्थ है — समय का महत्व अमूल्य है क्योंकि यह एक बार चला जाए तो लौटकर नहीं आता।
Step 2: विचार-विस्तार.
हर सफल व्यक्ति अपने समय का सही उपयोग करता है। समय की बर्बादी जीवन की बर्बादी के समान है। जो लोग समय के मूल्य को समझते हैं, वे जीवन में प्रगति करते हैं।
Step 3: निष्कर्ष.
इसलिए समय का सदुपयोग करना और उसे व्यर्थ न जाने देना ही जीवन को सार्थक बनाता है।
Quick Tip: समय सबसे बड़ा शिक्षक है — इसका सम्मान करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी असफल नहीं होता।
(ई) निम्नलिखित में से किन्हीं चार के पारिभाषिक शब्द लिखिए:
(1) Judge
(2) Warning
(3) Balance
(4) Payment
(5) Speed
(6) Antiseptics
(7) Output
(8) Auxiliary Memory
(1) Judge — न्यायाधीश
(2) Warning — चेतावनी
(3) Balance — संतुलन
(4) Payment — भुगतान
(5) Speed — वेग
(6) Antiseptics — जीवाणुनाशक
(7) Output — निष्पादन / निर्गम
(8) Auxiliary Memory — सहायक स्मृति
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Step 1: प्रश्न की व्याख्या.
यह प्रश्न अंग्रेज़ी शब्दों के पारिभाषिक (Technical / Terminological) हिंदी शब्द लिखने पर आधारित है। पारिभाषिक शब्द वे होते हैं जो किसी विषय विशेष के लिए निश्चित और मानक अर्थ में प्रयुक्त होते हैं।
Step 2: चार शब्दों का चयन.
उदाहरण के लिए —
Judge का पारिभाषिक शब्द ‘न्यायाधीश’,
Payment का ‘भुगतान’,
Speed का ‘वेग’, और
Output का ‘निर्गम’ है। ये सभी शब्द हिंदी में तकनीकी रूप से स्वीकृत हैं।
Step 3: निष्कर्ष.
इस प्रकार, किसी भी चार शब्दों के उपयुक्त पारिभाषिक शब्द लिखे जा सकते हैं, जैसे — न्यायाधीश, चेतावनी, भुगतान, वेग, निर्गम आदि।
Quick Tip: पारिभाषिक शब्द किसी विषय की तकनीकी भाषा को स्पष्ट और एकरूप बनाते हैं, इसलिए सही अनुवाद आवश्यक है।
कृति ५ (अ): निम्नलिखित वाक्यों का कोष्ठक में दी गई सूचनाओं के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए (कोई दो):
(1) वैद्य का लहू सूख गया है। \hfill (सामान्य भूतकाल)
(2) सत्य का मार्ग सरल है। \hfill (सामान्य भविष्यकाल)
(3) हमारे भू-मंडल में हवा और पानी बुरी तरह प्रदूषित हुए हैं। \hfill (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(4) मैं वहाँ जाकर मौसी को देख अति दुखी हो गया। \hfill (पूर्ण भूतकाल)
(1) वैद्य का लहू सूख गया। \hfill (सामान्य भूतकाल)
(2) सत्य का मार्ग सरल होगा। \hfill (सामान्य भविष्यकाल)
(3) हमारे भू-मंडल में हवा और पानी बुरी तरह प्रदूषित हो रहे हैं। \hfill (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(4) मैं वहाँ जाकर मौसी को देख चुका था। \hfill (पूर्ण भूतकाल)
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Step 1: प्रश्न की व्याख्या.
प्रश्न में प्रत्येक वाक्य के काल को परिवर्तित करने के लिए निर्देश दिया गया है। काल परिवर्तन करते समय क्रिया के रूप और सहायक क्रिया का प्रयोग बदल जाता है।
Step 2: विश्लेषण.
(1) ‘सूख गया है’ में ‘है’ को हटाकर सामान्य भूतकाल में ‘सूख गया’ किया गया।
(2) ‘सरल है’ को भविष्यकाल में बदलने पर ‘सरल होगा’ बनता है।
(3) ‘प्रदूषित हुए हैं’ का अपूर्ण वर्तमानकाल रूप ‘प्रदूषित हो रहे हैं’ होगा।
(4) ‘दुखी हो गया’ का पूर्ण भूतकाल रूप ‘देख चुका था’ होगा।
Step 3: निष्कर्ष.
प्रत्येक वाक्य के काल परिवर्तन में सहायक क्रिया (है, था, रहे हैं, होगा आदि) को काल के अनुसार बदला गया है।
Quick Tip: काल परिवर्तन करते समय क्रिया के रूप और सहायक क्रिया का सही प्रयोग बहुत आवश्यक होता है।
(आ) निम्नलिखित पंक्तियों में उद्धृत अलंकार पहचानकर उनके नाम लिखिए (कोई दो):
(1) प्यारे जी मैंने राम रतन धन पायो।
(2) राधा-बदन चंद सो सुंदर।
(3) चढ़ी अनंगन नंदि अंबार।
भूड़ा उतरै कैसे पार।।
राणा ने सोचा इह पार।
तब तक पेखत झा उस पार।।
(4) एक प्राण में दो तलवारें, कभी नहीं रह सकती हैं।
किसी और पर प्रेम पिया का, नारी नहीं रह सकती है।
(1) प्यारे जी मैंने राम रतन धन पायो — \textbf{रूपक अलंकार}
(2) राधा-बदन चंद सो सुंदर — \textbf{उपमा अलंकार}
(3) राणा ने सोचा इह पार... तब तक पेखत झा उस पार — \textbf{श्लेष अलंकार}
(4) एक प्राण में दो तलवारें... — \textbf{उपमेय-उपमान रूपक अलंकार}
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Step 1: प्रश्न की व्याख्या.
यह प्रश्न अलंकारों की पहचान पर आधारित है। अलंकार का अर्थ होता है — वह गुण जो काव्य को शोभनीय, मधुर और प्रभावशाली बनाता है। प्रत्येक उदाहरण में प्रयुक्त भाव या तुलना के आधार पर अलग-अलग अलंकार उपस्थित हैं।
Step 2: प्रत्येक पंक्ति का विश्लेषण.
(1) “राम रतन धन पायो” — यहाँ राम के गुणों को धन के समान बताया गया है, अतः रूपक अलंकार है।
(2) “राधा-बदन चंद सो सुंदर” — यहाँ राधा के मुख की तुलना चंद्र से की गई है, अतः उपमा अलंकार है।
(3) “राणा ने सोचा इह पार...” — यहाँ ‘पार’ शब्द का दो अर्थों में प्रयोग हुआ है (नदी का किनारा और समस्या का समाधान), अतः श्लेष अलंकार है।
(4) “एक प्राण में दो तलवारें...” — यहाँ रूपक के माध्यम से यह बताया गया है कि एक मन में दो प्रेम नहीं रह सकते, अतः रूपक अलंकार है।
Step 3: निष्कर्ष.
प्रत्येक पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार कवि की कल्पनाशक्ति और भाषा की सुंदरता को उजागर करता है।
Quick Tip: काव्य में अलंकारों का प्रयोग भाषा को अधिक प्रभावशाली, सुंदर और भावनात्मक बनाता है।
(इ) निम्नलिखित पंक्तियों में उद्धृत रस पहचानकर उनके नाम लिखिए (कोई दो):
(1) सुकुकु-सुकुकु नास से पित्त (मवाद) निकल रहा है,
नाकिका से स्रवण पदार्थ निकल रहा है।
(2) राम के रूप निहारति जानकी, कंकन के मन की परछाई।
यामिनी बैरु भुली गई, कर टेंकति ऐर तारता नाही।।
(3) माला फेरत जुग गया, मन न फिरतो फेर।
कर का मनका फेर दे, मन का मनका फेर।।
(4) तू दयालु दीन बंधु, तू तारन के अधिकारी।
हिं प्रबल दुःख पातकी, तू प्रभु पुकारारी।।
(1) \textbf{बीभत्स रस} — घृणा या वितृष्णा का भाव व्यक्त करता है।
(2) \textbf{श्रृंगार रस} — प्रेम और सौंदर्य का भाव प्रकट करता है।
(3) \textbf{शांत रस} — आत्मसंयम और वैराग्य की भावना व्यक्त करता है।
(4) \textbf{भक्ति रस} — ईश्वर के प्रति समर्पण और श्रद्धा का भाव प्रकट करता है।
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Step 1: प्रश्न की व्याख्या.
इस प्रश्न में विभिन्न कविताओं की पंक्तियों में छिपे रसों की पहचान करनी है। रस वह भाव है जो काव्य को आनंदमय बनाता है और पाठक के मन में विशिष्ट भावना उत्पन्न करता है।
Step 2: विश्लेषण.
(1) “सुकुकु-सुकुकु नास से पित्त निकल रहा है” — यहाँ शरीर से मवाद निकलने की घृणित स्थिति का वर्णन है, अतः बीभत्स रस।
(2) “राम के रूप निहारति जानकी...” — प्रेम और सौंदर्य के भाव से युक्त, अतः श्रृंगार रस।
(3) “माला फेरत जुग गया...” — मन के वैराग्य और आत्मचिंतन की भावना है, अतः शांत रस।
(4) “तू दयालु दीन बंधु...” — ईश्वर के प्रति समर्पण, प्रार्थना और श्रद्धा का भाव प्रकट करता है, अतः भक्ति रस।
Step 3: निष्कर्ष.
प्रत्येक रस काव्य की भावभूमि और कवि की अनुभूति को सशक्त बनाता है, जिससे काव्य में रसात्मकता उत्पन्न होती है।
Quick Tip: काव्य में रस वही होता है जो पाठक के मन में भावात्मक आनंद उत्पन्न करे — यह काव्य की आत्मा माना गया है।
(ई) निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर उचित वाक्यों में प्रयोग कीजिए (कोई दो):
(1) वाह-वाह करना।
(2) टस से मस न होना।
(3) दिन दूना रात चौगुना बढ़ना।
(4) चार चाँद लगाना।
(1) \textbf{वाह-वाह करना —} प्रशंसा करना।
\textbf{वाक्य —} कवि की सुंदर रचना सुनकर सभी लोग \textbf{वाह-वाह करने लगे।}
(2) \textbf{टस से मस न होना —} ज़रा भी न हिलना या अडिग रहना।
\textbf{वाक्य —} लाख समझाने पर भी वह अपनी बात पर \textbf{टस से मस नहीं हुआ।}
(3) \textbf{दिन दूना रात चौगुना बढ़ना —} बहुत तेज़ी से प्रगति करना।
\textbf{वाक्य —} हमारे देश की तकनीक \textbf{दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है।}
(4) \textbf{चार चाँद लगाना —} किसी चीज़ की शोभा बढ़ाना।
\textbf{वाक्य —} उसकी मधुर आवाज़ ने समारोह में \textbf{चार चाँद लगा दिए।}
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Step 1: प्रश्न की व्याख्या.
इस प्रश्न में मुहावरों के अर्थ समझकर उन्हें उचित वाक्यों में प्रयोग करना है। मुहावरे किसी भाषा की सजीवता और अभिव्यक्ति को प्रभावशाली बनाते हैं।
Step 2: विश्लेषण.
प्रत्येक मुहावरे का अर्थ किसी व्यवहार या परिस्थिति से जुड़ा होता है। उदाहरण के लिए, “टस से मस न होना” किसी के हठ या अडिगता को दर्शाता है, जबकि “चार चाँद लगाना” किसी वस्तु या अवसर की सुंदरता को बढ़ाता है।
Step 3: निष्कर्ष.
मुहावरों का प्रयोग लेखन और भाषण को अधिक अभिव्यंजक और आकर्षक बनाता है।
Quick Tip: मुहावरों का सही और सटीक प्रयोग भाषा को रोचक, जीवंत और प्रभावशाली बनाता है।
(उ) निम्नलिखित वाक्यों को दृष्टि करके वाक्य फिर से लिखिए (कोई दो):
(1) उनकी व्याख्या की स्पष्टता जानने का मुझे एक अवसर मिला है।
(2) ऐश्वर्य असावधानी भी अपरिहार्य है।
(3) सुधारक आते हैं, जिनका जीवन की इन विडंबनाओं पर प्रहार करते हैं।
(4) यहाँ स्वाभाविक रूप से सवाल उठता है कि इस्तेमाल में आने वाले इन यौगिकों का आखिर होता क्या है।
(1) मुझे उनकी व्याख्या की स्पष्टता जानने का एक अवसर मिला है।
(2) ऐश्वर्य के साथ असावधानी भी अपरिहार्य है।
(3) सुधारक आते हैं, जो जीवन की इन विडंबनाओं पर प्रहार करते हैं।
(4) यहाँ स्वाभाविक रूप से यह सवाल उठता है कि इस्तेमाल में आने वाले इन यौगिकों का अंत क्या होता है।
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Step 1: प्रश्न की व्याख्या.
इस प्रश्न में दिए गए वाक्यों को पुनर्लेखन के माध्यम से व्याकरणिक रूप से शुद्ध बनाना है। वाक्य की रचना और शब्द क्रम को ठीक करके उसका सही रूप लिखना होता है।
Step 2: विश्लेषण.
(1) पहले वाक्य में “उनकी व्याख्या की स्पष्टता जानने का मुझे” की जगह “मुझे उनकी व्याख्या की स्पष्टता जानने का” सही है।
(2) “ऐश्वर्य असावधानी भी अपरिहार्य है” में “के साथ” जोड़ने से वाक्य का अर्थ स्पष्ट हो जाता है।
(3) “जिनका जीवन की इन विडंबनाओं पर प्रहार करते हैं” में “जिनका” की जगह “जो” सही शब्द है।
(4) चौथे वाक्य में “आखिर होता क्या है” की जगह “अंत क्या होता है” अधिक उपयुक्त है।
Step 3: निष्कर्ष.
वाक्य पुनर्लेखन करते समय अर्थ, व्याकरण और क्रम — तीनों का ध्यान रखना आवश्यक है। इससे भाषा अधिक शुद्ध और प्रभावशाली बनती है।
Quick Tip: वाक्य पुनर्लेखन करते समय सबसे पहले कर्ता, क्रिया और कर्म के सही क्रम पर ध्यान दें; इससे वाक्य स्वतः शुद्ध हो जाता है।



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