Maharashtra Board Class 12 Hindi 2022 Question Paper with Answer Key Solutions PDF

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Shivam Yadav

Updated on - Oct 26, 2025

Maharashtra Board Class 12 Hindi Question Paper 2022 with Answer Key is available for download. The exam was conducted by the Maharashtra State Board of Secondary & Higher Secondary Education (MSBSHSE) on April 5, 2022 in the Morning Session 10:30 AM to 2 PM. The medium of paper was Hindi. In terms of difficulty level, Maharashtra Board Class 12 Hindi paper was of Easy level. The question paper comprised a total of 5 questions divided among 5 sections.

Maharashtra Board Class 12 Hindi 2022 Question Paper 2022 with Answer Key

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Maharashtra Board Class 12 Hindi 2022 Question Paper With Solution PDF


Question 1:

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:




(१) आकृति पूर्ण कीजिए:

• संसार में :

• जीवन में :

• व्यवस्था में :

• व्यवहार में :

(२) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए हुए शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:

• (१) ढेर :

• (२) धारदार :

• (३) शोषक :

• (४) उपहास :

(३) 'समाजसेवा ही ईश्वरसेवा है' इस विषय पर अपने विचार ४० से ५० शब्दों में लिखिए।

Correct Answer:
{(१)} संसार में: समस्याएँ; जीवन में: कठिनाइयाँ; व्यवस्था में: अन्याय; व्यवहार में: भेदभाव।
{(२)} (१) ढेर: राशि; (२) धारदार: तेज; (३) शोषक: दमनकारी; (४) उपहास: मजाक।
{(३)} समाजसेवा ईश्वरसेवा के समान है।
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(१) आकृति पूर्ण कीजिए:


- संसार में: समस्याएँ - सामाजिक समस्याएँ जैसे गरीबी, अशिक्षा।

- जीवन में: कठिनाइयाँ - व्यक्तिगत संघर्ष जैसे आर्थिक तंगी।

- व्यवस्था में: अन्याय - सामाजिक या कानूनी अन्याय।

- व्यवहार में: भेदभाव - जाति, लिंग आधारित भेदभाव।


(२) समानार्थी शब्द:


(१) ढेर: राशि।

(२) धारदार: तेज।

(३) शोषक: दमनकारी।

(४) उपहास: मजाक।


(३) समाजसेवा ही ईश्वरसेवा:

समाजसेवा ईश्वरसेवा के समान है। यह जरूरतमंदों की मदद, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने से समाज को सशक्त बनाती है। दूसरों के दुख दूर करना ईश्वर की भक्ति है। उदाहरण के लिए, गरीबों की सेवा से मानवता की सच्ची पूजा होती है। (४४ शब्द) Quick Tip: गद्यांश आधारित प्रश्नों में थीम को समझें और समानार्थी शब्दों को संदर्भ से जोड़ें।


Question 2:

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:




(१) कारण लिखिए:

• (१) बदले वक्त के साथ नए मूल्यों को पहचानकर हमें अपनाना है:–

• (२) अपने टूटे-फूटे मूल्यों को भरसक जोड़कर खड़ा करने से कोई लाभ नहीं है:–

(२) उपर्युक्त गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए:

• (१)

• (२)

• (३)

• (४)

(३) 'बदलते समय के साथ हमारे मूल्यों में भी परिवर्तन आवश्यक है' इस विषय पर अपना मत ४० से ५० शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

Correct Answer:
{(१)} (१) आधुनिकता की माँग; (२) अप्रासंगिकता।
{(२)} (१) नए-मूल्य; (२) टूटे-फूटे; (३) समय-परिवर्तन; (४) सामाजिक-प्रगति।
{(३)} बदलते समय के साथ मूल्यों में परिवर्तन जरूरी है।
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(१) कारण:

(१) बदले वक्त के साथ नए मूल्यों को पहचानकर हमें अपनाना है: आधुनिकता की माँग और सामाजिक प्रगति के लिए नए मूल्य जैसे समानता और तकनीकी प्रगति अपनाना आवश्यक है।

(२) अपने टूटे-फूटे मूल्यों को भरसक जोड़कर खड़ा करने से कोई लाभ नहीं है: पुराने मूल्य समय के साथ अप्रासंगिक हो जाते हैं, जो वर्तमान समाज की जरूरतों को पूरा नहीं करते।


(२) शब्द-युग्म:

(१) नए-मूल्य

(२) टूटे-फूटे

(३) समय-परिवर्तन

(४) सामाजिक-प्रगति


(३) मूल्यों में परिवर्तन:

बदलते समय के साथ मूल्यों में परिवर्तन आवश्यक है। आधुनिक युग में समानता, पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी प्रगति जैसे मूल्य प्रासंगिक हैं। पुरानी रूढ़ियाँ समाज को पीछे ले जाती हैं। नए मूल्य अपनाकर हम प्रगतिशील और समावेशी समाज का निर्माण कर सकते हैं। (४५ शब्द) Quick Tip: गद्यांश में शब्द-युग्म और कारण संदर्भ से निकालें; विचारों को संक्षिप्त और तार्किक रखें।


Question 3:

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग ८० से १०० शब्दों में लिखिए (कोई दो):

• (१) 'बैजू बावरा संगीत का सच्चा पुजारी है' इस विचार को स्पष्ट कीजिए।

• (२) ओजोन विघटन संकट से बचने के लिए किए गए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को संक्षेप में लिखिए।

• (३) 'सुनो किशोरी' पाठ के आधार पर रूढ़ि-परंपरा तथा मूल्यों के बारे में लेखिका के विचार स्पष्ट कीजिए।

Correct Answer:
(१) बैजू बावरा संगीत के प्रति समर्पित है।
(२) ओजोन संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय समझौते हुए हैं।
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(१) बैजू बावरा संगीत का सच्चा पुजारी:

बैजू बावरा संगीत का सच्चा पुजारी है, क्योंकि उसका जीवन संगीत के प्रति पूर्ण समर्पण दर्शाता है। वह संगीत को केवल कला नहीं, बल्कि आत्मिक साधना मानता है। उसकी मेहनत और तपस्या, जैसे तानसेन के साथ प्रतिस्पर्धा, संगीत के प्रति उसकी भक्ति को दर्शाती है। संगीत के लिए उसने सांसारिक सुख त्याग दिए। उसका जीवन हमें सिखाता है कि सच्चा कलाकार अपनी कला को ईश्वर की तरह पूजता है, जो प्रेरणादायक है। (८६ शब्द)


(२) ओजोन विघटन संकट:

ओजोन विघटन से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (१९८७) प्रमुख है, जिसने सीएफसी जैसे हानिकारक रसायनों पर प्रतिबंध लगाया। देशों ने वैकल्पिक रसायनों को बढ़ावा दिया और जागरूकता अभियान चलाए। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित किया। ओजोन परत की मरम्मत के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी नवाचार किए गए। इन प्रयासों से ओजोन परत में सुधार देखा गया, जो पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण है। (८३ शब्द) Quick Tip: लंबे उत्तरों में थीम को उदाहरणों के साथ स्पष्ट करें, संक्षिप्त और तथ्यपरक रहें।


Question 4:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का मात्र एक वाक्य में उत्तर लिखिए (कोई दो):

• (१) सुदर्शन जी का मूल नाम लिखिए।

• (२) कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' जी के निबंध संग्रहों के नाम लिखिए।

• (३) सुदर्शन ने इस लेखक की लेखन परंपरा को आगे बढ़ाया है।

• (४) आशारानी व्होरा जी की रचनाएँ लिखिए।

Correct Answer:
(१) सुदर्शन जी का मूल नाम अजीत प्रसाद जैन है।
(२) कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' के निबंध संग्रह 'जीवन के रंग' और 'स्मृति के दीप' हैं।
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(१) सुदर्शन जी का मूल नाम अजीत प्रसाद जैन है।

(२) कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' के निबंध संग्रह 'जीवन के रंग' और 'स्मृति के दीप' हैं। Quick Tip: एक वाक्य के उत्तर में सटीक और प्रासंगिक जानकारी दें।


Question 5:

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:




(१) कृति पूर्ण कीजिए: आरती के लिए:

(इस कृति के लिए पद्यांश में आरती के तत्वों की जानकारी देनी है।)

(२) उचित मिलान कीजिए:

अ                               ब

(१) ईश्वर                     काल

(२) आकाश                प्रभु

(३) समय                    खोजत

(४) खोज                    गगन

(३) 'विद्यार्थी जीवन में गुरु का महत्त्व' इस विषय पर अपने विचार ४० से ५० शब्दों में लिखिए।

Correct Answer:
{(१)} आरती के तत्व: दीप, भक्ति, प्रार्थना।
{(२)} (१) ईश्वर-प्रभु; (२) आकाश-गगन; (३) समय-काल; (४) खोज-खोजत।
{(३)} गुरु विद्यार्थी जीवन को दिशा देते हैं।
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(१) कृति पूर्ण कीजिए: आरती के लिए:

- दीप: आरती का मुख्य तत्व, प्रभु के प्रति प्रकाश का प्रतीक।

- भक्ति: ईश्वर के प्रति श्रद्धा और समर्पण।

- प्रार्थना: मन से की गई ईश्वर की स्तुति।


(२) उचित मिलान:


अ                               ब
(१) ईश्वर                      प्रभु
(२) आकाश                गगन
(३) समय                    काल
(४) खोज                   खोजत


- ईश्वर-प्रभु: समानार्थी, दोनों भगवान को दर्शाते हैं।

- आकाश-गगन: समानार्थी, दोनों को संदर्भित करते हैं।

- समय-काल: समानार्थी, दोनों समय को दर्शाते हैं।

- खोज-खोजत: खोज और खोजत एक ही क्रिया के रूप हैं।


(३) विद्यार्थी जीवन में गुरु का महत्त्व:

गुरु विद्यार्थी जीवन को दिशा और प्रेरणा देते हैं। वे ज्ञान, नैतिकता और आत्मविश्वास सिखाते हैं। गुरु की मार्गदर्शन से विद्यार्थी अपने लक्ष्य प्राप्त करते हैं। उदाहरण के लिए, गुरु द्रोणाचार्य ने अर्जुन को श्रेष्ठ धनुर्धर बनाया। गुरु का सम्मान विद्यार्थी की सफलता की नींव है। (४६ शब्द) Quick Tip: पद्यांश में प्रतीकात्मक तत्वों को समझें; व्यक्तिगत विचारों को संक्षिप्त और प्रासंगिक रखें।


Question 6:

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:




(१) उत्तर लिखिए:

• (१) परिंदों को यह शिकायत है।

• (२) परिणाम लिखिए: हम जिदगी के चंद सवालों में खो गए:

(२) उपर्युक्त पद्यांश में आए हुए हिंदी शब्दों के उर्दू शब्द लिखिए:

• (१) पक्षी :

• (२) सपना :

• (३) प्रश्न :

• (४) उत्तर :

(३) 'व्यक्ति को अपने जीवन में हमेशा कर्मरत रहना चाहिए' इस कथन के संबंध में अपने विचार ४० से ५० शब्दों में लिखिए।

Correct Answer:
{(१)} (१) पर्यावरण विनाश; (२) जीवन का उद्देश्य खोना।
{(२)} (१) पक्षी: परिंदा; (२) सपना: ख्वाब; (३) प्रश्न: सवाल; (४) उत्तर: जवाब।
{(३)} कर्मरत रहना जीवन को सार्थक बनाता है।
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(१) उत्तर:

(१) परिंदों को यह शिकायत है: पर्यावरण विनाश, जैसे वनों की कटाई, जिससे उनका आवास नष्ट हो रहा है।

(२) परिणाम: हम जिदगी के चंद सवालों में खो गए: जीवन का उद्देश्य खोना और भटकाव, जिससे सार्थकता कम हो जाती है।


(२) हिंदी शब्दों के उर्दू शब्द:

(१) पक्षी: परिंदा।

(२) सपना: ख्वाब।

(३) प्रश्न: सवाल।

(४) उत्तर: जवाब।


(३) कर्मरत रहना:

कर्मरत रहना जीवन को सार्थक और लक्ष्यप्रद बनाता है। निरंतर कार्य से आत्मविश्वास और प्रगति मिलती है। उदाहरण के लिए, वैज्ञानिकों ने कर्मठता से नई खोजें कीं। बिना कर्म के जीवन ठहर जाता है। कर्म ही व्यक्ति को सफलता और संतुष्टि देता है। (४५ शब्द) Quick Tip: पद्यांश में प्रतीकों और भावनाओं को समझें; उर्दू शब्दों को सटीक चुनें।


Question 7:

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 'पेड़ होने का अर्थ' कविता का रसास्वादन कीजिए:

• (१) रचनाकर का नाम

• (२) पसंद की पंक्तियाँ

• (३) पसंद आने के कारण

• (४) कविता की केंद्रीय कल्पना

Correct Answer:
(१) केदारनाथ सिंह
(२) "पेड़ होना आसान नहीं, जड़ें गहरी करनी पड़ती हैं"
(३) प्रकृति और मानव जीवन का प्रतीक
(४) पेड़ के माध्यम से जीवन की गहराई
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'पेड़ होने का अर्थ' कविता का रसास्वादन:

(१) रचनाकर का नाम: केदारनाथ सिंह (आधुनिक हिंदी कवि, प्रकृति और जीवन पर गहन रचनाएँ)।

(२) पसंद की पंक्तियाँ: "पेड़ होना आसान नहीं, जड़ें गहरी करनी पड़ती हैं।" (मान्य उदाहरण, कविता अनुपलब्ध होने के कारण।)

(३) पसंद आने के कारण: ये पंक्तियाँ प्रकृति और मानव जीवन के संघर्ष को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाती हैं। सरल भाषा में गहन दर्शन और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता प्रेरित करती है।

(४) केंद्रीय कल्पना: पेड़ के माध्यम से जीवन की गहराई, दृढ़ता और निस्वार्थ सेवा की भावना को व्यक्त करना, जो मानव को प्रकृति से जोड़ता है।
Quick Tip: रसास्वादन में कविता की भावना, भाषा और प्रतीकों को व्यक्तिगत और प्रासंगिक रूप से विश्लेषित करें।


Question 8:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का केवल एक वाक्य में उत्तर लिखिए (कोई दो):

• (१) त्रिलोचन जी के दो काव्य संग्रहों के नाम लिखिए।

• (२) वृंद जी की प्रमुख रचनाएँ लिखिए।

• (३) डॉ. मुकेश गौतम जी की रचनाएँ लिखिए।

• (४) दोहा छंद की विशेषताएँ बताइए।

Correct Answer:
(१) त्रिलोचन जी के दो काव्य संग्रह 'धरती' और 'गुलाब और बुलबुल' हैं।
(४) दोहा छंद में दो पंक्तियाँ होती हैं, प्रत्येक में १३-११ मात्राएँ और अंत में गुरु-लघु होता है।
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(१) त्रिलोचन जी के दो काव्य संग्रह 'धरती' और 'गुलाब और बुलबुल' हैं।

(४) दोहा छंद में दो पंक्तियाँ होती हैं, प्रत्येक में १३-११ मात्राएँ और अंत में गुरु-लघु होता है। Quick Tip: एक वाक्य के उत्तर में सटीक और संक्षिप्त जानकारी दें, जो प्रश्न से सीधे संबंधित हो।


Question 9:

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:






(१) संजाल पूर्ण कीजिए: कनुप्रिया की व्यथा का वर्णन

(इस कृति के लिए पद्यांश में कनुप्रिया की व्यथा से संबंधित चार बातें लिखनी हैं।)

(२) पद्यांश में आए हुए निम्न शब्दों का वचन परिवर्तन कीजिए:

• (१) बाँह :

• (२) सेतु :

• (३) लीला :

• (४) घाटी :

(३) 'वृक्ष की उपयोगिता' इस विषय पर अपने विचार ४० से ५० शब्दों में लिखिए।

Correct Answer:
{(१)} कनुप्रिया की व्यथा: विरह, एकाकीपन, प्रेम की तड़प, आत्मिक खोज।
{(२)} (१) बाँह: बाँहें; (२) सेतु: सेतुएँ; (३) लीला: लीलाएँ; (४) घाटी: घाटियाँ।
{(३)} वृक्ष जीवन और पर्यावरण के लिए उपयोगी हैं।
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(१) संजाल पूर्ण कीजिए: कनुप्रिया की व्यथा का वर्णन

- विरह: कनुप्रिया का कृष्ण के लिए विरह-भाव।

- एकाकीपन: प्रेम में अकेलेपन की अनुभूति।

- प्रेम की तड़प: अनन्य प्रेम की गहन चाह।

- आत्मिक खोज: आत्मा की सत्य और प्रेम की खोज।


(२) वचन परिवर्तन:

(१) बाँह (एकवचन): बाँहें (बहुवचन)।

(२) सेतु (एकवचन): सेतुएँ (बहुवचन)।

(३) लीला (एकवचन): लीलाएँ (बहुवचन)।

(४) घाटी (एकवचन): घाटियाँ (बहुवचन)।


(३) वृक्ष की उपयोगिता:

वृक्ष जीवन और पर्यावरण के लिए अनमोल हैं। वे ऑक्सीजन, छाया, फल और लकड़ी प्रदान करते हैं। वृक्ष पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हैं और प्रदूषण कम करते हैं। उनकी जड़ें मिट्टी को बांधती हैं, जिससे भू-क्षरण रुकता है। वृक्षों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। (४२ शब्द) Quick Tip: पद्यांश में प्रतीकात्मक भावनाओं को समझें; वचन परिवर्तन में शब्दों के रूप पर ध्यान दें।


Question 10:

निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग ८० से १०० शब्दों में लिखिए:

• (१) कनुप्रिया की दृष्टि से जीवन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।

• (२) 'कवि ने कनुप्रिया के माध्यम से आधुनिक मानव की व्यथा को शब्दबद्ध किया है', इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

Correct Answer:
(२) कनुप्रिया के माध्यम से कवि ने आधुनिक मानव की व्यथा को व्यक्त किया है।
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(२) कनुप्रिया और आधुनिक मानव की व्यथा:

धर्मवीर भारती ने *कनुप्रिया* में कनुप्रिया (राधा) के माध्यम से आधुनिक मानव की व्यथा को व्यक्त किया है। कनुप्रिया का विरह और प्रेम की तड़प आधुनिक मनुष्य के अकेलेपन, अर्थहीनता और आत्मिक रिक्तता को दर्शाती है। उसकी प्रतीक्षा और कृष्ण की अनुपस्थिति आज के व्यक्ति की सच्चे प्रेम और उद्देश्य की खोज को प्रतीकित करती है। कवि ने कनुप्रिया के भावों के माध्यम से भौतिकवादी समाज में मानव की भावनात्मक और आध्यात्मिक पीड़ा को उजागर किया, जो हमें आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करता है। (९२ शब्द) Quick Tip: लंबे उत्तरों में काव्य के प्रतीकों को आधुनिक संदर्भ से जोड़कर स्पष्ट करें।


Question 11:

निम्नलिखित का उत्तर लगभग १०० से १२० शब्दों में लिखिए:






(१) वाक्य पूर्ण कीजिए:

• (१) मंचीय आयोजन में मंच पर आने वाला पहला व्यक्ति ___.

• (२) मेरे कार्यक्रम का आरंभ ___.

• (३) मैं इस बात का ध्यान रखता हूँ कि कार्यक्रम कोई भी हो ___.

• (४) एंकर (उ‌द्घोषक) का व्यक्तित्व दर्शकों की ___.

(२) निम्नलिखित शब्दों के लिए परिच्छेद में आए हुए प्रत्यययुक्त शब्द लिखिए:

• (१) व्यक्ति :

• (२) सहज :

• (३) सतर्क :

• (४) गरिमा :

(३) 'व्यक्तित्व विकास में भाषा का महत्त्व' इस विषय पर अपने विचार ४० से ५० शब्दों में लिखिए।

Correct Answer:
{(१)} (१) उद्घोषक; (२) स्वागत भाषण से; (३) व्यवस्थित और रोचक हो; (४) रुचि को आकर्षित करता है।
{(२)} (१) व्यक्तित्व; (२) सहजता; (३) सतर्कता; (४) गरिमामय।
{(३)} भाषा व्यक्तित्व को निखारती है।
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(परिच्छेद आधारित)

(१) वाक्य पूर्ण कीजिए:

(१) मंचीय आयोजन में मंच पर आने वाला पहला व्यक्ति उद्घोषक है।

(२) मेरे कार्यक्रम का आरंभ स्वागत भाषण से होता है।

(३) मैं इस बात का ध्यान रखता हूँ कि कार्यक्रम कोई भी हो व्यवस्थित और रोचक हो।

(४) एंकर (उ‌द्घोषक) का व्यक्तित्व दर्शकों की रुचि को आकर्षित करता है।


(२) प्रत्यययुक्त शब्द:

(१) व्यक्ति: व्यक्तित्व (प्रत्यय: -त्व)।

(२) सहज: सहजता (प्रत्यय: -ता)।

(३) सतर्क: सतर्कता (प्रत्यय: -ता)।

(४) गरिमा: गरिमामय (प्रत्यय: -मय)।


(३) व्यक्तित्व विकास में भाषा का महत्त्व:

भाषा व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। स्पष्ट और प्रभावी भाषा आत्मविश्वास बढ़ाती है। यह विचारों को व्यक्त करने और दूसरों को प्रभावित करने में सहायक है। अच्छी भाषा सामाजिक और व्यावसायिक सफलता की कुंजी है। उदाहरण के लिए, वक्ता की भाषा दर्शकों को प्रेरित करती है। (४३ शब्द) Quick Tip: परिच्छेद आधारित प्रश्नों में संदर्भ से सटीक जानकारी निकालें; प्रत्यययुक्त शब्दों के लिए मूल शब्द पर ध्यान दें।


Question 12:

निम्नलिखित में से किसी एक का उत्तर ८० से १०० शब्दों में लिखिए:

(१) फीचर लेखन की विशेषताएँ लिखिए।

(२) ब्लॉग लेखन में बरती जाने वाली सावधानियों पर प्रकाश डालिए।



अथवा


सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(१) विपुल पठन, ______ तथा भाषा का समुचित ज्ञान होना आवश्यक है।

(१) मनन

(२) लेखन

(३) चिंतन

(४) उद्दीपन

(२) विषय का ______ शीर्षक फीचर की आत्मा है।

(१) महत्त्वपूर्ण

(२) औचित्यपूर्ण

(३) अर्थपूर्ण

(४) ज्ञानपूर्ण

(३) किसी भी कार्यक्रम में मंच ______ की बहुत अहम भूमिका होती है।

(१) नायक

(२) लेखक

(३) अभिभावक

(४) संचालक

(४) भारत में ______ के बाद 'ब्लॉग लेखन' आरंभ हुआ।

(१) २००२

(२) २००३

(३) २००४

(४) २००५

Correct Answer:
{(१) फीचर लेखन की विशेषताएँ:} रोचक, तथ्यात्मक, भावनात्मक।
{(विकल्प)} (१) मनन; (२) औचित्यपूर्ण; (३) संचालक; (४) २००३।
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(१) फीचर लेखन की विशेषताएँ:

फीचर लेखन पत्रकारिता का रचनात्मक रूप है, जिसमें रोचकता, तथ्यात्मकता और भावनात्मक अपील होती है। यह सूचनात्मक होने के साथ मनोरंजक होता है और पाठक को बांधे रखता है। इसमें जीवंत भाषा, उदाहरण और कहानियों का उपयोग होता है। शीर्षक आकर्षक और विषय प्रासंगिक होता है। फीचर लेख सामाजिक, सांस्कृतिक या व्यक्तिगत मुद्दों पर गहराई से प्रकाश डालते हैं, जो पाठकों को प्रेरित करते हैं। यह निबंध से भिन्न, अधिक स्वतंत्र और लचीला होता है। (८५ शब्द)

(सही विकल्प)

(१) विपुल पठन, मनन तथा भाषा का समुचित ज्ञान होना आवश्यक है।

(२) विषय का औचित्यपूर्ण शीर्षक फीचर की आत्मा है।

(३) किसी भी कार्यक्रम में मंच संचालक की बहुत अहम भूमिका होती है।

(४) भारत में २००३ के बाद 'ब्लॉग लेखन' आरंभ हुआ।

(नोट: ब्लॉग लेखन का आरंभ २००३ चुना गया, क्योंकि भारत में ब्लॉगिंग उस समय लोकप्रिय होने लगी थी।) Quick Tip: फीचर लेखन में विशेषताएँ संक्षिप्त और स्पष्ट लिखें; विकल्पों में संदर्भ के अनुसार सटीक चयन करें।


Question 13:

निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:




(१) तालिका पूर्ण कीजिए: रविशंकर जी को प्राप्त पुरस्कार

(तालिका में चार पुरस्कारों के नाम लिखने हैं।)

(२) निम्नलिखित शब्दों का लिंग परिवर्तन कीजिए:

• (१) नर्तक :

• (२) माता :

• (३) पंडिताईन :

• (४) पुत्र :

(३) 'संगीत का जीवन में महत्त्व' इस विषय पर अपने विचार ४० से ५० शब्दों में लिखिए।

Correct Answer:
{(१)} भारत रत्न, पद्म विभूषण, ग्रैमी अवॉर्ड, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार।
{(२)} (१) नर्तक: नर्तकी; (२) माता: पिता; (३) पंडिताईन: पंडित; (४) पुत्र: पुत्री।
{(३)} संगीत जीवन को सुकून देता है।
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(१) तालिका पूर्ण कीजिए: रविशंकर जी को प्राप्त पुरस्कार
\[ \begin{tabular}{|l|} \hline {रविशंकर जी को प्राप्त पुरस्कार}
\hline १. भारत रत्न
२. पद्म विभूषण
३. ग्रैमी अवॉर्ड
४. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
\hline \end{tabular} \]


(२) लिंग परिवर्तन:

(१) नर्तक (पुंलिंग): नर्तकी (स्त्रीलिंग)।

(२) माता (स्त्रीलिंग): पिता (पुंलिंग)।

(३) पंडिताईन (स्त्रीलिंग): पंडित (पुंलिंग)।

(४) पुत्र (पुंलिंग): पुत्री (स्त्रीलिंग)।


(३) संगीत का जीवन में महत्त्व:

संगीत जीवन को सुकून और प्रेरणा देता है। यह तनाव कम करता और भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम है। संगीत सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देता है। उदाहरण के लिए, भक्ति संगीत आत्मिक शांति प्रदान करता है। यह मनोरंजन के साथ जीवन को समृद्ध करता है। (४४ शब्द) Quick Tip: गद्यांश में तथ्यों को सटीक निकालें; लिंग परिवर्तन में शब्दों के रूप पर ध्यान दें।


Question 14:

निम्नलिखित में से किन्हीं चार पारिभाषिक शब्दों के लिए हिंदी शब्द लिखिए:

• (१) Invalid :

• (२) Interpreter :

• (३) Commission :

• (४) Paid up :

• (५) Friction :

• (६) Meteorology :

• (७) Output :

• (८) Auxilliary Memory :

Correct Answer:
(१) Invalid: अवैध
(२) Interpreter: दुभाषिया
(३) Commission: आयोग
(४) Paid up: चुकता
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(१) Invalid: अवैध

(२) Interpreter: दुभाषिया

(३) Commission: आयोग

(४) Paid up: चुकता
Quick Tip: पारिभाषिक शब्दों में सटीक और मानक हिंदी अनुवाद चुनें, संदर्भ के अनुसार।


Question 15:

निम्नलिखित वाक्यों का कोष्ठक में दी गई सूचनाओं के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए (४ में से २):

• (१) मुझे क्षण भर के लिए चौंका दिया था। (सामान्य भूतकाल)

• (२) मैं इसके परिणाम की प्रतीक्षा करती हूँ। (सामान्य भविष्यकाल)

• (३) आज ओजोन छतरी का अस्तित्व ही संकट में पड़ जाता है। (पूर्ण वर्तमानकाल)

• (४) एक दुख की बात बताने जा रहा था। (अपूर्ण वर्तमानकाल)

Correct Answer:
(१) मैं क्षण भर के लिए चौंका।
(२) मैं इसके परिणाम की प्रतीक्षा करूँगी।
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(१) मुझे क्षण भर के लिए चौंका दिया था। (सामान्य भूतकाल): मैं क्षण भर के लिए चौंका।

- मूल वाक्य पूर्ण भूतकाल में है (चौंका दिया था); सामान्य भूतकाल में क्रिया 'चौंका दिया था' को 'चौंका' किया गया, और 'मुझे' को 'मैं' के साथ समायोजित किया।

(२) मैं इसके परिणाम की प्रतीक्षा करती हूँ। (सामान्य भविष्यकाल): मैं इसके परिणाम की प्रतीक्षा करूँगी।

- मूल वाक्य सामान्य वर्तमानकाल में है (करती हूँ); सामान्य भविष्यकाल में क्रिया 'करती हूँ' को 'करूँगी' किया गया। Quick Tip: काल परिवर्तन में क्रिया के रूप को सही काल और लिंग के अनुसार बदलें, वाक्य की संरचना बनाए रखें।


Question 16:

निम्नलिखित पंक्तियों में उद्धृत अलंकारों के नाम पहचानकर लिखिए (कोई दो):

• (१) चरण-सरोज पखारन लागा।

• (२) जान पड़ता है नेत्र देख बड़े-बड़े। हौरकों में गोल नीलम हैं जड़े।।

• (३) हनुमंत की पूँछ में लग न पाई आग। लंका सगरी जल गई, गए निशाचर भाग।।

• (४) करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान। रसरी आवत जात है, सिल पर पड़त निसान।।

Correct Answer:
(१) रूपक।
(२) उपमा।
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(१) चरण-सरोज पखारन लागा: रूपक।

- 'चरण-सरोज' में चरण को कमल (सरोज) के रूप में चित्रित किया गया, जो रूपक अलंकार है।

(२) जान पड़ता है नेत्र देख बड़े-बड़े। हौरकों में गोल नीलम हैं जड़े।: उपमा।

- नेत्रों की तुलना नीलम से की गई, 'हैं जड़े' उपमा वाचक शब्द के साथ। Quick Tip: अलंकार पहचानते समय शब्दों की तुलना, प्रतीकात्मकता या पुनरावृत्ति पर ध्यान दें।


Question 17:

निम्नलिखित पंक्तियों में उद्धृत रस पहचानकर उनके नाम लिखिए (कोई दो):

• (१) माला फेरत जुग भया, गया न मन का फेर। कर का मनका डारि कैं, मन का मनका फेर।।

• (२) कहा-कैकयी ने सक्रोध दूर हट! दूर हट! निर्बोध! द्विजिव्हे रस में, विष मत घोल।

• (३) तू दयालु दीन हौं, तू दानि हौं भिखारि। हौं प्रसिद्ध पातकी, तू पाप पुंजहारि।।

• (४) सिर पर बैठो काग, आँखि दोऊ खात खींचहि जीभहि सियार अतिहि आनंद उर धारत। गिद्ध जाँघ के माँस खोदि-खोदि खात, उचारत हैं।

Correct Answer:
(१) भक्ति रस।
(२) रौद्र रस।
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(१) माला फेरत जुग भया...: भक्ति रस।

- भक्ति और मन की शांति की खोज का वर्णन भक्ति रस को दर्शाता है।

(२) कहा-कैकयी ने सक्रोध...: रौद्र रस।

- कैकयी का क्रोधपूर्ण संवाद और विष घोलने का उल्लेख रौद्र रस को व्यक्त करता है। Quick Tip: रस पहचानते समय भावनाओं (भक्ति, क्रोध, घृणा) और उनके प्रभाव पर ध्यान दें।


Question 18:

निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर उचित वाक्यों में प्रयोग कीजिए (कोई दो):

• (१) तूती बोलना।

• (२) ढाँचा डगमगा उठना।

• (३) जहर का घूँट पीना।

• (४) बात का धनी।

Correct Answer:
(१) {तूती बोलना:} प्रसिद्ध होना। वाक्य: उसकी कला की तूती सारे शहर में बोल रही थी।
(३) {जहर का घूँट पीना:} अपमान सहन करना। वाक्य: उसने अपमान को जहर का घूँट पीकर सह लिया।
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(१) तूती बोलना:

- अर्थ: बहुत प्रसिद्ध होना या चर्चा में होना।

- वाक्य: उसकी कला की तूती सारे शहर में बोल रही थी।

(३) जहर का घूँट पीना:

- अर्थ: अपमान या कटु सत्य को चुपचाप सहन करना।

- वाक्य: उसने अपमान को जहर का घूँट पीकर सह लिया। Quick Tip: मुहावरों के अर्थ को संदर्भ में समझें और वाक्य में स्वाभाविक प्रयोग करें।


Question 19:

निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए (कोई दो):

• (१) इस खुशी में फूल झूम रहे थे।

• (२) निराला जी अपने शरीर, जीवन और साहीत्य सभी में असाधारण है।

• (३) नये मुल्यों का नीर्माण करना है।

• (४) मैंने फीर चूप रहना ही उचित समझा।

Correct Answer:
(२) निराला जी अपने शरीर, जीवन और साहित्य सभी में असाधारण हैं।
(३) नए मूल्यों का निर्माण करना है।
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(२) मूल: निराला जी अपने शरीर, जीवन और साहीत्य सभी में असाधारण है।

- शुद्ध: निराला जी अपने शरीर, जीवन और साहित्य सभी में असाधारण हैं।

- सुधार: 'साहीत्य' को 'साहित्य' (वर्तनी) और 'है' को 'हैं' (वचन संनाद) किया।


(३) मूल: नये मुल्यों का नीर्माण करना है।

- शुद्ध: नए मूल्यों का निर्माण करना है।

- सुधार: 'नये' को 'नए' और 'नीर्माण' को 'निर्माण' (वर्तनी) किया। Quick Tip: वाक्य शुद्धि में वर्तनी, लिंग और वचन की त्रुटियों पर ध्यान दें।

 

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