Maharashtra Board Class 10 Hindi Question Paper 2025 PDF (Code N 817) is available for download here. The Hindi exam was conducted on March 3, 2025 from 11:00 AM to 2:00 PM. The Maharashtra State Board of Secondary and Higher Secondary Education (MSBSHSE) conducted the Class 10 Hindi examination for a total duration of 3 hours, and the question paper had a total of 80 marks.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Question Paper 2025 (Code N 817) with Solutions
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निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
Question 1:
उत्तर दीजिए :


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Step 1: Understanding the Question:
प्रश्न पूछता है कि गद्यांश के अनुसार, सार्वजनिक अस्पताल में भर्ती होना किस घटना के समान है।
Step 2: Detailed Explanation:
गद्यांश की अंतिम पंक्तियों में लेखक अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए कहता है, "अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया।"
यह पंक्ति स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि लेखक सार्वजनिक अस्पताल में भर्ती होने को आत्मा के परमात्मा से मिलन (अर्थात् मृत्यु) के समान भयावह मानता है।
Step 3: Final Answer:
अतः, सार्वजनिक अस्पताल में भर्ती होना आत्मा के परमात्मा से मिलन जैसा है।
Quick Tip: गद्यांश में दिए गए मुहावरों, उपमाओं और व्यंग्यात्मक कथनों पर विशेष ध्यान दें। ये अक्सर लेखक के दृष्टिकोण और पाठ के गहरे अर्थ को समझने की कुंजी होते हैं।
उत्तर लिखिए :

गद्यांश में उल्लेखित अंग्रेजी शब्द लिखिए।
निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में उल्लेखित समानार्थी शब्द लिखिए :
(1) रुग्णालय
(2) शक्ल
सार्वजनिक रुग्णालयों की स्थिति के बारे में 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
हमने अपने जीवन में बाबू जी के रहते अभाव नहीं देखा। उनके न रहने के बाद जो कुछ मुझपर बीता, वह एक दूसरी तरह का अभाव था कि मुझे बैंक की नौकरी करनी पड़ी। लेकिन उससे पूर्व बाबू जी के रहते मैं जब जन्मा था तब वे उत्तर प्रदेश में पुलिस मंत्री थे। उस समय गृहमंत्री को पुलिस मंत्री कहा जाता था। इसलिए मैं हमेशा कल्पना किया करता था कि हमारे पास ये छोटी गाड़ी नहीं, बड़ी आलीशान गाड़ी होनी चाहिए। बाबू जी प्रधानमंत्री हुए तो वहाँ जो गाड़ी थी वह थी, इंपाला शेवरलेट। उसे देख-देख बड़ा जी करता कि मौका मिले और उसे चलाऊँ। प्रधानमंत्री का लड़का था। कोई मामूली बात नहीं थी। सोचते-विचारते, कल्पना की उड़ान भरते एक दिन मौका मिल गया। धीरे-धीरे हिम्मत भी खुल गई थी ऑर्डर देने की। हमने बाबू जी के निजी सचिव से कहा- "सहाय साहब, जरा ड्राइवर से कहिए, इंपाला लेकर रेजिडेंस की तरफ आ जाएँ।"
दो मिनट में गाड़ी आकर दरवाजे पर लग गई। अनिल भैया ने कहा- "मैं तो इसे चलाऊँगा नहीं। तुम्हीं चलाओ।"
मैं आगे बढ़ा। ड्राइवर से चाभी माँगी। बोला-"तुम बैठो, आराम करो, हम लोग वापस आते हैं अभी।
Question 7:
कृति पूर्ण कीजिए :
(i) 

बाबू जी के न रहते - बैंक की नौकरी करनी पड़ी।
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Step 1: Understanding the Concept:
इस कृति में लेखक के जीवन पर उसके पिता (बाबू जी) के जीवित रहते और उनके न रहने के बाद पड़े प्रभाव की तुलना करनी है।
Step 2: Detailed Explanation:
1. बाबू जी के रहते: गद्यांश की पहली पंक्ति है, "हमने अपने जीवन में बाबू जी के रहते अभाव नहीं देखा।"
2. बाबू जी के न रहते: गद्यांश की दूसरी पंक्ति में लिखा है, "उनके न रहने के बाद जो कुछ मुझपर बीता, वह एक दूसरी तरह का अभाव था कि मुझे बैंक की नौकरी करनी पड़ी।"
इन दोनों वाक्यों से कृति के लिए आवश्यक जानकारी मिल जाती है।
Step 3: Final Answer:
बाबू जी के रहते लेखक ने जीवन में कोई अभाव नहीं देखा और उनके न रहने पर लेखक को बैंक की नौकरी करनी पड़ी।
Quick Tip: तुलनात्मक प्रश्नों के लिए, गद्यांश में उन वाक्यों को रेखांकित करें जो दोनों स्थितियों का वर्णन करते हैं। इससे उत्तर लिखने में आसानी होती है।
उत्तर लिखिए :
(i) लेखक यह कल्पना किया करते थे
(ii) लेखक के जन्म के समय बाबू जी उत्तर प्रदेश में
(i) गद्यांश में उल्लेखित विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए :
गद्यांश में उल्लेखित शब्दयुग्म ढूँढ़कर लिखिए :
'सादा जीवन, उच्च विचार' इस विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
परोपकार ही मानवता है, जैसा कि राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने लिखा है-'वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे।' केवल अपने दुख-सुख की चिंता करना मानवता नहीं, पशुता है। परोपकार ही मानव को पशुता से सदय बनाता है। वस्तुतः निःस्वार्थ भावना से दूसरों का हित साधना ही परोपकार है। मनुष्य अपनी सामर्थ्य के अनुसार परोपकार कर सकता है। दूसरों के प्रति सहानुभूति करना ही परोपकार है और सहानुभूति किसी भी रूप में प्रकट की जा सकती है। किसी निर्धन की आर्थिक सहायता करना अथवा किसी असहाय की रक्षा करना परोपकार के रूप हैं। किसी पागल अथवा रोगी की सेवा-शुश्रूषा करना अथवा भूखे को अन्नदान करना भी परोपकार है। किसी को संकट से बचा लेना, किसी को कुमार्ग से हटा देना, किसी दुखी-निराश को सांत्वना देना- ये सब परोपकार के ही रूप हैं। कोई भी कार्य, जिससे किसी को लाभ पहुँचता है, परोपकार है, जो अपनी सामर्थ्य के अनुसार विभिन्न रूपों में किया जा सकता है।
Question 13:
कोष्ठक में दिए गए शब्दों में से उचित शब्द चुनकर तालिका पूर्ण कीजिए :
(सांत्वना, पशुता, सेवा-शुश्रूषा, मानवता, सामर्थ्य)

'मानवता ही सच्चा धर्म है' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
कृति पूर्ण कीजिए :

(i) पद्यांश से लय-ताल युक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए :
निम्नलिखित प्रत्यययुक्त शब्दों के मूलशब्द पद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए :
(1) दयालु
(2) प्राकृतिक
उपर्युक्त पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर लिखिए :
{पद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए :
(i) निम्न अर्थ के शब्द :
(1) झुकना
(2) मटमैला
उपसर्गयुक्त शब्द
उपर्युक्त पद्यांश की अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
कृति पूर्ण कीजिए :

"भ्रष्टाचार एक कलंक" विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
आकृति पूर्ण कीजिए :
(i) 
आकृति पूर्ण कीजिए :
'कोशिश करने वालों की हार नहीं होती' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
(1) अधोरेखांकित शब्द का शब्दभेद पहचानकर लिखिए :
वे हलुवा-पूड़ी और \underline{ताजी दूध-मलाई खाते हैं।
निम्नलिखित अव्ययों में से किसी एक अव्यय का अर्थपूर्ण वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) और
(ii) के पास
कृति पूर्ण कीजिए :
निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य की सहायक क्रिया पहचानकर उसका मूल रूप लिखिए:
(i) वे पुस्तक पकड़े न रख सके।
(ii) अवश्य ही लोग खा-पीकर चले गए।
निम्नलिखित में से किसी एक क्रिया का प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए :
क्रिया & प्रथम प्रेरणार्थक रूप & द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
देखना
तोड़ना
निम्नलिखित मुहावरों में से किसी एक मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) मुँह लाल होना
(ii) टाँग अड़ाना
अथवा
अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए :
(तिलमिला जाना, काँप उठना)
पंडित बुद्धिराम काकी को देखते ही \underline{क्रोध में आ गए।
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारकों में से कोई एक कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए :
(i) चाची अपने कमरे से निकल गयी थी।
(ii) कुछ समय के लिए विश्राम मिल जाता है।
निम्नलिखित वाक्य में यथास्थान उचित विराम-चिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए :
जल्दी जल्दी पैर बढ़ा
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
(i) आराम हराम हुआ है।
(अपूर्ण वर्तमानकाल)
(ii) वे बाजार से नई पुस्तक खरीदते हैं।
(पूर्ण भूतकाल)
(iii) मैंने खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कहा।
(सामान्य भविष्यकाल)
निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
वह बूढ़ी काकी पर झपटी और उन्हें हाथों से झटककर बोली।
निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :
(1) मैं आज रात का खाना नहीं खाऊँगा। (विधानार्थक वाक्य)
(2) मानू इतना ही बोल सकी। (प्रश्नार्थक वाक्य)
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए :
(i) लक्ष्मी का एक झूब्बेदार पूँछ था।
(ii) घर में तख्ते के रखे जाने का आवाज आता है।
(iii) सामने शेर देखकर यात्री का प्राण मानो मुरझा गया।



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