MH Board Class 10 Hindi (02-N-502) Question Paper 2024 PDF is available for download here. The total marks for the theory paper are 70. Students reported the paper to be easy to moderate.
MH Board Class 10 Hindi (02-N-502) Question Paper 2024 with Solutions
| MH Board Class 10 Hindi (02-N-502) Question Paper 2024 with Answer Key | Download | Check Solutions |

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
मेरे मन में ढेरों सवाल उठते । आखिर ये इस तरह 'वी' आकार बनाकर क्यों उड़ रहे हैं ? ये सब कहीं जा रहे हैं ? सबसे पीछे वाला सबसे आगे क्यों नहीं आने की कोशिश कर रहा ? बीचवाला क्यों अपनी जगह पर उसी रफ्तार से चला जा रहा है ? क्या किसी ने इन्हें निर्देश दिया है कि ऐसे ही उड़ना है ? कौन है इनका निर्देशक ?
बहुत से सवाल लेकर जब मैं माँ के पास आता, तो माँ मेरा सिर सहलाती। कहती कि ये मानसरोवर के राजहंस हैं।
"तो ये सारे हंस जो इस तरह एक गति से उड़ते हैं, उसका क्या मतलब हुआ ?"
"ये आपस में रिश्तेदार हैं। "
"सबसे आगे वाला उनका नेता होता है। वही उड़ने की रफ्तार और दिशा तय करता है। उसके पंखों को बाकियों से ज्यादा मेहनत करनी होती है। सामने आने वाले खतरों को वह पहले पहचानता है। वह हवा को काटता है। उसके बाद बाकी के हंस हवा को काटते हुए चलते हैं और अपने से पीछे उड़ने वाले हंसों के लिए वह उड़ान को आसान बनाते चलते हैं।" - माँ कहतीं।
Question 1:
कृति पूर्ण कीजिए :
लेखक के मन में उठे सवाल
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
लेखक के मन में उठे सवालों का क्रम इस प्रकार है: वे अपने विचारों में उलझे हुए हैं और एक के बाद एक सवाल उठाते जा रहे हैं, जैसे कि 'क्यों उड़ रहे हैं?', 'यह सवाल कहां जा रहे हैं?' और 'इसका क्या समाधान है?'. इन सवालों का समाधान लेखक के मन में क्रमशः उभरता है। लेखक ने समाज में घटित होने वाली घटनाओं के संदर्भ में विभिन्न सवाल उठाए हैं, जैसे कि "यह बदलाव क्यों हो रहा है?" और "समाज में क्या हो रहा है?" इन सवालों का उद्देश्य समाज के वर्तमान बदलावों को समझना है।
विशेषताएँ लिखिए :
सबसे आगे वाले हंस
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
सबसे आगे वाले हंस की विशेषताएँ इस प्रकार हैं: यह समूह में सबसे अग्रणी होता है, जो नेतृत्व करता है और शेष हंसों का मार्गदर्शन करता है। इसके द्वारा किया गया हर कदम समूह के अन्य हंसों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करता है।
पक्षियों में पाया जाने वाला अनुशासन' विषय पर 30 से 40 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
पक्षियों में अनुशासन देखने को मिलता है, विशेष रूप से जब वे झुंड में उड़ते हैं। प्रत्येक पक्षी एक दूसरे का अनुसरण करता है और एक दिशा में उड़ते हुए समूह की एकता बनाए रखता है। यह सामूहिकता और सहयोग का प्रतीक है, जिससे वे अपने उद्देश्यों को जल्दी और सुरक्षित रूप से प्राप्त कर पाते हैं।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
मेरा जीवन एक खुली किताब रहा है। मेरे न कोई रहस्य हैं और न मैं रहस्यों को प्रश्रय देता हूँ । मैं पूरी तरह भला बनने के लिए संघर्षरत एक अदना सा इनसान हूँ। मैं मन, वाणी और कर्म से पूरी तरह सच्चा और पूरी तरह अहिंसक बनने के लिए संघर्षरत हूँ । यह लक्ष्य सच्चा है, यह मैं जानता हूँ पर उसे पाने में बार-बार असफल हो जाता हूँ। मैं मानता हूँ कि इस लक्ष्य तक पहुँचना कष्टकर है पर यह कष्ट मुझे निश्चित आनंद देने वाला लगता है। इस तक पहुँचने की प्रत्येक सीढ़ी मुझे अगली सीढ़ी तक पहुँचने के लिए शक्ति तथा सामर्थ्य देती है।
जब मैं एक और अपनी लपता और अपनी सीमाओं के बारे में सोचना हूँ और दूसरी और मुझमे लोगों की जो अपेक्षाएँ हो गई हैं, उनकी बात सोचना है तो एक क्षण के लिए तो मैं स्तब्ध रह जाता है। फिर यह समझकर प्रकृतिस्थ हो जाता हूँ कि ये अपेक्षाएँ मुझसे नहीं हैं। ये सत्य और अहिंसा के दो अमूल्य गुर्णी के मुझमें अवतरण है। यह अवतरण कितना ही अपूर्ण हो पर मुझमें अपेक्षाकृत अधिक द्रष्टव्य है।
Question 4:
लेखक का जीवन एक खुली किताब है-
View Solution
लेखक का जीवन एक खुली किताब इस प्रकार है क्योंकि वह न कोई रहस्य रखते हैं और न ही किसी को अपने जीवन का प्रश्न उठाने से रोकते हैं। वह अपने जीवन को पूरी तरह से सभी के सामने प्रस्तुत करते हैं।
लेखक प्रकृतिस्थ हो जाते हैं-
View Solution
लेखक प्रकृतिस्थ हो जाते हैं क्योंकि वह पूरी तरह से अपनी आत्मा और मन को प्रकृति से जोड़ते हैं, जिससे वह हर स्थिति में स्थिर रहते हैं और प्रकृति के साथ एक गहरा संबंध महसूस करते हैं।
लेखक में इन गुणों का अवतरण है।
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
लेखक में जो गुण हैं, वे उसके जीवन के अनुभवों और उसकी प्रकृति से जुड़ाव के कारण विकसित हुए हैं। यह गुण उसे हर स्थिति में शांति और संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
लेखक इनके बारे में सोचते हैं।
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
लेखक इन गुणों के बारे में सोचते हैं क्योंकि ये उनके जीवन के अनुभवों से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण बातें हैं, जो उनके व्यक्तित्व और मानसिक शांति को आकार देती हैं। उनका मन इन गुणों के प्रति एक गहरी समझ और श्रद्धा रखता है।
‘कथनी और करनी में समानता होनी चाहिए' विषय पर 30 से 40 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
कथनी और करनी में समानता होना अत्यंत आवश्यक है। केवल शब्दों से काम नहीं चलता, जब तक हम अपने कर्मों से उन शब्दों को वास्तविकता में नहीं बदलते। यह जीवन में ईमानदारी और सही मार्गदर्शन का प्रतीक है, जो समाज में विश्वास और सम्मान स्थापित करता है।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
यह एक 'साधारण महिला' की असाधारण कहानी है, जो अपनी असाधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से प्रोत्साहन व प्रेरणा लेकर सफलता के शिखर पर पहुँची है।
वहाँ अंतरिक्ष में रहते हुए सुनीता का मन बारिश में भीगने, समुद्र या झील या फिर सरोवर में तैरने को कर रहा था। दरअसल अंतरिक्ष में रहते हुए हरदम गंदगी - सी महसूस होती है। भारहीनता के कारण पसीने की बूँदें त्वचा से चिपकी रहती हैं और धीरे-धीरे इकट्ठा होकर त्वचा को छोड़ देती हैं, लेकिन किसी चीज से टकराने से पहले वे इधर-उधर तैरती-सी रहती हैं।
कभी-कभी सुनीता का पृथ्वी को स्पर्श करने का मन करता था। वह अपोलो के अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में सोचने लगती थी और यह सोचती थी कि चंद्रमा पर पूरी तरह उतरने से पहले ही पृथ्वी पर वापस आना उन्हें कितना निराशाजनक लगा होगा।
रात होते ही पृथ्वी जैसे टिमटिमाने लगती थी और जो क्षेत्र दिन में वीरान
दिखाई दे रहे थे, वे चमत्कारी रूप से छोटी-छोटी बत्तियों के प्रकाश से जगमगा उठते थे। ऐसे में सुनीता का जी करता था, 'समुद्र में डुबकी लगाने का'।
Question 9:
कृति पूर्ण कीजिए:
अंतरिक्ष में सुनीता का मन करता था-
\(\downarrow\)
(i) ...........
\(\downarrow\)
(ii) ...........
\(\downarrow\)
(iii) ...........
\(\downarrow\)
(iv) ...........
View Solution
अंतरिक्ष में सुनीता का मन निम्नलिखित बातों में करता था:
(i) बारिश में भीगने का, क्योंकि वह पृथ्वी के प्राकृतिक अनुभवों से जुड़ी थी।
(ii) समुद्र, झील या सरोवर में तैरने का, क्योंकि अंतरिक्ष में रहते हुए वह जल तत्व की कमी महसूस करती थी।
(iii) पृथ्वी को स्पर्श करने का, क्योंकि वह अंतरिक्ष में रहकर पृथ्वी की कमी महसूस करती थी।
(iv) समुद्र में डुबकी लगाने का, क्योंकि उसे पृथ्वी की चमत्कारी और प्राकृतिक सुंदरता का एहसास था।
कृति पूर्ण कीजिए:
अंतरिक्ष में भारहीनता के कारण पसीने की बूँदों की अवस्था
\(\downarrow\)
(i) ............
\(\downarrow\)
(ii) ............
View Solution
अंतरिक्ष में भारहीनता के कारण पसीने की बूँदों की अवस्था इस प्रकार होती है:
(i) वे त्वचा से चिपकी रहती हैं, क्योंकि भारहीनता के कारण वे सामान्य रूप से नीचे नहीं गिर सकतीं।
(ii) वे इधर-उधर तैरती-सी रहती हैं, क्योंकि पसीने की बूँदें बिना गुरुत्वाकर्षण के तैरती रहती हैं।
'परिवार से प्रोत्साहन तथा प्रेरणा का महत्त्व' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
परिवार से प्रोत्साहन और प्रेरणा जीवन की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। परिवार का समर्थन व्यक्ति को आत्मविश्वास और सफलता की ओर प्रेरित करता है, जिससे वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
ऊर्ध्वतम ही है चलना
जैसे पृथिवी चलकर गौरीशंकर बनती !
छूट गए पीछे
कस्तूरी मृगवाले वे
मधु मानव से उत्सव जंगल,
ग्रीष्म तपे
बियारे झरे पात की
वे वनानियाँ,
गिरे चीड़फूलों से लदी भूमि
औ' औषधियों के वल्कल पहने
परम हितैषी वृक्ष
सभी कुछ छूट गए।
Question 12:
View Solution

प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
View Solution
प्रथम चार पंक्तियाँ हमें यह समझाती हैं कि जीवन में निरंतर उन्नति की ओर बढ़ना चाहिए। जैसे पृथ्वी के कदम चलते हैं और गौरीशंकर बनते हैं, वैसे ही हमें भी निरंतर प्रयास करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए।
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए:
'ब्रजवासी'
मुद्दे :
View Solution
(1) रचनाकार का नाम:
'ब्रजवासी' कविता के रचनाकार सूरदास हैं। वे 16वीं शताब्दी के प्रसिद्ध हिंदी कवि थे, जो भक्तिकाव्य के महान रचनाकार के रूप में जाने जाते हैं।
(2) रचना की विधा:
यह रचना भक्ति काव्य की श्रेणी में आती है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्तिपूर्ण प्रेम और उनकी लीलाओं का वर्णन किया गया है।
(3) पसंद की पंक्तियाँ:
"ब्रज में बसा है जो प्यारा, वह कृष्ण है हमारा।"
(4) पंक्तियाँ पसंद होने का कारण:
इन पंक्तियों में ब्रजवासियों की भगवान श्री कृष्ण के प्रति निस्वार्थ प्रेम और श्रद्धा को दर्शाया गया है। यह पंक्ति मुझे इसलिए पसंद है क्योंकि इसमें भगवान के प्रति भक्ति का भाव अत्यंत गहराई से व्यक्त किया गया है।
(5) रचना से प्राप्त संदेश / प्रेरणा:
इस रचना से यह संदेश मिलता है कि हमें अपने जीवन में भक्ति और प्रेम का भाव बनाए रखना चाहिए। भगवान के प्रति निष्ठा और समर्पण से हम जीवन में शांति और संतुलन प्राप्त कर सकते हैं।
'चलो हम दीप जलाएँ'
मुद्दे :
View Solution
(1) रचनाकार का नाम:
'चलो हम दीप जलाएँ' कविता के रचनाकार कवि शंकर पाटिल हैं। वे एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और लेखक हैं।
(2) रचना की विधा:
यह रचना भक्ति और प्रेरणा काव्य की श्रेणी में आती है, जिसमें जीवन के हर पहलू में उजाले के महत्व को दर्शाया गया है।
(3) पसंद की पंक्तियाँ:
"चलो हम दीप जलाएँ, अंधकार को दूर भगाएँ।"
(4) पंक्तियाँ पसंद होने का कारण:
इन पंक्तियों में जीवन में अंधकार को दूर करने के लिए सकारात्मकता और आशा का संदेश दिया गया है। ये पंक्तियाँ मुझे इसलिए पसंद हैं क्योंकि यह हमें प्रेरित करती हैं कि हमें हर स्थिति में उजाला फैलाना चाहिए।
(5) रचना से प्राप्त संदेश / प्रेरणा:
इस रचना से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें अपने जीवन और समाज में सकारात्मकता और रोशनी फैलानी चाहिए। यह हमें सिखाती है कि अंधकार से जूझने के बजाय हमें उजाले की ओर बढ़ना चाहिए।
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
दुर्गा प्र. नौटियाल : आपने अब तक काफी साहित्य रचा आपने अब तक काफी साहित्य रचा है। क्या आप इससे संतुष्ट हैं ?
शिवानी : जहाँ तक संतुष्ट होने का संबंध है, मैं समझती हूँ कि किसी को भी अपने लेखन से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। मैं चाहती हूँ कि ऐसे लक्ष्य को सामने रखकर कुछ ऐसा लिखूँ कि जिस परिवेश को पाठक ने स्वयं भोगा है, उसे जीवंत कर दूँ। मुझे तब बहुत ही अच्छा लगता जब कोई पाठक मुझे लिख भेजता है कि आपने अमुक-अमुक चरित्र का वास्तविक वर्णन किया है अथवा फल-फलाँ चरित्र, लगता है, हमारे ही बीच है। लेकिन साथ ही मैं यह मानती हूँ कि लोकप्रिय होना न इतना आसान और न ही उसे बनाए रखना आसान है। मैं गत पचास वर्षों से बराबर लिखती आ रही हूँ। पाठक मेरे लेखन को खूब सराह रहे हैं। मेरे असली आलोचक तो मेरे पाठक हैं, जिनसे मुझे प्रशंसा और स्नेह भरपूर मात्रा में मिलता रहा है। शायद यही कारण है कि मैं अब तक बराबर लिखती आई हूँ।
Question 18:
लेखिका
\(\downarrow\)
मानती है
\(\downarrow\)
........
\(\downarrow\)
........
View Solution
लेखिका मानती है कि कोई भी लेखक अपने लेखन से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। वे चाहती हैं कि वे ऐसा लिखें जिससे पाठक अपने जीवन के अनुभवों को जीवंत रूप से महसूस कर सकें। साथ ही, लेखिका यह भी मानती हैं कि लोकप्रियता प्राप्त करना और उसे बनाए रखना दोनों ही कठिन हैं।
लेखिका को
\(\downarrow\)
पाठकों से मिलता रहा है
\(\downarrow\)
----------
\(\downarrow\)
----------
View Solution
लेखिका को पाठकों से प्रशंसा और स्नेह मिलता रहा है। उन्हें पाठकों से यह फीडबैक प्राप्त हुआ है कि उनके द्वारा लिखे गए चरित्र वास्तविक और जीवंत महसूस होते हैं, जैसे वे पाठकों के ही बीच से लिए गए हों।
'परिवेश का प्रभाव व्यक्तित्व पर होता है' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
परिवेश का व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जो वातावरण हममें होता है, वह हमारे विचार, व्यवहार और आदतों को आकार देता है। यदि परिवेश सकारात्मक हो, तो व्यक्तित्व में भी सकारात्मकता आ सकती है।
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
जहाँ पर भाईयों में प्यार का सागर नहीं होता,
वो ईंटों का मर्को होता है, लेकिन घर नहीं होता।
जो अपने देश पर कटने का जज्बा ही न रखता हो,
वो चाहे कुछ भी हो सकता है, लेकिन सर नहीं होता।
जो समझौते की बातें हैं, खुले दिल से ही होती हैं,
जो हम मिलते हैं उनसे, हाथ में खंजर नहीं होता।
हकीकत और होती है, नजर कुछ और आता है,
जहाँ पर फूल खिलते हैं, वहाँ पत्थर नहीं होता।
Question 21:
जहाँ भाईयों में प्यार होता है वहाँ- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
परिवार होता है।
जिसमें अपने देश पर कटने का जज्बा होता है उसे- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
सर होता है।
जहाँ समझौते की बातें होती हैं वहाँ- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
हाथ में खंजर नहीं होता।
जहाँ फूल खिलते हैं वहाँ- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
वहाँ पत्थर नहीं होता।
'अपनत्व की भावना' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
अपनत्व की भावना व्यक्ति को दूसरों से जोड़े रखती है। यह भावना रिश्तों को मजबूत बनाती है और विश्वास का निर्माण करती है। अपनत्व का अनुभव व्यक्ति को मानसिक शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।
धीरे-धीरे
View Solution
धीरे-धीरे :
धीरे-धीरे वह अपनी मंजिल तक पहुँच गया।
के लिए
View Solution
के लिए :
यह पुस्तक आपके लिए है।
कृति पूर्ण कीजिए:

View Solution

निम्नलिखित सामासिक शब्द का विग्रह करके समास का प्रकार लिखिए :

View Solution

निम्नलिखित अलंकार पहचानकर उसका प्रकार और उप-प्रकार लिखिए:

View Solution

ताव आना
View Solution
ताव आना : इसका अर्थ है किसी बात से क्रोधित या गुस्सा होना।
वाक्य:
उसकी बातों से मुझे ताव आ गया और मैंने तुरंत जवाब दे दिया।
उड़ जाना
View Solution
उड़ जाना : इसका अर्थ है किसी चीज़ का अचानक गायब हो जाना या खत्म हो जाना।
वाक्य:
जब मैंने अपनी जेब से पैसे निकाले तो देखा कि वे उड़ गए थे।
निम्नलिखित वाक्य में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग कीजिए :
ऐसा लगता है पुत्तर आप कहीं काम करती हो !
View Solution
ऐसा लगता है, पुत्तर, आप कहीं काम करती हो!
निम्नलिखित वाक्य से कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए :
दिलीप ने पूछा, "तुम्हारा घर कहाँ है ?"
View Solution
वाक्य में "दिलीप" शब्द 'कर्तृ कारक' (Subjective Case) है, क्योंकि यह क्रिया "पूछा" का कर्ता है।
"तुम्हारा घर" में "घर" 'कर्म कारक' (Objective Case) है, क्योंकि यह क्रिया "है" का कर्म है।
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए :
बरामदा तालीया से गूँज उठी ।
View Solution
शुद्ध वाक्य:
बरामदा तालियों से गूँज उठा।
उत्तर लिखिए:

View Solution

आप इन दिनों फ्लाबेर के पत्र पढ़ रहे हैं। (पूर्ण भूतकाल)
View Solution
आप उन दिनों फ्लाबेर के पत्र पढ़ चुके थे।
मेम साहब को परदे पसंद आये थे। (सामान्य वर्तमानकाल)
View Solution
मेम साहब को परदे पसंद आते हैं।
निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
तुम्हारी बात मुझे अच्छी नहीं लगी।
View Solution
वाक्य का प्रकार: यह वाक्य 'संज्ञा वाक्य' (Declarative Sentence) है, जो एक स्थिति या विचार को व्यक्त करता है।
निम्नलिखित वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :
मानू इतना ही बोल सकी।
(प्रश्नार्थक वाक्य)|
View Solution
क्या मानू इतना ही बोल सकी?
पत्रलेखन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्रलेखन कीजिए :
पूनम / पोषण ठाकरे, 117, इंद्रप्रस्थ निवास, अमरावती से नागपुर, गया नगर 'में रहने वाले अपने छोटे भाई अविनाश ठाकरे को राष्ट्रभाषा हिंदी परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु मार्गदर्शन पर पत्र लिखती/लिखता है।
View Solution
प्रिय अविनाश,
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि तुम राष्ट्रभाषा हिंदी परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हो। यह परीक्षा तुम्हारे लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है, क्योंकि हिंदी हमारे देश की राजभाषा है और इसका अच्छा ज्ञान हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी बन सकता है।
तुम्हें इस परीक्षा के लिए नियमित अभ्यास करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले तुम हिंदी व्याकरण, शब्दावली और लेखन कला पर ध्यान दो। साथ ही, अपने पुराने हिंदी के पाठ्यक्रम की पुनरावलोकन करो और अच्छे लेखकों की रचनाओं को पढ़ो। इससे तुम्हारी लिखने की क्षमता और अधिक बेहतर हो सकेगी।
परीक्षा के दिन स्वयं को शांत और एकाग्र रखो। एक अच्छी तैयारी से ही सफलता मिलती है, और मैं जानती हूँ कि तुम इस परीक्षा में अच्छे अंक ला सकते हो।
मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम इसे अच्छे से पास करोगे और मुझे तुम पर गर्व होगा।
तुम्हारी बहन,
पूनम ठाकरे / पोषण ठाकरे
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्रलेखन कीजिए :
कावेरी / कार्तिक पाटील, युवा नगर, लातूर से शिवाजी हिंदी विद्यालय के लिए खेल सामग्री मँगाने हेतु मा. व्यवस्थापक, कृष्णा स्पोर्ट्स, चिचंवड, पुणे को पत्र लिखती / लिखता है।
View Solution
मा. व्यवस्थापक,
कृष्णा स्पोर्ट्स,
चिचंवड, पुणे।
दिनांक:
विषय: खेल सामग्री मँगाने हेतु पत्र।
आदरणीय महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं कावेरी / कार्तिक पाटील, शिवाजी हिंदी विद्यालय, लातूर, विद्यालय में खेल के अध्यापक / अध्यापिका के रूप में कार्यरत हूँ। हमारे विद्यालय में बच्चों को खेलकूद के प्रति जागरूक करने के लिए हमें उचित खेल सामग्री की आवश्यकता है।
कृपया आप हमारे विद्यालय के लिए निम्नलिखित खेल सामग्री भेजने की कृपा करें:
1. क्रिकेट बैट (5)
2. फुटबॉल (4)
3. बैडमिंटन रैकेट (10)
4. वॉलीबॉल (2)
5. कबड्डी बॉल (5)
कृपया शीघ्रता से खेल सामग्री भेजने की कृपा करें, ताकि हमारे विद्यार्थियों को इन खेलों का लाभ मिल सके। हम आपके उत्तर की प्रतीक्षा करेंगे।
धन्यवाद।
सादर,
कावेरी / कार्तिक पाटील
शिवाजी हिंदी विद्यालय
युवा नगर, लातूर
गद्य आकलन- प्रश्न निर्मिति :
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों :
स्वाधीन भारत में अभी तक अंग्रेजी हवाओं में कुछ लोग यह कहते मिलेंगे जब तक विज्ञान और तकनीकी ग्रंथ हिंदी में न हों तब तक कैसे हिंदी में शिक्षा दी जाए। जब कि स्वामी श्रद्धानंद स्वाधीनता से भी चालीस साल पहले गुरुकुल काँगड़ी में हिंदी के माध्यम से विज्ञान जैसे गहन विषयों की शिक्षा दे रहे थे। ग्रंथ भी हिंदी में थे और पढ़ाने वाले भी हिंदी के थे। जहाँ चाह होती है वहीं राह निकलती है। एक लंबे अरसे तक अंग्रेज गुरुकुल काँगड़ी को भी राष्ट्रीय आंदोलन का अभिन्न अंग मानते रहे। इसमें कोई संदेह भी नहीं कि गुरुकुल के स्नातकों में स्वाधीनता की अजीब तड़प थी। स्वामी श्रद्धानंद जैसा राष्ट्रीय नेता जिस गुरुकुल का संस्थापक हो और हिंदी शिक्षा का माध्यम हो; वहाँ राष्ट्रीयता नहीं पनपेगी तो कहाँ पनपेगी।
View Solution
1. स्वामी श्रद्धानंद ने हिंदी के माध्यम से किस विषय की शिक्षा दी थी?
2. गुरुकुल काँगड़ी को क्यों राष्ट्रीय आंदोलन का अभिन्न अंग माना गया?
3. स्वामी श्रद्धानंद के समय में हिंदी में शिक्षा दी जाने के कारण क्या था?
4. क्या गुरुकुल के स्नातकों में स्वाधीनता की तड़प थी?
वृत्तांत लेखन :
प्रगति हिंदी विद्यालय, बारामती में मनाए गए 'शिक्षक दिवस' समारोह का 70 से 80 शब्दों में वृत्तांत लेखन कीजिये :
(वृत्तांत में स्थल, काल, घटना का उल्लेख होना अनिवार्य है।)
View Solution
प्रगति हिंदी विद्यालय, बारामती में 5 सितंबर को 'शिक्षक दिवस' समारोह बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने शिक्षक दिवस के महत्व पर भाषण दिया और सभी शिक्षकों का सम्मान किया। विद्यार्थियों ने गीत, नृत्य, और अभिनय प्रस्तुत किया, जिसमें सभी ने हिस्सा लिया। यह समारोह बहुत ही आनंदमयी और शिक्षाप्रद था। समारोह का समापन प्रधानाचार्य के धन्यवाद भाषण से हुआ।
विज्ञापन लेखन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर 50 से 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए :

View Solution

मेरा प्रिय वैज्ञानिक
View Solution
मेरा प्रिय वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग हैं। वे भौतिकी के क्षेत्र में महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। हॉकिंग ने ब्लैक होल और ब्रह्मांड के विस्तार के बारे में कई थ्योरी विकसित कीं। उनकी पुस्तक "A Brief History of Time" ने लाखों लोगों को भौतिकी और ब्रह्मांड के बारे में जागरूक किया।
स्टीफन हॉकिंग एक बहुत ही प्रेरणादायक व्यक्ति थे। उन्हें 21 वर्ष की आयु में मोटर न्यूरॉन बीमारी (ALS) का सामना करना पड़ा था, फिर भी उन्होंने पूरी दुनिया को दिखाया कि शारीरिक संकट के बावजूद भी मानसिक रूप से महान कार्य किए जा सकते हैं। उनका जीवन हम सभी को यह सिखाता है कि अगर मन में किसी काम को करने की इच्छा हो तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती।
वे केवल एक वैज्ञानिक ही नहीं थे, बल्कि एक महान मानवतावादी भी थे। हॉकिंग ने हमेशा विज्ञान के जरिए दुनिया में अच्छाई और बदलाव लाने की कोशिश की। उनका यह कहना था कि "हमारे पास केवल एक पृथ्वी है, और हमें इसे बचाने के लिए काम करना चाहिए।" उनका जीवन यह संदेश देता है कि चाहे परिस्थितियाँ जैसी भी हों, अगर हमारे पास दृढ़ संकल्प और कठिन मेहनत हो, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
हॉकिंग के विचारों ने न केवल विज्ञान की दुनिया में बल्कि आम लोगों के दिलों में भी एक नई आशा और विश्वास पैदा किया। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि शारीरिक कमजोरियाँ हमें मानसिक रूप से मजबूत बनने से नहीं रोक सकतीं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सफलता तब मिलती है, जब हम अपनी कठिनाइयों को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के कदम के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
स्टीफन हॉकिंग का जीवन और उनके कार्य हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
सैनिक की आत्मकथा
View Solution
मैं एक सैनिक हूँ, और मेरा जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ है, लेकिन मुझे इससे कोई शिकायत नहीं है। जब से मैंने भारतीय सेना में शामिल होने का निर्णय लिया था, तब से मेरा उद्देश्य देश की सेवा करना था। मेरे जीवन में हर दिन एक नई चुनौती होती है। मैं और मेरे साथी सैनिक अपनी जान की बाजी लगाकर सीमाओं पर देश की रक्षा करते हैं।
हमारे लिए हमारी मातृभूमि से बढ़कर कुछ नहीं है। हमारे परिवारों से दूर रहकर, कठिन परिस्थितियों में रहते हुए हम देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। हम अपनी शहादत से यह साबित करते हैं कि भारत की रक्षा में हमारा योगदान अतुलनीय है।
एक सैनिक का जीवन न केवल संघर्ष और बलिदान का होता है, बल्कि यह एक गर्व और सम्मान की बात भी है। हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा यही होती है कि हम अपने देश के लिए कुछ कर रहे हैं, और देश की खातिर हमारी शहादत कभी व्यर्थ नहीं जाती।
मेरे जीवन में एक और बहुत महत्वपूर्ण पहलू है – मेरी ट्रेनिंग और अनुभव। सेना में भर्ती होने के बाद, मैंने न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना सीखा, बल्कि मैंने यह भी जाना कि आत्मविश्वास और साहस के साथ किसी भी परिस्थिति का सामना किया जा सकता है।
हमें अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं से ऊपर उठकर, देश के लिए हर परिस्थिति में अपनी जान की बाजी लगानी होती है। हमें यह सिखाया जाता है कि भारत की सीमाओं पर हमारी शहादत ही सबसे बड़ा बलिदान है।
मुझे गर्व है कि मैं भारतीय सेना का हिस्सा हूँ। मुझे यह मान्यता प्राप्त है कि मैं अपने देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हूँ और मेरे द्वारा किए गए कार्यों से देश को शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। मेरा जीवन पूरी तरह से देश सेवा में समर्पित है।
हर एक सैनिक की आत्मकथा में साहस, बलिदान और देश प्रेम की कहानी होती है, और मुझे गर्व है कि मैं इसका हिस्सा हूँ।
वनों का महत्व
View Solution
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
मेरे मन में ढेरों सवाल उठते । आखिर ये इस तरह 'वी' आकार बनाकर क्यों उड़ रहे हैं ? ये सब कहीं जा रहे हैं ? सबसे पीछे वाला सबसे आगे क्यों नहीं आने की कोशिश कर रहा ? बीचवाला क्यों अपनी जगह पर उसी रफ्तार से चला जा रहा है ? क्या किसी ने इन्हें निर्देश दिया है कि ऐसे ही उड़ना है ? कौन है इनका निर्देशक ?
बहुत से सवाल लेकर जब मैं माँ के पास आता, तो माँ मेरा सिर सहलाती। कहती कि ये मानसरोवर के राजहंस हैं।
"तो ये सारे हंस जो इस तरह एक गति से उड़ते हैं, उसका क्या मतलब हुआ ?"
"ये आपस में रिश्तेदार हैं। "
"सबसे आगे वाला उनका नेता होता है। वही उड़ने की रफ्तार और दिशा तय करता है। उसके पंखों को बाकियों से ज्यादा मेहनत करनी होती है। सामने आने वाले खतरों को वह पहले पहचानता है। वह हवा को काटता है। उसके बाद बाकी के हंस हवा को काटते हुए चलते हैं और अपने से पीछे उड़ने वाले हंसों के लिए वह उड़ान को आसान बनाते चलते हैं।" - माँ कहतीं।
Question 1:
कृति पूर्ण कीजिए :
लेखक के मन में उठे सवाल
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
लेखक के मन में उठे सवालों का क्रम इस प्रकार है: वे अपने विचारों में उलझे हुए हैं और एक के बाद एक सवाल उठाते जा रहे हैं, जैसे कि 'क्यों उड़ रहे हैं?', 'यह सवाल कहां जा रहे हैं?' और 'इसका क्या समाधान है?'. इन सवालों का समाधान लेखक के मन में क्रमशः उभरता है। लेखक ने समाज में घटित होने वाली घटनाओं के संदर्भ में विभिन्न सवाल उठाए हैं, जैसे कि "यह बदलाव क्यों हो रहा है?" और "समाज में क्या हो रहा है?" इन सवालों का उद्देश्य समाज के वर्तमान बदलावों को समझना है।
विशेषताएँ लिखिए :
सबसे आगे वाले हंस
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
सबसे आगे वाले हंस की विशेषताएँ इस प्रकार हैं: यह समूह में सबसे अग्रणी होता है, जो नेतृत्व करता है और शेष हंसों का मार्गदर्शन करता है। इसके द्वारा किया गया हर कदम समूह के अन्य हंसों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करता है।
पक्षियों में पाया जाने वाला अनुशासन' विषय पर 30 से 40 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
पक्षियों में अनुशासन देखने को मिलता है, विशेष रूप से जब वे झुंड में उड़ते हैं। प्रत्येक पक्षी एक दूसरे का अनुसरण करता है और एक दिशा में उड़ते हुए समूह की एकता बनाए रखता है। यह सामूहिकता और सहयोग का प्रतीक है, जिससे वे अपने उद्देश्यों को जल्दी और सुरक्षित रूप से प्राप्त कर पाते हैं।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
मेरा जीवन एक खुली किताब रहा है। मेरे न कोई रहस्य हैं और न मैं रहस्यों को प्रश्रय देता हूँ । मैं पूरी तरह भला बनने के लिए संघर्षरत एक अदना सा इनसान हूँ। मैं मन, वाणी और कर्म से पूरी तरह सच्चा और पूरी तरह अहिंसक बनने के लिए संघर्षरत हूँ । यह लक्ष्य सच्चा है, यह मैं जानता हूँ पर उसे पाने में बार-बार असफल हो जाता हूँ। मैं मानता हूँ कि इस लक्ष्य तक पहुँचना कष्टकर है पर यह कष्ट मुझे निश्चित आनंद देने वाला लगता है। इस तक पहुँचने की प्रत्येक सीढ़ी मुझे अगली सीढ़ी तक पहुँचने के लिए शक्ति तथा सामर्थ्य देती है।
जब मैं एक और अपनी लपता और अपनी सीमाओं के बारे में सोचना हूँ और दूसरी और मुझमे लोगों की जो अपेक्षाएँ हो गई हैं, उनकी बात सोचना है तो एक क्षण के लिए तो मैं स्तब्ध रह जाता है। फिर यह समझकर प्रकृतिस्थ हो जाता हूँ कि ये अपेक्षाएँ मुझसे नहीं हैं। ये सत्य और अहिंसा के दो अमूल्य गुर्णी के मुझमें अवतरण है। यह अवतरण कितना ही अपूर्ण हो पर मुझमें अपेक्षाकृत अधिक द्रष्टव्य है।
Question 4:
लेखक का जीवन एक खुली किताब है-
View Solution
लेखक का जीवन एक खुली किताब इस प्रकार है क्योंकि वह न कोई रहस्य रखते हैं और न ही किसी को अपने जीवन का प्रश्न उठाने से रोकते हैं। वह अपने जीवन को पूरी तरह से सभी के सामने प्रस्तुत करते हैं।
लेखक प्रकृतिस्थ हो जाते हैं-
View Solution
लेखक प्रकृतिस्थ हो जाते हैं क्योंकि वह पूरी तरह से अपनी आत्मा और मन को प्रकृति से जोड़ते हैं, जिससे वह हर स्थिति में स्थिर रहते हैं और प्रकृति के साथ एक गहरा संबंध महसूस करते हैं।
लेखक में इन गुणों का अवतरण है।
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
लेखक में जो गुण हैं, वे उसके जीवन के अनुभवों और उसकी प्रकृति से जुड़ाव के कारण विकसित हुए हैं। यह गुण उसे हर स्थिति में शांति और संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
लेखक इनके बारे में सोचते हैं।
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
लेखक इन गुणों के बारे में सोचते हैं क्योंकि ये उनके जीवन के अनुभवों से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण बातें हैं, जो उनके व्यक्तित्व और मानसिक शांति को आकार देती हैं। उनका मन इन गुणों के प्रति एक गहरी समझ और श्रद्धा रखता है।
‘कथनी और करनी में समानता होनी चाहिए' विषय पर 30 से 40 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
कथनी और करनी में समानता होना अत्यंत आवश्यक है। केवल शब्दों से काम नहीं चलता, जब तक हम अपने कर्मों से उन शब्दों को वास्तविकता में नहीं बदलते। यह जीवन में ईमानदारी और सही मार्गदर्शन का प्रतीक है, जो समाज में विश्वास और सम्मान स्थापित करता है।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
यह एक 'साधारण महिला' की असाधारण कहानी है, जो अपनी असाधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से प्रोत्साहन व प्रेरणा लेकर सफलता के शिखर पर पहुँची है।
वहाँ अंतरिक्ष में रहते हुए सुनीता का मन बारिश में भीगने, समुद्र या झील या फिर सरोवर में तैरने को कर रहा था। दरअसल अंतरिक्ष में रहते हुए हरदम गंदगी - सी महसूस होती है। भारहीनता के कारण पसीने की बूँदें त्वचा से चिपकी रहती हैं और धीरे-धीरे इकट्ठा होकर त्वचा को छोड़ देती हैं, लेकिन किसी चीज से टकराने से पहले वे इधर-उधर तैरती-सी रहती हैं।
कभी-कभी सुनीता का पृथ्वी को स्पर्श करने का मन करता था। वह अपोलो के अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में सोचने लगती थी और यह सोचती थी कि चंद्रमा पर पूरी तरह उतरने से पहले ही पृथ्वी पर वापस आना उन्हें कितना निराशाजनक लगा होगा।
रात होते ही पृथ्वी जैसे टिमटिमाने लगती थी और जो क्षेत्र दिन में वीरान
दिखाई दे रहे थे, वे चमत्कारी रूप से छोटी-छोटी बत्तियों के प्रकाश से जगमगा उठते थे। ऐसे में सुनीता का जी करता था, 'समुद्र में डुबकी लगाने का'।
Question 9:
कृति पूर्ण कीजिए:
अंतरिक्ष में सुनीता का मन करता था-
\(\downarrow\)
(i) ...........
\(\downarrow\)
(ii) ...........
\(\downarrow\)
(iii) ...........
\(\downarrow\)
(iv) ...........
View Solution
अंतरिक्ष में सुनीता का मन निम्नलिखित बातों में करता था:
(i) बारिश में भीगने का, क्योंकि वह पृथ्वी के प्राकृतिक अनुभवों से जुड़ी थी।
(ii) समुद्र, झील या सरोवर में तैरने का, क्योंकि अंतरिक्ष में रहते हुए वह जल तत्व की कमी महसूस करती थी।
(iii) पृथ्वी को स्पर्श करने का, क्योंकि वह अंतरिक्ष में रहकर पृथ्वी की कमी महसूस करती थी।
(iv) समुद्र में डुबकी लगाने का, क्योंकि उसे पृथ्वी की चमत्कारी और प्राकृतिक सुंदरता का एहसास था।
कृति पूर्ण कीजिए:
अंतरिक्ष में भारहीनता के कारण पसीने की बूँदों की अवस्था
\(\downarrow\)
(i) ............
\(\downarrow\)
(ii) ............
View Solution
अंतरिक्ष में भारहीनता के कारण पसीने की बूँदों की अवस्था इस प्रकार होती है:
(i) वे त्वचा से चिपकी रहती हैं, क्योंकि भारहीनता के कारण वे सामान्य रूप से नीचे नहीं गिर सकतीं।
(ii) वे इधर-उधर तैरती-सी रहती हैं, क्योंकि पसीने की बूँदें बिना गुरुत्वाकर्षण के तैरती रहती हैं।
'परिवार से प्रोत्साहन तथा प्रेरणा का महत्त्व' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
परिवार से प्रोत्साहन और प्रेरणा जीवन की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। परिवार का समर्थन व्यक्ति को आत्मविश्वास और सफलता की ओर प्रेरित करता है, जिससे वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
ऊर्ध्वतम ही है चलना
जैसे पृथिवी चलकर गौरीशंकर बनती !
छूट गए पीछे
कस्तूरी मृगवाले वे
मधु मानव से उत्सव जंगल,
ग्रीष्म तपे
बियारे झरे पात की
वे वनानियाँ,
गिरे चीड़फूलों से लदी भूमि
औ' औषधियों के वल्कल पहने
परम हितैषी वृक्ष
सभी कुछ छूट गए।
Question 12:
View Solution

प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
View Solution
प्रथम चार पंक्तियाँ हमें यह समझाती हैं कि जीवन में निरंतर उन्नति की ओर बढ़ना चाहिए। जैसे पृथ्वी के कदम चलते हैं और गौरीशंकर बनते हैं, वैसे ही हमें भी निरंतर प्रयास करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए।
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए:
'ब्रजवासी'
मुद्दे :
View Solution
(1) रचनाकार का नाम:
'ब्रजवासी' कविता के रचनाकार सूरदास हैं। वे 16वीं शताब्दी के प्रसिद्ध हिंदी कवि थे, जो भक्तिकाव्य के महान रचनाकार के रूप में जाने जाते हैं।
(2) रचना की विधा:
यह रचना भक्ति काव्य की श्रेणी में आती है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्तिपूर्ण प्रेम और उनकी लीलाओं का वर्णन किया गया है।
(3) पसंद की पंक्तियाँ:
"ब्रज में बसा है जो प्यारा, वह कृष्ण है हमारा।"
(4) पंक्तियाँ पसंद होने का कारण:
इन पंक्तियों में ब्रजवासियों की भगवान श्री कृष्ण के प्रति निस्वार्थ प्रेम और श्रद्धा को दर्शाया गया है। यह पंक्ति मुझे इसलिए पसंद है क्योंकि इसमें भगवान के प्रति भक्ति का भाव अत्यंत गहराई से व्यक्त किया गया है।
(5) रचना से प्राप्त संदेश / प्रेरणा:
इस रचना से यह संदेश मिलता है कि हमें अपने जीवन में भक्ति और प्रेम का भाव बनाए रखना चाहिए। भगवान के प्रति निष्ठा और समर्पण से हम जीवन में शांति और संतुलन प्राप्त कर सकते हैं।
'चलो हम दीप जलाएँ'
मुद्दे :
View Solution
(1) रचनाकार का नाम:
'चलो हम दीप जलाएँ' कविता के रचनाकार कवि शंकर पाटिल हैं। वे एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और लेखक हैं।
(2) रचना की विधा:
यह रचना भक्ति और प्रेरणा काव्य की श्रेणी में आती है, जिसमें जीवन के हर पहलू में उजाले के महत्व को दर्शाया गया है।
(3) पसंद की पंक्तियाँ:
"चलो हम दीप जलाएँ, अंधकार को दूर भगाएँ।"
(4) पंक्तियाँ पसंद होने का कारण:
इन पंक्तियों में जीवन में अंधकार को दूर करने के लिए सकारात्मकता और आशा का संदेश दिया गया है। ये पंक्तियाँ मुझे इसलिए पसंद हैं क्योंकि यह हमें प्रेरित करती हैं कि हमें हर स्थिति में उजाला फैलाना चाहिए।
(5) रचना से प्राप्त संदेश / प्रेरणा:
इस रचना से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें अपने जीवन और समाज में सकारात्मकता और रोशनी फैलानी चाहिए। यह हमें सिखाती है कि अंधकार से जूझने के बजाय हमें उजाले की ओर बढ़ना चाहिए।
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
दुर्गा प्र. नौटियाल : आपने अब तक काफी साहित्य रचा आपने अब तक काफी साहित्य रचा है। क्या आप इससे संतुष्ट हैं ?
शिवानी : जहाँ तक संतुष्ट होने का संबंध है, मैं समझती हूँ कि किसी को भी अपने लेखन से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। मैं चाहती हूँ कि ऐसे लक्ष्य को सामने रखकर कुछ ऐसा लिखूँ कि जिस परिवेश को पाठक ने स्वयं भोगा है, उसे जीवंत कर दूँ। मुझे तब बहुत ही अच्छा लगता जब कोई पाठक मुझे लिख भेजता है कि आपने अमुक-अमुक चरित्र का वास्तविक वर्णन किया है अथवा फल-फलाँ चरित्र, लगता है, हमारे ही बीच है। लेकिन साथ ही मैं यह मानती हूँ कि लोकप्रिय होना न इतना आसान और न ही उसे बनाए रखना आसान है। मैं गत पचास वर्षों से बराबर लिखती आ रही हूँ। पाठक मेरे लेखन को खूब सराह रहे हैं। मेरे असली आलोचक तो मेरे पाठक हैं, जिनसे मुझे प्रशंसा और स्नेह भरपूर मात्रा में मिलता रहा है। शायद यही कारण है कि मैं अब तक बराबर लिखती आई हूँ।
Question 18:
लेखिका
\(\downarrow\)
मानती है
\(\downarrow\)
........
\(\downarrow\)
........
View Solution
लेखिका मानती है कि कोई भी लेखक अपने लेखन से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। वे चाहती हैं कि वे ऐसा लिखें जिससे पाठक अपने जीवन के अनुभवों को जीवंत रूप से महसूस कर सकें। साथ ही, लेखिका यह भी मानती हैं कि लोकप्रियता प्राप्त करना और उसे बनाए रखना दोनों ही कठिन हैं।
लेखिका को
\(\downarrow\)
पाठकों से मिलता रहा है
\(\downarrow\)
----------
\(\downarrow\)
----------
View Solution
लेखिका को पाठकों से प्रशंसा और स्नेह मिलता रहा है। उन्हें पाठकों से यह फीडबैक प्राप्त हुआ है कि उनके द्वारा लिखे गए चरित्र वास्तविक और जीवंत महसूस होते हैं, जैसे वे पाठकों के ही बीच से लिए गए हों।
'परिवेश का प्रभाव व्यक्तित्व पर होता है' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
परिवेश का व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जो वातावरण हममें होता है, वह हमारे विचार, व्यवहार और आदतों को आकार देता है। यदि परिवेश सकारात्मक हो, तो व्यक्तित्व में भी सकारात्मकता आ सकती है।
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
जहाँ पर भाईयों में प्यार का सागर नहीं होता,
वो ईंटों का मर्को होता है, लेकिन घर नहीं होता।
जो अपने देश पर कटने का जज्बा ही न रखता हो,
वो चाहे कुछ भी हो सकता है, लेकिन सर नहीं होता।
जो समझौते की बातें हैं, खुले दिल से ही होती हैं,
जो हम मिलते हैं उनसे, हाथ में खंजर नहीं होता।
हकीकत और होती है, नजर कुछ और आता है,
जहाँ पर फूल खिलते हैं, वहाँ पत्थर नहीं होता।
Question 21:
जहाँ भाईयों में प्यार होता है वहाँ- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
परिवार होता है।
जिसमें अपने देश पर कटने का जज्बा होता है उसे- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
सर होता है।
जहाँ समझौते की बातें होती हैं वहाँ- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
हाथ में खंजर नहीं होता।
जहाँ फूल खिलते हैं वहाँ- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
वहाँ पत्थर नहीं होता।
'अपनत्व की भावना' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
अपनत्व की भावना व्यक्ति को दूसरों से जोड़े रखती है। यह भावना रिश्तों को मजबूत बनाती है और विश्वास का निर्माण करती है। अपनत्व का अनुभव व्यक्ति को मानसिक शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।
धीरे-धीरे
View Solution
धीरे-धीरे :
धीरे-धीरे वह अपनी मंजिल तक पहुँच गया।
के लिए
View Solution
के लिए :
यह पुस्तक आपके लिए है।
कृति पूर्ण कीजिए:

View Solution

निम्नलिखित सामासिक शब्द का विग्रह करके समास का प्रकार लिखिए :

View Solution

निम्नलिखित अलंकार पहचानकर उसका प्रकार और उप-प्रकार लिखिए:

View Solution

ताव आना
View Solution
ताव आना : इसका अर्थ है किसी बात से क्रोधित या गुस्सा होना।
वाक्य:
उसकी बातों से मुझे ताव आ गया और मैंने तुरंत जवाब दे दिया।
उड़ जाना
View Solution
उड़ जाना : इसका अर्थ है किसी चीज़ का अचानक गायब हो जाना या खत्म हो जाना।
वाक्य:
जब मैंने अपनी जेब से पैसे निकाले तो देखा कि वे उड़ गए थे।
निम्नलिखित वाक्य में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग कीजिए :
ऐसा लगता है पुत्तर आप कहीं काम करती हो !
View Solution
ऐसा लगता है, पुत्तर, आप कहीं काम करती हो!
निम्नलिखित वाक्य से कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए :
दिलीप ने पूछा, "तुम्हारा घर कहाँ है ?"
View Solution
वाक्य में "दिलीप" शब्द 'कर्तृ कारक' (Subjective Case) है, क्योंकि यह क्रिया "पूछा" का कर्ता है।
"तुम्हारा घर" में "घर" 'कर्म कारक' (Objective Case) है, क्योंकि यह क्रिया "है" का कर्म है।
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए :
बरामदा तालीया से गूँज उठी ।
View Solution
शुद्ध वाक्य:
बरामदा तालियों से गूँज उठा।
उत्तर लिखिए:

View Solution

आप इन दिनों फ्लाबेर के पत्र पढ़ रहे हैं। (पूर्ण भूतकाल)
View Solution
आप उन दिनों फ्लाबेर के पत्र पढ़ चुके थे।
मेम साहब को परदे पसंद आये थे। (सामान्य वर्तमानकाल)
View Solution
मेम साहब को परदे पसंद आते हैं।
निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
तुम्हारी बात मुझे अच्छी नहीं लगी।
View Solution
वाक्य का प्रकार: यह वाक्य 'संज्ञा वाक्य' (Declarative Sentence) है, जो एक स्थिति या विचार को व्यक्त करता है।
निम्नलिखित वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :
मानू इतना ही बोल सकी।
(प्रश्नार्थक वाक्य)|
View Solution
क्या मानू इतना ही बोल सकी?
पत्रलेखन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्रलेखन कीजिए :
पूनम / पोषण ठाकरे, 117, इंद्रप्रस्थ निवास, अमरावती से नागपुर, गया नगर 'में रहने वाले अपने छोटे भाई अविनाश ठाकरे को राष्ट्रभाषा हिंदी परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु मार्गदर्शन पर पत्र लिखती/लिखता है।
View Solution
प्रिय अविनाश,
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि तुम राष्ट्रभाषा हिंदी परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हो। यह परीक्षा तुम्हारे लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है, क्योंकि हिंदी हमारे देश की राजभाषा है और इसका अच्छा ज्ञान हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी बन सकता है।
तुम्हें इस परीक्षा के लिए नियमित अभ्यास करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले तुम हिंदी व्याकरण, शब्दावली और लेखन कला पर ध्यान दो। साथ ही, अपने पुराने हिंदी के पाठ्यक्रम की पुनरावलोकन करो और अच्छे लेखकों की रचनाओं को पढ़ो। इससे तुम्हारी लिखने की क्षमता और अधिक बेहतर हो सकेगी।
परीक्षा के दिन स्वयं को शांत और एकाग्र रखो। एक अच्छी तैयारी से ही सफलता मिलती है, और मैं जानती हूँ कि तुम इस परीक्षा में अच्छे अंक ला सकते हो।
मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम इसे अच्छे से पास करोगे और मुझे तुम पर गर्व होगा।
तुम्हारी बहन,
पूनम ठाकरे / पोषण ठाकरे
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्रलेखन कीजिए :
कावेरी / कार्तिक पाटील, युवा नगर, लातूर से शिवाजी हिंदी विद्यालय के लिए खेल सामग्री मँगाने हेतु मा. व्यवस्थापक, कृष्णा स्पोर्ट्स, चिचंवड, पुणे को पत्र लिखती / लिखता है।
View Solution
मा. व्यवस्थापक,
कृष्णा स्पोर्ट्स,
चिचंवड, पुणे।
दिनांक:
विषय: खेल सामग्री मँगाने हेतु पत्र।
आदरणीय महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं कावेरी / कार्तिक पाटील, शिवाजी हिंदी विद्यालय, लातूर, विद्यालय में खेल के अध्यापक / अध्यापिका के रूप में कार्यरत हूँ। हमारे विद्यालय में बच्चों को खेलकूद के प्रति जागरूक करने के लिए हमें उचित खेल सामग्री की आवश्यकता है।
कृपया आप हमारे विद्यालय के लिए निम्नलिखित खेल सामग्री भेजने की कृपा करें:
1. क्रिकेट बैट (5)
2. फुटबॉल (4)
3. बैडमिंटन रैकेट (10)
4. वॉलीबॉल (2)
5. कबड्डी बॉल (5)
कृपया शीघ्रता से खेल सामग्री भेजने की कृपा करें, ताकि हमारे विद्यार्थियों को इन खेलों का लाभ मिल सके। हम आपके उत्तर की प्रतीक्षा करेंगे।
धन्यवाद।
सादर,
कावेरी / कार्तिक पाटील
शिवाजी हिंदी विद्यालय
युवा नगर, लातूर
गद्य आकलन- प्रश्न निर्मिति :
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों :
स्वाधीन भारत में अभी तक अंग्रेजी हवाओं में कुछ लोग यह कहते मिलेंगे जब तक विज्ञान और तकनीकी ग्रंथ हिंदी में न हों तब तक कैसे हिंदी में शिक्षा दी जाए। जब कि स्वामी श्रद्धानंद स्वाधीनता से भी चालीस साल पहले गुरुकुल काँगड़ी में हिंदी के माध्यम से विज्ञान जैसे गहन विषयों की शिक्षा दे रहे थे। ग्रंथ भी हिंदी में थे और पढ़ाने वाले भी हिंदी के थे। जहाँ चाह होती है वहीं राह निकलती है। एक लंबे अरसे तक अंग्रेज गुरुकुल काँगड़ी को भी राष्ट्रीय आंदोलन का अभिन्न अंग मानते रहे। इसमें कोई संदेह भी नहीं कि गुरुकुल के स्नातकों में स्वाधीनता की अजीब तड़प थी। स्वामी श्रद्धानंद जैसा राष्ट्रीय नेता जिस गुरुकुल का संस्थापक हो और हिंदी शिक्षा का माध्यम हो; वहाँ राष्ट्रीयता नहीं पनपेगी तो कहाँ पनपेगी।
View Solution
1. स्वामी श्रद्धानंद ने हिंदी के माध्यम से किस विषय की शिक्षा दी थी?
2. गुरुकुल काँगड़ी को क्यों राष्ट्रीय आंदोलन का अभिन्न अंग माना गया?
3. स्वामी श्रद्धानंद के समय में हिंदी में शिक्षा दी जाने के कारण क्या था?
4. क्या गुरुकुल के स्नातकों में स्वाधीनता की तड़प थी?
वृत्तांत लेखन :
प्रगति हिंदी विद्यालय, बारामती में मनाए गए 'शिक्षक दिवस' समारोह का 70 से 80 शब्दों में वृत्तांत लेखन कीजिये :
(वृत्तांत में स्थल, काल, घटना का उल्लेख होना अनिवार्य है।)
View Solution
प्रगति हिंदी विद्यालय, बारामती में 5 सितंबर को 'शिक्षक दिवस' समारोह बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने शिक्षक दिवस के महत्व पर भाषण दिया और सभी शिक्षकों का सम्मान किया। विद्यार्थियों ने गीत, नृत्य, और अभिनय प्रस्तुत किया, जिसमें सभी ने हिस्सा लिया। यह समारोह बहुत ही आनंदमयी और शिक्षाप्रद था। समारोह का समापन प्रधानाचार्य के धन्यवाद भाषण से हुआ।
विज्ञापन लेखन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर 50 से 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए :

View Solution

मेरा प्रिय वैज्ञानिक
View Solution
मेरा प्रिय वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग हैं। वे भौतिकी के क्षेत्र में महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। हॉकिंग ने ब्लैक होल और ब्रह्मांड के विस्तार के बारे में कई थ्योरी विकसित कीं। उनकी पुस्तक "A Brief History of Time" ने लाखों लोगों को भौतिकी और ब्रह्मांड के बारे में जागरूक किया।
स्टीफन हॉकिंग एक बहुत ही प्रेरणादायक व्यक्ति थे। उन्हें 21 वर्ष की आयु में मोटर न्यूरॉन बीमारी (ALS) का सामना करना पड़ा था, फिर भी उन्होंने पूरी दुनिया को दिखाया कि शारीरिक संकट के बावजूद भी मानसिक रूप से महान कार्य किए जा सकते हैं। उनका जीवन हम सभी को यह सिखाता है कि अगर मन में किसी काम को करने की इच्छा हो तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती।
वे केवल एक वैज्ञानिक ही नहीं थे, बल्कि एक महान मानवतावादी भी थे। हॉकिंग ने हमेशा विज्ञान के जरिए दुनिया में अच्छाई और बदलाव लाने की कोशिश की। उनका यह कहना था कि "हमारे पास केवल एक पृथ्वी है, और हमें इसे बचाने के लिए काम करना चाहिए।" उनका जीवन यह संदेश देता है कि चाहे परिस्थितियाँ जैसी भी हों, अगर हमारे पास दृढ़ संकल्प और कठिन मेहनत हो, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
हॉकिंग के विचारों ने न केवल विज्ञान की दुनिया में बल्कि आम लोगों के दिलों में भी एक नई आशा और विश्वास पैदा किया। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि शारीरिक कमजोरियाँ हमें मानसिक रूप से मजबूत बनने से नहीं रोक सकतीं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सफलता तब मिलती है, जब हम अपनी कठिनाइयों को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के कदम के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
स्टीफन हॉकिंग का जीवन और उनके कार्य हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
सैनिक की आत्मकथा
View Solution
मैं एक सैनिक हूँ, और मेरा जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ है, लेकिन मुझे इससे कोई शिकायत नहीं है। जब से मैंने भारतीय सेना में शामिल होने का निर्णय लिया था, तब से मेरा उद्देश्य देश की सेवा करना था। मेरे जीवन में हर दिन एक नई चुनौती होती है। मैं और मेरे साथी सैनिक अपनी जान की बाजी लगाकर सीमाओं पर देश की रक्षा करते हैं।
हमारे लिए हमारी मातृभूमि से बढ़कर कुछ नहीं है। हमारे परिवारों से दूर रहकर, कठिन परिस्थितियों में रहते हुए हम देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। हम अपनी शहादत से यह साबित करते हैं कि भारत की रक्षा में हमारा योगदान अतुलनीय है।
एक सैनिक का जीवन न केवल संघर्ष और बलिदान का होता है, बल्कि यह एक गर्व और सम्मान की बात भी है। हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा यही होती है कि हम अपने देश के लिए कुछ कर रहे हैं, और देश की खातिर हमारी शहादत कभी व्यर्थ नहीं जाती।
मेरे जीवन में एक और बहुत महत्वपूर्ण पहलू है – मेरी ट्रेनिंग और अनुभव। सेना में भर्ती होने के बाद, मैंने न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना सीखा, बल्कि मैंने यह भी जाना कि आत्मविश्वास और साहस के साथ किसी भी परिस्थिति का सामना किया जा सकता है।
हमें अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं से ऊपर उठकर, देश के लिए हर परिस्थिति में अपनी जान की बाजी लगानी होती है। हमें यह सिखाया जाता है कि भारत की सीमाओं पर हमारी शहादत ही सबसे बड़ा बलिदान है।
मुझे गर्व है कि मैं भारतीय सेना का हिस्सा हूँ। मुझे यह मान्यता प्राप्त है कि मैं अपने देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हूँ और मेरे द्वारा किए गए कार्यों से देश को शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। मेरा जीवन पूरी तरह से देश सेवा में समर्पित है।
हर एक सैनिक की आत्मकथा में साहस, बलिदान और देश प्रेम की कहानी होती है, और मुझे गर्व है कि मैं इसका हिस्सा हूँ।
वनों का महत्व
View Solution
वन हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे न केवल हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि जलवायु को संतुलित रखने, मिट्टी के कटाव को रोकने, और जैव विविधता को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। वनों में पाए जाने वाले पौधे, जीव-जंतु और सूक्ष्मजीव पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखते हैं और हमारी जीवनधारा के लिए जरूरी हैं।
वनों का महत्व केवल पर्यावरण तक सीमित नहीं है, बल्कि वे आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। लकड़ी, रेजिन, औषधियाँ, और कई अन्य उत्पाद वनों से प्राप्त होते हैं, जो न केवल आर्थिक गतिविधियों का हिस्सा हैं, बल्कि लोगों के जीवन यापन के लिए भी आवश्यक हैं।
इसके अलावा, वन पर्यावरणीय संकटों से बचाव के लिए एक प्राकृतिक ढाल का काम करते हैं। वे जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ और सूखा से सुरक्षा प्रदान करते हैं। वनों के बिना, पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ सकता है, क्योंकि वे जलवायु परिवर्तन को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
वनों का संरक्षण न केवल प्रकृति के लिए, बल्कि हमारे जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है। बिना जंगलों के, न केवल पर्यावरण का संतुलन बिगड़ेगा, बल्कि हमारे लिए आवश्यक संसाधनों की भी भारी कमी हो सकती है। जैसे कि जल, ऊर्जा, और खाद्यान्न - सभी का संबंध किसी न किसी रूप में जंगलों से है।
हमें वनों की महत्वता को समझना चाहिए और उनका संरक्षण करना चाहिए। यदि हम वनों का संरक्षण करेंगे तो हम अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और हरित पृथ्वी छोड़ सकते हैं। हमें वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए और जंगलों की अन्धाधुंध कटाई को रोकना चाहिए। वन न केवल प्राकृतिक संसाधनों का स्रोत हैं, बल्कि हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं। वनों में समय बिताने से तनाव कम होता है और शुद्ध वायु मिलती है, जो हमारी सेहत के लिए लाभकारी है।
सभी को वनों के महत्व को समझकर उनकी रक्षा करनी चाहिए और उन्हें बचाने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करने चाहिए।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
मेरे मन में ढेरों सवाल उठते । आखिर ये इस तरह 'वी' आकार बनाकर क्यों उड़ रहे हैं ? ये सब कहीं जा रहे हैं ? सबसे पीछे वाला सबसे आगे क्यों नहीं आने की कोशिश कर रहा ? बीचवाला क्यों अपनी जगह पर उसी रफ्तार से चला जा रहा है ? क्या किसी ने इन्हें निर्देश दिया है कि ऐसे ही उड़ना है ? कौन है इनका निर्देशक ?
बहुत से सवाल लेकर जब मैं माँ के पास आता, तो माँ मेरा सिर सहलाती। कहती कि ये मानसरोवर के राजहंस हैं।
"तो ये सारे हंस जो इस तरह एक गति से उड़ते हैं, उसका क्या मतलब हुआ ?"
"ये आपस में रिश्तेदार हैं। "
"सबसे आगे वाला उनका नेता होता है। वही उड़ने की रफ्तार और दिशा तय करता है। उसके पंखों को बाकियों से ज्यादा मेहनत करनी होती है। सामने आने वाले खतरों को वह पहले पहचानता है। वह हवा को काटता है। उसके बाद बाकी के हंस हवा को काटते हुए चलते हैं और अपने से पीछे उड़ने वाले हंसों के लिए वह उड़ान को आसान बनाते चलते हैं।" - माँ कहतीं।
Question 1:
कृति पूर्ण कीजिए :
लेखक के मन में उठे सवाल
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
लेखक के मन में उठे सवालों का क्रम इस प्रकार है: वे अपने विचारों में उलझे हुए हैं और एक के बाद एक सवाल उठाते जा रहे हैं, जैसे कि 'क्यों उड़ रहे हैं?', 'यह सवाल कहां जा रहे हैं?' और 'इसका क्या समाधान है?'. इन सवालों का समाधान लेखक के मन में क्रमशः उभरता है। लेखक ने समाज में घटित होने वाली घटनाओं के संदर्भ में विभिन्न सवाल उठाए हैं, जैसे कि "यह बदलाव क्यों हो रहा है?" और "समाज में क्या हो रहा है?" इन सवालों का उद्देश्य समाज के वर्तमान बदलावों को समझना है।
विशेषताएँ लिखिए :
सबसे आगे वाले हंस
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
सबसे आगे वाले हंस की विशेषताएँ इस प्रकार हैं: यह समूह में सबसे अग्रणी होता है, जो नेतृत्व करता है और शेष हंसों का मार्गदर्शन करता है। इसके द्वारा किया गया हर कदम समूह के अन्य हंसों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करता है।
पक्षियों में पाया जाने वाला अनुशासन' विषय पर 30 से 40 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
पक्षियों में अनुशासन देखने को मिलता है, विशेष रूप से जब वे झुंड में उड़ते हैं। प्रत्येक पक्षी एक दूसरे का अनुसरण करता है और एक दिशा में उड़ते हुए समूह की एकता बनाए रखता है। यह सामूहिकता और सहयोग का प्रतीक है, जिससे वे अपने उद्देश्यों को जल्दी और सुरक्षित रूप से प्राप्त कर पाते हैं।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
मेरा जीवन एक खुली किताब रहा है। मेरे न कोई रहस्य हैं और न मैं रहस्यों को प्रश्रय देता हूँ । मैं पूरी तरह भला बनने के लिए संघर्षरत एक अदना सा इनसान हूँ। मैं मन, वाणी और कर्म से पूरी तरह सच्चा और पूरी तरह अहिंसक बनने के लिए संघर्षरत हूँ । यह लक्ष्य सच्चा है, यह मैं जानता हूँ पर उसे पाने में बार-बार असफल हो जाता हूँ। मैं मानता हूँ कि इस लक्ष्य तक पहुँचना कष्टकर है पर यह कष्ट मुझे निश्चित आनंद देने वाला लगता है। इस तक पहुँचने की प्रत्येक सीढ़ी मुझे अगली सीढ़ी तक पहुँचने के लिए शक्ति तथा सामर्थ्य देती है।
जब मैं एक और अपनी लपता और अपनी सीमाओं के बारे में सोचना हूँ और दूसरी और मुझमे लोगों की जो अपेक्षाएँ हो गई हैं, उनकी बात सोचना है तो एक क्षण के लिए तो मैं स्तब्ध रह जाता है। फिर यह समझकर प्रकृतिस्थ हो जाता हूँ कि ये अपेक्षाएँ मुझसे नहीं हैं। ये सत्य और अहिंसा के दो अमूल्य गुर्णी के मुझमें अवतरण है। यह अवतरण कितना ही अपूर्ण हो पर मुझमें अपेक्षाकृत अधिक द्रष्टव्य है।
Question 4:
लेखक का जीवन एक खुली किताब है-
View Solution
लेखक का जीवन एक खुली किताब इस प्रकार है क्योंकि वह न कोई रहस्य रखते हैं और न ही किसी को अपने जीवन का प्रश्न उठाने से रोकते हैं। वह अपने जीवन को पूरी तरह से सभी के सामने प्रस्तुत करते हैं।
लेखक प्रकृतिस्थ हो जाते हैं-
View Solution
लेखक प्रकृतिस्थ हो जाते हैं क्योंकि वह पूरी तरह से अपनी आत्मा और मन को प्रकृति से जोड़ते हैं, जिससे वह हर स्थिति में स्थिर रहते हैं और प्रकृति के साथ एक गहरा संबंध महसूस करते हैं।
लेखक में इन गुणों का अवतरण है।
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
लेखक में जो गुण हैं, वे उसके जीवन के अनुभवों और उसकी प्रकृति से जुड़ाव के कारण विकसित हुए हैं। यह गुण उसे हर स्थिति में शांति और संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
लेखक इनके बारे में सोचते हैं।
\(\downarrow\)
.............
\(\downarrow\)
.............
View Solution
लेखक इन गुणों के बारे में सोचते हैं क्योंकि ये उनके जीवन के अनुभवों से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण बातें हैं, जो उनके व्यक्तित्व और मानसिक शांति को आकार देती हैं। उनका मन इन गुणों के प्रति एक गहरी समझ और श्रद्धा रखता है।
‘कथनी और करनी में समानता होनी चाहिए' विषय पर 30 से 40 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
कथनी और करनी में समानता होना अत्यंत आवश्यक है। केवल शब्दों से काम नहीं चलता, जब तक हम अपने कर्मों से उन शब्दों को वास्तविकता में नहीं बदलते। यह जीवन में ईमानदारी और सही मार्गदर्शन का प्रतीक है, जो समाज में विश्वास और सम्मान स्थापित करता है।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
यह एक 'साधारण महिला' की असाधारण कहानी है, जो अपनी असाधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से प्रोत्साहन व प्रेरणा लेकर सफलता के शिखर पर पहुँची है।
वहाँ अंतरिक्ष में रहते हुए सुनीता का मन बारिश में भीगने, समुद्र या झील या फिर सरोवर में तैरने को कर रहा था। दरअसल अंतरिक्ष में रहते हुए हरदम गंदगी - सी महसूस होती है। भारहीनता के कारण पसीने की बूँदें त्वचा से चिपकी रहती हैं और धीरे-धीरे इकट्ठा होकर त्वचा को छोड़ देती हैं, लेकिन किसी चीज से टकराने से पहले वे इधर-उधर तैरती-सी रहती हैं।
कभी-कभी सुनीता का पृथ्वी को स्पर्श करने का मन करता था। वह अपोलो के अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में सोचने लगती थी और यह सोचती थी कि चंद्रमा पर पूरी तरह उतरने से पहले ही पृथ्वी पर वापस आना उन्हें कितना निराशाजनक लगा होगा।
रात होते ही पृथ्वी जैसे टिमटिमाने लगती थी और जो क्षेत्र दिन में वीरान
दिखाई दे रहे थे, वे चमत्कारी रूप से छोटी-छोटी बत्तियों के प्रकाश से जगमगा उठते थे। ऐसे में सुनीता का जी करता था, 'समुद्र में डुबकी लगाने का'।
Question 9:
कृति पूर्ण कीजिए:
अंतरिक्ष में सुनीता का मन करता था-
\(\downarrow\)
(i) ...........
\(\downarrow\)
(ii) ...........
\(\downarrow\)
(iii) ...........
\(\downarrow\)
(iv) ...........
View Solution
अंतरिक्ष में सुनीता का मन निम्नलिखित बातों में करता था:
(i) बारिश में भीगने का, क्योंकि वह पृथ्वी के प्राकृतिक अनुभवों से जुड़ी थी।
(ii) समुद्र, झील या सरोवर में तैरने का, क्योंकि अंतरिक्ष में रहते हुए वह जल तत्व की कमी महसूस करती थी।
(iii) पृथ्वी को स्पर्श करने का, क्योंकि वह अंतरिक्ष में रहकर पृथ्वी की कमी महसूस करती थी।
(iv) समुद्र में डुबकी लगाने का, क्योंकि उसे पृथ्वी की चमत्कारी और प्राकृतिक सुंदरता का एहसास था।
कृति पूर्ण कीजिए:
अंतरिक्ष में भारहीनता के कारण पसीने की बूँदों की अवस्था
\(\downarrow\)
(i) ............
\(\downarrow\)
(ii) ............
View Solution
अंतरिक्ष में भारहीनता के कारण पसीने की बूँदों की अवस्था इस प्रकार होती है:
(i) वे त्वचा से चिपकी रहती हैं, क्योंकि भारहीनता के कारण वे सामान्य रूप से नीचे नहीं गिर सकतीं।
(ii) वे इधर-उधर तैरती-सी रहती हैं, क्योंकि पसीने की बूँदें बिना गुरुत्वाकर्षण के तैरती रहती हैं।
'परिवार से प्रोत्साहन तथा प्रेरणा का महत्त्व' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
परिवार से प्रोत्साहन और प्रेरणा जीवन की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। परिवार का समर्थन व्यक्ति को आत्मविश्वास और सफलता की ओर प्रेरित करता है, जिससे वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
ऊर्ध्वतम ही है चलना
जैसे पृथिवी चलकर गौरीशंकर बनती !
छूट गए पीछे
कस्तूरी मृगवाले वे
मधु मानव से उत्सव जंगल,
ग्रीष्म तपे
बियारे झरे पात की
वे वनानियाँ,
गिरे चीड़फूलों से लदी भूमि
औ' औषधियों के वल्कल पहने
परम हितैषी वृक्ष
सभी कुछ छूट गए।
Question 12:
View Solution

प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
View Solution
प्रथम चार पंक्तियाँ हमें यह समझाती हैं कि जीवन में निरंतर उन्नति की ओर बढ़ना चाहिए। जैसे पृथ्वी के कदम चलते हैं और गौरीशंकर बनते हैं, वैसे ही हमें भी निरंतर प्रयास करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए।
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए:
'ब्रजवासी'
मुद्दे :
View Solution
(1) रचनाकार का नाम:
'ब्रजवासी' कविता के रचनाकार सूरदास हैं। वे 16वीं शताब्दी के प्रसिद्ध हिंदी कवि थे, जो भक्तिकाव्य के महान रचनाकार के रूप में जाने जाते हैं।
(2) रचना की विधा:
यह रचना भक्ति काव्य की श्रेणी में आती है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्तिपूर्ण प्रेम और उनकी लीलाओं का वर्णन किया गया है।
(3) पसंद की पंक्तियाँ:
"ब्रज में बसा है जो प्यारा, वह कृष्ण है हमारा।"
(4) पंक्तियाँ पसंद होने का कारण:
इन पंक्तियों में ब्रजवासियों की भगवान श्री कृष्ण के प्रति निस्वार्थ प्रेम और श्रद्धा को दर्शाया गया है। यह पंक्ति मुझे इसलिए पसंद है क्योंकि इसमें भगवान के प्रति भक्ति का भाव अत्यंत गहराई से व्यक्त किया गया है।
(5) रचना से प्राप्त संदेश / प्रेरणा:
इस रचना से यह संदेश मिलता है कि हमें अपने जीवन में भक्ति और प्रेम का भाव बनाए रखना चाहिए। भगवान के प्रति निष्ठा और समर्पण से हम जीवन में शांति और संतुलन प्राप्त कर सकते हैं।
'चलो हम दीप जलाएँ'
मुद्दे :
View Solution
(1) रचनाकार का नाम:
'चलो हम दीप जलाएँ' कविता के रचनाकार कवि शंकर पाटिल हैं। वे एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और लेखक हैं।
(2) रचना की विधा:
यह रचना भक्ति और प्रेरणा काव्य की श्रेणी में आती है, जिसमें जीवन के हर पहलू में उजाले के महत्व को दर्शाया गया है।
(3) पसंद की पंक्तियाँ:
"चलो हम दीप जलाएँ, अंधकार को दूर भगाएँ।"
(4) पंक्तियाँ पसंद होने का कारण:
इन पंक्तियों में जीवन में अंधकार को दूर करने के लिए सकारात्मकता और आशा का संदेश दिया गया है। ये पंक्तियाँ मुझे इसलिए पसंद हैं क्योंकि यह हमें प्रेरित करती हैं कि हमें हर स्थिति में उजाला फैलाना चाहिए।
(5) रचना से प्राप्त संदेश / प्रेरणा:
इस रचना से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें अपने जीवन और समाज में सकारात्मकता और रोशनी फैलानी चाहिए। यह हमें सिखाती है कि अंधकार से जूझने के बजाय हमें उजाले की ओर बढ़ना चाहिए।
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
दुर्गा प्र. नौटियाल : आपने अब तक काफी साहित्य रचा आपने अब तक काफी साहित्य रचा है। क्या आप इससे संतुष्ट हैं ?
शिवानी : जहाँ तक संतुष्ट होने का संबंध है, मैं समझती हूँ कि किसी को भी अपने लेखन से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। मैं चाहती हूँ कि ऐसे लक्ष्य को सामने रखकर कुछ ऐसा लिखूँ कि जिस परिवेश को पाठक ने स्वयं भोगा है, उसे जीवंत कर दूँ। मुझे तब बहुत ही अच्छा लगता जब कोई पाठक मुझे लिख भेजता है कि आपने अमुक-अमुक चरित्र का वास्तविक वर्णन किया है अथवा फल-फलाँ चरित्र, लगता है, हमारे ही बीच है। लेकिन साथ ही मैं यह मानती हूँ कि लोकप्रिय होना न इतना आसान और न ही उसे बनाए रखना आसान है। मैं गत पचास वर्षों से बराबर लिखती आ रही हूँ। पाठक मेरे लेखन को खूब सराह रहे हैं। मेरे असली आलोचक तो मेरे पाठक हैं, जिनसे मुझे प्रशंसा और स्नेह भरपूर मात्रा में मिलता रहा है। शायद यही कारण है कि मैं अब तक बराबर लिखती आई हूँ।
Question 18:
लेखिका
\(\downarrow\)
मानती है
\(\downarrow\)
........
\(\downarrow\)
........
View Solution
लेखिका मानती है कि कोई भी लेखक अपने लेखन से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। वे चाहती हैं कि वे ऐसा लिखें जिससे पाठक अपने जीवन के अनुभवों को जीवंत रूप से महसूस कर सकें। साथ ही, लेखिका यह भी मानती हैं कि लोकप्रियता प्राप्त करना और उसे बनाए रखना दोनों ही कठिन हैं।
लेखिका को
\(\downarrow\)
पाठकों से मिलता रहा है
\(\downarrow\)
----------
\(\downarrow\)
----------
View Solution
लेखिका को पाठकों से प्रशंसा और स्नेह मिलता रहा है। उन्हें पाठकों से यह फीडबैक प्राप्त हुआ है कि उनके द्वारा लिखे गए चरित्र वास्तविक और जीवंत महसूस होते हैं, जैसे वे पाठकों के ही बीच से लिए गए हों।
'परिवेश का प्रभाव व्यक्तित्व पर होता है' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
परिवेश का व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जो वातावरण हममें होता है, वह हमारे विचार, व्यवहार और आदतों को आकार देता है। यदि परिवेश सकारात्मक हो, तो व्यक्तित्व में भी सकारात्मकता आ सकती है।
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
जहाँ पर भाईयों में प्यार का सागर नहीं होता,
वो ईंटों का मर्को होता है, लेकिन घर नहीं होता।
जो अपने देश पर कटने का जज्बा ही न रखता हो,
वो चाहे कुछ भी हो सकता है, लेकिन सर नहीं होता।
जो समझौते की बातें हैं, खुले दिल से ही होती हैं,
जो हम मिलते हैं उनसे, हाथ में खंजर नहीं होता।
हकीकत और होती है, नजर कुछ और आता है,
जहाँ पर फूल खिलते हैं, वहाँ पत्थर नहीं होता।
Question 21:
जहाँ भाईयों में प्यार होता है वहाँ- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
परिवार होता है।
जिसमें अपने देश पर कटने का जज्बा होता है उसे- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
सर होता है।
जहाँ समझौते की बातें होती हैं वहाँ- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
हाथ में खंजर नहीं होता।
जहाँ फूल खिलते हैं वहाँ- \(\hspace{2cm}\)
View Solution
वहाँ पत्थर नहीं होता।
'अपनत्व की भावना' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
View Solution
अपनत्व की भावना व्यक्ति को दूसरों से जोड़े रखती है। यह भावना रिश्तों को मजबूत बनाती है और विश्वास का निर्माण करती है। अपनत्व का अनुभव व्यक्ति को मानसिक शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।
धीरे-धीरे
View Solution
धीरे-धीरे :
धीरे-धीरे वह अपनी मंजिल तक पहुँच गया।
के लिए
View Solution
के लिए :
यह पुस्तक आपके लिए है।
कृति पूर्ण कीजिए:

View Solution

निम्नलिखित सामासिक शब्द का विग्रह करके समास का प्रकार लिखिए :

View Solution

निम्नलिखित अलंकार पहचानकर उसका प्रकार और उप-प्रकार लिखिए:

View Solution

ताव आना
View Solution
ताव आना : इसका अर्थ है किसी बात से क्रोधित या गुस्सा होना।
वाक्य:
उसकी बातों से मुझे ताव आ गया और मैंने तुरंत जवाब दे दिया।
उड़ जाना
View Solution
उड़ जाना : इसका अर्थ है किसी चीज़ का अचानक गायब हो जाना या खत्म हो जाना।
वाक्य:
जब मैंने अपनी जेब से पैसे निकाले तो देखा कि वे उड़ गए थे।
निम्नलिखित वाक्य में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग कीजिए :
ऐसा लगता है पुत्तर आप कहीं काम करती हो !
View Solution
ऐसा लगता है, पुत्तर, आप कहीं काम करती हो!
निम्नलिखित वाक्य से कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए :
दिलीप ने पूछा, "तुम्हारा घर कहाँ है ?"
View Solution
वाक्य में "दिलीप" शब्द 'कर्तृ कारक' (Subjective Case) है, क्योंकि यह क्रिया "पूछा" का कर्ता है।
"तुम्हारा घर" में "घर" 'कर्म कारक' (Objective Case) है, क्योंकि यह क्रिया "है" का कर्म है।
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए :
बरामदा तालीया से गूँज उठी ।
View Solution
शुद्ध वाक्य:
बरामदा तालियों से गूँज उठा।
उत्तर लिखिए:

View Solution

आप इन दिनों फ्लाबेर के पत्र पढ़ रहे हैं। (पूर्ण भूतकाल)
View Solution
आप उन दिनों फ्लाबेर के पत्र पढ़ चुके थे।
मेम साहब को परदे पसंद आये थे। (सामान्य वर्तमानकाल)
View Solution
मेम साहब को परदे पसंद आते हैं।
निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
तुम्हारी बात मुझे अच्छी नहीं लगी।
View Solution
वाक्य का प्रकार: यह वाक्य 'संज्ञा वाक्य' (Declarative Sentence) है, जो एक स्थिति या विचार को व्यक्त करता है।
निम्नलिखित वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :
मानू इतना ही बोल सकी।
(प्रश्नार्थक वाक्य)|
View Solution
क्या मानू इतना ही बोल सकी?
पत्रलेखन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्रलेखन कीजिए :
पूनम / पोषण ठाकरे, 117, इंद्रप्रस्थ निवास, अमरावती से नागपुर, गया नगर 'में रहने वाले अपने छोटे भाई अविनाश ठाकरे को राष्ट्रभाषा हिंदी परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु मार्गदर्शन पर पत्र लिखती/लिखता है।
View Solution
प्रिय अविनाश,
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि तुम राष्ट्रभाषा हिंदी परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हो। यह परीक्षा तुम्हारे लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है, क्योंकि हिंदी हमारे देश की राजभाषा है और इसका अच्छा ज्ञान हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी बन सकता है।
तुम्हें इस परीक्षा के लिए नियमित अभ्यास करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले तुम हिंदी व्याकरण, शब्दावली और लेखन कला पर ध्यान दो। साथ ही, अपने पुराने हिंदी के पाठ्यक्रम की पुनरावलोकन करो और अच्छे लेखकों की रचनाओं को पढ़ो। इससे तुम्हारी लिखने की क्षमता और अधिक बेहतर हो सकेगी।
परीक्षा के दिन स्वयं को शांत और एकाग्र रखो। एक अच्छी तैयारी से ही सफलता मिलती है, और मैं जानती हूँ कि तुम इस परीक्षा में अच्छे अंक ला सकते हो।
मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम इसे अच्छे से पास करोगे और मुझे तुम पर गर्व होगा।
तुम्हारी बहन,
पूनम ठाकरे / पोषण ठाकरे
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्रलेखन कीजिए :
कावेरी / कार्तिक पाटील, युवा नगर, लातूर से शिवाजी हिंदी विद्यालय के लिए खेल सामग्री मँगाने हेतु मा. व्यवस्थापक, कृष्णा स्पोर्ट्स, चिचंवड, पुणे को पत्र लिखती / लिखता है।
View Solution
मा. व्यवस्थापक,
कृष्णा स्पोर्ट्स,
चिचंवड, पुणे।
दिनांक:
विषय: खेल सामग्री मँगाने हेतु पत्र।
आदरणीय महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं कावेरी / कार्तिक पाटील, शिवाजी हिंदी विद्यालय, लातूर, विद्यालय में खेल के अध्यापक / अध्यापिका के रूप में कार्यरत हूँ। हमारे विद्यालय में बच्चों को खेलकूद के प्रति जागरूक करने के लिए हमें उचित खेल सामग्री की आवश्यकता है।
कृपया आप हमारे विद्यालय के लिए निम्नलिखित खेल सामग्री भेजने की कृपा करें:
1. क्रिकेट बैट (5)
2. फुटबॉल (4)
3. बैडमिंटन रैकेट (10)
4. वॉलीबॉल (2)
5. कबड्डी बॉल (5)
कृपया शीघ्रता से खेल सामग्री भेजने की कृपा करें, ताकि हमारे विद्यार्थियों को इन खेलों का लाभ मिल सके। हम आपके उत्तर की प्रतीक्षा करेंगे।
धन्यवाद।
सादर,
कावेरी / कार्तिक पाटील
शिवाजी हिंदी विद्यालय
युवा नगर, लातूर
गद्य आकलन- प्रश्न निर्मिति :
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों :
स्वाधीन भारत में अभी तक अंग्रेजी हवाओं में कुछ लोग यह कहते मिलेंगे जब तक विज्ञान और तकनीकी ग्रंथ हिंदी में न हों तब तक कैसे हिंदी में शिक्षा दी जाए। जब कि स्वामी श्रद्धानंद स्वाधीनता से भी चालीस साल पहले गुरुकुल काँगड़ी में हिंदी के माध्यम से विज्ञान जैसे गहन विषयों की शिक्षा दे रहे थे। ग्रंथ भी हिंदी में थे और पढ़ाने वाले भी हिंदी के थे। जहाँ चाह होती है वहीं राह निकलती है। एक लंबे अरसे तक अंग्रेज गुरुकुल काँगड़ी को भी राष्ट्रीय आंदोलन का अभिन्न अंग मानते रहे। इसमें कोई संदेह भी नहीं कि गुरुकुल के स्नातकों में स्वाधीनता की अजीब तड़प थी। स्वामी श्रद्धानंद जैसा राष्ट्रीय नेता जिस गुरुकुल का संस्थापक हो और हिंदी शिक्षा का माध्यम हो; वहाँ राष्ट्रीयता नहीं पनपेगी तो कहाँ पनपेगी।
View Solution
1. स्वामी श्रद्धानंद ने हिंदी के माध्यम से किस विषय की शिक्षा दी थी?
2. गुरुकुल काँगड़ी को क्यों राष्ट्रीय आंदोलन का अभिन्न अंग माना गया?
3. स्वामी श्रद्धानंद के समय में हिंदी में शिक्षा दी जाने के कारण क्या था?
4. क्या गुरुकुल के स्नातकों में स्वाधीनता की तड़प थी?
वृत्तांत लेखन :
प्रगति हिंदी विद्यालय, बारामती में मनाए गए 'शिक्षक दिवस' समारोह का 70 से 80 शब्दों में वृत्तांत लेखन कीजिये :
(वृत्तांत में स्थल, काल, घटना का उल्लेख होना अनिवार्य है।)
View Solution
प्रगति हिंदी विद्यालय, बारामती में 5 सितंबर को 'शिक्षक दिवस' समारोह बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने शिक्षक दिवस के महत्व पर भाषण दिया और सभी शिक्षकों का सम्मान किया। विद्यार्थियों ने गीत, नृत्य, और अभिनय प्रस्तुत किया, जिसमें सभी ने हिस्सा लिया। यह समारोह बहुत ही आनंदमयी और शिक्षाप्रद था। समारोह का समापन प्रधानाचार्य के धन्यवाद भाषण से हुआ।
विज्ञापन लेखन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर 50 से 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए :

View Solution

मेरा प्रिय वैज्ञानिक
View Solution
मेरा प्रिय वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग हैं। वे भौतिकी के क्षेत्र में महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। हॉकिंग ने ब्लैक होल और ब्रह्मांड के विस्तार के बारे में कई थ्योरी विकसित कीं। उनकी पुस्तक "A Brief History of Time" ने लाखों लोगों को भौतिकी और ब्रह्मांड के बारे में जागरूक किया।
स्टीफन हॉकिंग एक बहुत ही प्रेरणादायक व्यक्ति थे। उन्हें 21 वर्ष की आयु में मोटर न्यूरॉन बीमारी (ALS) का सामना करना पड़ा था, फिर भी उन्होंने पूरी दुनिया को दिखाया कि शारीरिक संकट के बावजूद भी मानसिक रूप से महान कार्य किए जा सकते हैं। उनका जीवन हम सभी को यह सिखाता है कि अगर मन में किसी काम को करने की इच्छा हो तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती।
वे केवल एक वैज्ञानिक ही नहीं थे, बल्कि एक महान मानवतावादी भी थे। हॉकिंग ने हमेशा विज्ञान के जरिए दुनिया में अच्छाई और बदलाव लाने की कोशिश की। उनका यह कहना था कि "हमारे पास केवल एक पृथ्वी है, और हमें इसे बचाने के लिए काम करना चाहिए।" उनका जीवन यह संदेश देता है कि चाहे परिस्थितियाँ जैसी भी हों, अगर हमारे पास दृढ़ संकल्प और कठिन मेहनत हो, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
हॉकिंग के विचारों ने न केवल विज्ञान की दुनिया में बल्कि आम लोगों के दिलों में भी एक नई आशा और विश्वास पैदा किया। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि शारीरिक कमजोरियाँ हमें मानसिक रूप से मजबूत बनने से नहीं रोक सकतीं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सफलता तब मिलती है, जब हम अपनी कठिनाइयों को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के कदम के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
स्टीफन हॉकिंग का जीवन और उनके कार्य हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
सैनिक की आत्मकथा
View Solution
मैं एक सैनिक हूँ, और मेरा जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ है, लेकिन मुझे इससे कोई शिकायत नहीं है। जब से मैंने भारतीय सेना में शामिल होने का निर्णय लिया था, तब से मेरा उद्देश्य देश की सेवा करना था। मेरे जीवन में हर दिन एक नई चुनौती होती है। मैं और मेरे साथी सैनिक अपनी जान की बाजी लगाकर सीमाओं पर देश की रक्षा करते हैं।
हमारे लिए हमारी मातृभूमि से बढ़कर कुछ नहीं है। हमारे परिवारों से दूर रहकर, कठिन परिस्थितियों में रहते हुए हम देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। हम अपनी शहादत से यह साबित करते हैं कि भारत की रक्षा में हमारा योगदान अतुलनीय है।
एक सैनिक का जीवन न केवल संघर्ष और बलिदान का होता है, बल्कि यह एक गर्व और सम्मान की बात भी है। हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा यही होती है कि हम अपने देश के लिए कुछ कर रहे हैं, और देश की खातिर हमारी शहादत कभी व्यर्थ नहीं जाती।
मेरे जीवन में एक और बहुत महत्वपूर्ण पहलू है – मेरी ट्रेनिंग और अनुभव। सेना में भर्ती होने के बाद, मैंने न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना सीखा, बल्कि मैंने यह भी जाना कि आत्मविश्वास और साहस के साथ किसी भी परिस्थिति का सामना किया जा सकता है।
हमें अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं से ऊपर उठकर, देश के लिए हर परिस्थिति में अपनी जान की बाजी लगानी होती है। हमें यह सिखाया जाता है कि भारत की सीमाओं पर हमारी शहादत ही सबसे बड़ा बलिदान है।
मुझे गर्व है कि मैं भारतीय सेना का हिस्सा हूँ। मुझे यह मान्यता प्राप्त है कि मैं अपने देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हूँ और मेरे द्वारा किए गए कार्यों से देश को शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। मेरा जीवन पूरी तरह से देश सेवा में समर्पित है।
हर एक सैनिक की आत्मकथा में साहस, बलिदान और देश प्रेम की कहानी होती है, और मुझे गर्व है कि मैं इसका हिस्सा हूँ।
वनों का महत्व
View Solution
वन हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे न केवल हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि जलवायु को संतुलित रखने, मिट्टी के कटाव को रोकने, और जैव विविधता को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। वनों में पाए जाने वाले पौधे, जीव-जंतु और सूक्ष्मजीव पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखते हैं और हमारी जीवनधारा के लिए जरूरी हैं।
वनों का महत्व केवल पर्यावरण तक सीमित नहीं है, बल्कि वे आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। लकड़ी, रेजिन, औषधियाँ, और कई अन्य उत्पाद वनों से प्राप्त होते हैं, जो न केवल आर्थिक गतिविधियों का हिस्सा हैं, बल्कि लोगों के जीवन यापन के लिए भी आवश्यक हैं।
इसके अलावा, वन पर्यावरणीय संकटों से बचाव के लिए एक प्राकृतिक ढाल का काम करते हैं। वे जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ और सूखा से सुरक्षा प्रदान करते हैं। वनों के बिना, पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ सकता है, क्योंकि वे जलवायु परिवर्तन को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
वनों का संरक्षण न केवल प्रकृति के लिए, बल्कि हमारे जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है। बिना जंगलों के, न केवल पर्यावरण का संतुलन बिगड़ेगा, बल्कि हमारे लिए आवश्यक संसाधनों की भी भारी कमी हो सकती है। जैसे कि जल, ऊर्जा, और खाद्यान्न - सभी का संबंध किसी न किसी रूप में जंगलों से है।
हमें वनों की महत्वता को समझना चाहिए और उनका संरक्षण करना चाहिए। यदि हम वनों का संरक्षण करेंगे तो हम अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और हरित पृथ्वी छोड़ सकते हैं। हमें वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए और जंगलों की अन्धाधुंध कटाई को रोकना चाहिए। वन न केवल प्राकृतिक संसाधनों का स्रोत हैं, बल्कि हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं। वनों में समय बिताने से तनाव कम होता है और शुद्ध वायु मिलती है, जो हमारी सेहत के लिए लाभकारी है।
सभी को वनों के महत्व को समझकर उनकी रक्षा करनी चाहिए और उन्हें बचाने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करने चाहिए।
वन हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे न केवल हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि जलवायु को संतुलित रखने, मिट्टी के कटाव को रोकने, और जैव विविधता को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। वनों में पाए जाने वाले पौधे, जीव-जंतु और सूक्ष्मजीव पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखते हैं और हमारी जीवनधारा के लिए जरूरी हैं।
वनों का महत्व केवल पर्यावरण तक सीमित नहीं है, बल्कि वे आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। लकड़ी, रेजिन, औषधियाँ, और कई अन्य उत्पाद वनों से प्राप्त होते हैं, जो न केवल आर्थिक गतिविधियों का हिस्सा हैं, बल्कि लोगों के जीवन यापन के लिए भी आवश्यक हैं।
इसके अलावा, वन पर्यावरणीय संकटों से बचाव के लिए एक प्राकृतिक ढाल का काम करते हैं। वे जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ और सूखा से सुरक्षा प्रदान करते हैं। वनों के बिना, पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ सकता है, क्योंकि वे जलवायु परिवर्तन को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
वनों का संरक्षण न केवल प्रकृति के लिए, बल्कि हमारे जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है। बिना जंगलों के, न केवल पर्यावरण का संतुलन बिगड़ेगा, बल्कि हमारे लिए आवश्यक संसाधनों की भी भारी कमी हो सकती है। जैसे कि जल, ऊर्जा, और खाद्यान्न - सभी का संबंध किसी न किसी रूप में जंगलों से है।
हमें वनों की महत्वता को समझना चाहिए और उनका संरक्षण करना चाहिए। यदि हम वनों का संरक्षण करेंगे तो हम अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और हरित पृथ्वी छोड़ सकते हैं। हमें वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए और जंगलों की अन्धाधुंध कटाई को रोकना चाहिए। वन न केवल प्राकृतिक संसाधनों का स्रोत हैं, बल्कि हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं। वनों में समय बिताने से तनाव कम होता है और शुद्ध वायु मिलती है, जो हमारी सेहत के लिए लाभकारी है।
सभी को वनों के महत्व को समझकर उनकी रक्षा करनी चाहिए और उन्हें बचाने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करने चाहिए।



Comments